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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ॥अथशुक्लयजुर्वेदमाध्यंदिनीयसंहिताप्रा०॥ HAMA For Private and Personal Use Only
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________________ Acharya Shri Railassagarsun Gyaradil www.kobatirth.org Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra SAVED 4:6 समुदाय kang sesuai For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobairthorg Acharya Sh Kailassagersun Gyarmandie तंवयंव्यन्धूर्वामः // देवानामसिबह्नितमसनितमुम्पप्रितमञ्जुष्टत मन्देवहूतमम् 8 अन्हुतमसि॥ हविर्धानन्दृहस्वमाढामातेयुज्ञपति र्षीित् // विष्ष्णुस्त्वाऋमतामुरुवातायापहतुरक्षोयछन्ताम्पञ्च 9 // देवस्यत्वा॥सवितुप्प्रसुवेश्विनौ हुक्याम्पूष्ष्णोहस्तांच्याम्॥ अग्नयेजुष्टङ्गलाम्म्युग्नीषोमाव्याअष्टङ्गह्लामि१० भूतार्यत्वा॥ तार्यत्वानातियेस्वर िविख्यपुन्हन्तान्दु पृथिव्यामुर्धन्त | रिक्षमन्वैमिपृथिव्यास्त्वानाभौसादयाम्यदित्याऽउपस्त्थेग्नेहव्यः | रक्ष 1167 पवित्रैस्त्थः // पुवित्रैस्त्थोवैष्ष्णन्यौसवितुर्व प्रसुव / उत्पुनाम्म्यच्छिद्रेणपुवित्रेणुसूय॑स्यरश्म्मिभिः // देवीरापोऽअग्ये For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पृ.अ. पू गुवोऽअग्ग्रेपुवोग्यंऽइममुद्ययुज्ञनयुताग्नेयुज्ञपति सुधातुय्यज्ञपति न्देवयुवम् 12 युष्म्माऽइन्द्रः / युष्म्माऽइन्द्रोवृणीतबृत्रतूययूयमि। न्दमवृणी वृत्रतूर्येप्पोक्षितास्त्थ // अग्नयेत्त्वाजुष्टुम्म्प्रोक्षाम्म्य ग्नीषोमाभयान्त्वाजुष्टम्प्रोक्षामिदिव्यायकर्मणेशुधवन्देवयुज्या। यैयद्वोशुद्धाऽपराजग्मुरिदंबस्तच्छुन्धामि 13 [२शम्मासि / श। मास्यवधूत : रक्षोवधूताऽअरांतयोदित्यास्त्वसिप्पतित्वादिति / वेत्तु। अदिसिवानस्प्पुत्योग्यावासिपुथुबुभुप्रतित्वादित्यास्त्वग्वे / त्तु 14 अग्नेस्तनू / अग्नेस्तुनूरेसिवाचोविसर्जनन्देववीतयेत्वाग 2 हामिबुहद्वासिवानस्प्पत्त्या सऽइदन्देवेश्व्योहविःशमीष्ष्वसुश। For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir मिशमीष्ष्व // हविष्कुदेहिहविष्कुदेहि१५कुक्कुटोसि। कुक्कुटोसिम धुजिब इषमूर्जमावदुत्वयाव्य सङ्घात सङ्घातजेष्म्मवर्षवृद्धमसि पतित्वावर्षवृद्धवेत्तुपरांपूरक्षऽपरांपूताऽअरांतुयोपहरक्षोवायु बोधिविनक्तुदेवोव सविताहिरण्यपाणुिप्प्रतिगृणात्वच्छिद्रेणपा णिना 163] धृष्टिरसि ।धृष्टिरस्यपग्नेिऽअग्निमामादअहिनिष्क ध्यादसेधादेवयज॑वह॥ध्रुवर्मसिपृथिवी हिब्रह्ममुवनित्वाक्षत्रुवनि सजातुवन्युपंदधामिनातृव्यस्यबधार्य 17 अग्नुब्रह्म। गृमणी वधुरुणमस्युन्तरिक्षब्रह्मवनित्त्वाक्षत्रुवनिसजातुवन्युपेदधा / मिनातृव्यस्यवधायाधुब्रमसिदिवहिब्रहमुवनित्त्वाक्षत्रुवनिसजा 杉杉於於杂杂杂杂杂杂杂杂杂杂杂杂杂杂杂杂杂杂杂幹部將於染整整落於警 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. तवन्युपदधामिनातव्यस्यवधाय // विश्वाणयुस्त्वाशायऽउ पू.अ. पदधामिचितस्त्थो चितोभृगूणामङ्गिरसान्तपसातप्प्यहम् 18 2] शम्मासि / शर्मास्यवधूत रक्षावधूताऽअरांतयोदित्यास्त्व गसिप्प्रतित्वादितिर्वेत्तु // धिषणासिपर्वतीप्प्रतित्वादित्यास्त्वग्ग्वैत्तु / दिवस्वमनीरसिधिषणासिपार्वतेयीप्पतित्वापर्वतीवेत्तुधान्यमसि / 19 धान्यमसि / धिनुहिदेवान्प्राणायत्त्वोदानायत्वाध्यानायत्वा / दीग्र्घामनुपसितिमायुषेधान्देवोवः सविताहिरण्यपाणिप्प्रतिग। भणात्वच्छिद्रेणपाणिनाचक्षुषत्वामुहीनाम्पयोसि 20 [3] देव / स्यत्वा। सवितुष्प्प्रेसवेश्विनौर्बाहुभ्याम्पूष्ण्णोहस्ताक्याम्। सं MY For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पामिसमापुऽषधी िसमोषधयोरसैन॥ सवतीजगतीभिः पृश्यन्तासम्मधुमतीमधुमतीभित्पृश्यन्ताम् 21 जनयत्यैत्वा / || जनयत्यैत्वासय्यौमीदमुग्नेरिदमुग्नीषोमयोरिषेत्वाघम्मोसिवि प्रश्वायुरुरुप्पथाऽउरुप्पथस्वोरुतैयुज्ञपतिप्प्रथतामुग्निष्टुत्वचुम्मा हिल्सीडेवस्त्वासविताश्रपयतुबर्षिष्ठेधिनाकै 22 मा / मामा संबिक्थाऽअमेिरुद्रुज्ञोतमेरुर्व्यजमानस्यप्पुजा यात्रुितायत्वा | वितायत्वैकुतायत्वा 23[3] देवस्यत्वा / सवितुरुप्पसवेनिश्वनों हुस्याम्पूष्ष्णोहस्ताभ्याम् // आदंदेहरकतन्देवेभ्य इन्द्रस्य | बाहुरसिदक्षिण सुहस्रभृष्टि शुततेजाबायुरसितिग्मतेजाविषुतोछ / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir 1.अ. पू. ध: 24 पृथिविदेवयजनि। पृथिविदेवयजुन्योषड्यास्तेमूलम्मा || हिसिषजङ्गच्छगोष्टानुवर्षतुतेद्यौर्बधानदेवसवितऽपरमस्याम्पृथि याशतेनुपाशैय्यास्म्मान्द्वेष्टियञ्चव्यन्द्विष्म्मस्तमतोमामौक् 25 अपाररुम्।अपाररुम्पृथिव्यैदेवयजनाबद्धयासंबुजङ्गछगोष्ठानुवर्षतु तेयौवधानदेवसवित परमस्याम्पृथियाशतेनुपाशैयस्म्मिान्दै ष्टियञ्चव्यन्द्रुिष्म्मस्तमतोमामौंक्॥ अरेरोदिवम्मापप्तोट्टप्प्सस्तुद्या मास्केन्युजङ्गच्छगोष्ठानवर्षतुतेद्यौवधानदेवसवित ई परमस्याम्प। थिव्या शतेनुपाशैोस्म्मान्द्वेष्टियञ्चव्यन्दुिष्म्मस्तमतोमामौक 26 गायत्रेणत्वा / गायत्रेणत्वाच्छन्दसापरिगृह्णामित्रैष्टुं नत्वाच्छ| 特举杂给爷爷参华华杂杂学学会学学举非举非举学学举学举举举幹幹幹幹幹 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsun Gyarmandie www.kobairth.org न्दसापरिगृह्णामिजागतेनत्वाच्छन्दसापरिगृह्णामि।सुक्ष्म्माचासिशि वाचासिस्योनाचासिसुषदाचास्यूर्जस्वतीचासुिपयस्वतीच 27 राङ्करस्याविसृपोधिरप्पिशन्नुदादायपृथिवीजीवदानुम्॥यामैरयश्चन्द मंसिस्वधाभिस्तामुधीरासोऽअनुदिश्ययजन्ते॥ प्रोक्षणीरासादयहि / पतोबधोसि 28 [5] प्रत्युष्टरक्ष / प्रत्युष्टरक्षऽप्प्रत्युष्टाअरा || तयोनिष्टप्रक्षोनिष्टप्प्ताऽअरातयः // अनिशितोसिसपत्नुक्षिद्वा / जिनन्त्वाबाजेद्ध्यायैसम्मामि // प्रत्युष्टुरक्षुप्प्रत्त्युष्टाऽअरीत / योनिष्टृप्तरिक्षोनिष्टप्प्ताऽअरातयः // अनिशितासिसपत्नुक्षिद्वाजि नीत्वाबाजेक्ष्यायैसम्माज्मि 29 अदित्यैराना / सिविष्ष्णोई / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. प्प्योस्यूर्जेत्वादधनत्वाचक्षुषावपश्यामि // अग्नेजिह्वासिंसुहईवे क्योधाम्नेधाम्नमेभवुयजुषेयजुषे ३०सुवितुस्त्वां। प्रसुवऽउत्त्यु नाम्म्यच्छिद्रेणपुवित्रेणसूर्यस्यरश्मिभिः॥सुवितुःप्प्रसुवऽउत्पु नाम्म्यच्छिदेणपवित्रैणुसूर्यस्यरश्म्मिभिसातजासिशुक्रमस्यमृतम सिधामुनामांसिप्पियन्देवानामनाधृष्टन्देवयजनमसि३१श इति / श्रीवाजसनेयसंहितायांप्रथमोध्याय॥१०॥अनुवाकसूत्रीकृष्णो सिषड, मेवाजजित्तिस्रो, मयीद, मनीषोमयोःपंचका, वनेदब्धायो / चतस्रः, संवर्चसापंचा, मयेकव्यवाहनायषट, सप्तचतुविशत्॥क 5 ष्ष्णौसि। कृष्ष्णोस्याखरेष्ठाग्मयत्वाजुष्टुम्प्रोक्षामिवेदिरसिबुर्हिर्षे For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वाजुष्टाम्पोक्षामिवर्हिरसिस्रुग्यस्त्वाजुष्टम्प्रोक्षाम्म्यदित्यैव्युन्द नम् 1 अदित्यैव्युन्दनमसिविष्ष्णौस्तुपोस्यूर्णम्म्रदसन्त्वास्तृणामि स्वासुस्त्थान्देवेश्योभुवपतयेस्वाहा वनपतयेस्वाहाभूतानाम्पत || येस्वाहाँ 2 गन्धर्वस्त्वा / विश्वावसुः परिदधातुविश्वस्यारिष्ट्यै यजमानस्यपरिधिरस्युग्मिरिडाईडितः ।इन्द्रस्यवाहुरंसुिदक्षिणोवि श्वस्यारिष्ट्यैयजमानस्यपरिधिरस्युग्मिरिडाईडिता मित्रावरुणौ त्त्वोत्तरत परिधत्तान्ध्रुवेणुधर्मणाविश्वस्यारिष्ट्यैयजमानस्यपरि धिरस्युमिरिडऽईडितः 3 बीतिहोत्रन्त्वा। कवेद्युमन्तु समिधीमहि / // अग्नेबुहन्तमवरे 4 सुमिदसि / सुमिदसिसूर्यस्त्वापुरस्तात्पातु For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. कस्याश्चिदभिशस्त्यै। सुवितुर्बाहुस्त्थुऽऊणम्म्रदसन्त्वास्तृणामि पू.अ स्वासुस्थन्देवेन्यु आत्वावसवोरुद्राऽआदित्यासंदन्तु 5 घुताच्य सि / जुहूर्नाम्नासेदम्प्रियेणुधाम्नाप्पिय सदऽआसीदघुताच्यस्यु। पन्नाम्नासेदम्प्रियेणधाम्नांप्रिय सदः आसीदधुताच्यसिद्धवा नाम्नासेदम्प्रियेणुधाम्नांप्रियस आसीदप्पियेणुधाम्नांप्रिय / सद आसीद // ध्रुवाऽअसदन्तस्युयोनौताविष्ष्णोपाहिपाहियज्ञ। म्पाहियुज्ञपतिंपाहिमांयजुन्यम् 6[6] अग्नेबाजजित् / अग्ने / वाजजिबान्त्वासरिष्यन्तंबाजजितुसम्मार्जिम्म॥ नौदेवेश्य स्वधापितृस्य सुयमैमेभूयास्तुमस्क्वनमुद्य७ अस्कनमुद्य। देवे For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir 特染整整容整整染整幣幣染整容整容整容整帶路帶察整容容容整常帶紫聲聲聲聲聲聲 फ्यु आज्ज्यु 6 सम्नियासुमङ्क्षिणाविष्ष्णोमात्वावऋमिषवसुम तीमग्नतेच्छायामुपस्त्थेषुविष्ष्णोत्थानमसीत ऽ इन्द्रोविर्यमक णोदुोडरऽआस्थात् 8 अग्नेवे / अग्ग्नेवहाँत्रवे?त्यमवतान्त्वा / न्यावापृथिवीऽअवुत्वन्द्यावापृथिवीस्विष्टकडेवेन्युइन्द्र आज्ज्य नहविर्षाभुत्स्वाहासज्योतिषाज्ज्योतिः 9[3] मयीदम् / मयाद मिन्द्रऽइन्द्रियन्दधात्व॒स्मान्त्राोमुघवान सचन्ताम् / अस्माक सन्त्वाशिषः सुत्यान’ सन्त्वाशिषऽउपहूतापृथिवीमातोपुमाम्पृथि / वीमाता_यतामग्निराग्नीद्वात्स्वाहाँ 10 उपहूतोद्यौः / उपहतो द्यौष्टिपतोपुमान्द्यौष्टिपता यतामुग्निराग्नीद्वात्स्वाहा / देवस्य 沿苏省常警報器彩券:岩岩岩岩若若若若若若若若若於勞药费對於勞斯影杂劳 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir 36 or संहि. त्वासवितुश्प्यसवेश्विनौगियाम्पूष्प्णोहस्ताभ्याम्॥प्रतिगृह्णा म्युग्नेष्ट्रास्येनप्पान्नामि ११एतन्त। देववित[ज्ञम्प्रावृहस्पतये / / ब्रहमणे तिनयज्ञमव॒ते यज्ञपतिन्तेनुमामव 12 मनौजूतिशमनों / जूति पतामाज्ज्यस्यबृहस्प्पतिर्थज्ञामिमन्तनोत्वरिष्टुंग्यज्ञह समि। मन्दधातु // विश्वेदेवासेऽइहमादयन्तामोइम्प्रतिष्ठ 13 एषाते / / ऽअग्नेसुमित्तयाबर्द्धस्वचाचप्प्यायस्व // बुद्धिषीमहिंचव्यमाचे प्प्यासिषीमहि // अग्नेबाजजिद्वान्त्वाससवासवाजजितुस म्मार्जिम्म 14[5] अग्नीषोमयोरुनितिम् ॥