Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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१०
२००
१६२
१३०
देह
देहंतर
९२
५६
२९४
धम्म
आचाराङ्गसूत्रप्रथमश्रुतस्कन्धान्तर्गतविशिष्टशब्दसूचिः ३१९ विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः | विशिष्टशब्दाः
सूत्राङ्काः दुकड
२०० दुस्संबोध दुक्कड [टि.]
दुस्सुय
१३७ दुक्ख . ४९, ६८, ७९, ८०, ८२, ८४, दुहतो
८८, १२७, २१०, २३२ ९६, १०१, १०५-१०७, १२६, दूइज्जमाण १२९, १३०, १३९, १४०, दूइजेजा
१६४ १४२, १४८, १५२, १८०
१४७, १४८ दुक्खपडिकूल
देति दुक्खदंसी
देवबल दुक्खपडिघातहेतुं (उ) ७, १३, २४, ३५,
२१०, २३८, २४९ ४३, ५१, ५८ दुक्खमत्ताए
१२७ देहभेद
२५० दुक्खसह ३०४
१११, १२३, २१६ दुक्खी १०५ दोणमुह
२२४, २२८ दुगुंछणा
दोस १३०, १३६, १३७, १३८, १५१ दुगुंछमाण ७१ दोसदंसी
१३० दुच्चर
४५, ८५, १५३, २३०, दुच्चरग
२९८
२४०, २४८, २८८ दुजात
१६२ धम्मवं
१०७ दुज्झोसय
१५७ धम्मविदू
१०७, १४० दुण्णिक्खंत १९१ धम्मि
१८५ दुत्तितिक्ख
२६२
धाती १३७ धारित्तए
२२५ ७९ 'धारेज्जा
२१४, २२१ दुप्पडिलेहित १३७
११७ दुप्पडिबूहग
६५, ८३, ११५, १३३, दुप्परकंत
१६२
१८६, १९६, २०६, २२९ दुन्भि १८६, २८५ धुणाति
१४३ दुम्मय १३७
९९, १४१, १६१ दुरणुचर १४३
१९९, २०० दुरतिक्कम
९०, १६२
धुवचारिणो दुरभिगंध १७६ धुववण्ण
२५१ दुरहियासए १८३ धूतवाद
१८१ दुल्लभ १५९
६३, ८७ दुवालसम ३१३
२१४ दुविह २३०, २६९ धोतरत्त
२१४ दुव्वस
२१५, २५९, ३०८ दुन्विण्णाय
निरुद्धाउय
१४२
८७
दुपयं
धिति धीर
धुणे
धूता धोएजा
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