Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutang Sutra
Author(s): Jambuvijay, Dharmachandvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 369
________________ ૨ विशिष्टशब्दाः गती (ति) गद्दभा गब्भ गब्भत्था गब्भाइ गमे गय गरहिया गरुल गल गले गवं गहण गहाय गजा गहेतुं गाढोवणीयं गार्ड गामकुमारियं गाम गामधम्म गार गारव गाहती गाहिय गिण्ह गिद्ध गिद्धनदा गिद्धि गिद्धुवघायकम्मग गिम्हाभिताव गिर गिरि गिरीवर गिलाइ गिलाण Jain Education International प्रथमे परिशिष्टे सूत्राङ्काः १५९, १६४, ३६८, ५७४ २२९ २२, २७ ९० ३९० १८६ २०३ ५७५ ३७२ ३२२ ३०९ १४७ २०४ १३३, ५६१, ५७७ ४७४ ३४५ ३११, ३२०, ३३९ ३१६ ४६५ १७१, ५१२, ५७३ १३५, ५२९ १५५, ४०३ ४७२, ५६८ ९२ १०८ १३४ ९४, २०३, २६० १५० ४२३, ४८२ ४५१ १६९ ५१३ ३६३, ३६५ ३६६ २६५ २१२, २१५, २२३, २४५, ३३६ विशिष्टशब्दाः गिरि गिहिमत्तं गिहीते गिहं गिहंतर गुण गुत्त गुत्ती गुलिय गुरु गुहा गेह सूत्राङ्काः २१८ १३० ५३९ १८१, १८७, २०३, २६३, ४३०, ૪૮૭ गेहेत्तु गेहेज्जा गेह गेहि गोतण्णतरं गोते गोतावायं गोत्ते गोयमयं गोरहगं गंगा गंड गंता गंतु गंथ गंथातीत गंध गंधव्व घडदासिए घडिगं धम्मठाणं घर घाय (त) For Private & Personal Use Only ४५७ १८२ १५७, ४८७ ५८४ २८४ १४२ ३११ २९३ ३२८ ५१० ४९६ ४०७ १११ ५६२ ४६३ ५६६, ५९९ ५७१ २९० ३७२ २३४ १५१ १८८ ६, ५८० ३५६ २८३, ३७०, ४४९, ५५६ ९३, ५४७ ५८७ २९१ ३११, ३२०, ३३९ १०६, १८७ ३६, ४०, ६२, ६३, ३०४, ३९९, ४०५ www.jainelibrary.org

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