Book Title: $JES 921H Karuna me Srot Acharan me Ahimsa Reference Book
Author(s): Pramoda Chitrabhanu, Pravin K Shah
Publisher: JAINA Education Committee
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करुणा-स्रोतः आचरण में अहिंसा
भारत में चार प्रकार की तितलियों द्वारा विविध प्रकार का रेशम प्राप्त किया जाता है। उनके नाम इस प्रकार हैः मलबेरी, तुस्सार, एरि एवं मुंगा । रेशम उत्पादक अन्य देश चीन, जापान, रशिया, इटली, दक्षिण कोरिया आदि में मलबेरी रेशम बनाया जाता है परंतु एरि और मुँगा रेशम सिर्फ भारत में ही बनता है।
अन्य कुछ वस्त्र भी रेशमी वस्त्रों से दिखाई देते हैं परंतु वे मान सर्जित कृत्रिम रेषों से बनाये जाते हैं जो कृत्रिम रेशम के नाम से प्रसिद्ध है। उसमें से रेयोन (चीकने-चिर्पाचम्येतार) वनस्पति में से बनते हैं जबकि नायलोन एवं पोलिस्टर (टेरीन) पेट्रोलियम का उप उत्पादन (Byproduct) हैं। एक बार बुना गया रेशम, उसकी बुनने की रीति (डिजाइन) एवं वह वस्त्र देश या प्रदेश के नाम से अलग-अलग नामों से पहिचाना जाता है। बोस्की (Boski), शुद्ध क्रेप (काला रेशमी वस्त्र- Pure Crepe), शुद्ध पारदर्शी रेशम, शुद्ध सिफोन (Pure Chiffon), शुद्ध गजी (Pure Gaji), शुद्ध पतला रेशमी वस्त्र, शुद्ध जार्जेट (Pure Georgette), खादी सिल्क, ओरगेन्जो (Organza), शुद्ध साटिन (Pure Satin), मटका सिल्क आदि १००% रेशमी वस्त्र हैं । कलकत्ता, गढवाल, मदुराई एवं शांति निकेतन में से तैयार होने वाली साड़ियाँ या तो १००% रेशमी या १००% सूती होती हैं।
नारायण पेठ (आंध्रप्रदेश) की साड़ियाँ भी १००% रेशमी या सूती हो सकती हैं । वेंकटगिरि साड़ियाँ संपूर्ण सूती या कुछ अंशों में रेशमी हो सकती हैं । चंदेरी, टिश्यु, पूना, वेंकटगिरि एवं मध्यप्रदेश की महेश्वरी साड़ियों में खडे तार रेशम के एवं आडे तार सूती होते हैं। मणिपुरी कोटा एवं मुंगा कोटा में रेशम व सूत दोनों होते हैं। मटका सिल्क १००% रेशम है। इस मटका सिल्क में खड़े तार परंपरानुसार रेशम के होते हैं जब कि आडे तार तितलियों द्वारा अपने मुख से कोशेटों को काटकर जीवित बाहर निकल गये हों ऐसे कोशेटो के होते है। इन तितलियों के अंडे रखते ही उन्हें मार डाला जाता है।
शुद्धक्रेप, चिनोन, सिफोन, गजी, जोर्जेट, साटिन आदि जैसे वस्त्र मानव निर्मित कृत्रिम रेषा में से बनाये जाते हैं उसे कृत्रिम रेशम (Art Silk) कहा जाता है। तानछोई नामक सस्ते रेशमी वस्त्र में खड़े तार रेशम के एवं आडे तार कृत्रिम रेशम के होते है।
चाइनीज नहिं परंतु चाइनासिल्क नामक जापानीज एवं भारतीय रेशमी वस्त्र में शुद्ध रेशम नहीं होता है परंतु पोलिस्टर होता है।
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