Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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आचाराङ्गसूत्रप्रथमश्रुतस्कन्धान्तर्गतविशिष्टशब्दसूचिः
३२१
१४८
विशिष्टशब्दाः
सूत्राकाः । विशिष्टशब्दाः
सूत्राका पणग २२४, २२८, २६५ पमादए
६५, १५२ पणत(य) २१, १८४ पमादे
१२३ पणतासी ३०४ पमादेंति
१२७ पणियसाला २७८ पमाय
३२१ पणीत १३४ पमायी
१०८ पणुन
पमुच्चति
१०८, ११६ पण्ण २५० पमोक्ख
१०४, १५५ पण्णवेंति
१३२ पमोक्खसि
१०७, १२६ पण्णवमाण
२०० पया
११९, १५१, १६० पण्णवेमो १३८ पयावित्तए
२११ पण्णवेह
१३७ पयावेजा
२१२ पण्णाण
६२, ६४, ६८, १०१, पर २,७९, ८२, १२९, १९७, १९९,
१६०, १९०, २१५ ___ २०७, २०८, २१२, २१८, २७२ पण्णाणमंत १४५, १६६, १७७, १९० परक्कमंत
१८२, १८७, २२६ पत(य)णुए १८८, २२४, २२८, २३१ परक्कममाण
२६२ पतेलस २८० परक्कमे
२७५, ३१८ पत्त(पत्र)
परक्कमेज
२०४, २०५ पत्त(प्राप्त)
१३४ परक्कमेजासि ९७, १११, १३३, १७३ पत्तेय ४९, ६८, ८२, १३९, १५२, १६० पर?
३१५ पत्थए २३२ परम
११२, ११५, २५३ पद(य) १०३, १३४, १७६ परमचक्खू
१५५ पदिसो १४९ परमदंसी
११६ १८९ परमाराम
१६४ पप्प
परलोइय
२८५ पबुद्ध १६६ परवागरण
२, १७२, २०५ पभिति
१८४ परिकहिज्जा
९३, १३३ पभु ११२ परिकिलंत
२४४ पभूतपरिणाण १६४ परिकमे
२४४ पभंगुणो
२१० परिक्कमेज्जासि
१९५ पभंगुर १८० परिगिज्झ
७७, ७९ पमजए
परिगिलायमाण
२१० पमजिय
२२४, २२८ परिग्गह पमज्जिया
परिग्गहावंती
१५४, १५७ पमत्त ३३, ४१, ६३, ६६, १२९, परिघासेतुं
२०५ १३३, १३४, १५६, १६१ परिघेतब्व १३२, १३६, १३७, १७० पमत्थति १४१ परिचज
૧૨૪ पमाद
परिजाति
१०७ भा. २१
पदेसिए
l
२७३
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