अग्नीषोमयोरुजि 7 तिमनूज्जेवाजस्यमाप्रसुवेनुप्पोहामि // अमीषोमौतमपनुदतां / 路路路路路路路聲聲聲勢路路路路路路路路路路路路路路路路路路路路路路 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir योस्मान्द्वेष्टियञ्चव्यन्दुिप्म्मोबाजस्यैनम्प्रसुवेनापोहामि // इन्द्रा / ग्योरुजितिमनज्जैपंवाजस्यमाप्प्रसुवेनुप्पोहामि॥इन्द्रामीतमपनु / दतांब्योरम्मान्द्वेष्टियञ्चव्यन्द्रुिष्म्मोबाजस्यैनम्प्रसुवेनापोहामि१५ बसुन्यस्त्वारुद्रेक्यस्त्वादित्येभय॑स्त्वासानाथान्यावापृथिवी | मित्रावरुणोत्वावृष्टयावताम ॥ड्यन्तुवयोक्तहरिहाणामुरुताम्पृक्ती गच्छबुशापृश्नि त्वादिवङ्गच्छततौनोवृष्टिमावह ॥चक्षुष्प्पाऽ ग्नेसुिचक्षुम्मपाहि१६यम्परिधिमायम्परिधिम्पुर्यधत्थाऽअग्नेदेव / पुणिभिमुह्यमानः // तन्तऽएतमनुजोषम्भराम्म्येषनेत्वदपचेतयां ताऽ अग्मे प्रियम्पाथोपीतम् 17 सुनुवभागास्त्थेषाबुहन्तः For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir संहि प.अ. 3 प्प्रस्तरेष्ठापरिधेयाश्चदेवाः // इमांबाचमुभिविश्वगुणन्त आस सारिम्मन्बुर्हिषिमादयड स्वाहाबाट 18 घृताचीस्त्थः / घुताची 2 स्त्थोधुय्यौपातसुम्नेस्त्थं सुम्नेमांधत्तम्॥ यजुनमश्चतुऽ उपंचयु ज्ञस्यशिवेसन्तिष्ठस्वस्विष्टेमसन्तिष्ठस्व 19[5] अग्नेदधायो। शीतमपाहिमादियो पाहिप्पर्सित्यपाहिदुरिष्टयपाहिदुरग्अन्याओ विषनः पितुणुसुषदायोनीस्वाहाबाडुग्नयसंवेशपतयेस्वाहासरस्व / त्ययशोभुगिन्यै स्वाहा२० वेदोसि ।वेदोसियेनत्वन्देववेददेवेन्योछ / दोभवस्तेनुमावदो या // देवांगातुविदोगातुंबित्वागातुमित // मनसस्पतऽडुमन्दैवयुज्ञस्वाहाबातेधा 21 सम्बुर्हि / सम्बुर्हिर For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir हाहविषाधुतेनुसमादित्यैवसुशिसम्मुरुद्भिः॥समिन्द्रोविश्वदेवे भिरकान्दिव्यनौगच्छतुयत्स्वाहा२२कस्त्वा / कस्त्वाविमुञ्चतिस वाविमुञ्चतिकरम्मैत्वाविमुञ्चतितसम्मैत्वाविमुञ्चतिपोषायुरक्षसा आगोसि 23[4] संवर्चसा। संवर्चसापयंसासन्तुना िरगन्महिमन सासशिवेन। त्वष्टासुदवोविदधातुरायो माटुंतुन्बीयविलिष्टम् 24 दिविविष्ष्णु।दिविविष्ष्णुर्व्यऋस्तुजागतेनुच्छन्दसाततोनिर्भ तोयोसम्मान्द्वेष्टियञ्चव्यन्दुिष्म्मोन्तरिक्षेविष्णुयऋस्तुत्रैष्टोन च्छन्दसाततोनिभक्तोयोस्म्मान्द्वेष्टियञ्चव्यन्द्विष्म्म पृथिव्यान्वि प्ष्णुर्यऋस्तगायुत्रेणुच्छन्दसाततोनिक्लोयोम्मान्द्वेष्टियञ्चव्य For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir न्द्रुिष्ष्मोसम्मादन्नौदस्यैप्प्रतिष्ठायाऽअगन्मस्वःसज्योतिषाभूम२५ स्वयम्भूरसिं / स्वयम्भूरसिश्श्रेष्ठोरश्म्मिवादाऽअसिबच्चैमिदेहि ।सू यस्यावतुमन्त्रावर्ते 26 अग्नेगृहपते / सुगृहपतिस्त्वयाग्नेहङ्गहरे तिनाभूयास सुगृहपतिस्त्वम्मग्नेिगुहपतिनाभूया।अस्त्थरिणी गार्हपत्त्यानिसन्तुशत हिमाउसूर्यस्यावृतमन्न्वावर्ते 27 अग्नैबतप ते। ब्रतमंचारिपन्तदशकुन्तन्मेराधीदमुहय्य एवास्म्मिसोस्म्मि 28 [5] अग्नयेक युवाहनायुस्वाहासोमायपितमतेस्वाहाँ / अपह ताऽअसुरारक्षा सिवेदिषदः 29 येरूपाणि / प्रतिमुश्चमानाऽअ. सुराःसन्त स्वधयाचरन्ति ॥पुरापुरॉनिपुरोवेभरेन्त्युग्मिष्टाँल्लोका For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रणुदात्युस्म्मात् 30 अपितरः / अत्रपितरोमादयहूंख्यथााग माषायहम् // अमीमदन्तपितरोयथाआगमावृषायिषत 31 न / मोर्वपितरोरसायुनाव पितरशोषायनमावपितरोजीवायुनों व पितरदस्वधायैनमौवापितरोधोरायुनाव पितरोमुन्यवेनमाव / / पितर पितरोनोवोगुहान पितरोदत्तसुतोवः पितरोदेष्म्मतवः / / पितरोबासुऽआधत्त 32 आधत्त पितरोग मारम्पुष्करस्रजम् // यथेहपुरुषोसंत 33 ऊर्जुम्वहन्ती। उज्जवहन्तीरमृतङ्घतम्पयः / कीलालंपरिसृतम्। खुधास्त्य॑तुर्पयतमेपितॄन् 34 [6] इतिसंहि तायांद्वितीयोध्यायः 2 समिधानिम, भूर्भुवःस्वश्चतुष्का, बमि / / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 6 m ज्योतिर्दै, उपप्रयन्तषडि शति, भूर्भुव स्वःश्चतस्रो, गृहामात्तिस्रः, प्रघासिनः पंच, पूर्णादविद्वे, अक्षनमीमन्तषडे, पतेसप्त, दश 10 विषष्टीः सुमिधाग्निम् / सुमिधाग्निन्देवस्यतधुतैवोंधयुतातिथिम् | // आस्म्मिन्हुल्या होतन 1 सुप्तमिद्धायशोचिर्षे // घुतन्तीब्र | होतन // अग्नयेजातवेदसे २तन्त्वा। सुमिद्भिरङ्गिरोघुतेनबर्द्धयाम |सि // बुहच्छौचायविष्ट्य 3 उपत्वा ।ग्नेहविष्म्मतीर्घताचीयन्तु हर्यत॥ जुषस्वसुमिधोमम४ [4] भूर्भुवः। भूर्भावस्वद्यौरिवा म्नापृथिवीवबारिम्म्णा // तस्यास्तेपृथिवीदेवयजनिपृष्ठमिमन्नादम / / नायायादधे ५आयम्।आयङ्गो पृश्निरक्रमीदसंदन्मातरम्पुरः // For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shui Kailassagarsuneyarmandir पितरश्चप्पुयंत्स्व अन्तश्चरति। रोचुनास्यप्पाणादपानुती // व्य ख्यन्महिषोदिवम् 7 विशद्धाम / विशद्धामुधिराजतिवाक्पत डायधीयते॥प्रतिवस्तारहद्युभिः 8 [4] अग्निोतिः / अ ग्मिज्योतिर्कोतिरग्निश्स्वाहासूर्योज्ज्योतिज्योति सूर्यस्वा हाँ। अनिर्वच्चोज्ज्योतिर्वचुःस्वाहासूर्योबच्चोज्ज्योतिर्वच॑स्वाहा। ज्योतिःसूर्युःसूर्योज्ज्योतिःस्वाहा९सुजू वेन। सवित्रासुजूराव्ये न्द्रवत्या॥जुषाणोऽअग्निवैतुस्वाहा ॥सुजुर्दुवे सावित्रासुरुषसेन्द्र वत्या। जुषाण सूर्योबेतुस्वाहा 10 [2] उपप्प्रयन्तोऽअङ्करम् / उपप्पयन्तोऽअड्डरम्मन्बोचेमामय।आरेऽअस्म्मेचशृण्वते 11 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir F6M अग्निर्मू / दिव कुकुत्पति पृथिव्या अयम् // अपारेतासि 11 जिन्वति 12 उआवाम् / आवामिन्द्रामीऽआहुवद्धयाऽउभाराध सत्सुहमादयद्धयै // उदातारांविषारयीणामुभावाजस्यसातये हुवेवाम् 13 अयन्ते / अयन्तुयोनिस्वियोयतोजातोऽअरोच था॥ तआनन्नाऽआरोहाथांनोबर्द्धयारयिम् 14 अयमिह / प्य थमोधायिधातृशिहोतायजिष्ठोऽअटुरेष्ष्वीड्डयः // यमनवानोगं वोबिरुरुचुवनेषुचित्रंविश्वविशेविशे 15 अस्यप्युत्नाम् // अस्य प्रत्नामनुद्युत शुऋन्दुदुन्हे अन्हयः // पय-सहस्रसामृषिम् // तन 11 पाऽअंमे। सितुन्वम्मपात्यायुर्दाऽअग्नेस्यायुम्मैदेहिबच्चादाऽअग्ने For Private and Personal Use Only
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________________ San Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir सिबच्चोंमेदेहि ॥अग्नेयन्मैतुन्वाऽनन्तन्मऽआपण // 17 इन्धा नास्त्वा। शुत हिमांशुमन्तुः समिधीमहि // वयस्वन्तोवयुस्कृत सहस्वन्तःसहस्कृतम् // अनैसपनुदम्भनमदब्धासोऽअदाभयम्।। चित्रीवसोस्खुस्तितेपारमशीय१८सन्त्वम्।सन्त्वम॑ग्नेसूय॑स्युबच्च सागथासमृषीणाऽस्तुते // सम्प्रियेणधाम्नासमुहमायुषासंबच्चे। सासम्प्रजयासरायस्प्पोषणग्मिषीय१९ अन्धस्स्था। अन्धुत्था न्धोवोभक्षीयुमर्हस्थमहोवोभक्षीयोर्जुस्त्थोनंबोभक्षीयरायस्प्पो स्त्थरायस्प्पोषोभक्षीय 20 रेवतीरमद्यम् / रेवतीरमद्दमसिम्म न्योनांवम्मिन्गोष्ठस्म्मिल्लोकेरिम्मन्न्क्षये // इहैवस्तुमापंगात 21 得恭恭若非禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁然然然然然然然然然然然然然然 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsur Gyarmandir www kabarth.org संहि.सहितासि / विश्वरूयप्पूर्जामाविशगौपुत्त्येनं // उपत्त्वाग्नेदिवेदि 12 वदोषावस्तड़ियाबुयम् // नमोभरन्तु एमसि 22 राजन्तमहराणां म् / राजेन्तमहराणाङ्गोपामुतस्युदीदिविम् // बर्द्धमानुस्वेदमे 23 / सन / सन’ पितेवेसनवेनेसूपायुनोभव / सचस्वान खुस्तयों 24 अग्नेत्त्वम् / अग्नेत्त्वनोऽअन्तमऽउतत्राताशिवोभवावरू थ्यबसुरग्निर्वसुश्रवाऽअच्छानक्षिामत्तमहरयिन्दा९२५तन्त्वा / / / तन्त्वांशोचिष्ठदीदिवः सुम्नायनुनमीमहेसखियः // सनोवो धिश्श्रुधीहवमुरुष्ष्याणोऽअघायुत समस्म्मात् 26 इडुऽएहि / इडुए 12 यदितु एहिकाम्म्याऽएतं // मर्यिवकामधरणम्भूयात् 27 सोमान | For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ******************* * स्वरणम् ।णुहिब्रहमणस्प्पते // कुक्षीवन्तुंग्याऔशिजा२८योरे वान्। बोरेवान्योऽअमीवुहावसुवित्पुष्टिवर्दैनः॥ सन:सिषक्यस्तु / र 29 मान।मानुसोऽअरुषोधूर्ति प्रणुङ्मय॑स्यारक्षाणो / ब्रह्मणस्प्पते 30 महिन्त्रीणाम।महिंत्रीणामवौस्तुद्दाक्षम्मुित्रस्याये / म्म्ण // दुराधर्षवरुणस्य 31 नुहितेषामानुहितेषामुमाचुनना सु बारणे।ईशैरिपुरघहसा 32 तेहिपुत्रासोऽअदितप्पजीवसेमा / य॥ज्योतिर्यछन्त्यज॑स्रम् 33 कुदाचन / स्तुरीरंसिनेन्द्रसश्चसि / दाशुषे // उपोपेन्नुमघवन्य इन्नुतेदानन्देवस्यपृश्यते 34 तत्सवि तु। तत्सवितुर्वरेण्यम्भगदेिवस्य धीमहि। धियोयोन:प्प्रचोदयात् * *** ********* For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir is m 35 शतम् 100 परितेदुडओरथोरम्मा // अश्नोतुविश्वतः पू. अ. 13 येनुरक्षसिदाशुष 3626] भूर्भुवः। भूर्भुवस्वःसुप्प्रजाप्पुजा / नि:स्याऽसुवारोबारै सुपोषपोः // नयप्प्रजाम्मैपाहिशस्य पशून्मपात्यथर्वपितुम्मैपाहि 37 आगेन्म ।विश्ववेदसमम्म / नयंवसुवित्तमम्॥अग्नेसम्ञाभिद्युम्नमुभिसहऽआयच्छस्व३८ अयमुग्निः / अयमुग्निगुहषतिग्गार्हपत्यप्प्रजायांबसुवित्तमः // अग्नेगृहपतेभिद्युम्नमुभिसआयच्छस्व 39 अयमुनिः। अयम् / निपुष्प्पिोरयिमान्पुष्टिवर्द्धन // अग्नैपुरीष्ष्याभिद्युम्नमुभिसह 13 आयच्छस्व 40 [4] गृहामा / विभीतुमावैपड्डुमूर्जुम्बिनत For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir sएमसि // ऊर्जुम्बिसुमनासुमेधागुहानैमिमनसामोदमान 41 येषामुद्ध्येति / प्प्रवसुन्न्येषुसौमनसोबहुः // गुहानुपवयामहे तनौजानन्तुजानतः 42 उपहूताऽइह। गाव उपहूताऽअजावयः॥ अथोऽअनस्यकीलालुऽउपहूतोगुहेप्नाक्षेमायवः शान्त्यैप्रपद्येशि व शुग्म शुंग्योश्शुय्यो 43 प्रघासिनोहवामहे / मुरुतश्च / रिशादस // कुरम्भेणंसुजोषस 44 यद्दाम। यद्नामेयदरण्येयत्सु भायांग्यदिन्द्रिये // यदेनश्चमाध्यमिदन्तदवयजामहेस्वाहाँ४५ मोपूर्ण / मोषणऽइन्द्रावपुत्सुदेवैरस्तुिहिष्म्मतिशुष्म्मिन्नवया // // मुहश्चिद्यस्य॑मीढुषोयुझ्याहुविष्म्मतोमरुतोवन्दतेगी 46 अऋ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सहि कर्मकर्मकृत सुहवाचामयोभुवा // देवेन्युडकर्मकृत्त्वास्तुम्मे पू.भ. 14 तसचा व 47 अवभृथनिचुम्पुण। निचुरुरंसिनिचुम्पुणः // 3 दुवैवस्तुमेनौयासिषुमवमत्त्य॒मय॑कृतम्पुरुराव्णोदेवरिषस्प्पा / हिसा]पूर्णादविपूर्णादविपपितुसुपूण्णापुनरावृतावस्नेवविक्री णावहाऽइषुमर्जशतऋतो 49 देहिमें / देहिमेददामितेनिमधेहिनि तेदधे॥ निहारेञ्चहरांसिमेनिहारनिहराणितेस्वाहा 50 अक्षुन्नमीमद / न्त / अक्षन्नीमदन्तुयवप्रियाऽअधूषत // अस्तौषतस्वज्ञान वोबिप्पानविष्ठयामुतीयोजान्विन्दतुहरी 51 सुसुन्दन्विा / सुस 14 नशन्त्वाव्यम्मघवन्वन्दिषीमहि // अनूनम्पूर्णवन्धुरस्तुतोयासिब For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शाई // अनुयोजान्विन्द्रतुहरी 52 मनोनु। मनोन्वाहामहेनारा शुसेनस्तोमैन। पितृणाञ्चमन्मभिः 53 आन। आनंऽएंतुमनः पुनस्ऋत्त्वेदक्षायजीवसे ॥ज्योक्कसूय॑न्दुशे 54 पुनन / पुनर्नपि / तरोमनोददातुदैव्योजनः॥जीवंबात सचेमहि 55 वयहसोमबते / तवमनस्तुनःविनंतः॥प्रजावन्तःसचेमहि 56 एषते। रुद्दभाग सहस्वस्राम्बिकयातञ्जुषस्वस्वाहेषतरुवनागऽआखुस्तैपशुः 57 वरुद्रम् / अवरुद्रमंदीमुह्यवदेवन्त्र्यम्बकम् // यानोवस्य॑सुस्क रयानु श्रेयसुरक्करयानोव्यवसायात् 58 भेषजमंसि। | पुजङ्गवेश्श्वायुपुरुषायभेषजम् // सुखम्मेषायमेष्ष्यै 59 त्र्यम्ब For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कंग्यजामहे / सुगन्धिम्पुष्टिवर्द्धनम्॥ उर्वारुकमिवुबन्धनान्मृत्यो / 15 ार्मुक्षीयुमामृतात् // त्र्यम्बकंव्यजामहेसुगन्धिम्पतिवेदनम् // उद्या रुकमिवबन्धनादितोर्मुक्षीयुमामुतः 60 एतत्तै / रुद्रावसन्ते परो मूर्जवतोतीहि // अवततधन्वापिनाकावसुकृत्तिवासाऽअहिल्स निशिवोतीहि 61 व्यायुषंज्जुमदग्ने कुश्यपस्यच्यायुषम् // यद्देवे / / घुयायुषन्तन्नो अस्तुच्यायुषम् 62 शिवोनाम। शिवोनामासिव / धितिस्तैपितानमस्तेऽअस्तुमामाहिसी // निवर्तयाम्यायुषन्ना द्यायप्प्रजननायरायस्प्पोषायसुप्पजास्त्वायसुवीर्याय 63 // 10 15 [7] इतिसंहितायांतृतीयोध्यायः एवंद्वे, महीनाम्पयश्चतस्र, आ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कूत्या, ऋक्सामयो, ढिकी, वतंझणुतषड़े, षतेचतस्रो,वस्यसिति स, एषतेद्वे, शुक्रत्वाचतस्रो, दित्यास्त्वगष्टी, दशसप्तत्रिशत् 10 ए, दम् / एदमंगन्मदेवयज॑नम्पृथिव्यायदेवासोऽअर्जुषन्तुविश्वे // ऋक्सामाझ्यासुन्तरन्तीय ओरायस्प्पोषेणुसमिषामदेम // माऽआप शर्मुमेसन्तुदेवीरोपंधुत्रायस्वस्वधितमैनहिसी १आ। पोऽअस्मान् / आपोऽअस्मान्मातरः शुन्धयन्तुघुतेननोघृतुप्प्वः / पुनन्तु // विश्वहिरिप्पम्प्रवहन्तिदेवीरुदिदाक्युशुचिरापूत एमि दीक्षातुपसौस्तुनूरसितान्त्वाशिवाशुग्माम्परिदधेशुवर्णम्पुष्ष्य न 2 [2] मुहीनाम्पयः / मुहीनाम्पयौसिवढूंदाऽअसिबच्चोंमेदे 於是答答答答答答答杂將帶苏於落於禁染染非禁萨蒂萨芬蒂芬都特許恭詳容茶莊 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir #######洋裝於茶养禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁游客都带并非 हि // बुवस्यासिकुनीनकश्चक्षुर्दाऽअसिचक्षुम्मैदेहि // 3 // चित्प पू. तिम्ा। चित्पतिर्मापुनातुबाक्पतिर्मापुनातुदेवोमांसवितापुनात्व। च्छिद्रेणपवित्रणुसूर्यस्यरश्मिाः // तस्य॑तेपवित्रपतेपवित्रपूतस्य / यत्कामड्पुनेतच्छकेयम् 4 आवः / आदिवासऽईमहेवामम्प्रय त्यहुरे // अर्वोदेवासऽआशिषोयुज्ञियासोहवामहे 5 स्वाहायज्ञम्।। स्वाहायुद्वमनसुः स्वाहोरोरन्तरिक्षात्स्वाहाद्यावापृथिवी यास्वा / हाबातादार स्वाहा 6[4] आकूत्यैप्प्रयुजे। आकूत्यैप्प्रयुजेग्न येस्वाहामेधायैमनसेग्मयेस्वहादीक्षायुतपंसेग्मयुस्वाहासरस्वत्त्यैपू 16 ष्ष्णेग्मयेस्वाहा // आपोदेवीवृहतीविश्वशम्भुवोद्यावापृथिवीउ | For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyarmandir रोऽअन्तरिक्षावृहस्प्पतेयेहावर्षाविधेमुस्वाहा 7 विश्वदेवस्य / बि श्वेदिवस्यनेतुमत्तोबुरीतसुख्यम् ॥विश्वौरायऽईषुद्धयतिद्युम्नं / वृणीतपुष्ष्यसेस्वाहाटा असामयोशिल्प्पे। कुख्सामयोः शिल्प्पैस्त्थस्तेवामा तेमापातमास्ययज्ञस्योदृचः // शम्मासुिश ममेयछनमस्ते अस्तुमामाहिसी 9 ऊर्गसि / ऊर्गस्याङ्गिरस्पू / र्णम्म्रदाऊज्जमयिधेहि ॥सोमस्यनीविरसिविष्ष्णोदशासिशम्म यजमानुस्येन्द्रस्युयोनिरसिसुसस्या कृषीस्कृधि / उ यस्ववना स्पतऽऊोमापादय हसुऽआस्ययज्ञस्योदृचः 10[2] तणु / त / व्रतकॅणुताग्मिब्रहमाग्मिय॒ज्ञोबनस्पतिर्युज्ञियः // दैवीन्धिय For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ########芬####### संहि. म्मनामहेसुमृडीकामुभिष्टयेवक़धांय्युशवाहस सुतीर्थानोऽअसुव 17 शे॥येदेवामनौजातामनोयुजोदक्षकतवस्तेनौवन्तुतेनःपांतुतेभ्यः स्वाहाँ 11 श्वात्राश्पीताः / श्वात्रा:पीताभवतयूयमापोऽअम्मा कमुन्तसुदरैसुशेवाः // ताऽअस्म्मन्यमयुक्ष्म्माऽअनमीवाऽअनांग सद स्वदन्तुदेवीरमृतोऽऋतावृधः 12 इयन्ते। युज्ञियातनूरपोर्मुञ्चा मिनप्प्रजाम् // अहोमुच स्वाहाकतापृथिवीमाविशतपृथिव्यास म्भव 13 अग्नेत्वम् / अग्नुत्व सुजागृहिवय सुम॑न्दिषीमहिरक्षा णोऽअप्प्रयुछन्प्रवुधेनु पुनस्कृधि 14 पुनुर्मानः / पुनुर्मानुपुनरा 17 युर्मुऽआगुन्पुनःप्याणपुनरात्मामुऽआगुन्पुनुश्चक्षुःपुनश्रोत्र ##杂杂##########杂杂杂杂杂杂 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मऽआर्गन // वैश्वानरोऽअधस्तनपाऽअग्मिनःपातुदुरितादेव द्यात् 15 त्वम॑ग्ने / बतुपाऽअसिदेव आमत्येष्ष्वा // त्वंयुज्ञेष्ष्वी डुयः // रास्यत्सोमाभूयोभरदेवोनः सविताबसौतावस्वंदात् 16 NE6] एषातशुऋतनूरेतद्वच॑स्तयासम्भवनाजङ्गछ॥ जूसिधुताम नसाजुष्टाविष्णवे 17 तस्यास्ते / सुत्त्यसंवसहप्प्रसुवेतुन्वायत्र मशीयस्वाहा ॥शुक्रमसिचन्द्रमस्युमृतमसिव्वैश्वदेवमसि १८चि दसि / मुनासिधीरसिदक्षिणासिक्षुत्रियांसियुज्ञियास्यदितिरस्युाय तशीष्ष्ण्णी // सानन्सुप्पांचीसुप्रतीच्येधिमित्रस्त्वापदिनीता पूषा नरप्पाविन्द्रायाध्यक्षाय 19 अनुत्वामातामन्यनामपि / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir cA तानुभातासगुभयोंनुसखासयूत्थ्य // सादेविदेवमछेहीन्द्रायुसो मसुद्रस्त्वावर्तयतुस्खुस्तिसोम॑सखापुनरेहि 20[4] वयसि / स्ट्युस्यदितिरस्यादित्यासिरुद्रासिंचन्द्रासि // बृहस्पतिष्ठासुम्नेर / म्णातुरुद्रोबसुभिराचक 21 अदित्यास्त्वा। मुईनाजिघम्मिदेव। यजनेपृथिव्याऽइडायास्प्पुदमसिघुतवत्स्वाहा॥ अस्म्मेरमस्वाम्मे तिबन्धुस्त्वेरायोमेरायोमायरायस्प्पोषणवियाँधम्मतोतारायः 22 समक्ख्ये / देव्याधियासन्दक्षिणयोरुचक्षसा // मामऽआयुद्ध प्प्रमौषीम्र्मोऽअहन्तवीरविदयुतर्वदेविसुन्दर्शि 23 [3] एषते। गायत्रोभागऽइतिमेसोमायबृतादेपत्तेत्रैटुंभोभाग इतिमेसोमायबूता 窮游称許容辭答答答都容器容容容容容容容容容容容器將於整容整答答答答 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir दषतेजागतोआगऽइतिमेसोमा॑यताच्छन्दोनामाना साम्प्राज्यङ्ग छतिमेसोमायब्रूतादात्म्माकोसिशुक्वस्तुग्ग्रहयोविचित्तस्त्वाविचिं न्वन्तु 24 अभित्त्यम् / अभित्त्यन्देवसवितारमोण्यो कुवि तुम मिसत्त्यसंवरत्नुधामुभिप्रियम्मतिविम् // यस्या मतिर्भाऽअदिद्युतत्त्सवीमनिहिरण्यपाणिरमिमीतसुऋतुःपास्वः / // प्रजाभ्यस्त्वाप्प्रजास्त्वानुप्पाणन्तुष्प्रजास्त्वमनुष्पाणिहि 25 / EVE2] शुक्रत्वा / शुक्रेणक्रीणामिचन्द्रञ्चन्द्रेणामृतममृतेन।।सुग्ग्मे / गोररम्मतेचन्द्राणितपंसस्तनूरसिप्पुजाप॑तुर्वण : परमेणपशुना क्रीयसेसहस्रपोषम्पुषेयम् 26 मित्रोनः। मित्रोन एहिसुमित्रधुइ / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir *** *** * ***************** न्द्रिस्योरुमाविशुदक्षिणमुशनुशन्तस्योन स्योनम् // स्वानुमा जारिवम्भरिहस्तुसुहस्तकशानवेतेवःसोमक्रयणास्तावक्षड्दुम्मा / वौदान 27 परिमा। ग्नेदुश्चरिताद्वाधुस्वामासुचरितेभज। उदा युषास्वायुषोद॑स्त्थाममृताइ / अनु 28 प्रतिपन्थाम् / प्रतिपन्थी मपद्महिस्वस्तुिगामनेहसंम् // येनविश्वापरिद्विषौबुणक्तिविन्दते| वसु 29[4] अदित्यास्त्वक् / अदित्यास्त्वगुस्यदित्यैसदऽआसी द // अस्तनाद्यांवृषभोऽअन्तरिक्षममिमीतबरिमाणम्पृथिव्याः // आसींदविश्वाभुवनानिसम्माड्डिश्वेत्तानिवरुणस्यत्रुतानि 30 व 19 नैषुधि / वनेषुव्यन्तरिक्षन्ततानुबाजुमव॑त्सुपर्यऽस्त्रियांसु // हुत्सु *********** For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ऋतुंवरुणोविश्वग्निन्दिविसूर्यमदधात्सोममट्ठौ 31 सूर्यस्युच क्षुःसूर्यस्यचक्षुरारोहाग्नेरक्षणकुनीनकम्॥ यत्रतशेभिरीयसेन्ना। जमानोविपश्चिता 32 उसावेतम् / उस्रावेतन्धूर्षाहौयुज्येथामन / श्रू अवीरहणौवमुचोदनौ॥स्तुस्तियजमानस्यगुहानगछतम् 33 भद्रोमें। सिप्पच्यवस्वभुवस्प्पतेविश्वान्युभिधामानि // मात्त्वा / परिपुरिणौविदन्मात्वापरिपुन्थिनौबिदुन्मात्वाकाऽअपायवोविद / न // श्येनोभूत्वापरांपतुयजमानस्यगुहान्गछतन्नौंसँस्कृतम् 34 न / मौमित्रस्य॑ नौमित्रस्युवरुणस्युचक्षसेमहोदेवायुतत संपर्यत॥ / दूरेदृरौदेवातायकेतवैदिवस्प्पुत्रायुसूयिशसत 35 वरुणस्यो For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandit पू. 