Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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सित
सित
आचाराङ्गसूत्रप्रथमश्रुतस्कन्धान्तर्गतविशिष्टशब्दसूचिः विशिष्टशब्दाः सूत्राकाः । विशिष्टशब्दाः
सूत्राङ्काः साहम्मिय २१९, २२७ सुणेह
१८० साहरे
२४२ सुणिया
१५८ साहारणट्ठ २४३ सुणिसंत
२०० साहिय २४०, २५६, २५७, ३१२ सुण्हा
६३, ८७ साहिस्सामो
१४६ सुत्त (सूत्र) सिंग
सुत्त (सुप्त)
१०६ सिक्खेज २३४ सुद्ध
१३२, १८६, २३३ सिढिल
१६१ सुण्णगार
२७९ सिणाण ३०८ सुण्णागार
२०४, २०५ सिद्धि २०० सुद्धसणा
१८६ ११, ४९ सुपडिबद्ध
१५५ १६७ सुपडिलेहित
१३६, १७७ सिया (स्यात्) ८३, ९६, १२२, १३३, सुपडिलेहिय
१७३ १४५, १५८, २१२, २४७ सुपण्णत्त
२०१ सिलिवय १७९ सुपरिण्णात
१९८ सिलोय १९४ सुप्पणिहिए
१८४ सिसिर २७५, २८९, ३०९ सुब्भभूमि
२९४ सिस्स १८९, १९० सुन्भि
१८६, २८५ सीत १७६ सुब्भिगंध [टि.]
१७६ सीतफास १८७, २११, २१५, २२५, सुय(त)
१, १३३, १३६, १५५ २२६, २९३ सुरभिगंध
१७६ सीतोद २६४ सुविसुद्ध
३१५ सीतोसिण
१०७ सुन्वत सीयपिंड ३१९ सुसमाहितलेस्स
२१९ १५८ सुसाण
___ २०४, २०५, २७९ सीलमंत
सुस्सूस
१८१ सीविस्सामि १८७ सुस्सूसमाण
१९६ सीस
१५, १९८ सुह ७८, २१५, २१९, २२४, सुअक्खात
सुहट्ठी सुअक्खातधम्म
सुहसाय सुकड
सुहुम [टि.]
२५१ सुकर २६१ सूइ
१८७ ३१९
३१९ सुकिल
सूणिय
१७९ सुणमाण
४१ सूर
३०५ सुणय
२९६, २९८ सुणेति
४१ । से २२८, २४०, २४२, २४८, २५४, आ. २२
१९३
सील
१११
२०१ १८७
सुक
१७६
सूवणीय
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