Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutang Sutra
Author(s): Jambuvijay, Dharmachandvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 426
________________ पिता पुरत्था पुराणं ७१४ سم ش सूत्रकृताङ्गसूत्रद्वितीयश्रुतस्कन्धान्तर्गतविशिष्टशब्दसूचिः ३२९ विशिष्ठशब्दाः सूत्राङ्काः । विशिष्टशब्दाः सूत्राकाः पिण्णायपिंडी ८१४ पुढोभूतसमवातं ६७१, ७१३ पुण्णखधं ८१५, ८२९ पितिमरणाणं ७१९ पुण्ण ७६९, ८३६ पितीही ७०४ पुत्त ६७१, ६८८, ६९९, ७०४, ७१३ पितुसुक्क ७३२ पुत्तमरणाणं पित्ताए पुत्तपोसणयाए ६९६ [२] पिनागबुद्धीए ८१३ पुप्फत्ताए ७२३ पियविप्पओगाणं ७१९ पिसितं ७२४ पुरथिमातो ६३९ पीढ-फलग-सेजासंथारएणं ७१५ पुराकडं ७८७ पुंडरीगिणी ६३८ पु(पो)क्खरणी ६३८, ६६० पुरिमड्ढिया ७१४ पुक्खरपत्तं पुरिस ६३९, ७३२-७३६, ८१२, ८१३, पुक्खलत्ताए ७३० ८१८, ८३३, ८४० पुक्खलस्थिभएहिं पुरिसअभिसमण्णागता ६६० पुक्खलत्थिभगजोणियाणं पुरिसआसीविसे पुक्खलत्थिभगत्ताए पुरिसज्जा(जा)ए(ते) ६३९, ६४०, ६४१, पुक्खलत्थिभगाणं ७३०, ७३१ ७०४, ७१३ पुच्छाए ६९६ पुरिसत्ताए ७३२, ७३४ पुच्छियट्ठा ७१५ पुरिसपज्जोइत्ता ६६० पुच्छियव्व ८४५, ८५३, ८५४, ८५५ पुरिसप्पणीया पुच्छिसु ८०२ पुरिसलक्खणं पुट्ठलाभिया ७१४ पुरिसवरगंधहत्थी ७०५ पुरिसवरपोंडरीए पुढविकाइ(यि)या ६७९, ७४९ ७५१, पुरिसवरे ७५३ पुरिसविजियविभंग पुढविकाय ७५१ पुरिससीहे पुढविजोणिया ७२३, ७२५, ७ ७२८, ७२९, पुरिसादीया ७३१ पुरिसोत्तरिया पुढवित्ताए ७४५ पुलए ७४५ पुढविवक्कमा पुव्वकम्मावसेसेणं ७१४ पुढविसरीरं ___७२३, ७२४, ७३३, ७३५ पुव्वसंयोगं पुढविसंभवा ७२३, ७२५, ७२८ पुवामेव पुढवी ६५६, ७२३, ७२५, ७२८ पुवाहारितं(य) ७२३ पुढवीजाते ६६० [३] पुढवीसंवुड्ढा पुव्वुत्तं ७४९ पुढो ६८८ । पुवं ८२० पुट्ठा ६४६ ६६० पुव्विं ८७० ६६. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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