特路路路路路路路路路路容容容容容差容幹幹幹幹幹幹容容容容器容器警察都容容容都 त्तम्भनम् / वरुणस्योत्तम्भनमसिवरुणस्यस्क्वम्भुसज्जैनीस्त्थोबर णस्य ऋतसदन्यसिवरुणस्य ऋतुसदनमसुिवरुणस्यऽऋतुसदनमा सीद 36 याते। यातेधामानिहविषायजन्तितातेविश्वोपरिअरस्तु यज्ञम् // गुयस्प्फान:प्रतरणसुवीरोवीरहाप्पचरासोमदुनि१० 37 [8] इतिसंहितापाठेचतुर्थाध्यायः 4 // 10 // अग्नेस्तन, रापतयेचतुष्को, तप्तायनीद्वे, इन्द्रघोषस्तिस्रो,युंजतेष्टी, देवस्यत्वा चतस्रो, देवस्यत्वापंच, विभूरसिंचतस्रो, ज्योतिरसिषडुरुविष्णो तिस्रो,दशत्रिचत्वारिंशत्॥अग्नेस्तन।अग्नेस्तनूरसिविष्ष्णवेत्वा 20 सोमस्यतुनरसिविष्णवेत्वातिथेरातित्थ्यमंसिविष्ष्णवत्वाश्येना 体验於勞形影带节能形形岩岩然容器卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷形影的着指指节将 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir यत्त्वासोमभतेविष्णवेत्त्वाग्नयेत्वारायस्प्पोषदेविष्णवेत्त्वा १अ ग्मेर्जुनित्रम् / अग्नेर्जुनित्रमसिवृषणौस्त्थऽउर्वश्यस्यायुरसिपुरूर वोऽअसि // गायत्रेणत्त्वाच्छन्दसामन्थामित्रष्टुं नत्वाच्छन्दसाम / न्थामिजागतेनत्वाच्छन्दसामन्थामि 2 अर्वतन / अवतन्नुसमन / सौसचेतसावरेपसौं ॥मायुज्ञहिसिष्टुम्मायुज्ञपतिजातवेदसौशिवौ / भवतमुवनः 3 अग्नाव॒ग्निः / अग्नाग्निचरतिप्पविष्टऋषीणा। |म्पुत्रोऽअभिशस्तुिपावा // सनःस्योनासुयजायजेंहदेवेन्यौहत्या सदमप्पंयुछन्त्स्वाहा 4 [4] आपतयेत्वा / आपतयेत्त्वापरिपत येगृह्णामितनूनप्प्वेशाक्करायुशक्तनऽउंजिष्ठाय ॥अनाधृष्टमस्यनाधु For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyarmandir महि ष्ष्यन्देवानामोजोनभिशस्त्यभिशस्तिपाऽअनभिशस्तेन्यमञ्जसा 21 सत्यमपंगेष स्वितेमाथा 5 अग्नैबतपा // अग्नैवतपास्त्वेवंत 5 पायातवतुनरिय सामयियोममतुनरेषासात्वयि // सुहनौबतपतेव / तान्यनुमेदीक्षान्दीक्षापतिर्मन्यतामनुतपुस्तपस्प्पतिः 6 अशुरै| शुष्टादेवसोमाप्प्यायतामिन्द्रयिकधनुविदे॥आतुझ्युमिन्द्रप्प्या यतामात्त्वमिन्द्रायप्प्यायस्व॥आप्प्याययास्म्मान्त्सखीन्सुन्या मेधास्वस्तितेदेवसोमसुत्त्यामशीय // एष्ट्रारायुप्प्रेषेभगायत मृतवादिस्योनमोद्यावापृथिवीभ्याम् 7 याते। याते अग्नेयाश यातनूर्वर्षिष्ठागहरेष्ठा। उवचोऽअपावधीत्वेषवचोऽअपविधीत्स्वा / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हा // याते अग्नेरजाशयातुनूवर्षिष्ठागहरेष्ठा // उग्ग्रंबचोऽअपावधी|| त्वषबचोऽअपावधीत्स्वाहा।यातेऽअमेहरिशयातनूर्षिष्ठागबरेष्ठा // उग्मंचचोऽअपावधीत्वपंचचोऽअपावधीत्स्वाहाँ [4] तुप्ताय / नीमे। तुप्तायनीमेसिवित्तायनीमेस्यवंतान्मानाथितादव॑तान्मात्य थितात् // विदेदग्मिनओनामाग्नेअङ्गिर आयुनानाम्नेहियोस्या पृथिव्यामसियत्तेनाधृष्टनामयुज्ञियन्तेनत्वादविदेदग्निनओना | माग्नै अङ्गिर आयुनानाम्नेहियोद्वितीयस्याम्पृथिव्यामसियत्तेना धृष्टुन्नामयुज्ञियुन्तेनुत्वादधेविदेवग्निनभानामाग्नैऽअङ्गिर आयुना नाम्नेहियस्तृतीयस्याम्पृथिव्यामसियत्तेनाधृष्टन्नामयुज्ञियन्तेनुत्वा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प.अ. दधे // अनुत्वादेवीतये 9 सिध्यसि। सपत्नसाहीदेवेश्यक 22 लप्पस्वसिसिसपत्नसाहीदेवेभय शुन्धस्वसिद्यसिसप 5 कसाहीदेवेभ्यः शुम्भस्व१वा इन्घोषस्त्वा / इन्द्रघोषस्त्वाव सुभिडपुरस्तात्पातुप्रचेतास्त्वारद्वैपुश्चात्पातुमनोजवास्त्वापितृभि दक्षिणतश्पातुविश्वकर्मात्वादित्यैरुत्तरतःपात्विदमहन्तप्तंबाहि (यज्ञानिसृजामि 11 सियसि / सिद्यसिस्वाहासि यस्यादित्युवनि त्वाहासिबसिब्रह्ममुवनिःक्ष वनिस्वाहा | सिध्यसिसुप्पजावनीरायस्प्पोषुवनिःस्वाहामिछयुस्यावहढे 22 वान्यजमानायुस्वाहाभूतेन्यस्त्वा 12 ध्रुवोसि। पृथिवीन्द्र व्हिड्छु For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विक्षिदस्युन्तरिक्षन्व्हाच्युतक्षिदसिदिवन्हाग्ने पुरीषमसि 13 3] युञ्जतुमनः। युञ्जतेमनऽउतयुजतेधियोबिप्पाविप्पस्यबृहुतो। विपश्चितः / बिहोत्रादधेवयुनाविदेकऽइन्महीदेवस्यसवितुःपरिष्टु तिस्वाहाँ 14 इदंविष्ष्णुः / इदंविष्ष्णुविचक्रमेवेधानिदधेपुदम् / समूढमस्यपाउंसुरेस्वाहाँ 15 इरावतीधेनुमती। इरावतीधेनुमती हिमत संयवसिनीमनवेदशस्या // ध्यस्कानारोदसीविष्ष्णवतेदा वर्थपृथिवीमभितौमयूखैःस्वाहाँ 16 देवश्श्रुतौदेवेषु / देवश्श्रुतौदे / विष्ष्वाघोषतम्प्राचीप्प्रेमिहरङ्कल्प्पयन्तीऽऊ ध्यज्ञन्नयतुम्मानि बरतम्॥ स्वङ्गोष्ठमावदतन्देवीदुर्थेऽआयुम्मानिर्वादिष्टम्प्रजाम्मानि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पू.अ. वादिष्टुमत्ररमेथांवमन्पृथिव्याः 17 विष्ष्णोर्नु / कबीराणिप्प / वोचंच्यापार्थिवानिविमुमेरासि // योऽअस्वभायदुत्तर सुध / / स्थंविचऋमाणवेधोरुगायोविष्णवेत्वा 18 दिवोवा / विष्ष्णs उतवापृथिव्यामहोवाविष्ष्णऽउरोरन्तरिक्षात् / उमाहिहस्तावसुना। पृणस्वाप्प्रयछदक्षिणादोतसुध्याविष्ष्णवेत्वा 19 प्रतत्।प्रतविष्ष्णु स्तवतेबीhणमुगोनभीमकुचरोगिरिष्टाः // यस्योरुघुत्रिषुविक्रम / गेष्ष्वधिक्षियन्तिभुवनानिविश्वा 20 विष्णोरराटम् / विष्ष्णों। रराटमसिविष्ष्णोडनवेस्त्थोविष्ष्णोदस्यूसिविष्ष्णो बोसि॥वै 23 ष्णुवमंसिविष्णवेत्वा२श 8] देवस्य॑त्वा। सबितुप्प्रसवेश्वि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir नोर्वाहुयाम्पुष्ष्णोहस्ताक्याम्॥आईदेनायसीदमहरक्षसाङ्गी वाऽअपिरुन्तामि॥बुहन्नसिबुहवाबृहतीमिन्द्रायवाचवद२२ रक्षो हणंबलगुहनम् // रक्षोहणंबलगुहनवष्ष्णुवीमिदमहन्तंबलुगमुत्कि रामियम्मेनिष्टयोयममात्यौनिचखानेदमहन्तंबलुगमुत्किरामिय मेसमानोयमसमानोनिचुखानेदमुहन्तंवलुगमुत्किरामियम्मेसर्व धुर्यमसंवन्धुर्निचखानेदमहन्तंबलगमुकिरामियम्मैसजातोयम संजातोनिचखानोत्कृत्याङ्किरामि 23 स्वराडसि / सपत्नुहासत्रुरा डस्यभिमातिहाजनराईसिरक्षोहास रास्यमित्रुहा 24 रक्षोहणों व / रक्षोहोवोबलगुहनुप्पोक्षामित्वष्ष्णुवाबोहोवोबलगुह / / ######芬芬芬分比分比分****###张於###帶路路路路路路路路路路路碎許 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir F65 सहि नोवनयामिवैष्ष्णुवान्त्रक्षोहोवोबलगहनोवस्तृणामिवैष्ष्णुवात्र २४ोहणौवांबलगुहना ऽ उपदधामिवैष्ष्णुवीरक्षोहणौवांबलगुहनीप चूहामिवैष्ष्णुवीवैष्णवमसिवैष्ष्णुवास्त्थे 25[4] देवस्यत्वा / सवितुप्पसवेनिश्वनो हुभ्याम्पूष्प्णोहस्तांच्याम्॥आददेनाय / सीदमहरक्षसाडीवाऽअपिरन्तामि।यवौसियुवयास्म्मद्वेषोयुवया / रांतीदिवेत्वान्तरिक्षायत्वापृथिव्यैत्वाशुन्धन्ताँल्लोका पितुषदेना पितृषदनमसि२६उद्दिवम्। उद्दिवस्तभानान्तरिक्षम्पृण्व्ह स्वपृ / थिव्यान्द्युतानस्त्वामारुतोमिनोतुमित्रावरुणौढुवेणुधर्मणा॥बम 24 वनित्वाक्षत्रवनिरायस्प्पोषुवनिप!हामि॥ बहमहावन्दुहायु। For Private and Personal Use Only
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________________ Snri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir हप्प्रजान्टेन्हि 27 ध्रुवासि / ध्रुवीयंय्यजमानोस्म्मिन्नायतनेप्प जयांपशुभियात् / घुतेनद्यावापृथिवीपूर्येथामिन्द्रस्यछदिरसि विश्वजनस्यछाया 28 परित्वा। गिर्वणोगिरऽइमाभवन्तुविश्व तः॥ बुद्धायुमनुवृद्धयोजुष्टीभवन्तुजुष्टय 29 इन्द्रस्युस्यू। इन्द्र। स्युस्यूरसीन्द्रस्यद्भुवोसि // ऐन्द्रमंसिक्वैश्वदेवमसि 30 [5] वि भूरसि।प्प्रवाहणोबहिरसिहव्यवाहनः॥ श्वात्रोसिप्पचैतास्तुथोसि। विश्ववैदाऽउशिगसि 31 उशिगसि / कुविरवारिरसिबम्भारिख स्यूरसिदुवस्वाञ्छुन्ध्यूरसिमार्जालीय * सुम्नार्डसिकुशानु परिष / योसुिपर्वमानोनभौसिप्पुतकांमुष्टोसिहयसूदन ऽ कुतधामासिस्व For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir 杂於熱器容器裝於禁禁禁禁禁禁然然然然然然然然然然然然然然非禁禁禁禁 ज्योतिसमुद्रोसि 32 सुमुद्रोसि / विश्वयंचाऽअजोस्येकपाद पू अ. हिरसिबुझ्योबार्गस्यैन्द्रमसिसदोस्वृतस्यद्वारौमामासन्ताप्तुमईना | महपतेप्प्रमातिरस्वस्तिमेस्म्मिन्पुथिदेवयानेभूयान्मित्रस्यमा३३ मित्रस्यमा / चक्षुषेक्षहुमग्नयसगराइसगरास्त्थसगरेणुमाम्नारौ | टेणानीकेनपातमाग्नय पितृतमाग्नयोगोपायतमानमोवोस्तुमामा हिसिष्ट 34[4] ज्योतिरासि। विश्वरूपविश्वेषान्देवानांस। मित्॥त्व सौमतनक डोद्देषोन्योन्यक्तेश्य उरुयुन्तासुिवरूथ / स्वाहाजुषाणोऽअप्तुराज्यस्यत्वेतुस्वाहा ३५शतम् 200 अग्ने / 25 नये / सुपारायेऽअम्मान्विश्वानिदेवव्युनानिविद्वान् / युयो For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir ट्यस्म्मज्जुहुराणमेनोभूयिष्ठान्तुनमऽउतिविधेम 36 अयने अ यौऽअग्निवरिवस्कृणोत्वयम्मृधपुरएतुप्पभिन्दन // अयंबाजो। जयतुवाजसाताव्य शत्रूञ्जयतुज«षाणुस्वाहा 37 उरुविष्प्णो। उरुविष्ष्णोविक्रमस्वोरुक्षयायनस्कृधि / घुतघृतयोनेपिबप्पप्प्यु ज्ञपतिन्तिरस्वाहा 38 देवसवितः / देवसवितरेषतेसोमुस्तरक्षस्व / मात्वादान् / एतत्वन्देवसोमदेवोदेवा // उपांगाऽइदमुहम्मनुष्ष्या। सुहरायस्प्पोषेणुस्वाहानिरुणस्युपाशोन्मुच्ये 39 अग्नैवतपास अग्नेब्रतपास्त्वेव्रतपायातवंतुनमय्यभूदेषासात्वयियोमर्मतुनूस्त्व। व्य दिसामयिं // युथायुथन्नौबतपतेव्रतान्यनुमेदीक्षान्दीक्षाप / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir तिरमस्तानुतपुस्तपस्प्पतिः४०[६]उरुविष्ष्णो। उरुविष्ष्णो विक्रमस्वोरुक्षयायनस्कृधि / घुतङ्घतयोनेपिबप्प्रष्प्रयुज्ञपतिन्तिर / स्वाहा 41 अत्युन्यान् / अत्युन्या // ऽअगानान्या॥ ऽउपा गाम वापरायोविदम्परोवरेजय ॥