Book Title: Aetihasik Striya
Author(s): Devendraprasad Jain
Publisher: Digambar Jain Pustakalay

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Page 5
________________ सम्मति मुझे बहुत हर्ष है कि मेरे प्रिय मित्र देवेन्द्रप्रसादजीने इस ऐतिहासिक स्त्रियां नामक उत्तम पुस्तकको लिखकर एक बड़ी भारी आवश्यकताकी पूर्ति की है। मैंने इस पुस्तकको पढ़ा और इसे स्त्री पुरुष दोनोंके लिये उपयोगी पाया। इससे भारतवर्षकी प्राचीन देवियों और पुण्यकीर्ति महिलाओंकी सत्यशीलता, पातिव्रत, वीरता आदिकी झलक दिखाई देती है, जिनके पाठसे पाठकों और पाठिकाओंको अवश्य आनन्दके साथ शिक्षा भी प्राप्त होगी। मेरी इच्छा है कि यह पुस्तक कन्या पाठशालाओंकी पाठ्य पुस्तकोंमें अवश्य सम्मिलित की जाय। आशा है कि इसके सम्पादक और भी ऐसी पुस्तकें लिखकर हम लोगोंको आभारी करेंगे। सन् 1913] निवेदक(स्व. रा. ब.) जुगमन्दरलाल जैनी, एम. ए. बार-एट-लॉ एडवोकेट भू. पू. जज, हाईकोर्ट-इन्दौर।

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