Book Title: Agam 05 Bhagavai Panchamam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 529
________________ सतं-३३, वग्गो- ,सत्तंसत्तं-६,उद्देसो-१-११ अणंतरोववन्नग-कण्हलेस्स-भवसिद्धीय-सुहम-पुढविकाइयाणं भंते! कति कम्मपगडीओ पन्नताओ? एवं एएणं अभिलावेणं जहेव ओहिओ अणंतरोववन्नो उद्देसओ तहेव जाव वेदेति। एवं एतेणं अभिलावेणं एक्कारस वि उद्देसगा तहेव भाणियव्वा जहा ओहियसए जाव अचरिमो ति। तेतीसइमे सते छठं एगिदियसयं समतं. सत्तमं एगिंदियसयं [१०२७]जहा कण्हलेस्सभवसिद्धीए सयं भणियं एवं नीललेस्सभवसिद्धीएहि वि सयं भाणियव्वं। तेतीसइमे सते सतमं एगिदियसयं समतं. अट्ठमं एगिदियसयं [१०२८]एवं काउलेस्सभवसिद्धीएहि वि सयं। तेतीसहमे सते अटठम एगिंदियसयं समतं. नवमं एगिंदियसयं [१०२९]कतिविधा णं भंते! अभवसिद्धीया एगिंदिया पन्नता? गोयमा! पंचविहा अभवसिद्धीया० पन्नता, तं जहा-पुढविकाइया जाव वणस्सतिकायिया। एवं जहेव भवसिद्धीयसयं, नवरं नव उद्देसगा, चरिम-अचरिम-उद्देसकवज्जं। सेसं तहेव। तेतीसइमे सते नवमं एगिदियसयं समतं. दसमं एगिंदियसयं [१०३०]एवं कण्हलेस्सअभवसिद्धीयसयं पि। तेतीसहमे सते दसमं एगिंदियसयं समतं. एक्कारसमं एगिंदियसयं [१०३१]नीललेस्सअभवसिद्धीयएगिदिएहि वि सयं। तेतीसहमे सते एक्कारसमं एगिदियसयं समतं. बारसमं एगिंदियसयं [१०३२]काउलेस्सअभवसिद्धीएहि वि सयं। एवं चत्तारि वि अभवसिद्धीयसताणि, नव नव उद्देसगा भवंति। एवं एयाणि बारस एगिदियसयाणि भवंति। तेतीसइमे सते बारसमं एगिंदियसयं समतं. ०-तेत्तीसइमं सयं समतं-० ० मुनि दीपरत्नसागरेण संशोधितः सम्पादितश्च तेतीसइमं सतं समतं . [] चोत्तीसइमं सयं [] पढम एगिंदियसेढिसयं 0 पढमो उद्देसओ 0 [१०३३कतिविहा णं भंते! एगिंदिया पन्नता? गोयमा! पंचविहा एगिंदिया पन्नता, तं जहा-- पुढविकाइया जाव वणस्सतिकाइया। एवमेते वि चठक्कएणं भेएणं भाणियव्वा जाव वणस्सइकाइया। [दीपरत्नसागर संशोधितः] [528] [५-भगवई

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