तन्त्वाजषामहेदेववनस्पते / देवयज्यायदेवास्त्वादेवयुज्यायैजुषन्ताविष्ष्णवेत्वा // उषधेत्रा। यस्वस्वर्धितमैनहिसीढ 42 द्याम्मा / द्याम्मालखीरन्तरिक्षम्मा | हिंसीपृथिव्यासम्भव // अहित्वास्वधितिस्तेतिजानप्पणि / नाय॑महतसौगाय // अतुस्त्वन्देववनस्प्पतेशुतवल्गोबिरोहसुहस्र 26 वल्दााविहेम 43 [3] // 10 // इतिसंहितायांपंचमोध्या For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shui Kailassagarsuneyarmandir 蔡聲聲聲聲聲聲聲都帶著帶路帶將於帶路路路路路路路路路路路沿著搭法 यः 5 देवस्यत्वाष/पावीरसिपंचमाहिःषट्संतेतिस्रःसमुद्रंगच्छहवि ष्मतीदिकौहृदेत्वापंचदेवस्यत्वाष्टावष्टौसप्तत्रिशत् देवस्यत्वा / स / वितुप्प्रेसवेश्विनो हुस्याम्पूष्ष्णोहस्ताभ्याम् // आददेनाये / सीदमुह रक्षसाडीवाऽअपिंकन्तामिायवोसियुवयास्म्मद्वेषोयुवया / रातीदिवेत्वान्तरिक्षायत्वापृथिव्यैत्वाशुन्धन्तॉल्लोकापितुषदेनापि तुषदनमसि१ अग्ग्रेणीरसि॥ स्वावेशऽउन्नेतृणामेतस्यवितादधित्वा / स्त्थास्यतिदेवस्त्वासवितामवानक्तुसुपिप्पुलायुस्त्वौषधीब्यबा धामग्णास्पृक्ष आन्तरिक्षम्मद्ध्यैनाप्पापृथिवीमुपरेणादृष्ही 2 याते / यातेधामांन्युरम्मसिगमद्ध्येयजुगावोभूरिशृङ्गाऽअयास For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. अत्राहृतदुरुगायस्यविष्ष्णोडपरमम्पदमवारिभूरि / ब्रह्मवनित्वा / पू.अ. २०७वनिरायस्प्पोषवनिपचूहामि // ब्रह्मदृष्हक्षत्रन्हायुम्हप्प 6 जान्हव्ह 3 विष्ष्णोडकम्माणि / पश्यतयतौबतानिपस्पशे // इन्दै स्ययुज्ज्युसखा 4 तद्विष्ष्णो / परमम्पुद सदापश्यन्तिसूरयः / / दिवीवचक्षुराततम् 5 परिवीरसि / परिवीरसुिपरित्वादैवीविंशोध्य | यन्ताम्परीमंयजमान शोमनुष्ष्याणाम् // दिवसूनुरस्येषते / थियाँल्लोक आरण्यस्तैपशुः 6 / 6] उपावीरसि / उपावीरस्युपा / देवान्दैवीविशुद्धप्पागुरुशिजोबडितमान् // देवत्वष्टुर्वसुरमयातेव दन्ताम् 7 रेवतरीमद्दम् / रेवतीरमदुम्बृहस्प्पतेधारयावसूनि // || For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyarmandir तस्यत्वादेवहविपाशैनप्रतिमुञ्चामिधर्षामानुष 8 देवस्यत्वा।। सवितुप्पसवेश्विनोर्बाहुभ्याम्पूष्ष्णोहस्ताभ्याम् / अग्नीषो माझव्याज्जुष्टुनियुनज्ग्मि॥ अ-यस्त्वौषधी व्यो त्वामातामन्यता मनुपितानुबातासगुयॊनुसखासयूत्थ्याअग्नीषोमा ब्यान्त्वा जुष्टम्प्रोक्षामि 9 अपाम्पेरुः / अपाम्पेरुरुस्यापोद्देवी स्वदन्तुस्वा तञ्चित्सद्देवहुविः ॥सन्तप्पाणोबातैनगछता समानियजत्रै सं| यज्ञप॑तिराशिषा 10 घृतेनाक्तौ। पशृंखोयेथा रेवतियजमानेप्णि यन्धाऽआविंश // उरोरन्तरिक्षात्सुजू वेनुबातैनास्यहुविषुस्त्मना यजुसमस्यतुन्वाभव / वर्षावर्षीयसियुज्ञेयज्ञपतिन्धास्वाहाँदेवे For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir संहियोदेवेश्व्युस्वाहा 11 [5] माहिः। माहिव॑म्मापदाकुनम पू.अ. २८स्तऽआतानानुर्वाप्प्रेहि // तस्यकुल्याऽउपऽक्रुतस्युपत्थ्याऽअनु६ 12 देवीराप० / देवीरापः / शुद्धाबोडसुपरिविष्टादेवेषुसुपरिविष्टा / वयम्परिवेष्टारोभूयासम्म 13 वाचन्ते / बाचन्तेशुन्धामिप्पाणन्ते शुन्धामिचक्षुस्तेशुन्धामिश्रोत्रन्तेशुन्धामिनाभिन्तेशुन्धामिमेइन्ते | शुन्धामिपायुन्तैशुन्धामिचरित्रास्तेशुन्धामि 14 मनस्ते / मनस्त आप्प्यायतांबाक्तु आप्प्यायताम्प्राणस्तुऽआप्प्यायताञ्चक्षुस्त आप्प्यायताश्रोत्रन्तु आप्प्यायताम् // यत्तैरयदास्त्थितन्त। 28 त्तिऽआप्प्यायतानिष्टयायतान्तत्तशुद्ध्यतुशमहाव्य // उषधेत्रा। For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyarmandir यस्वस्वर्धितेमैनहिसी 15 रक्षसाम्भाग: / रक्षसाम्भआगोसि निरस्तुरक्षऽइदमुहरक्षोभितष्ठामीदमुहरक्षोबाधाइदमहरक्षौ | धुमन्तमौनयामि॥ घुतेनद्यावापृथिवीप्पोर्भुवाथांबायोवेस्तोकाना मुग्मिराज्यस्यत्वेतुस्वाहास्वाहाकतेऽर्द्धनभसम्मारुतङ्गछतम् 16 / / इदमाप / इदमापुडप्प्रवहतावद्यञ्चमलंचयत् // यच्चाभिदुद्रोहानृतं / म्यच्चशेपेऽभीरुणम् // आपोमातम्मादेनसुपर्वमानश्चमुञ्चतु / 17 [6] सन्तै / सन्तुमनोमनसासम्प्राणप्पाणेनगछताम् // रेड है। स्युनिष्टाश्रीणात्वापस्त्वासमरिणुन्नातस्पत्वाद्राज्ज्यैपूष्ष्णोर योऽऊष्ष्मणाव्यथिषुत्प्रयुतुन्द्वेषः 18 घुतङ्घतपावानः। घुतङ्घ || For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पू संहि. तपावानपिवतवसांवसापावानपिवतान्तरिक्षस्यहविरसिस्वाहा। 29 / दिश दिशऽआदिौविदिशऽउद्दिशोंदिग्भ्य स्वाहाँ 19 ऐन्द्रप्पा 6 ण। ऐन्द्रप्प्राणोऽअङ्गै अङ्गेनिदीद्ध्यदैन्द्रऽउदानोऽअङ्ग अङ्गेनिधीं| त॥ देवत्वष्टारितेससमेतुसलेक्षम्मायद्विपुरूपम्भवाति।देवत्राय न्तमर्वसेसखायो त्वामातापितरौमदन्तु 2013 समुद्रङ्गछ / समुद्र छस्वाहान्तरिक्षङ्गछस्वाहादेव सवितारंङ्गछस्वाहामित्रावरुणौग छस्वाहाहोरात्रेगछस्वाहाछन्दा 7 सिगछस्वाहाद्यावापृथिवीगंछ | स्वाहायुज्ञङ्गछस्वाहासोमङ्गछस्वाहादिव्यनगछस्वाहाग्निवैःश्वा नरछस्वाहामनौमेहादियछुदिवन्तेधूमोगछतुस्वयॊति पृथिवी *29 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भरम्मनाणस्वाहा२१मापः / मापोमौषधीहि सीम्मिोधाम्नो | राजुस्ततोवरुणनोमुश्च / यदाहुरग्भ्याऽइतिवरुणेतिशपामहेततोवरु।। णनोमुञ्च // सुमिवियानुऽआपऽउपधयसन्तुदुम्मित्रियास्तस्म्मैस न्तुयोसम्मान्द्वेष्टियञ्चव्यन्द्विष्म्म 22 [2] हविष्म्मतीरिमा ।हा विष्म्मतीरिमाऽआपोहविष्म्माऽआविवासति // हविष्म्मांन्देवो अड्डरोहविष्म्मा // ऽअस्तुसूयंः 23 अग्ने / अग्नेपिन्नग हस्युसदसिसादयामीन्द्राग्न्योागधेयीस्थमित्रावरुणयोबाग धेयीस्थविश्वैपान्देवानाम्भागधेयीस्स्थ // अमूर्जाऽउपसूर्येया भियंसूर्यःसुह // तानौहिन्वन्त्वद्धरम् 24 [2] हुदेवा / हुदेवा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मनसेत्वादिवेत्वासूख्यत्वा // कुईमिममहरन्दिविदेवेषुहोत्रायछ 3025 सोमराजन् / सोमराजुन्विश्वास्त्वम्प्रजाऽउपावरोहविश्वा स्त्वाम्जाऽउपावरोहन्तु॥ शुणोत्वग्निसुमिधाहवम्मेशुण्वन्त्वापो धिषणाश्चदेवी / श्रोताग्यावाणोविदुषोनयज्ञ शुणोतुदेव सविता हवम्मेस्वाहा 26 देवीराप / देवीरापोऽअपानपाद्योवऽम्मिहवि प्ष्य इन्द्रियावान्मदिन्तमः / तन्देवेभ्योदेवत्रादत्तशुक्पेन्योयेषा आगस्त्थस्वाहा२७ कार्षिरसि।कार्षिरसिसमुद्रस्युत्वाक्षित्याऽउन्न यामि।समापोऽअरिंग्ग्मतुसमोषधीभिरोषधी२८यमग्ने। यमग्ने पुत्सुमय॒मवावाजेषुयजुना ॥सयन्ताशश्वतीरिषुत्स्वाहा 29 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kabalinth.org Acharya Shri Kalassagarsur Gyarmandir देवस्यत्वा / देवस्य॑त्वासवितु : प्रसवैश्विनौर्बाहुभ्याम्पूष्ष्णो हस्ताभ्याम् // आददेशवासिंगभीरमिममध्छरधीन्द्रायसुपूतम म् // उत्तुमेनपुविनोजस्वन्तुम्मधुमन्तुम्पयस्वन्तंनिग्याव्यास्त्थ देवश्रुतस्तुपयतमामोंमे 30 मनोमे / तर्पयतबाचम्मतर्प यतप्पाणम्मेतर्पयतुचक्षुम्मतर्पयतश्श्रोत्रम्मतर्पयतात्मानम्मे / तर्पयतप्पुजाम्मैतर्पयतपशून्मतर्पयतगुणान्मतर्पयतगुणामे | मावितृषन् 31 इन्द्रायत्वा। इन्द्रायत्वावसुमतेरुद्रवतुऽइन्द्रायत्वादि त्यवतुऽइन्द्रयित्वाभिमातुिग्ने // श्येनार्यत्वासोमभतेग्मयैत्वाराय स्प्पोषुदे 32 यत्ते। सोमदिविज्ज्योतिर्यत्पृथिव्यांग्यदुरावुन्तरिक्षे॥ 各答答答答答答答答答答答答答答答答答答答答答答答答答答答答答答答答答答答答答於 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandit तनास्म्मैयजमानायोरुरायेसुद्धयधिदावेोच 33 श्वात्रास्त्थ श्वात्रास्त्थवृत्तुरोराधोगूर्ताऽअमृतस्युपत्नी। तादेवीवत्रेमव्युज्ञ / नयुतोपहूतासोमस्यपिबत 34 मा / मा सिंचिक्काऽऊर्ज न्धत्स्तुधिषणेबीडीसुतीबीडयेथामूर्जेन्दधाथाम् // पाप्म्माहुँतोनसो म 35 प्रागपक्।ि प्रागपागुदगधुराक्सुर्वतस्त्वादिशुऽआधावन्तु। अम्बनिष्प्यरसमुरीविदाम् 36 त्वमङ्ग / त्वमङ्गप्पलसिषोदेवश विष्ठमय॑म्॥नत्वदन्योमघवन्नस्तिमडितेन्द्रब्रवीमितेवचः३७॥८॥ इतिसंहितायांषष्ठोध्यायः६ वाचस्पतयउपयामगृहीतोसित्रिकावा वायोयंवाद्विकीयस्तएकाप्राणायतिस्रोमघवइंद्रानीआगतमाधौमा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobarth.org Acharya Sher Kailassagersuri Gyanmandir सश्चर्षणीधृतोविश्वेदेवासऽआगतेंद्रमरुत्वोमरुत्वंतंवृषमरुत्वांती जसेसजोषाइंद्रमरुत्वा॥३॥इंद्रमहाँ॥३॥इंद्रोमहाँ॥२॥इंद्रएकैकोद्रुत्य मष्टौपंचविशतिरष्टाचत्वारिंशत् बाचस्प्पतये॥ बाचस्प्पतयेपव स्ववष्ष्णोऽअशुब्याङ्गभस्तिपतबादेवोदेवेश्व्य पवस्वयेषाम्भा गोसिं१मधुमती मधुमती इषस्कृधियत्तेसोमादाश्ब्यन्नामजा वितरम्मैतसोमसोमायस्वाहास्वाहोईतरिक्षुमन्वैमिस्वा तोसि // स्वाङ्कतोसि। विश्वव्यऽइन्द्रियेव्यौदियाव्युत्पार्थिवाव्योमन स्त्वष्टिस्वाहोत्त्वासुअवसूर्यायवैश्व्य॑स्त्वामरीचिन्योदेवाशो यस्म्मत्वेडेतत्सत्यमुपरिप्पुताभुङ्गेनहतोसौफट्टाणायत्त्वाच्यानायत्वा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyarmandir 694 华学举将带惨惨柴养学杂杂杂杂杂杂杂杂杂杂杂杂举染染带染带染染带染 3 [3] उपयामगृहीतोसि। उपयामगृहीतोस्युन्तयछमघव पू.अ. पाहिसोमम् // उरुष्ष्यरायऽएषोयजस्व 4 अन्तस्तै / अन्तस्तु / द्यावापृथिवीदधाम्म्युन्तर्दधाम्म्युबुन्तरिक्षम् / सुजूहेवेभिरखरैःपरै / प्रश्चान्तयामेमघवन्मादयस्व 5 स्वाईतोसि। स्वाईतोसिविश्वे व्य इन्द्रियोज्यौदिव्येश्व्युपात्थिवाव्योमनस्त्वाष्टुवाहात्वासुभ / वसूर्यायदेवेभ्य॑स्त्वामरीचिपेश्व्य॑ऽउदानायत्वा६ [3] आवा यो। आवायोभूपशुचिपाऽउपनऽसुहस्रन्तेनियुतोविश्ववार।उपों तेऽअन्धोममयामियस्य॑देवदधिषेपूर्वपेयंहायवेत्वा 7 इन्द्रवायू इमे। सुताऽउपप्पयोंभिरागतम् // इन्दवोवामुशन्तुिहि / उपयाम / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गृहीतोसिवाय इन्द्रवायुयान्त्वैषतेयोनि सजोषांब्यान्त्वा 8 [2] अयंबाम् / अयंचाम्मित्रावरुणासुतसोमऽऋतावृधाममेदि हQत हवम् // उपयामगृहीतोसिमित्रावरुणाव्यान्त्वा ९रायाब यम् / रायाव्यसंसुवासौमदेमहत्येनदेवायसेनगावः // तान्धे / नुम्मिंत्रावरुणायुवन्नौविश्वाहांधत्तुमनपस्प्फुरन्तीमेषतयोनिकता / युयान्त्वा 10 [2] यावाम् / यावाङ्कशामधुमत्त्यश्विनासून तावती // तयायुज्ञम्मिमिक्षतम्। उपयामगृहीतोस्युश्विान्यान्वै / षतुयोनिमाडीयान्त्वा 11 [1] तम्प्रकथा पूर्वथाविश्वथे माज्येष्ठतांतिम्बर्हिषदस्वर्विदम् // प्रतीचीनबुजनन्दोहसेधुनि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प.