Book Title: Agam 05 Bhagavai Panchamam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 443
________________ सतं-२४, वग्गो- ,सत्तंसत्तं- , उद्देसो-२० तहेव निरवसेसो भाणियव्वो। जइ सण्णिमणुस्स0 किं संखेज्जवासाठयसण्णिमणुस्स0, असंखेज्जवासाउयसण्णिमणुस्स? गोयमा! संखेज्जवासाठय0, नो असंखेज्जवासाठय०। जदि संखेज्ज0 किं पज्जत्ता0, अपज्जता? गोयमा! पज्जता०, अपज्जता०। असंखेज्जवासाउयसन्निमणुस्से णं भंते! जे भविए पंचिंदियतिरिक्ख0 उववज्जित्तए से णं भंते! केवति0? गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहत्तं0, उक्कोसेणं तिपलिओवमट्टितीएसु उवव०। ते णं भंते!0? लद्धी से जहा एयस्सेव सन्निमणुस्सस्स पुढविकाइएसु उववज्जमाणस्स पढमगमए जाव भवादेसो ति। कालाएसेणं जहन्नेणं दो अंतोमुहत्ता, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाई पुव्वकोडिपुहत्तमब्भहियाई। ___ सो चेव जहन्नकालट्ठितीएसु उववन्नो, एस चेव वत्तव्वया, नवरं कालाएसेणं जहन्नेणं दो अंतोमुहुत्ता, उक्कोसेणं चत्तारि पुव्वकोडीओ चहिं अंतोमुत्तेहिं अब्भहियाओ। सो चेव उक्कोसकालट्ठितीएसु उववन्नो, जहन्नेणं तिपलिओवमट्ठिईएसु, उक्कोसेण वि तिपलिओवमट्ठिईएसु। एसा चेव वत्तव्वया, नवरं ओगाहणा जहन्नेणं अंगुलपुहत्तं, उक्कोसेणं पंच धणुसयाई। ठिती जहन्नेणं मासपुहत्तं, उक्कोसेणं पुव्वकोडी। एवं अणुबंधो वि। भवादेसेणं दो भवग्गहणाइं। कालादेसेणं जहन्नेणं तिण्णि पलिओवमाई मासपुहत्तमब्भहियाई, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाई पुव्वकोडीए अब्भहियाइं; एवतियं0। सो चेव अप्पणा जहन्नकालट्ठितीओ जाओ, जहा सन्निस्स पंचेंदियतिरिक्खजोणियस्स पंचेंदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जमाणस्स मज्झिमेसु तिसु गमएसु वत्तव्वया भणिया सच्चेव एतस्स वि मज्झिमेसु तिसु गमएसु निरवसेसा भाणियव्वा, नवरं परिमाणं उक्कोसेणं संखेज्जा उववज्जंति। सेसं तं चेव। सो चेव अप्पणा उक्कोसकालठ्ठितीओ जाओ, सच्चेव पढमगमगवत्तव्वया, नवरं ओगाहणा जहन्नेणं पंच धणुसयाई, उक्कोसेण वि पंच धणुसयाई। ठिती अणुबंधो जहन्नेणं पुव्वकोडी, उक्कोसेण वि पुव्वकोडी। सेसं तहेव जाव भवाएसो ति। कालादेसेणं जहन्नेणं पुव्वकोडी अंतोमुहतमब्भहिया, उक्कोसेणं तिन्नि पलिओवमाइं पुव्वकोडिपुहत्तमब्भहियाइं; एवतियं0। सो चेव जहन्नकालठ्ठितीएसु उववन्नो, एसा व वत्तव्वया, नवरं कालाएसेणं जहन्नेणं पुव्वकोडी अंतोमुत्तमब्भहिया, उक्कोसेणं चत्तारि पुव्वकोडीओ चउहिं अंतोमुत्तेहिं अब्भहियाओ। सो चेव उक्कोसकालट्ठितीएस उववन्नो, जहन्नेणं तिपलिओवमा, उक्कोसेण वि तिपलिओवमा। एस चेव लद्धी जहेव सत्तमगमे। भवाएसेणं दो भवग्गहणाइं। कालाएसेणं जहन्नेणं तिन्नि पलिओवमाइं पुव्वकोडीए अब्भहियाई, उक्कोसेण वि तिण्णि पलिओवमाइं पुव्वकोडीए अब्भहियाइं; एवतियं०। जदि देवेहिंतो उवव0 किं भवणवासिदेवेहिंतो उवव०, वाणमंतर0, जोतिसिया, वेमाणियदेवेहिंतो0? गोयमा! भवणवासिदेवे0 जाव वेमाणियदेवे। जदि भवणवासि0 किं असुरकुमारभवण जाव थणियकुमारभवण0? गोयमा! असुरकुमार० जाव थणियकुमारभवण। [दीपरत्नसागर संशोधितः] [442] [५-भगवई

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