Book Title: Agam Suttani Satikam Part 06 Bhagvati
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 400
________________ ३९७ शतकं-२५, वर्गः-, उद्देशकः-४ मू. (८८९) परमाणुपोग्गले णं भंते ! दब्वट्ठयाए किं कडजुम्मे तेयोए दावर० कलियोगे?, गोयमा! नो कडजुम्मे नो तेयोए नो दावर० कलियोगे एवं जाव अनंतपएसिए खंधे। परमाणुपोग्गला णं भंते ! दव्वट्टयाए किं कडजुम्मा पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा, विहाणादेसेणं नो कडजुम्मा नो तेयोगा नो दावर० कलियोगा एवं जाव अनंतपएसिया खंधा। परमाणुपोग्गले णं भंते ! पएसट्टयाए किं कडजुम्मे पुच्छा, गोयमा ! नो कडजुम्मा नो तेयोगानोदावर० कलियोगे दुपएसिए पुच्छागोयमा! नोकड० नोतेयोय० दावर० नो कलियोगे, तिपए० पुच्छा गोयमा ! कडजुम्मे तेयोए नो दावर० नो कलियोए चउप्पएसिए पुच्छा गोयमा! कडजुम्मे नो तेओए नो दावर० नो कलियोगे पंचपएसिए जहा परमाणुपोग्गले छप्पएसिए जहा दुप्पएसिए सत्तपएसिए जहा तिपएसिए अट्ठपएसिए जहा चउप्पएसिए नवपएसिए जहा परमाणुपोग्गले दसपएसिए जहा दुप्पएसिए। संखेजपएसिएणंभंते! पोग्गले पुच्छा, गोयमा! सिय कडजुम्मेजाव सियकलियोए एवं असंखेज्जपएसिएवि अनंतपएसिएवि। परमाणुपोग्गला णं भंते ! पएसिट्टयाए किं० कड० पुच्छा, गोयमा! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा, विहाणादेसेणं नो कड० नो तेयोया नो दावर० कलियोगा, दुप्पएसियाणं पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणंसिय कडजुम्मा नो तेयोया सिय दावरजुम्मा नो कलियोगा,विहाणादेसेणं नो कडजुम्मा नो तेयोया दावरजुम्मा नो कलियोगा। तिपएसिया णं पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा विहाणादेसेणं नो कडजुम्मा तेयोगा नो दावर० नो कलियोगा, चउप्पएसियाणं पुच्छा, गोयमा! ओघादेसेणवि विहाणादेसेणवि कडजुम्मा नो तेयोगा नो दावर० नो कलियोगा। पंचपएसिया जहा परमाणुपोग्गला, छप्पएसिया जहा दुप्पएसिया, सत्तपएसिया जहा तिपएसिया, अट्ठपएसिया जहा चउपएसिया। ___नवपएसिजहा परमाणुपोग्गला दसपएसियाजहादुपएसिया, संखेज्जपएसियाणंपुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाव सिय कलियोगा विहाणादेसेणं कडजुम्मावि जाव कलियोगावि एवं असंखेजपएसियावि अनंतपएसियावि । ___ परमाणुपोग्गलेणंभंते! किं कडजुम्मपएसोगाढे ? पुच्छा, गोयमा! कडजुम्मपएसोगाढे नो देयोग० नो दावरजुम्म० कलियोगपएसोगाढे।। दुपएसिएणंपुच्छा, गोयमा! नोकडजुम्मपएसोगाढेनो तेयोग० सियदावरजुम्मपएसोगाढे सिय कलियोगपएसोगाढे। तिपएसिए णं पुच्छा, गोयमा ! नो कडजुम्मपएसौगाढे सियतेयोगपएसोगाढे सिय दावरजुम्मपएसोगाढे सिय कलियोगपएसोगाढे ३ । चउप्पएसिएणंपुच्छा, गोयमा! सिय कडजुम्मपएसोगढे जावसिय कलियोगपएसोगाढे ४, एवंजाव अनंतपएसिए॥ परमाणुपोग्गला णं भंते ! किं कड० पुच्छा, गोयमा ! ओघादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532