Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 396
________________ आचारागसूत्रप्रथमश्रुतस्कन्धान्तर्गतविशिष्टशब्दसूचिः ३०५ सूत्राङ्काः । १८० विशिष्टशब्दाः अहासच १३४ अहासुत २५४ अहिंसमाण ३१८ अहित(य) १३, २४, ३५, ४३, ५१, ५६, ५८, १०६ अहिरीमणा १८४ अहुणा २५४ अहे (अधः) १७४ अहेचर २३७ अहेभाग - ९१ अहेसणिज २१४, २१७, २२१, २२७ अहो य राओ(रातो) य ६३, ७२, १३३ अहोभागं [टि०] ९१ अहोववातिए अहोविहार आदि(ति) १२०, १४८, १५९, २०० आइ आइआवए आइ(दि)ए आइत्तु आइयंति आइक्ख- १३२, १३७, १३८, १९१, १९६, १९७, २०६, २७७ आइक्खे १९६, २०६ आउ(आयुः) आउकाय २६५ आउखेम २३४ आउद्दे(आवर्तेत) आउट्टे(आवृत्तः) २१५ आउट्टिकय १६३ आउसो २०४ आउसं आउसंतेणं [टि.] आउसंत ०४, २११, २१८ आकुट्ट [टि०] १८४ आकेवलिय १८३ आगंतार २७९ आ.२० विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः आगत १, २ आगति १२३, १७५ आगम १७३, १९५ आगममाण १८७, २१४, २१७, २१९, २२१-२२३, २२६, २२७ आगमि(मे)स्स १२४, १३२, १४२ आगमेत्ता १४९, १६४, २०५, २१२ आगम्म २५६ आगर २२४ आगासगामि आघाति १३४, १७७ आघाय(त) १९९, २६२ आढामि २०४ आढायमाण १९९, २०७, २०८ आणंद १२४ आणखेस्सामि २१९ आणवेजा १४९, १६४, २०५, २१२ आणा २२, १२७, १२९, १३४, १४५, १७२, १८५, १९० आणाकंखी १४१, १५८ आणुगामिय २१५, २१९, २२४, २२८ आणुपुव्व २२४ आततर २४७ आततो १२२ आतवं (आत्मवान्) १०७ आता(या)वादी ३, १७१ आतीतह २२४ आतुर १०, ४९, १०८, १८०, १८३ आतोवरत १४६ आदा(ताण ८६, १८४, १८७ आदाय आदेसाए आमगंध आयट्ठ आयतचक्खु आयतजोग आयतजोगताए ३१५ २०० ६४ ७९, १२७, १८४ Jain Education International For Private & Personal Use Only ___www.jainelibrary.org

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