Book Title: Agam 16 Upang 05 Surya Pragnapti Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Arachana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailashsagarsun Gyanmandir
दिवसे भवति तदा णं जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं राई भवति, ता जया णं दाहिणद्धेवि उक्कोसए अट्ठारसमहत्ते|| दिवसे भवति त्या णं उत्तरद्धे उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवति, जदा उत्तद्धे० तदा णं जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्व्यस्स पुरस्थिभेणं जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवति, ता जया णं जंबुद्दीवे दीवे मन्दरस्स पव्वतस्स पुरच्छिमेणं उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवति तता णं पच्चस्थिमेणवि उदोसए अद्वारसमुहुत्ते दिवसे भवति, जता णं पच्चत्थिमेणं उक्कोसए अद्वारसमुहत्ते दिवसे भवति तता णं जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवति, एवं एएणं गमेणं णेतव्वं, अट्ठारसमुहुत्ताणंतरे दिवसे सातिरेगदुवालसमुहुत्ता राई भवति, सत्तरसमुहुत्ते दिवसे तेरसमुहत्ता राई सत्तरसमुहुत्ताणतरे दिवसे सातिरेगतेरस मुहुत्ता राई सोलसमुहुत्तेदिवसे चोइस मुहुत्ता राई सोलसमुहुत्ताणतरे दिवसे सातिरेगचोद्दसमुहुत्ता राई पण्णरसमुहुत्ते दिवसे पण्णरसमुहुत्ता राई पण्णरसमुहुत्ताणंतरे दिवसे सातिरेगपण्णरसमुहुत्ता राई भवइ चउद्दसमुहत्ते दिवसे सोलस हुत्ता राई | चोदसमुहुत्ताणंतरे दिवसे सातिरेगसोलसमुहुत्ता राई तेरसमुहुत्ते दिवसे सत्तरसमुहुत्ता राई, तेरस हुत्ताणतरे दिवसे सातिरेगसत्तरसमुहुत्ता राई, जहण्णए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवति उक्कोसिया अद्वारसमुहुत्ता राई भवइ, एवं भणितव्वं, ता जया णं जंबुद्दीवे दीवे दाहिणद्धे| वासाणं पढमे समए पडिवज्जति तता णं उत्तरद्धेवि वासाणं पढमे समए पडिजति, जता णं उत्तरद्धेवासाणं पढमे समाए पडिवज्जति तता णं जंबुद्दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरच्छिमपच्चत्थिमेणं अणंतरपुरक्खडकालसमयंसि वासाणं पढमे समए पडिवज्जइ, ता जया " શ્રી સૂર્યપ્રજ્ઞમ્યુપાય |
पू. सागरजी म. संशोधित
For Private And Personal

Page Navigation
1 ... 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133