Book Title: Agam Suttani Satikam Part 06 Bhagvati
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 469
________________ ४६६ भगवतीअङ्गसूत्रं (२) ३०/-19/९९८ आहारसन्नोवउत्ताजाव परिग्गहसन्नोवउत्ताजहा सलेस्सा, नोसन्नोवउत्ताजहा अलेस्सा सवेदगा जाव नपुंसगवेदगा जहा सलेस्सा, अवेदगा जहा अलेस्सा। सकसायी जावलोभकसायी जहा सलेस्सा । अकसायी जहा अलेस्सा। सजोगीजाव काययोगीजहा सलेस्स, अजोगीजहाअलेस्सा, सागरोवउत्ताअनागारोवउत्ता जहा सलेस्सा। नेरइयाणंभंते! किंकिरियावादी? पुच्छा, गोयमा! किरियावादीविजाववेणइयवादीवि, एवं एएणं कमेणं जच्चेव जीवाणं वत्तव्वया सच्चेव नेरइयाणं वत्तव्वयाविजाव अनागारोवउत्ता नवरंजं अत्थितंभाणियव्वं सेसं न भण्णति, जहा नेरइया एवंजाव थणियकुमारा। पुढविकाइया णं भंते ! किं किरियावादी ? पुच्छा, गोयमा ! नो किरियावादी अकिरियावादीविअन्नाणियवादीविनो वेणइयवादी, एवंपुढविकाइयाणंजंअत्थितत्थ सव्वत्थवि एयाइं दो मज्झिल्लाइंसमोसरणाइं जाव अनागारोवउत्तावि, एवं जाव चउरिदियाणं सव्वट्ठाणेसु एयाइंचेवमज्झिल्लगाइंदो समोसरणाई, सम्मत्तनाणेहिविएयाणिचेवमज्झिल्लगाइंदोसमोसरणाइं, पंचिंदियरतिक्खजोणिया जहा जीवा नवरं जं अस्थि तंभाणियव्वं, मणुस्सा जहा जीवा तहेव निरवसेसं, वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा असुरकुमारा। . किरियावादीणंभंते! जीवा किंनेरइयाउयंपकरेइतिरिक्खजोणियाउयंपकरेइमणुस्साउयं पकरेइ देवाउयं पकरेइ ?, गोयमा! नो नेरइयाउयं पकरेइ नो तिरिक्खजोणियाउयं पकरेइ मणुस्साउयंपि पकरेइ देवाउयंपि एकरेइ, जइ देवाउयं पकरेइ किं भवणवासिदेवाउयं पकरेइ जाव वेमाणियदेवाउयं पक० ?, गोयमा ! नो भवमवासीदेवाउयं प० नो वाणमंतरदेवाउयं पक० नो जोइसियदेवाउयंपकरेइ वेमाणियदेवाउयं पकरेइ। . अकिरियावादी णं भंते ! जीवा किं नेरइयाउयं पकरेइ ? तिरिक्ख० पुच्छा, गोयमा ! नेरइयाउयंपि पकरेइ जाव देवाउयंपि पकरेइ, एवं अन्नाणियवादीवि वेणइयवादीवि । सलेस्सा णंभंते! जीवा किरियावादी किं नेरइयाउयं पकरेइ? पुच्छा, गोयमा! नो नेरइयाउयंएवजहेव जीवा तहेव सलेस्सावि चउहिवि समोसरणेहिं भाणियव्वा। कण्हलेस्सा णं भंते! जीवा किरियावादी किं नेरइयाउयं पकरेइ ? पुच्छा, गोयमा! नो नेरइयाउयं पकरेइ नो तिरिक्खजोणियाउयं पकरेइ मणुस्साउयं पकरेइ नो देवाउयं पकरेइ, अकिरिय० अनाणियवेणइयवादी य चत्तारिवि आउयाइंपकरेइ, एवं नीललेस्सावि। - तेउलेस्सा णं भंते ! जीवा किरियावादी किं नेरइयाउयं पकरेइ ? पुच्छा, गोयमा ! नो नेरइयाउयंपकरेइनो तिरिक्ख० मणुस्साउयंप० देवाउयंपिपकरेइ, जइ देवाउयंपकरेइ तहेव, तेउलेस्सा गं भंते ! जीवा अकिरियावादी किं नेरइयाउयं पुच्छा, गोयमा ! नेरइयाउयं पकरेइ मणुस्साउयंपि तिरिक्खजोणियाउयंपि पकरेइ देवाउयंपि पकरेइ, एवं अन्नाणियवादीवि वेणइयवादीवि, जहा तेउलेस्सा एवं पम्हलेस्सावि सुक्कलेस्सावि नेयव्वा। अल्लेस्सा णं भंते ! जाव किरियावादी किं नेरइयाउयं पुच्छा, गोयमा ! नेरइयाउयंपि पकरेइ एवं चउविहंपि, एवं अन्नाणियदीवि वेणइयवादीवि, सुक्कपक्खिया जहा सलेस्सा। सम्मदिट्ठीणंभंते ! जीवा किरियावादी किं नेरइयाउयं पुच्छा, गोयमा! नो नेरइयाउयं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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