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मतिज्ञान]
[१०९ है। अतः पहले तुम जिह्वा दे दो फिर घोड़ा इससे दिलवा दिया जायेगा।"
इसके बाद नटों को भी बुलाया गया। राजा ने कहा- "इस दीन व्यक्ति के पास क्या है जो तुम्हें दिलवाया जाये! अगर तुम्हें बदला लेना है तो इसे उसी वृक्ष के नीचे सुला देते हैं और अब जो तुम्हारा मुखिया बना हो, उससे कहो कि वह इसी व्यक्ति के समान गले में फंदा डालकर उसी डाल से लटक जाए और इस व्यक्ति के ऊपर गिर पडे।"
राजा के इन फैसलों को सुनकर तीनों अभियोगी चुप रह गये और वहाँ से चलते बने। राजा की वैनयिकी बुद्धि ने उस अभागे व्यक्ति के प्राण बचा लिए।
(३) कर्मजा बुद्धिः लक्षण और उदाहरण ५१. उवओगदिट्ठसारा कम्मपसंगपरिलोघणविसाला ।
साहुक्कारफलवई कम्मसमुत्था हवइ बुद्धी ॥ हेरण्णिए करिसय, कोलिय डोवे य मुत्ति घय पवए ।
तुन्नाग वड्डई य, पूयइ घड चित्तकारे य ॥ ५१-"उपयोग से जिसका सार-परमार्थ देखा जाता है, अभ्यास और विचार से जो विस्तृत बनती है और जिससे प्रशंसा प्राप्त होती है, वह कर्मजा बुद्धि कही जाती है।"
(१) सुवर्णकार, (२) किसान, (३) जुलाहा, (४) दर्वीकार, (५) मोती, (६) घी, (७) नट, (८) दर्जी, (९) बढ़ई, (१०) हलवाई, (११) घट तथा (१२) चित्रकार। इन सभी के उदाहरण कर्म से उत्पन्न बुद्धि के परिचायक हैं। विवरण इस प्रकार है
(१) हैरण्यक सुनार ऐसा कुशल कलाकार होता है कि अपने कला-ज्ञान के द्वारा घोर अन्धकार में भी हाथ के स्पर्शमात्र से ही सोने और चौंदी की परीक्षा कर लेता है।
(२) कर्षक (किसान)—एक चोर किसी वणिक के घर चोरी करने गया। वहाँ उसने दीवार में इस
इस प्रकार सेंध लगाई कि कमल की आकृति बन गई। प्रात:काल जब लोगों ने उस कलाकृति सेंध को देखा तो चोरी होने की बात को भूलकर चोर की कला की प्रशंसा करने लगे। उसी जन-समूह में चोर भी खड़ा था और अपनी चतुराई की तारीफ सुनकर प्रसन्न हो रहा था। एक किसान भी वहाँ था, पर उसने प्रशंसा करने के बदले कहा-“भाइयो! इसमें इतनी प्रशंसा या अचम्भे की क्या बात है? अपने कार्य में तो हर व्यक्ति कुशल होता है!"
किसान की बात सुनकर चोर को बड़ा क्रोध आया और एक दिन वह छुरा लेकर किसान को मारने के लिए उसके खेत में जा पहुँचा। जब वह छुरा उठाकर किसान की ओर लपका तो एकदम पीछे हटते हुए किसान ने पूछा-"तुम कौन हो और मुझे क्यों मारना चाहते हो?" चोर बोलातूने उस दिन मेरी लगाई हुई सेंध की प्रशंसा क्यों नहीं की थी?"
किसान समझ गया कि यह वही चोर है। तब वह बोला - "भाई, मैंने तुम्हारी बुराई तो