अ. माशुञ्जयन्तुमनुयासुबर्द्धसे // उपयामगृहीतोसुिशण्डोयत्वैषतेयोनि राम्पायर्पष्टुःशण्डोदेवास्त्वाशुपा : प्रणयन्त्वनाधृष्टासि 7 12 सुवीरोवीरान्। सुवीरौबीरामजनयुपरियुभिरायस्प्पोषेण / यजमानम् // सु ग्मानोदिवापृथियाशुऋशुक्रशोचिषानिरस्त शण्ड शुक्रस्याधिष्टानमसि 13 अछिन्नस्यते। देवसोमसुवीर्यस्य / रायस्प्पोपस्यददितार स्याम // साप्पथुमासंस्कृतिविश्ववारास प्रथमोबरुणोमित्रोऽअग्नि 14 सप्पथुम / सप्प्रथमोबृहस्प्पति| चिकित्वाँस्तम्माऽइन्द्रायसुतमार्जुहोतुस्वाहा // तुम्पन्तुहोत्रामड्डो 33 या:स्विष्ठाया सुप्पीता सुहुतायत्स्वाहााडुग्नीत् 15 14 ] अयं / / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वेनः / अयंवेनश्चौदयत्पृश्निगा ज्योति रायूरजसोविमाने। इममुपासमेसूर्यस्यशिशुनविप्पोमुतिभीरिहन्ति // उपयामग्र हीतोसिमक्वायत्वा 16 मनोन। येषुहवनेषुतिग्मविपुशच्यावनुथौ / वन्ता // आयशोभिस्तुविनम्म्णोऽअस्याश्रीणीतादिशुङ्गो / स्तावेषतेयोनिःप्रजापालपमृष्टोमक्कौदेवास्त्वामन्धुिपा प्रणय त्वनाधृष्टासि 17 सुप्पजाप्रजाप्पंजुनयन्प युभिरायस्प्पो घणयज॑मानम् // सञ्जम्मानोदिवापृथिव्यामुन्थीमुन्थिशोचिषानि रस्तोमक्कामुन्थिनोधिष्टानमसि 18 [3] येदेवासः / येदेवासोदि व्येकादशस्त्थपृथिध्यामद्ध्येकादशस्त्थ // अप्प्सुक्षितौमहिनैकाद| For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobairthorg Acharya Shei Kailassagarsur Gyanmandir 369 शस्त्थतेदेवासोयुज्ञमिमञ्जुषवम् 19 उपयामगृहीतोसि। उपयाम 34 | गृहीतोस्याग्यणोसुिस्वाग्ययण पाहियुज्ञम्पाहियुज्ञप॑तिविष्ष्णु | स्त्वामिन्द्रियेणपातुविष्ष्णुन्त्वम्पायुभिसर्वनानिपाहि 20 सोमः पवते / सोमः पवतेसोमः पवतेस्म्मैब्रहमणेस्म्मैक्षुत्रायास्म्मैसुन्वते यजमानायपवताइप जुज्जैवतेद्भयऽउँपंधीजय पवतेद्यावापृथि वीभ्याम्पवतेसुश्रुतायपवतुविश्वैश्यस्त्वादेवेश्याएषतेयोनिर्वि श्वेभ्यस्त्वादेवेश्यः 21 [3 उपयामगृहीतोसि। उपयामगृही तोसीन्द्रीयत्वाबुहवतेवयस्वतऽ उक्काव्यङ्गहामि // यत्त इन्द्रबृहव 34 यस्तस्म्मैत्वाविष्णवेत्वैषतेयोनिरुक्केभ्यस्त्वादेवेश्व्य॑स्त्वादेवाव्य / / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandit व्यज्ञस्यायुपेगृह्णामिमित्रावरुणाच्यान्त्वा 22 मित्रावरुणाच्या न्त्वा। देवायथ्यज्ञस्यायुषगृह्णामीन्द्रायत्वादेवाव्यंग्यज्ञस्यायुषगृ हामीन्द्राग्निाव्यान्त्वादेवायव्यज्ञस्यायुगृह्णामीन्द्रावरुणाच्या न्वादेवाव्यंग्यज्ञस्यायुषगृह्णामीन्द्राबृहस्पति क्यान्त्वादेवाव्यंग्य ज्ञस्यायुषगृह्णामीन्दाविष्णुझ्यान्वादेवायंग्यज्ञस्यायुपेगृह्णामि | 23 [2] मुनिन्दिवः / म नन्दिवोऽअरतिम्पृथिव्यावैश्वानर मुतऽआजातमुग्निम् / कुविध्सुम्म्राजुमतिथुिञ्जनानामासन्नापात्र अनयन्तदेवाः 24 उपयामगृहीतोसि / वोसिद्भुवक्षितिढुवाणा न्ध्रुवतुमोच्युतानामझ्युतक्षित्तम एषतेयोनिर्वैश्वानराय॑त्वा॥ ध्रुव For Private and Personal Use Only
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________________ Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir www.kobatirth.org Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra F6 धृवेणुमनसाबाचासोभुमवनयामि॥ अर्थानऽइन्द्रइद्विशौसपुत्कार 35 समनसुस्करत् 25 [2] यस्तै / हुप्प्सस्कन्दतियस्तै अशुग्नर्ना| वच्युतोधिषणयोरुपस्त्थात् // अङयोपिरिवायापवित्रात्तन्तैजु होमिमनसावर्षतस्वादिवानामुत्क्रमणमसि 26 [1] प्राणा, यमे / बच्चादावर्चसेपवस्वव्यानार्यमेवोंदावर्चसेपवस्त्रोदानार्यमेव क़दावर्चसेपवस्वत्वाचे#बच्चीदाच्चसेपवस्तुऋतूदक्षाभ्याम्मेवों | दावर्चसेपवस्वुश्श्रोत्रायमेव!दावर्चसेपवस्वचक्षुाम्मेवोंदसौ / वर्चसेपवेथामात्क्म मे 27 आत्क्न मे। बादावर्चसेपस्वौजसे / मेवोंदाबच्चसेपवस्वायुखेमेबरोंदावर्चसेपवस्तुविश्वाच्योमेप्प For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ****** 水彩背带张张势非常******* जान्यौबच्चोंदसौवर्चसेपवेथाम् 28 कोसि // कतमोसिकस्यासि / कोनामासि॥यस्यतेनामामन्महियन्त्वासोमेनातीतपामार्बुवा स्वःसुप्पजाप्पुजाभिस्यासुवीरोबारै सुपोषुडपो 23] पयामगृहीतोसि। उपयामगृहीतोसिमवेत्वोपयामगृहीतोसिमाध वायत्वोपयामगृहीतोसिशुक्रायत्वोपयामगृहीतोसिशुचयेत्वोपया मगृहीतोसिनसत्वोपयामगृहीतोसिन स्यायत्वोपयामगृहीतोसी / षेत्वोपयामगृहीतोस्यूजेत्वोपयामगृहीतोसिसहसेत्वोपयामगृहीतो / सिसहस्यायत्वोपयामगृहीतोसितपसेत्वोपयाम्गृहीतोसितपस्या यत्वोपयामगृहीतोस्यव्हसस्प्पतयेत्वा३० [1] इन्द्राग्नी आग For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyarmandir संहि. पू तम्॥इन्द्रोग्ग्ग्नी आगत सुतङ्गीविनभोवरेण्यम् // अस्यपातन्धि 36) येषिता।उपयामगृहीतोसीन्द्राग्निाव्यान्वैषतुयोनिरिन्द्राग्निच्या न्वा 31 [1] आघ। आपायेऽअग्निमिन्धुतेस्तुणन्तिबर्हिरानुष क् // येपामिन्द्रो युवासखा // उपयामगृहीतोस्यग्नीन्द्रायान्त्वैष योनिरग्नीन्द्रायान्त्वा 32 [1] उमासश्चर्षणीधृत / उमा सश्चर्षणीधृतोविश्वेदेवासुऽआर्गत ॥ढाश्वासौदाशुषः सुतम्। उपयामगृहीतोसिविश्वव्यस्त्वादेवेश्व्य॑ऽएषतेयोनिर्विश्वव्य स्त्वादेवाव्यः [1] विश्वेदेवास। विश्वेदेवासुऽआगंत 36 णुतामऽइम हवम् // एदम्बर्हिनिषीदत॥ उपयामगृहीतोसिविश्व For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir * * ******* **** व्यस्त्वादेवेश्व्य॑ एषतेयोनिर्विश्वेश्व्यस्त्वादेवेश्व्यः 34 [1] न्द्रमरुत्वः // इन्द्रमरुत्वाइहपाहिसोमुख्यथांशाव्तेऽअपिवसुत स्य // तवुप्पणीतीतर्वशूरशर्मनाविवासन्तिकुवयं सुयज्ञाः // उ पयामगृहीतोसीन्द्रीयत्त्वामुरुत्वत ऽ एषतेयोनिरिन्दायत्वामुरुत्वते 35[1] मुरुत्वन्तंवृषबावृधानमकवारिन्दिय शासमिन्द्रम् || विश्वासाहमर्वसेनूतनायोग्य सहोदामिहत हुवेम // उपयामगृही | तोसीन्द्रीयत्वामुरुत्वैतऽएषतेयोनिरिन्द्रायत्वामुरुत्वते // [1] उप / यामगृहीतोसिमुस्तान्त्वौजसे 36 [1] सुजोषोऽइन्द्र / सुजोषी इन्द्रसगंणोमुरुद्धिसोमंम्पिववृत्रहाशूरविवान् // जुहिश 1 रपम *********** *** **** For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyarmandir धौनुदस्वाथाभयङ्कणुहिविश्वनः // उपयामगृहीतोसीन्दायत्त्वा | मुरुत्त्वतऽएषतेयोनिरिन्द्रायत्वामुरुत्वते 37 [1] मुरुत्वा ॥ऽइ न्द्र // वृषभोरणायुपिासोम॑मनुष्ष्व॒धम्मदाय / आसिंञ्चस्वजठरे मईऽम्मिन्त्वशासिप्प्रतिपत्सुतानाम् // उपयामगृहीतोसीन्दा यत्वामुरुत्वतऽएषतेयोनिरिन्द्रायत्वामुरुत्वते 38 [1] मुहाई // 3 // न्ः // माहा 3 // इन्द्रौनुवदाचर्षणिप्पाऽतिविबौं अमिन सहो / भिवाअम्म-ग्ग्वावृधेवीर्य्यायोरु पुथु:सुरतडकर्तृभिर्भूत् // छ / पयामगृहीतोसिमहेन्द्रायवैषतेयोनिमहेन्द्रायत्वा 39 | १म 37 हा // इन्द्रः // मुहाई // इन्द्रोयऽउंजसापुर्जन्योवृष्टिमा // ईव॥ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - 若染染控都是整整器管路路路路路路路路路路北省公路路基路*** स्तोमैव॒त्सस्य॑वावृधे / उपुयामगृहीतोसिमहेन्द्रायत्वैषतेयोनिमहे / / न्द्रायत्वा 40 [1] उदुत्यम्। उदुत्यजातवेदसन्देवंबहन्तिकेतवः शेविश्वायुसूर्युस्वाहा 41 चित्रन्देवानाम् / चित्रन्देवानामुद / गादनीकुश्चक्षुम्मित्रस्युवरुणस्याग्ने // आप्पाद्यावापृथिवीऽअन्त | रिक्ष सूर्य आत्माजगतस्तस्त्थुषश्चस्वाहाँ 42 अग्नेनय / सुप थारायेऽअस्म्मान्विश्वानिदेवड्युनानिविट्वान्॥ युयोद्धयसम्म हुराणमेनोभूयिष्टान्तेनमऽउकिंविधेमुस्वाहाँ 43 अयः / अयन्नौ अग्मिर्वरिवस्कृणोत्व॒यम्मृधःपुरऽएतुप्पभिन्दन // अयंदाजांजय / / तुवाजसाताव्यशत्रूजयतुजषाणुस्वाहा 44 रूपेणव / रूपेण For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir वोरूपमन्यागान्तुथोवौविश्ववेदाविभजतु / ऋतस्यपुथाप्पेतच पू.अ. न्द्रदक्षिणाविस्खु पश्यत्युन्तरिक्षंख्यत्तस्वसदस्य 45 बाहमणमुद्य || || विदेयम्पितुमन्तम्पैतृमत्यमृर्षिमायसुधातुदक्षिणम् // अस्म्म दातादेवबागछतप्प्रदातारमाविशत 46 अग्नयत्वा // अग्नयैत्वा / मयुबरुणोददातुसोमृतत्वमशीयायुत्रिएधिमयोमह्यम्प्रतिग्ग्रहीत्रे | रुद्राय॑त्वामह्यंवरुणोददातुसोमृतत्वमशीयप्पाणोदात्र : एंधिवयोम। ह्यम्प्रतिग्यहीवेबृहस्प्पतयेत्त्वामझुवरुणोददातुसोमृतुत्वमशीयुत्त्व ग्दात्र एंधिमयोमह्यम्प्रतिग्रहीवेयमार्यत्वामह्यंवरुणोददातुसोमृत त्वमशीययौदात्र एधित्वयोमह्यम्प्रतिग्ग्रहीत्रे 47 कोदात् / कोदा / / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir कस्म्माऽअदात्कार्मोदात्काायादात् // कामोदाताकाम:प्प्रतिग्य / हीताकामैतत्ते 48[8] // 25 // इतिसंहितायांसप्तमोध्यायः 7 उपयामगृहीतोसि // आदित्येभ्यःपंचवाममद्यद्वेसुशर्मास्येकाबृह स्पतिसुतस्यदेहरिरसिचतस्रःसमिन्द्रणोष्टौमाहिरेजतुदशमास्यःपंच कावातिष्ठयुक्ष्वाहीदमिदेकैकायस्मानद्वेने पवस्वोत्तिष्टन्नऽदृश्रमुदुत्य मेकैकाजिघद्वेविनइंद्रवाचस्पतिविश्वकर्मन्नैकैकामयेत्वाचतस्रइह | रतिस्तिस्रःपरमेष्टीदशत्रयोविशतिखिषष्टिः उपयामगृहीतोसि / उपयामगृहीतोस्यादित्येभ्य॑स्त्वा // विष्ष्ण उरुगायुषतेसोमस्त / रिक्षस्वमात्वादान 1 कदाचन // स्तुरीरसुिनेन्द्रसश्चसिदाशुषे / उ 許容容容蓉蓉蓉於染整容整蓉蓉帶將於等蒂蒂蒂芬答答答答答答答答容器容容容容容容 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 然然然然然然縣兴兴紫禁禁禁禁禁禁禁禁禁然然然然然然然然樂於染染染熟 पोपेन्नुमघवयुऽइन्नुतेदानन्देवस्यपृच्यतऽआदित्योब्यस्त्वा२ क दाचन / प्प्रयुछस्युओनिपासिजन्मनी // तुरीयादित्त्युसर्वनन्ताइ / न्द्रियमातस्त्थामृतन्दिव्यादित्त्याव्यस्त्वा३ यज्ञोदेवानाम् / युज्ञोदे वानाम्प्प्रत्त्येतिसुम्नमादित्यासोभवतामृडयन्तः // आवोर्बाचीसु। मतिवृत्यादहोञ्चिद्यारिवोवित्तरासदादित्येभ्यस्त्वा ४विवस्व / नादित्य / विवस्वन्नादित्यैषतेसोमपीथस्तम्मिन्न्मत्स्व // श्रदरम्मै || नरोबसेदधातनयदाशी दम्पतीवाममश्नुतः // पुमान्पुत्रोजोयते / विन्दतेवस्वर्धाविश्वाहारपडएधतेगुहे 5 [5] बाममुद्य // संवित | 39 मिमुश्श्वोदिवेदिवेवाममुम्माय॑सावी // हामस्युहिक्षयस्यदे For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 除柴柴米米米米米米杂杂杂一张张张张张张张张张张张静参能带 वरैरयाधियावामुभा स्याम 6 उपयामगृहीतोसि। सावित्री सिचनोधाचनोधाऽअसुिचनोमयिधेहि / जिन्वयज्ञजिन्वयज्ञप / तिम्गायदेवायत्वासवित्रे 7 [2] शतम् // 300 // उपयामगृही। तोसि / सुशम्मासिसुप्प्रतिष्ठानोबृहदुक्षायुनमः // विश्वव्यस्त्वा देवेभ्यऽएषतेयोनिर्विश्वव्यस्त्वादेवेश्यः ८१]उपयामगृही तोसि / उपयामगृहीतोसिबृहस्प्पतिसुतस्यदेवसोमतऽइन्द्रौरिन्द्रि। यावतुपत्नींवतोग्यहाइ // ऋद्ध्यासम् // अहम्पुरस्तादहमवस्ता घदन्तरिक्षन्तर्दुमेपुिताभूत् // अहसूर्यमुभयौददर्शाहन्देवानाम्प रमङ्गुहायत् 9 अग्ना ३॥