Book Title: $JES 921H Karuna me Srot Acharan me Ahimsa Reference Book
Author(s): Pramoda Chitrabhanu, Pravin K Shah
Publisher: JAINA Education Committee
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करुणा-स्रोतः आचरण में अहिंसा
देह के अंग श्रेष्ठ माध्यम है ।
यह अरबी डॉलर का उद्योग है जिसके कारखाने अमरिका, यूरोप और विश्व के अन्य देशों में चौबीस घंटे चलते हैं । यह उद्योग वर्षों से चल रहा है फिर भी हम में से बहुत कम लोगोंने इसके विषय में सुना है । कच्चे माल की सामग्री:
मृत प्राणियों और कत्लखाने के कचरे को अन्य पदार्थों में रूपान्तरित कारखानें में रिसाइक्लिन की प्रक्रिया में नीचे के पदार्थों का समावेश होता है। (१) कत्लखाने का कचरा जैसे की पशु, भेड़, सुअर, घोडा आदि की हड्डियां,
खोपडी, पाँव की खुरी, रक्त, होजरी, आंतें, रीढ की हड्डी, पूंछ और पंख । (२) शाकाहारियों द्वारा पालित तथा पशु रक्षण केन्द्र में मृत कुत्ते, बिल्ली और अन्य पालतू प्राणी ।
(३) चूहे, नेवले जैसे मृत प्राणी ।
(४) पॉल्ट्री फार्म का कचरा जिसमें पालतु प्राणी और अन्य मृत पशु । (५) सुपर मार्केट और रेस्टोरेंट में खराब हुआ माँस ।
अमरिका में यह रूपान्तरकार प्रतिदिन १० करोड़ टन कचरे का निकाल करते हैं जिसमें ५०% कसाईयों द्वारा कत्ल किये गये गाय, भैंस का ३०% सुअर का समावेश होता है जिसका उपयोग मनुष्यों द्वारा नहीं किया गया होता है अर्थात् ५०% गाय भैंस और ३५% सुअर के शरीर के अंगों का उपयोग मनुष्य के भोजन के लिए नहीं होता है। न्यूयोर्क शहर के अमेरिकन समाज द्वारा प्राणियों के प्रति की जाने वाली क्रूरता की विरोधी संस्था के प्रवक्ता जेफ फ्रेस कहते हैं "प्रतिवर्ष पशु आधितों में ६० से ७० लाख कुत्तेबिल्ली मर जाते हैं।"
उपरोक्त प्रस्तुत पदार्थों के साथ रूपान्तरित करने वाले कारखानों की प्रक्रिया में अनावश्यक पदार्थों की मिलावट की जाती है जो निम्नानुसार है
अनावश्यक जहरी पदार्थों की कच्चे माल में मिलावटः
मृत पशु एवं कच्चे माल के साथ-साथ नीचे दर्शायें गये अनावश्यक जहरी द्रव्य भी उसमें मिल जाते हैं
(१) जहरी पदार्थों का उपयोग करके मृत पशुओं में रह जाने वाले पेस्टीसाइड्स
(२) सहज मृत्यु के लिए दी जाने वाली वे जहरीली दवायें जो पालतु प्राणियों को दी जाती हैं।
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