Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay
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जाव लोमहत्थचंगेरीणं पुष्फपडलगाणं जाव लोमहत्थपडलगाणं तेल्लसमुग्गाणं जाव अंजणसमुग्गाणं अट्ठसयं धूवकडुच्छुयाणं संनिक्खित्तं चिट्ठति, सिद्धायतणस्सणं उवरि अट्ठमंगलगा झया छत्तातिच्छत्ता ३९। तस्स णं सिद्धायतणस्स उत्तरपुरच्छिमेणं एत्थ णं महेगा उववायसभा पं० जहा सभाए सुहम्माए तहेव जाव मणिपेढिया अटु जोयणाई देवसयणिज तहेव सयणिजवण्णओ अट्ठमंगलगा झया छत्तातिच्छत्ता, तीसे णं उववायसभाए उत्तरपुरच्छिमेणं एत्थणं महेगे हरए पं० एगंजोयणसयं आयामेणं पण्णासं जोयणाई विक्खंभेणं दस जोयणाई उव्वेहेणं तहेव, तस्सणं हरयस्स उत्तरपुरच्छिमेणं एत्थणं महेगा अभिसेगसभा पं० सुहम्मागमएणं जाव गोमाणसियाओ मणिपेढिया सीहासणं सपरिवारं जाव दामा चिटुंति, तत्थ णं सूरियाभस्स देवस्स बहुअभिसेयभंडे संनिक्खित्ते चिट्ठइ अट्ठमंगलगा तहेव, तीसे णं अभिसेगसभाए उत्तरपुरच्छिमेणं एत्थ णं महेगा अलंकारियसभा पं० जहा सभा सुधम्मा मणिपेढिया अट्ठ जोयणाई सीहासणं सपरिवारं, तत्थ णं सूरियाभस्स देवस्स सुबहुअलंकारियभंडे संनिक्खित्ते चिट्ठति सेसं तहेव, तीसेणं अलंकारियसभाए उत्तरपुरच्छिमेणं एत्थणं महेगा ववसायसभा पं० जहा उववायसभा जाव सीहासणं सपरिवार मणिपेढिया| अट्ठमंगलगा, तत्थ णं सूरियाभस्स देवस्स महेगे पोत्थयरयणे सत्रिक्खित्ते चिट्ठइ, तस्स णं पोत्थयरणस्स इमेयारूवे वण्णावासे |पं०२०-२यणामयाई पत्तगाई रिहामईयो कंबिआओ तवणिजमए दोरे नाणामणिमए गंठी वेरुलियमए लिप्यासणे रिद्वामए छंदणे तवणिजमई संकला रिद्वामई मसी वइरामई लेहणी रिद्धाभ्याइं अक्खाइ धम्मिए सत्थे, ववसायसभाए णं उवरि अटुट्ठमंगलगा, तीसे m श्री राजप्रश्रीयोपांगम् ॥
पू. सागरजी म. संशोधित
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