Book Title: Agam 16 Upang 05 Surya Pragnapti Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay

View full book text
Previous | Next

Page 100
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsurl Gyanmandir चंदेणं मासेणं किमधियं चरति?, ता दो अद्धमंडलाई चरति अट्ठ य सत्तट्ठिभागाइं अद्धमंडलस्स सत्तविभागं च एकतीसथा छेत्ता अट्ठारस भागाई, ता तच्चायणगते चंदे पच्चस्थिमाते भागाए पविसमाणे बाहिराणंतरस्स पच्चस्थिमिल्लस्स अद्धमंडलस्स ईतालीसं सत्तट्ठिभागाई जाई चंदे अपणो परस्स य चिण्णं पडिचरति, तेरस सत्तट्ठिभागाइं जाई चंदे प्रस्स चिण्णाई पडिचरति, तेरस सत्तट्ठिभागाइं जाई चंदे अप्पणो परस्स य चिण्णं पडिचरति, एतावयाव बाहिराणंतरे पच्चथिमिल्ले अद्धमंडले समत्ते भवति, तच्चायणगते चंदे पुरच्छिमाए भागाए पविसमाणे बाहिरतच्चस्स पुरच्छिभिलस्स अद्धमंडलस्स ईतालीसं सत्तद्विभागाड जाई चंदे अपणो पस्स य चिण्णाई पडियरति तेरस सत्तद्विभागाई जाई चंदे पस्स चिण्णं पडियरति तेरस सत्तद्विभागाई जाई चंदे अप्पणो परस्स य चिण्णं पडिचरति, एतावताव बाहिरतच्चे पुरच्छिमिल्ले अद्धमंडले समत्ते भवति, ता तच्चायणगते चंदे पच्चत्थिमाते भागाते पविसमाणे बाहिरचउत्थस्स पच्चथिमिल्लस्स अद्धमंडलस्स अट्ठ सत्तविभागाई सत्तविभागं च एक्कतीसधा छेत्ता अट्ठारस भागाइं जाई चंदे अप्पणो परस्स य चिण्णाई पडियरति, एतावताव बाहिरचउत्थपच्चथिमिल्ले अद्धमंडले समत्ते भवइ, एवं खलु चंदेणं मासेणं चंदे तेरस चउप्पण्णगाई दुवे तेरसगाई जाई चंदे पस्स चिण्णाई पडिचरति, तेरस तेरसगाई जाई चंदे अपणो चिण्णाई पडियरति, दुवे ईतालीसगाई दुवे तेरसगाई अट्ठ सत्तट्ठिभागं च एकतीसघा छेत्ता अट्ठारस भागाइं जाई चंदे अप्पणो परस्स य चिण्णाई पडिचरति, अवराई खलु दुवे तेरसगाई जाइं चंदे केणई असामनगाई सयमेव पवित्तिा २ चारं चरति, इच्चेसो चंदमासो, || श्री सूर्यप्रजप्त्युपाङ्गम् ॥ पू.सागरजी म. संशोधित For Private And Personal

Loading...

Page Navigation
1 ... 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133