Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

View full book text
Previous | Next

Page 403
________________ गंध १५ गुण गुणट्ठी १३० ३१२ प्रथमे परिशिष्टे विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः खेयण्ण ८८, १०९ गिम्ह २१४, २१७, २२१, ३१० खेम गिरिगुइंसि २०४, २०५ गंड १५ गिलाएजा गंडी १७९ गिलाण २१९ गंथ १४, २५, ३६, ४४, ५२, ५९, गिलाति १२१, १९८, २०६, २३९ गिलामि २२४, २२८ १०७, १७६, २८५ गिलामि [टि.] २२४, २२८ गच्छंति १८० गिलाय ३१२ गच्छति २६०, २६३, २७२. गिलायंत २४२ गच्छेज्जा १२३, १३३, २६२ गिलासिणी १७९ गढिय १४, २५, ३६, ४४, ५२, ५९ गिह १९६ ६३, ७९, ८२, ९१, १४४, गिहतर १९६, २१८ १९८, २६३ गीत २६२ गति १२३, १६९, १७५ गीवा गब्भ १०८, ११३, १३०, १४८, १५९ ३३, ४१, ६३, १६३ गब्भदंसी गमण गुणासात(य) ४१, १६१ गमित्तए २०१, २०६ १५ गुप्फ गहाय गुरु १४७ गात(य) २११, २४७, २७३, ३०८ गेहि १८४, ३२१ गाम १९६, २०२, २२४, २२८, २३५, गोतावादी २७९, ३००, ३१५ गोमय गामंतर १९६, २१४ ६४, ६० गामंतिय घातमाण १९२, २०० गामधम्म १६४, २११, ३०९ घायए १७० गामपिंडोलग घास ३१५, ३१८ गामरक्ख २८४ घासेसणाए ३१६ गामाणुगाम १६२, १६४ १४५, १९२ गामिय २८४ च ४, २६, ३७, ६०, ६४, ६५ इत्यादि गायब्भंगण ३०८ चइत्ता गार ४१, १६१ चउत्थ २१३ गाहावति २०४, २०५, २११, २१८ चउप्पय गाहिय १७६ चउरंस गिज्झे १६४ गिद्ध ११३, १४९, १९० । चंकमिया [टि.] २८२ २१८ १७६ गुत्ती गल घाण ३१७ घोर १८३ १७६ चए Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516