Book Title: Agam 05 Bhagavai Panchamam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 543
________________ सतं-३५, वग्गो - ,सत्तंसत्तं-१, उद्देसो-११ 0 [३५/१] एक्कारसमो उद्देसओ 0 [१०५५]चरिमअचरिमसमयकडजुम्मकडजुम्मएगिंदिया णं भंते! कओ उववज्जंति? जहा पढमसमयउद्देसओ तहेव निरवसेसं। सेवं भंते! सेवं भंते! जाव विहरइ। [१०५६]एवं एए एक्कारस उद्देसगा। पढमो ततियो पंचमओ य सरिसगमगा, सेसा अट्ठ सरिसगमगा, नवरं चउत्थे अट्ठमे दसमे य देवा न उववज्जंति, तेउलेसा नत्थि। ३५/१ एगिंदियमहाजुम्मसयं समतं. २-१२/-एगिदियमहाजुम्मसयाई [१०५७]कण्हलेस्सकडजुम्मकडजुम्मएगिदिया णं भंते! कओ उववज्जंति? गोयमा! उववातो तहेव। एवं जहा ओहिउद्देसए, नवरं इमं नाणतं-- ते णं भंते! जीवा कण्हलेस्सा? हंता, कण्हलेस्सा। ते णं भंते! कण्हलेस्सकडजुम्मकडजुम्मएगिंदिय'त्ति कालओ केवचिरं होंति? गोयमा! जहन्नेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहतं। एवं ठिती वि। सेसं तहेव-जाव अणंतखुत्तो। एवं सोलस वि जुम्मा भाणियव्वा। सेवं भंते! सेवं भंते! ति०। पढमसमयकण्हलेस्सकडजुम्मकडजुम्मएगिदिया णं भंते! कओ उववज्जंति? जहा पढमसमयउद्देसओ, नवरं- ते णं भंते! जीवा कण्हलेस्सा? हंता, कण्हलेस्सा। सेसं तहेव। सेवं भंते! सेवं भंते! तिला एवं जहा ओहियसते एक्कारस उद्देसगा भणिया तहा कण्हलेस्ससए वि एक्कारस उद्देसगा भाणियव्वा। पढमो, ततिओ, पंचमो य सरिसगमा। सेसा अट्ठ वि सरिसगमा, नवरं0 चउत्थ-अट्ठम-दसमेसु उववातो नत्थि देवस्स। सेवं भंते! सेवं भंते! तिला एवं नीललेस्सेहि वि सयं कण्हलेस्ससयसरिसं, एक्कारस उद्देसगा तहेव। सेवं भंते! सेवं भंते! ति एवं काउलेस्सेहि वि सयं कण्हलेस्ससयसरिसं। सेवं भंते! सेवं भंते! ति। भवसिद्धियकडजुम्मकडजुम्मएगिंदिया णं भंते! कतो उववज्जंति? जहा ओहियसयं तहेव, नवरं एक्कारससु वि उद्देसएसु 'अह भंते! सव्वपाणा जाव सव्वसत्ता भवसिद्धियकडजुम्मकडजुम्मएगिदियत्ताए उववन्नपुव्वा? गोयमा! णो इणठे समठे'। सेसं तहेव। सेवं भंते! सेवं भंते! तिला कण्हलेस्सभवसिद्धियकडजुम्मकडजुम्मएगिंदिया णं भंते! कओ उववज्जंति? एवं [दीपरत्नसागर संशोधितः] [542] [५-भगवई

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