Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutang Sutra
Author(s): Jambuvijay, Dharmachandvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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२६६
३९२
प्रथमे परिशिष्टे विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः । विशिष्टशब्दाः
सूत्राङ्काः आरिय २३०,४२३, ४६८ आहत्तहियं
५५७ आरुस्स
आहर
१५६, २८१, २८३ आरं
आहाकडं
४८०, ४८३ आरंभ ३८, ९१, ११०, ११९, २१०, आहार ४१७, ४७१ आहारदेहाई
૨૮૮ आरंभणि(नि)स्सिया(ता) १०, १४, १५१, आहारसंपज्जणबज्जण
૪૩૮ आहिया(ता) (आहित) ७, ८, १५, २०, आरंभसत्ता
૪૮૮
७०, ७४, १३५, आरंभसंभिया
१३६, १३७, १३९, आरंभी
४४५
१४१, १४२, १४५, आव १२६
१४६, १६१, २२८ आवकहा
११४ आहु १२७, १३०, १३१, १५०, १६२, आवज
२९९,३५२, ३६९,३७०,३७२,३७३, आवश्
आहंसु १८, १७०, २२५, २७४,२७६, आवकृति ३३८, ४७७
४१३, ५३९, ५४४, ५४५ आवन्ना(ण्णा) १९, १७८, २२५, ५२७ इंखिणी
१११, ११२ आवन्नं
२७९, ३८४, ५३३ इंगालरासि आवरे
इंति आवस १२०, १५५, ३२६, ५.३
३५८, ३८० आवसहं
इंदिय आवसंत
१९, १९९ इक्ख आवह ४०७
५८, २७७, ५२६ आसण १२२, १२७, २५०
३२६ आसव आसाविणि ५८, ५२६ इत्तरवास
१५० आसिले
इत्ताव ताव आसिसावाद
इ(ए)त्तावंत
८५, ५०६ आसु
२७३ इत्थिपोस
२६६ आसुपण्ण(न्न) ३०१, ३५४, ३५८, ३७६, इत्थिवेदखेतण्णा
२६६
इत्थी१८०,१९८,२०३, २०७, २४७,२५०, आसुर
२५४,२२७,२५८,२७०,२७३,२८०,२९१, आसुरिय
१५१ ३७९,४०२,४४९,४८०,४८५,६१४,६१५ आसूणि
४५१ इत्थीदोससंकिणो
२६१ आसंदियं २९२ इत्थीवस
२३३ आसंदी
इत्थीवेद
२६९ आह
१,६७, १६१ इसी आहडं
इहलोइय
१४०
इच्छ
-
२२७
५०४
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