Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur

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Page 281
________________ २८८ रायपसेणी। पइणोय ततेण तस्स दढपदणस्स दारगस्स अम्मापियरो नामधेझ करिस्सति दढपदणोय ततेण तस्स दढपणस्स अम्मापियरो अणु पुलिणठियबडिय चदसूरदरिसणच जागरिय नामधेमकरण पर गमणच पचगमणा पगवमणमच पच्चक्खाणगच जेमणच पिडवडा मगाचप जपमाणच कणवेहणगव सबछरपडिलेहणगच चूला बण यण उवयणच अण्णारिणय बहूणिय गन्भादाण जम्मामाइयागण कोउयाइ महयाइढिसक्वार समुदएण करिस्सति ततेगासे दढ पतिणे दारए पचधावि परिखित तजहा खारधातीए मज्मण धातीए मडणधाइए अकधातीए कीलावणधाईए अन्नाहिय बहुहि खुज्झाहि चिलाइयाहि वामणियाहि वमेभियाहि वत्थरियाहि पउ सियाद् जोयणयाहि पएहविवाहि इसिणिवाहि वारुणियाहि लासीयाहि लउसियाहि देमल्लीहिसिहलीहि आरवीहि पुलिदीहि पज्मरणाहि मरुडीहि सवराहि पारसीहि नाणादेसिद्धि विदेपरि इत्यादि। अडारसविहदेशीप्पयारभासाविसारए अष्टादशविधायां अष्टादशभेदाया देशीमकाग्या विशारदो विचक्षणा', तथा गीतरति स्तथा गन्धर्व गीतनाय च कुशला' इये युध्यते इति तिद्वारपछी तेह दढपणने पुवन मावित अनुक्रमिनाम देस दृढप्रतीज तिहार तह दृढप्रतीच माविव अनुक्रमि पहलइदितिलोकस्थति अावानीलकर्तनादिन मनोग्यक्रिया तथा वीजइदिनिचद्रमूर्यदरसण' झट्टइजागरी बारमैदिननामदु कर भूमिऊपरिगूडाघराणि दीड विपगडकरीचालवू किसाकम्फनुयगर जमनसरीरनीवृद्धिनउ कर बोलवउ वणवेधनुकरवउ वरमीगाठि प्रथममु उनुकर कलानुग्रहवउ अनेरापणि घणा गर्भागुहिउतिहाथकीमाडी जन्म प्रमुपकलाग्रहीति हालमि भनेकरचाभिधाननाकरवा मोटादि सत्कारसमुदडकरी करस्य तिधारपछी तह दढपद्य बालकपचधावदवीटतउधकुवधस्यद तेकहित सारहित दुधधरावै तपारधावि स्नानकरावितमझधावि २ शुगारकरीवितेमडणधादि ३ पोलइलैड बसह ४ क्रीडा करावा ५ पनेरापगि घर कुब्जादासी विजातिकादासी वामपाइधा ठीगणादासी वांकी रेटली ज्ञायाताभिकतिग्मीइ बर्बर तायदेसनी ऊपगीतबरिकातणीदुर्गम भागली १६ पउसिकाइ योनिको पगरविकार इमितिबाद वारकिणाइ तासिकाइ लसिकाय देसली सिंहलीवू पनिदाद पत्रणीहि ममडीद सबरीद पारसीद एदेस अनार्यभामावितिहानीपनीर

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