Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 442
________________ सूत्राकाः आचाराङ्गसूत्रद्वितीयश्रुतस्कन्धान्तर्गतविशिष्टशब्दसूचिः विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः विशिष्टशब्दाः एयारूव ओसप्पिणी ७३४ एरिसिया ४२४ ओसहि ३२५, ५४७, ५४८ एवं चाते(ए) ७४२, ७७१, ७७३ ओसित्त ३२४, ३४२ एसणा ५६१, ५९६, ७९४ ओह एसणिज ३२५, ३२६, ३३२, ३३६, ३४३, ओहरिय ३६६, ३६८ ४०९, ४५६, ५५९, ६४१ कओ ५०७, ५०९ एसमाण ५६१, ५९६ कखेजा ५०५, ५१५, ५१६ एसित्तए ४१२,४५५, ४५६,५५३, ५५९, कंचि ३६० ५८८,५९४ कंटकगबोंदिय ३५६ एसित्ता कंटय(ग) ३५५, ४०३, ४०४, ६९६ एसिय(त) ३४१,३५०,३९१,६०९,६१० कंत ६८७, ७५४ एसियकुल कंद ४१७,५११,५६६,६५१,६५४७२८ ओगाह४७४, ४८६ कंदर ७४१ ओगिज्झिय कंदरकम्मत ४३५ ओगिण्ह--- ६०७,६१२-६१७, ६१९, कंदलीऊसुय [टि.] ३८५ ६२१, ६३३, ७८४ कंबल ४७१,५१८ ओग्गह ६०७-६१९, ६२१-६२३, कंबलग ५५७ ६३३, ६३५, ७८४ कंसपाय ओग्गहणसीलए कसतालसद्द ओग्गहिय ६०९, ६१०, ६११, ६२२ कक्क ४२१, ४५१, ६९२, ७०४, ७११, ६२३, ६२९, ६३३, ७८४ ओघायतण कक्कस ५२४ ओढछिन्न कक्खड ओणमिय ३६०, ४७६, ५०४ कक्खरोम ओभासेज ३५७, ३९३ ५०५, ६७४ ओमचेलिय कजलावेति ४८२ ओमाण ३४२ कजलावेमाण ओमुयति ओयंसी ५३४ कट्ठकम्म ओयत्तियाणं कट्ठकम्मंत ओयस्सि ४२५ कट्टकरण ओलिंपमाण ३६७ कट्ठसिल ६३३ ओलित्त कडग ४२४ ओवय- ४३२, ४३५, ७३७, ७५३, ७७४ कडव ओवाय ३५५ कडिए ४१५ ओसकिय [टि.] कडुय ४०७, ५२४ ओसत्त ७५५ । कडुयए - ४०७ पद कट्ठ ३६८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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