Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutang Sutra
Author(s): Jambuvijay, Dharmachandvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 356
________________ प्रथमं परिशिष्टम्-विशिष्टशब्दसूचि : [१] सूत्रकृताङ्गसूत्र[सूयगडंगसुत्त]प्रथमश्रुतस्कन्धान्तर्गतविशिष्टशब्दसूचिः । सूत्राङ्काः ४९ १३ विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः । विशिष्टशब्दाः अइच्च ४०८ अखेतण्ण ५२२ अइतुट्ट अगणी ३१०, ३१२, ३३७, ३८१, ३८५अओकवल्ल ३१४ ३८७, ३९८, ४४४, ५०३ अकक्कस ६०२ अगार १९, १२०, १९०, १९९, २७७ अकट्ठा ३३७ अगारबंधण २१० अकम्म ४१२ अगारि ३५२, ५८७ अकम्मविरिय ४१९ अगारिकम्म अकम्मुणा ५४९ अगिद्ध ४७१ अकम्मंस अगिलाए २२३, २४५ अकसायि(इ) ३५९, ५७८, ६०० अगुरू २८५ अकामग १८८ अगोतं ५७२ अकारओ अग्ग १४५, २१८ अकासी(सि) ४, ११८, ३४९ अचयंता २०१, २०२, २२० अकिरिया ४८८,५३५ अचाइय १७६,५८१ अकिरियाता(अकिरियआया) ५३८, ५४०, अचायंता १७१ ५४२ अचित्त अकुवओ(तो) ६१२, ६१३ अचेल अकुवमाण ४८५ अच्चिमाली अकुसील अचुट्ठिताए ५८७ अकोविया ३८, ४५, ४९, ६१, २०८, ५३६ अच्चेति अकोहण ४८४ अच्चेहि १४९ अक्कोस २२१ अजरामर ४९० अक्कं(क)तदुक्खा अजाइयं ४४६ अक्ख १३३ अजाणग अक्खक्खय ४१० अजाणतो(ओ) ३००,३११ अक्खय अज्ज १४८ अक्खाय(त) १४५, २९६, ४३७, ४९७, अज्जिणित्ता ३४९ अज्झत्थदोसा अक्खायारो अज्झत्थविशुद्ध २९९ अक्खिराग अज्झप्प ४२६ अक्खंति ५४०,५४५, ५९५, ६२५ अज्झप्पजोगसुद्धादाण ६३६ अखिल ४०८ अज्झप्पसंवुड १२२ १७५ Jain Education International For Private & Personal Use Only : www.jainelibrary.org

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