Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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३२४
पुट्ठवं
पुढवी
४१
पुण
प्रथमे परिशिष्टे : . .. विशिष्टशब्दाः सूत्राकाः | विशिष्टशब्दाः
सूत्राकाः पावादुय
१३९ पुट्ठ (स्पृष्ट) ३७, ६०, ७०, १२७, पास (पश्य) १०,२३, २६, ३४,४२, ४९,
१५२, १५३, १८६, १९१, ५०, ५७, ८५, १०८, ११२,
१९६, २०६, २१५, २१८, १२१, १२७, १३३, १४०, १४२,
२३६, २४१, २६०, ३०७ १५६, १६६, १७९, १८०, १८७ पुट्ठ (पृष्ट)
२६० पास (पार्थ) १५ पुट्टपुव्वा
२९८ पास (पाश)
११३ पासए
१९१, २०६ पासग ८०,१०५, १२८, १३०, १३१, १४६ पुढवि १२, १३, १४, १७, १८, ३७ पासणिए पासति ४१, ७१, ९२, १४८, १७५ पुढो १०,११,१२, २३, २६,२७,३४,४२, पासमाण
४९, ५०, ५७, ७७, ८७, ९२, ९६, पासया (पश्यता)
२४१ १२९, १३४, १३६, १४२, १५२, २६७ पासह १४९, १५३, १७८, १९४, २१० पुढो पुढो
१३४ पासहा १४५, १६१, १६६, १७४, १९८
२, ८०, १०४, १०५, पासिम
१२७
१३८, २१४, २१७ पासिय १०८, ११९, १६२ पुणरवि
२८२ पुणरेंति
११३ ४५, ६२, ६४ इत्यादि पुणरेति
१०८ पिंड
३१९ पिच्छ
पुणो पुणो ४१, ६३, ७०, ७२, १३३, पिट्ठओ
१३४, १४८, १४९, १९१
१०२ पिडति पिता
६३, १९३ पित्त
पुरस्थिम पिय
३१९ पियजीवि
पुरिस ६, ९०, ९३, १०२, पियाउथ
११८, १२५, १२६, १२७, पिहित
२९०
१४३, १५५, १७६, २८४ पिहितच्चा २६४
१४५ पिहिस्सामि
२५५
पुलाग पीढसप्पि
३३, १२४, १३९, १४३, पीहए
१५३, १५८, १६४, १८३, पुच्छ
१८७, २१८, २४० पुच्छिंसु
२८७ पुश्ववास पुच्छिस्सामो
१३९ । पुव्वसंजोग
१४३, १८३
पासे
१२०
पि
पुणो
पिट्ठि
पुण्ण
पुरतो
१, २
पुराण
७८
१७९
पुन्व
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