Book Title: Agam 05 Bhagavai Panchamam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 457
________________ सतं-२५, वग्गो- ,सत्तंसत्तं- , उद्देसो-३ पणतीसपएसिए पणतीसपएसोगाढे; उक्कोसेणं अणंतपएसिए, तं चेव। तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जहन्नेणं चठप्पएसिए चउप्पदेसोगाढे पन्नते; उक्कोसेणं अणंतपएसिए,तं चेव। चरंसे णं भंते! संठाणे कतिपदेसिए0 पुच्छा। गोयमा! चउरंसे संठाणे विहे पन्नते, भेदो जहेव वास्स जाव तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहन्नेणं नवपएसिए, नवपएसोगाढे पन्नते; उक्कोसेणं अणंतपएसिए, असंखेज्जपएसोगाढे पन्नते। तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जहन्नेणं चउपएसिए, चउपएसोगाढे पन्नते; उक्कोसेणं अणंतपएसिए, तं चेव। तत्थ णं जे से घणचठरंसे से विहे पन्नते, तंजहाओयपएसिए य, जुम्मपएसिए य। तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहन्नेणं सत्तावीसतिपएसिए, सत्तावीसतिपएसोगाढे; उक्कोसेणं अणंतपएसिए, तहेव। तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जहन्नेणं अट्ठपएसिए, अट्ठपएसोगाढे पन्नते; उक्कोसेणं अणंतपएसिए, तहेव। आयते णं भंते! संठाणे कतिपएसिए कतिपदेसोगाढे पन्नते? गोयमा! आयते णं संठाणे तिविधे पन्नते, तं जहा-सेढिआयते, पयरायते, घणायते। तत्थ णं जे से सेढिआयते से विहे पन्नते, तं जहा--ओयपदेसिए य जुम्मपएसिए य। तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहन्नेणं तिपएसिए, तिपएसोगाढे; उक्कोसेणं अणंतपएसिए, तं चेव। तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जहन्नेणं दुपएसिए दुपएसोगाढे; उक्कोसेणं अणंत तहेव। तत्थ णं जे से पयरायते से दुविहे पन्नत्ते, तं जहा-ओयपएसिए य, जुम्मपएसिए य। तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहन्नेणं पन्नरसपएसिए, पन्नरसपएसोगाढे; उक्कोसेणं अणंत0 तहेव। तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जहन्नेणं छप्पएसिए, छप्पएसोगाढे; उक्कोसेणं अणंत तहेव। तत्थ णं जे से घणायते से दुविधे पन्नत्ते, तं जहा-ओयपएसिए य, जुम्मपएसिए य। तत्थ णं जे से ओयपएसिए से जहन्नेणं पणयालीसपदेसिए पणयालीसपदेसोगाढे पन्नत्ते; उक्कोसेणं अणंत) तहेव। तत्थ णं जे से जुम्मपएसिए से जहन्नेणं बारसपएसिए बारसपएसोगाढे; उक्कोसेणं अणंत0 तहेव। परिमंडले णं भंते! संठाणे कतिपएसिए पुच्छा। गोयमा! परिमंडले णं संठाणे विहे पन्नते, तं जहा--घणपरिमंडले य पयरपरिमंडले य। तत्थ णं जे से पयरपरिमंडले से जहन्नेणं वीसतिपएसिए वीसतिपएसोगाढे; उक्कोसेणं अणंतपए0 तहेव। तत्थ णं जे से घणपरिमंडले से जहन्नेणं चत्तालीसतिपएसिए, चत्तालीसतिपएसोगाढे पन्नत्ते; उक्कोसेणं अणंतपएसिए, असंखेज्जपएसोगाढे पन्नत्ते। [८७३]परिमंडले णं भंते! संठाणे दव्वट्ठताए किं कडजुम्मे, तेयोए, दावरजुम्मे, कलियोए ? गोयमा! नो कडजुम्मे, णो तेयोए, णो दावरजुम्मे, कलियोए। वटो णं भंते! संठाणे दव्वट्ठताए0? एवं चेव। एवं जाव आयते। परिमंडला णं भंते! संठाणा दव्वट्ठताए किं कडजुम्मा, तेयोगा0 पुच्छा। गोयमा! ओघाएसेणं सिय कडजुम्मा, सिय तेयोगा, सिय दावरजुम्मा, सिय कलियोगा। विहाणादेसेणं नो कडजुम्मा, नो तेयोगा, नो दावरजुम्मा, कलिओगा। एवं जाव आयता। परिमंडले णं भंते! संठाणे पदेसट्ठताए किं कडजुम्मे0 पुच्छा। गोयमा! सिय कडजुम्मे, सिय तेयोगे, सिय दावरजुम्मे, सिय कलियोगे। एवं जाव आयते। [दीपरत्नसागर संशोधितः] [456] [५-भगवई

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