ऽइपत्नीवन् / अग्ना 3 // ऽइपत्नीव, For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir न्त्स द्देवेनुत्वष्ट्रासोमम्पिबुस्वाहा // प्रजापतिर्द्वषोसिरतोधारेतो / 4. मयिधेहिप्प्रजापतेस्तेवृष्ष्णोरेतोधौरेतोधामशीय 10 [2] उप यामगृहीतोसि / उपयामगृहीतोसुिहरिरसिहारियोजनोहरिया न्वा॥ हव्याख्नास्त्थसहसौमाऽइन्दा 11 यस्तै // अश्वसनि / क्षोयोगासनिस्तस्यतऽदृष्टयजुषस्तुतस्तौमस्यशुस्तोक्कुस्योपहूत स्योपहूतोभक्षयामि 12 देवरूतस्यैनसङ // देवकतस्यै सोवुयज नमसिमनुष्ष्यस्तस्यैनसोवुयजनमसिपितृकंतुस्यैनसोवुयजनम स्यात्नमस्तस्यैनसोवयजनमुस्येनस एनसोवुयजनमसि॥ यच्चा हमेनोविहाँश्च्चुकारयच्चाविहाँस्तस्यसर्बुस्यैनसोवुयजनमास १३स / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir वर्चसा। संवर्चसापय॑सासन्तुभिरगन्महिमनसासशिवेन / त्व टासुदवोबिदधातुरायोनुमाटुंतुन्द्रीयविलिष्टम् 14 [4] समिन्द्र || णोम सानेषुिगोभिस सूरिनिर्मघवन्सस्वस्त्या॥ सम्बह्म। णादेवकतय्यदस्तिसन्देवानासुमतौयुज्ञियानास्वाहाँ 15 संघ सा। संवर्चसापय॑सासन्तनूभिरगन्माहिमनसासशिवेन // त्वष्टा / सुदवोबिधातुरायोनुमाटुंतुन्द्रोयद्विलिष्टम् 16 धातारातिसंवितेद। जुषन्ताम् जापतिनिधुिपादेवोऽअग्निशात्वष्टाविष्ष्णुःप्पुजयासह रराणायजमानायुर्विणन्दधातुस्वाहा १७सुगाव।सुगावौदेवासद नाऽअकर्मयऽआजुग्मेद सर्वनञ्जुषाणाः // अरमाणावहमानाहुवी For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir प्प्युस्म्मेधतवसोवसूनिस्वाहा १८या॥आवहया॥आवह प्र.अ. उशुतोदेवदेवास्तान्प्रेरयस्वेऽअग्नेसुधस्त्थे।जुक्षिवास पपिवाद संञ्चविश्वेसुङ्घर्मस्वरातिष्ठतानुस्वाहाँ 19 वयाहि // त्वप्पियु तियुज्ञेऽअस्म्मिन्नग्ग्नेहोतारमवृणीमहीह॥ऋधगयाऽऋर्धगुतामिष्ठा / प्रजानन्यज्ञमुफ्याहिबिद्दान्त्स्वाहा२० देवांगातुविदादेवांगातुविदो गातुवित्त्वागातुमित॥मनंसस्प्पतऽइमन्देवय॒ज्ञस्वाहाबातेधा 21 यज्ञयज्ञम्। यज्ञयज्ञङ्गछजुज्ञपतिङ्गछस्वांच्योनिङ्गछस्वाहा // एषते / यज्ञोवैज्ञपतेसहसूक्तवाकुसर्ववीरस्त पस्नुस्वाहा 22 [८]माहिः 11 माहि आपदाकु ॥उन्हीराजावरुणश्चकारसूर्यायुपन्थामन्नै For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir 路祭祭器若於警察警察带着整容於於等於帶給帶路器容器容整容容容容容容容容 तवाऽउ // अपदेपादाप्प्रतिधातवेकरुतापवक्ताहृदयाविधश्चित् // नमोबरुणायाभिष्टितोवरुणस्युपारी 23 अग्नेरनीकम् / अग्नेर। नीकमपऽआविवेशापानपात्प्रतिरक्षन्नसुर्यम् // दमैदमसुमिर्धव्य क्ष्यग्नेप्प्रतितेजिबाघुतमुच्चरण्यत्स्वाहाँ 24 समुद्रेते / समुद्रेतेहद यमुप्प्स्वन्तसन्त्वाविशन्त्वोषधीरुताप // यज्ञस्यत्वायज्ञपतेसू / / क्तोक्तौनमोवाकेविधेमुयत्स्वाहाँ 25 देवीराप० / देवीरापऽएषवोग व॒स्त सुप्पीत सुतम्बित // देवसोमैषतैलोकस्तरिम्मुञ्छञ्चध / इक्ष्वपरिचवक्ष्क्ष्व २६अवभृथनिचम्पुण ।निचेरुरंसिनिचम्पुणः॥ अवदेवै वक्रतुमेनौयासिषमवुमत्य॒मय॑कृतम्पुरुराब्णोदेवरिष For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyarmandir संहि स्प्पाहिदेवानासुमिदसि 27 [5] एजंतुदशमास्यः / एजंतुदर्श पू.अ. मास्योगबाजुरायुणासुह // यथायवायुरेजतियथासमुद्राएजति॥ एवायन्दर्शमास्योऽअस्रज्जुरायुणासुह 28 यस्यैते / युज्ञियोग|| यस्ययोनिहिरण्ययीं // अङ्गान्यन्हुतावस्युतम्मात्रासमंजीगम स्वाहाँ 29 पुरुदस्म्मोबिधूपढ़ / पुरुदरम्मोबिषुरूपुऽइन्दुरन्तम हिमानमान धीरः। एकपदीन्द्रुिपदौन्त्रिपदीश्चतुष्पदीमष्टापदीम् / / वना प्रथन्तास्वाहा 30 मरुतोयस्य / मरुतोयस्युहिक्षयपाथा दिवोबिमहसः // ससुगोपातमोजन 31 मुहीद्यौ / पृथिवीचन 12 Isइमंय्युज्ञम्मिमिक्षताम् // पिपुतानोभरीमभिः 32 [५]आतिष्ठ। For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir वृत्रहुन्नर्थव्युक्तातुब्रह्मणाहरी // अर्वाचीनुसुतेमनोग्यावाकणोतु बग्नुना // उपयामगृहीतासीन्द्रीयत्वाषोडशिनऽएषतयोनिरिन्द्राय / त्वापोडशिने 33 [1] युक्क्ष्वाहि / केशिनाहरीवृषणाकक्ष्यप्पा // अथान इन्द्रसोमपागिरामुप॑श्रुतिञ्चर // उपयामगृहीतोसीन्दा यत्वापोडुशिन एषतेयोनिरिन्द्रीयत्वाषोडुशिने 34 [1] इन्दुमि / त् / इन्दुमिद्ध बहुतोप्प्रतिधृष्टशवसम् // ऋषीणाञ्चस्तुतीरुपय ज्ञञ्चमानुषाणाम॥ उपयामगृहीतोसीन्दायत्वाषोडशिनाएषतेयोनि / रिन्द्रीयत्वाषोडशिने 35 [1] यस्म्मान। जातश्परोऽअन्न्योऽअ स्तियऽआविवेशुभुवनानिविश्वा // प्रजापतिप्पुजयासराणस्त्री For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir णिज्ज्योतीषिसचतेसपोडशी 36 इन्द्रश्च / सम्माडुरुणचुरा पू. अ. जातीते क्षञ्चऋतुरग्यऽएतम्॥ तयोरहम अक्षम्अक्षयामिवाग्देवी / जुषाणासोमस्यतृप्प्यतुसुहप्प्राणेनुस्वाहाँ 37 [2] अग्नेपर्वस्व। अग्नेपर्वस्वस्वाऽअस्म्मेबर्च सुवीय॑म् // दधयिम्मयिपोषम् // उपयामगृहीतोस्युग्नयेत्वावर्चसएषतेयोनिग्नयैत्वावर्चसे // अ म्नवर्चस्विन्वर्चस्वाँस्त्वन्देवेष्ष्वसिवर्चस्वानुहम्मनुष्ष्येषुभूयास म् 38 [1] उत्तिष्ठन्नोजसा। उत्तिष्ठन्नोजसासुहपीत्वीशिप्प्रेऽअ वेपय // सोम॑मिन्द्रचमूसुतम् // उपयामगृहीतासीन्द्रायत्त्वौजस एषतेयोनिरिन्दायत्वौजसे // इन्द्रौजिष्टौर्जिष्ठस्त्वन्देवेष्ष्वस्योजि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyarmandir 路路路路路路路路路路路路杂路路路路路路路路路路路路路张张张地热地 होहम्मनुष्ष्येषुभूयासम् // 39 [1] अदृश्श्रमस्य / अदृश्श्रम / स्यकेतवोबिरम्मयोजनाई ॥ऽअनु // नाजन्तोऽअग्नयोयथा // उपयामगृहीतोसिसूयित्वावाजायैषतेयोनिसूीयत्वाम्बा जायासूयवाजिष्टुवाजिष्टुस्त्वन्देवेष्ष्वसुिवाजिष्ठोहम्मनुष्ष्ये षुभूयासम् 40 [1] उदुत्यम् / उदुत्यञ्जातवेदसन्देवंबहन्तिकेत व: // दृशेविश्वायसूर्यम् // उपयामगृहीतोसुिसूयित्वात्रा जायैषेतयोनि सूर्यायत्वावाजाय 41 [1] आजिग्न / आ जिग्घकुलशम्मुढयात्वाविशुन्त्विन्दवः ॥पुनरुर्जानिवर्तस्वसानः सहस्रन्धुक्क्ष्वोरुधारापर्यस्वतीपुनम्माविशताय॒यिः 42 इडेरन्तै / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir इडेरन्तुहत्येकाम्म्येचन्द्रेज्ज्योतेदितिसरस्वतिमहिबिश्श्रुति // एता तेऽअग्न्युनामानिदेवेश्योमासुकृतम्बूतात् 43 [2] बिनः // ऽइन्द्रमृधौजहिनीचायछपृतन्यतः॥योऽअम्माँ ॥ऽअभिदासुत्त्य / / धरङ्गमयातमः // उपयामगृहीतोसीन्द्रीयत्वाविमृधडएषतेयोनिरि न्दायत्वाविमृधै 44 [1] बाचस्पति / विश्वकर्माणमूतयम। नोजुवंबा अद्याहुवेम // सनोविश्वानिवनानिजोषविश्व म्भरवसेसाधुकाः // उपयामगृहीतोसीन्दायत्वाविश्वकर्मण एषतेयोनिरिन्दायत्वाविश्वकर्मणे ४५[१]विश्वकर्मन्ह 44 विषा // विश्वकर्मन्हविषाबर्द्धनेनचातारमिन्द्रमणोरवुद्व्यम्॥ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तस्म्मविशुसमैनमन्तपूर्वीयमुग्नोबित्योयथासत् ।उपयामगृही तोसीन्द्रीयत्वाविश्वकर्मण एषतेयोनिरिन्दायत्वाविश्वकर्मणे | 46 [1] उपयामगृहीतोसि / उपयामगृहीतोस्युग्मयत्वागायुत्र छन्दसगृह्णामीन्द्रीयत्वात्रिष्टुप्प्छन्दसगृह्णामिविश्वब्यस्त्वादेवे / व्योजगंछन्दसगृह्णाम्म्यनुष्टुप्तैभिगुर 47 वेशीनान्त्वा / बेशी, नान्त्वापत्नमुन्नाधूंनोमिकुकूननानान्त्वापत्नमुन्नाधूंनोमिअन्दनाना त्वापत्क्मुन्नाखूनोमिमुदिन्तमानान्त्वापत्क्मन्नाधूनोमिमुधुन्तमा नान्त्वापत्नमुन्नाधूनोमिशुऋन्त्वांशुक्रआधुंनोम्म्यन्होरूपेसूर्य स्यरश्म्मिषु 48 कुकुरूपं // वृषभस्यरोचतेबुहछुऋशुक्रस्यपु For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रोगाश्सोमसोमस्यपुरोगाः // यत्तेसोमादायुन्नामुजागृवितरम्मै त्वागृह्णामितसम्मैतेसोमसोमायुस्वाहाँ 49 उशित्वम् / उशिक्वन्देव सोमाग्ने प्रियम्पाथोपीहिबशीत्वन्देवसोमेन्द्रस्यप्प्रियम्पाथोपी युरम्मत्सखात्वन्देवसोमविश्वेषान्देवानाम्पियम्पाथोपीहि // 50 [4] इहरतिः इहरतिरिहर्रमद्दमिहधृतिरिहस्वधृतिस्वाहा // उपसुजन्धुरुणम्मात्रेधुरुणौमातरन्धयन् // रायस्प्पोषमुस्म्मासुंदी धरत्स्वाहाँ 51 सुत्रस्य ऋद्धि / सुत्रस्य ऋद्धिरस्यगन्मज्ज्योति रमृतोऽअभूम॥दिवम्पृथिव्याऽअद्ध्यारहामाविदामदेवान्त्स्वुज्यों / 15 तिः 52 युवन्तम् / युवन्तमिन्द्रापर्वतापुरोयुधायोन पृतन्पादपुत For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobairthorg Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir न्तमितुंबज्णुतन्तुमितम्॥ दूरेचत्ताय॑छन्त्सह व्यदिनक्षत् // अस्म्माकुशवन्परिशूरविश्श्वतौदादीष्टविश्वतः // भाव॒वः स्वःसुप्पजाप्पुजाभिःस्यामसुवीराबारै”सुपोषाउपोषैः 53 [3] परमेष्ट्यभिधीतः // प्रजापतिबाचियातायामन्धोऽअछेतत्सवि तासुन्यांविश्वकर्मादीक्षायाम्पूषासौमुक्रयण्यामिन्द्रश्च 54 / / न्द्रश्च / मुस्तश्चऋयायोपोत्थुितोसुरपुण्यमानोमित्राीतोधि ष्णु शिपिविष्टऽजुरावासनोविष्ष्णु रन्धिषप्पोयमाणु 55 पोढयमाणुङसोमऽआगंतोवरुणऽआसन्धामासन्नीग्निराग्नीद्रुऽ इ न्द्रोहविनियोपावन्हियमाणोविश्वेदेवाः 56 विश्वेदेवाधि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्वेदेवाऽ 0 ऽअशुषुन्न्युप्प्लोविष्ष्णुराप्पीतुपाऽआप्प्याय्यानोय 46 मा सूयमानोविष्ष्णु : सम्नियमाणोबायुपूयमानःशुऋपूत ऋक्षीरश्रीमन्थीसक्तु श्रीविश्वेदेवाश्५७विश्वेदेवाः। विश्व देवाश्चमसेषूनीतोसुहॊमायोद्यतोसुद्रोहूयमानोबातोषच्यावृत्तोनुच क्षाप्रतिक्रव्यातोभक्षोभक्ष्क्ष्यमाणपितरोनाराशुसाइ 58 सुन्न सिन्धु / सुन्नसिन्धुरव थायोद्यतसमुद्रो व्यवहियमाणसलि लप्सप्प्लुतोययोरोजैसास्कचितारजा सिबीर्येभिीरतमाशविष्टा यापत्यतेऽअप्प्रतीतासहोनिर्विष्ष्णूऽअगुन्वरुणापूर्वहूतौ ५९देवा / न्दिवम्। देवान्दिवमगन्युज्ञस्तोमाइविणमष्टुमनुष्ष्यानुन्तरिक्षम For Private and Personal Use Only
