Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

View full book text
Previous | Next

Page 392
________________ . 2 १४३ विशिष्टशब्दाः अणादिए अणारंभजीवि अणारद्ध अणारियवयण अणासव अणासादए अणासादमाण अणासेवणयाए अणासेवणाए अणाहार अणितिय अणिदाण अणियगामि अणिसट्ट अणिह अणु अणुकंत अणुगच्छअणुगिद्ध अणुग्घातण अणुचिण्ण अणुजाणति अणुजाणिस्था अणुट्ठाण अणुढि अणुदिसा अणुधम्मिय अणुपरिय- अणुपविसित्ता अणुपेस्सी अणुपालए अणुपालिया अणुपुष आचारागसूत्रप्रथमश्रुतस्कन्धान्तर्गतविशिष्टशब्दसूचिः . ३०१ सूत्राङ्काः विशिष्टशब्दाः - सूत्राङ्काः २०० अणुवयमाण १९१, १९२, २०० १५२ अणुवरत १३२, १५१ १०४ अणुवसु १८३ १३६, १३७ अणुवहि १३२ १३४ अणुवासेज्जासि १९७ अणुवियि १४० १९७, २२३ अणुवीय १४९, [टि०] १६४ अणुवीइ १९६, १९७ २०५, २१२ अणुवेहमाण २३६, २४१ अणुसंचरति ४५, १५३ अणुसंवेयण १४२, २०२ अणुसोयंति अणेगा २०४ अणेगचित्त ११८ १४१, १५८, १९७ अणेगरूव ६, १२, १४, २३, २५, ३४, १५४ ३६,४२, ४४, ५०, ५२, ५७, २७६, २९२, ३०६, ३२३ ५९, ७६, १७८, २८३, २८५ १६७ अणेलिस १७७,२०६, २२९, २४५, २६९ २७३ अणोमदंसी ११९ १०४ अणोवहिअ १३२ १६३, २२४, २२८ अणोहंतर अण्ण(अन्य) २, १३ इत्यादि ३१४ अण्णगिलाय ३१२ १८९ अण्णत(य)र ९६, १८४, १८७, २२५, १३२, १९६ २२६, २५३ १, २,६ अण्णत्थ १५७ २५५ अण्णमण्णवितिगिंछा १२२ ७७, ८०, ९१, १०५, १५१ अण्णहा ___८९, १५९, १७६ २२४, २२८ अण्णाण १५१ ७६, ११३, १२४ अण्णेसि २३३, २४७ अण्णेसिं अण्णे सिंति १५८ १८१, १८३, १८९, १९०, अण्णे (न्ने)सी १०४, १५२, १६० २०६, २२४, २२८, २२९ अतह १८४, १९१ १७९ अतारिस १८२ २३० अतिअच २६२ अतिदुक्ख २९० ११९ अणुपुन्वसो अणुपुवीए अणुवटि १३२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516