Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur
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रायपसेणी। दिहिछड्डेइम्सामि ततेण कैसी कुमार समणे पदेमिराय एव बवासी माणा तुम पएसो पछागुताविते भवेज्झामि जहा सेपुरिसे अयहारतेकण भते अवहारए पएसी मेजहानामए कति पुरिसा अत्यत्यिया अत्यगवेसिया अत्यन्नूढगा अत्यविखिया अत्यपिवा मिवा अत्थगवेसणया विउलपणियभडमायाए सूबहू भत्तपाण पत्थ यण गहाय एग मह अकामिय छिन्नावीय दाइमट्ठ अडवि अणु पविट्ठा ततेणते पुरिसा तीमे अकामियाए अडवीए किचिदेस अग पत्ता समाणा पग मह त अव आगर पासति भएण सव्वउ समता आइण विणिचिन्न सछड उवझड फुड अनुगाट पासति पासित्ता हहतुद्व जाहियया अण्णमण्ण सद्दावेति २ एव वयासी एसय देवाणुप्पिया अपडेट्टे कते जाव मणामतसेय खल देवाणुप्पिया
अम्ह अयमार बधित्तए तिक्वट अगणमगणस्स एयमठ पडिसुगोति पागाइ इति विद्यीतरयुक्त बहुजन बहुभोजनदानेनाविशिष्टोझिटसम्भवात् सज्ञातविछर्देवा नानाविध भक्तिके भक्तिपाने येपा तानि तथा पढमे दिवसेविपडियकरिस्सति इति स्थिती कुल नोएरि जीरन सरीरएक विद्यारपछी माहरीपणि एहज मन्ना प्रतिज्ञा समीसरणजेसरीरतही जीव अनजीवघकी अनेरु सरीर तेणकारणइनही निश्च हा पुरुयनी परपरादू पाठी एतलपाटीनुपाठी आवी कुलतप्टाइ रही दृष्टिप्रतिछाडिस्युपरपरागतमठाइ छडाइनार राजाद समकदापी केसी कुमार श्रमण प्रदेसी राजामति दूमबोल्या रपे तुम्हे प्रदेसी पश्चात्तानयोग्य होसि एतलपछि पश्चात्तापकरोसि जिम तह पुरुषलोइहारक लोहवासीउ राजापूछर कुण तेपूच्च बोहहारकवाणाउ' जरक हेमदेसी तेइ कोदकनाम कैसलीएक पुरुप अर्थना अथी याइ पनी भथी अर्थनागदेयणानीकरणहार अर्थना लोभाया अर्थनावालक दुव्यताविमाया इच्य नागवेषणा विस्तीण झियानाभाजनमावाट घणु भात पाणी सवलप्रति लइ एक मोटर बाइवा नई अयाग्य मनुप्यन प्रसरहानीलाबमार्गछ एहबी घटवीप्रति पहा विचारपछी तर , पुरुष वह गहनरुप अटवीथी कीदक दसधानकर पुताथका एकमोटउ लोहनी भागरयडू लोहरकरी तेह अटवीनप्रदेससघल दिसिविदिसल्याशि छायउछद्र सघराणुछद्र प्रगट पुचपलापारहिछद पवउदेपद देपीनद हर्पसतीपपास्या तिमाहि आणदी नाहीमा साहकरहकरीन इम बील्या एह यहीदवानुप्रिया नीहनीभाजन लोहागर दृष्ट कात प्रिय
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