Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur
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रायपसेगी। अहूणो ववरणले देवे देवलोएमु इन्भेभा माणुस लोग नोचेवण सचाएति इव्वमागच्छित्ता अहुणो ववणे देवे देवलोएम् इत्येभा माणुस लोग नोचेवण सचार्णत हवमाच्छित्ता ते अहुणोववणे देवे देवलोएमु दिवेहि कामभोगेहि मुस्वित्ते गिढिते अभाववणे सेण माणुस्सइ कामभोगेनो आढाति नो परिजागातिसेण इत्यिमा माणुस लोग नोचेवण सचाणति अहूणोववन्न देवे टेवलोएसु टिब्वे हि काम भोगेहि मुच्छिए जाव यभोववन्ने तस्सण माणुस्सपिम्मे वोत्थिणे भवति दिव्वे पिम्मेसकते भवति संग इज्भोभा माणुस लोगणोचेवण सचाएद अहुणोववण्णए देवे दिव्वेहि कामभोगेडिं मुत्थित जाव अभोववण्णते तस्सण एवभवद इयाणगत्यि मुहुर्तण गच्छतेण कालेगा इहि अप्पाउया कालधम्मुणा सजुता भवति सेण इत्येभामाणुसलोग नोचेवण सचाएइ अडुणो ववगणए देवेदिव्बेहि जावग्रभोववण्णए तस्मण माणुस्सए उरालेगधेपडिकूले पडिलोमैया
भवति उढ पियण जाव चत्वारि पच जोयणासयाइ अमुझे साणुस्सए पमा अणेगगणणायगे त्यादि । गणनामका' प्रकृति महत्सरा' । दण्डनायका स्तन्तपाला राजेश्वर आउपानामनुष्य कालधर्म सहित ड्याहूद्दएतलमनुष्यमूहद हदेदवाछा मनुष्यलोकप्रति आविवपणिनसकर आवीनदमनुष्यलीकरजेहसाधसबधीदतमनुष्यनिमृतपामादूपत तहदेव हागावीनस्यू करदूएजुकारण हिवडानउजपनरदेवता देवसवधी कामभीगढ़ मुनिउ प्रतड तेहदेवनदू मनुष्यसबधी उदारिकसरीरनु गध प्रतिकूल उपराठउ प्रतिलोमअमुहादउहूउ उ चु पणि जिहा च्यार पचसइ जोयनलगद भुडउ मनूष्यसबधी गध जाइछ तेइ देवता बाछडक मनुष्य लोकप्रति भाविवूपणिसक आवीनदएहबुधूकारण४ गद्र चहुई प्रकार प्रदेसी हवडानउ ऊपनुदेवतादेवलीकदरइयकु बाई मनध्य लोकप्रति सीध धाव पणिनिश्चदसकद सीधावीन तणकारणदू सहहद तुम्हे हेप्रदेसी जेह पनेरुजीव पनेरु सरीर नहीसरीरत जीव अनजीवतेसरीरएहवीशु प्रश्न तिहारपछी तेह हेप्रदेसी राजा कैसी कुमारसमणप्रति इमवील्य उछ हपूज्य एहप्रज्ञाधकीबुडियकी उपमादृष्टात एगदूपणि कारणि नावएतलदजीवतत्व माहरहीडनाशद अमणुप्रकिारद निश्च हेभगवनहू कोईकममइ बाहिरला बस वानीसभादू घणस्वभावदमोटा देवतारखवालायुवराजा तलार दाणी हस्तीप्रमाणअघटितसुवर्णनाधणी

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