Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra
Author(s): K R Chandra, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
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Dedication
Publisher's Note
सम्पादकीय
इस संस्करण के विषय में विविध विद्वान
जैन आगमों की अर्धमागधी भाषा में आगत विकृतियों के
सम्बन्ध में मुनिश्री पुण्यविजयजी का मत
ग्रंथ-संकेत
हस्तप्रत संदर्भ संकेत
विभाग- १
(अ) Introduction
(ब) प्रस्तावना
विभाग- २
आचाराङ्ग के शब्द - पाठों की विविध संस्करणों, हस्तप्रतों, अन्य आगम ग्रंथों तथा आगमेतर प्राचीन प्राकृत ग्रंथों के शब्द- पाठों के साथ तुलना
विभाग - ३
आचाराङ्ग के प्रथम श्रुत- स्कंध के प्रथम अध्ययन का
भाषिक दृष्टि से पुनः सम्पादन
विभाग-४
अनुक्रमणिका
शब्दों में ध्वनिगत परिवर्तन
विभाग-५
प्रथम अध्ययन के सभी शब्दरूपों की अनुक्रमणिका
विभाग - ६
विभिन्न संस्करणों के पाठों की तुलना
परिशिष्ट Appendix
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पृष्ठ
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