Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur

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Page 267
________________ रायसेगी । ययभार बघति प्रयाणुपुव्वीए सपत्थिया तेासे पुरिसे यकामियाए जाव अडवीए कि विदेसमणुपत्ता समणा एग महतर यागर पाम ति तडएण श्रइण तचैव सहावेत्ता एव वयासी एसा देवागुप्पिया उभडे जाव माणामे अप्पेणचेव तउण्णसु बहू अपलम्भति तसेय खलू देवागुप्पिया अम्ह अयभारते कड्डेत्ता तउयत्ते वधित्त ते तिक्वटू अन्नमन्नस्स अतिए एयमट्ठ पडिसुगिगति पडिमुत्ता अयभारते कडेति २ तयभारते बाधेति तत्यण एगे पुरिसे नोस चाति प्रभारगछडेत्ता तउय भार वधत्तत्त ततेण पुरिसा त पुरिस एतेव ववासी एस देवाशुप्पिया तउए भडे जाव सबहू अपलम्भति तकडेहिगा देवागुप्पिया श्रयभारगत भारग वधाहि ते पुरिसे एव वयासी दूराइडेमए देवागुप्पिया अरविराहडेमए देवापिया अगाढवधणे वम देवाणुष्पिया अर्धागिय वधण ad म देवागुपिया थएनोति खलू देवागुप्पिया सचामि श्रव मयादाया पतिता अन्तर्भूताया प्रकृया पुत्र जन्मोत्सव सम्बन्धिनी सास्थिति पतिताता तृतीये दिवसे चन्द्र तूपदर्शनिका दर्शनोत्सव पष्ठे दिवसे जागरिका राविजागरणरूपा निवृत्ते असुद्र नायकम्ममनोज्ञकइ तेहमाटइ कल्याणघाउ निश्चद्र अहोदेवानुप्रिया मा लोहनुभार बाघवु इम कहा माहामाहिनउ एहवचन सामलइलोहमारप्रतिबाधश्च नुक्रमितिहाथ की आवाचाल गति द्वारपछीतेह gar वाधवा योग्य अटवीर कोइकप्रदेस प्रति पहुताथका एक मोटा बरूयाना चागरप्रति देपद्र ते पटवीनुप्रदेसतरुद्रकरी ब्याप्यु पूर्वनीपरि देवताप्राहोमा हिसादकरीनदू इम बोल्या एक अहोदेवानुमियाच वडयानु श्रागर इष्ट मनोन घोडउज तरुए क्यू लोहलाइ तेमाट श्री कल्हाणघाउ निश्चद्र हे देवानुमियाउ अमे लोहभार छाडीनद तरूयानुभार बाधव इम कही माही माहिनदू सयीपत्र एहवचन सामलइ सामलीनर लोहारप्रति वाडद्र तरुयानुभार बाध तेमाहि एक पुरुष नसकद्र लोहभारप्रति छाडीनइ तरूयानीभारप्रति बाधवा विचारपकी तरूयानावाधणहारी पुरुषातेहलीहवाणी धाप्रति इम वोल्या एह हैदेवानुप्रिय तरुचाना आमर एद्र लोढलाभ तेमाहि छाडि हेदेवानुप्रिय लोहारप्रतिकाड अनइतरू धानुभार बा'धडू इमकहिथकडू तेह लोहवाणी उरुरुष इम वोल्या दुरथकी आगुमर हेदेवानुमियाउ लोह लोढउ चिरकाल पण्यमदू अहदेवानुमियाड लोढगाढकू वधणदूक रीवासुन देवानु २७४ }

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