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________________ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ***-*-*--*******-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-** www.kobatirth.org गन्न्यज्ञस्तोमागविणमष्टुपितृन्पृथिवीमंगन्यज्ञस्ततोमाविणमष्टु यङ्कञ्चलोकमगन्यज्ञस्ततोमे मभूत् 60 चतुस्त्रिशुत्तन्तवः / च तुखिशुत्तन्तवायेवितरिनरेवऽडमंव्यज्ञस्वधयाददन्ते॥ तेषाञ्छि। नसम्म्वेतद्दधामिस्वाहाँघुम्मोऽअप्प्यतुदेवान् 61 यज्ञस्युदोहे / / यज्ञस्युदोहोविततत्पुरुषासोऽअष्टधादिवमुन्वातंतान॥सयज्ञधुक्क्ष्व महिमेप्पुजाया रायस्पोविश्वमायुरशीयुस्वाहा 62 आपवस्व / // आप॑वस्वहिरण्यवश्ववत्सोमबीरवत् // बाजुङ्गोमन्तमारस्वा हा 63 // [10] // 23 इतिसंहितायांअष्टमोध्यायः 8 देवसवित श्चतस्त्रइंद्रस्यवनःपंचदेवस्याहंदशापयेतिस्रोवाजस्येममष्टावमिरे For Private and Personal Use Only Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir काक्षरेणैषतेचतुष्कौसविताद्वेअष्टौचत्वारिंशत् // देवसवितः / दे||पु.अ. वसवितु प्प्रसुवयुज्ञम्प्रसुवयुज्ञपतिम्भगाय // दिव्योगन्धर्वकैत 9 पूश्केतन पुनातुबाचस्प्पति/जनस्वदतुस्वाहाँ 1 ध्रुवसदन्त्वा। नपदम्मनुइसदमुपयामगृहीतोसीन्द्रीयत्वाजुष्टगृह्णाम्म्येषतेयोनिरि / न्द्रीयत्वाजुष्टुंतमम् / अप्प्सुषदन्त्वाघृतसदव्योमुसदमुपयामगृही | तोसीन्द्रीयत्वाजुष्टेङ्गलाम्म्येषतेयोनिरिन्द्रायत्वाजुष्टतमम्।पुथिवी / सदन्त्वान्तरिक्षसदन्दिविसदन्देवसदन्नाकुसमुपयामगृहीतोसीन्द्रा / यत्वाजुष्टङ्गलाम्म्येषतेयोनिरिन्द्रीयत्वाजुष्टतमम् 2 अपासम् / 17 अपारसमुद्द्यसुसघुसन्त सुमाहितम् / अपारसस्युयोरस For Private and Personal Use Only
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________________ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तंबौगृह्णाम्म्युत्तममुपयामगृहीतोसीन्द्रायत्वाजुष्टङ्गनाम्म्युषतेयो | निरिन्द्रीयत्वाजुष्टतमम् 3 ग्रहाऽऊर्जाहुततयः / यहाऽऊर्जाहुतयो / व्यन्तोधिप्पायमुतिम् / तेषांविशिष्प्रियाणांबोहमिषमूर्ज समय अमुपयामगृहीतोसीन्द्रीयत्वाजुष्टंङ्गलाम्म्येषतेयोनिरिन्द्रीयत्वाजुष्टं तमम् ॥सम्पृचौस्त्थसम्मांशुद्रेणपूर्ल्डविपचौस्थोविमापाप्मनोपडम् सेत् // वाजस्यनुप्रसुवेमातरम्मुहीमदितिन्नामवर्चसाकरामहे // त् 5 अप्प्स्वन्तः / अप्प्स्वन्तरमृतंमुप्प्सुभेषजमुपामुतप्प्रशस्ति For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir प.अ. ष्ष्वश्वाअवतवाजिनः॥देवीरापोयोवऽम्मिश्प्प्रतर्ति कुकुन्मा बाजुसास्तेनायंचार्ज सेत् 6 वातौवा / बातोवामनौवागन्धर्वा | सप्तविंशतिः // तेऽअग्येश्वमयुजस्तेऽअस्म्मिञ्जवमादधुः 7 वा तरम्हाभववाजिन्युज्ज्यमानऽइन्द्रस्येवुदक्षिणःश्रियैधि // युञ्ज न्र्तुत्वामुरुतौविश्ववेदसुऽआतृत्वष्टापुत्सुजुवन्दधातु 8 जुवोयः / जवोयस्तैवाजिनिहितोगुहाय श्येनेपरीत्तोऽअचरचुबातें // तेननो वाजिन्न्बलवान्बलैनवाजुजिच्चभवुसमनेचपारयिष्ष्णुः // वाजि नोबाजजितोबार्जसरिष्प्यन्तोबृहस्प्पत गमवजिग्नत[५४८ देवस्याहम् / देवस्याहसवितु सुवेसुत्यसंवसोबृहस्प्पतैरुतमन्नाक For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ********** 若將綜整容容容容容容容容器分器容器容器公路警察警齡容許着落落都常非农 रुहेयम् // देवस्याहसवितु:सुवेसुत्यसंवसुऽइन्द्रस्योत्तमन्नास हेयम् // देवस्याहसंबितुसुवेसुत्यप्प्रसवसोबृहस्प्पतैरुत्तमन्नाक मरुहम्॥देवस्याहसवितु सुवेसत्यप्प्रसवसुऽइन्द्रस्योत्तमन्नाकमरु हम् 10 बृहस्प्पतुबाजम् / बृहस्प्पतेबा जयबृहस्प्पतयेबाचंबद तबृहस्प्पतिबाजंजापयत / इन्द्रवा जयेन्द्रायुबाचंबदतेन्द्रंबाजजा पयंत 11 एषावः / एषावुसासुत्यासुंबागंभूद्ययाबृहस्प्पतिवाज मीजपताजीजपतबृहस्पतिबाजुवनस्प्पतयोविमुच्यडम्। एषः सासुत्यासुंबागंभूद्ययेन्द्रंबाजुमजीजपुताजीजपतेन्द्रंबाजुबनस्प्प तयोविमुच्यडम् 12 देवस्याहम् / देवस्याहसवितुसुवेसुत्यप्पस ********** ******** ********** For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobairthorg Acharya Shri Kailassagersuri Gyanmandit वसोवृहस्प्पतैर्वाजुजितोबा जेषम् / बार्जिनोवाजजितोईनस्क / अनुवन्तोयोजनामिमा॑नाडकाष्टाङ्गछत 13 एषस्यः / एषस्यबाजी क्षिपणिन्तुरण्ण्यतिग्ग्रीवायाम्बुद्धोऽपिकुक्षऽआसनि॥ कतुन्दधि काअनुससनिष्ष्पदत्त्पुथामङ्कास्यन्वापनीफणुत्स्वाहाँ 14 उ तस्म्म / उतस्म्मास्युवतस्तुरण्यतःपुर्णनवेरनुवातिप्प्रगुद्धिनः श्येनस्यैवुद्र तोऽअङ्कसम्परिंदधिक्राणःसुहोतिरित्रतुःस्वाहा | 15 शन्नः। शन्नोभवन्तुबाजिनोहवेषुदेवतातामितवःस्वाज़ म्युन्तोहिंवृकुरक्षासुसनेम्म्यस्म्म यवुन्नीवा 16 तेन / तेनोऽअर्वन्तोहवनुश्श्रुतोहविश्वेशृण्ण्वन्तुहाजिनौमितवः ॥सु / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 第一卷卷卷带整张然然学者登卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷整形影盤 हस्रसामेधातासनिष्प्पोमुहोवेधन समिथेपुंजचिरे 17 वाजे वाजेवत / बाजिनोनोधनेषुविप्पाऽअमृताऽऋतज्ञाः // अस्यमद्दे पिबतमादयं हन्तुप्तायांतपुथिभिव्यानै 18 आमाबाजस्यप्पस वोजगम्म्यादेमेद्यावापृथिवीविश्वरूपे // आमागन्ताम्पितर्रामा तराचामासोमोऽअमृतत्त्वेनगम्यात् // बार्जिनोबाजजितोबाजा ससुवासोबृहस्प्पतोगमवंजिग्नतनिमजानाः १९६१०]आ। पयस्वाहा / स्वापयेस्वाहा॑पिजायस्वाहाऋतवेस्वाहावसंवेस्वाहा / हुपतयेस्वाहान्हैमुग्धायुस्वाहामुग्धायकैनःशुनायुस्वाहादिनु शिन आन्त्यायुनायुस्वाहान्त्यायभौवनायुस्वाहाभुवनस्युपतये For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. स्वाहाधिपतयेस्वाहा 20 आयुयज्ञेन / कल्प्पताम्प्राणोयुज्ञेनक || पू.अ. ल्प्पताञ्चक्षुय॒ज्ञेनंकल्प्पताश्रोत्रव्यज्ञेनकल्प्पताम्पृष्ठंब्यज्ञेनक | ल्प्पतांव्यज्ञोयुज्ञेनकल्प्पताम् // प्रजापतेप्पुजाऽअभूमस्ववाऽअ| गन्मामृताऽअभूम 21 अस्म्मेवः / अस्म्मेवोऽअस्त्विन्द्रियम सम्मेनुम्म्णमुतऋतुरस्म्मेवचणिसिसन्तुवः / नमामात्रेपृथिव्यैनौ / मात्रेपृथिव्याऽइयन्तेराड्यन्तासियमनोवोसिधुरुणः // कुष्ष्यै / वाक्षेमायत्वारख्यैत्वापोयित्वा 22 [3] वाजस्येमम् / बाज स्येमम्प्रंसुवासुपुवेग्ग्रेसोमराजानुमोषधीष्ष्वप्प्सु // ताऽअस्म्म / न्युम्मधुमतीभवन्तुव्य राष्ट्रजागृयामपुरोहितास्वाहा 23 वा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir जस्येमाम् // वाजस्येमाम्सुवशिश्रियेदिवमिमाचविश्वा भुवा नानिसम्प्रादा अदित्सन्तन्दापयतिप्प्रजानन्त्सनोयिसवीरन्नि | यछतुस्वाहा 24 वाजस्यनु। पंसुवऽआबभूवेमाचविश्वाभुवना / निसर्वतः // सनेमिराजापरियातिविद्वान्मजाम्पुष्टिवर्द्धयमानोऽ सम्मेवाहाँ 25 सोमराजानम् / सोमुराजानुमसेग्निमुन्वार / भामहे // आदित्यान्विष्ष्णु:सूर्यम्ब्रह्माणञ्चबृहस्पतिर्थस्वाहा / 26 अर्घमणम्बृहस्प्पतिम् / अर्घमणुम्बृहस्प्पतिमिन्द्वन्दानाय / चोदय // वाचविष्ष्णुसरस्वतीसवितारश्चवाजिनस्वाहाँ 27|| अग्नेऽअर्छ। अग्नेऽअछांबदेहनदुप्पतिनासुमनाभव // प्रायछस For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Sherilassagersun Gyarmandie सद्धि 茶茶举举案学举产涉涉涉涉涉华普华發光 हस्रजित्वहिधनुदाऽअसिस्वाहा 28 पनः / प्रौयछत्वप॑माप्प पू.अ. पूषाप्पबृहस्पतिः। प्रवाग्देवीददातुन स्वाहा२९देवस्य॑त्वासवितु | प्रसवेश्विनौर्बाहुब्यांम्पूष्ष्णोहस्ताभ्याम् / सरस्वत्यैवाचोय न्तुयंत्रियदधामिबहुस्प्पतेष्वासाम्राज्ज्येनाभिषिञ्चाम्म्यसौ // 30 [8] अग्मिरेकाक्षरेण / पाणमुदजयुत्तमुज्जैषमुश्विनौव्य / क्षरेणविपदोमनुष्ष्यानुदंजयतान्तानुज्जविष्ष्णुरच्यक्षरेणुत्रील्लो कानुदंजयुत्तानुज्जेषु सोमुश्चतुरक्षरेणुचतुष्प्पद पशूनुदेजयुत्तानु / जैषम्पुषापञ्चाक्षरेण 31 पूषापञ्चाक्षरेण पञ्चदिशुऽउदेजयुत्ताऽउ |51 जेषसविताषडक्षरेणुषड़तूनुर्दजयुत्तानुजषम्मुरुत समाक्षरेणस। For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir कप्तग्याम्म्यान्पशूनुदजयुस्तानुजेषुम्बृहस्प्पतिरष्टाक्षरेणगायत्रीमुद जयुत्तामुज्जैषम्मित्रोनाक्षरेण३मित्रोनवाक्षरेणात्रिवृतस्तोममु दजयुत्तमुज्जेषवरुणोदशाक्षरेणविराजमुदजयुत्तामुन्जेषुमिन्द्रऽएको दशाक्षरेणत्रिष्टुभमुदंजयुत्तामुजेविश्वेदेवावादशाक्षरेणुजगतीमुद जयुस्तामुज्जेषवसवस्खयोदशाक्षरेण 33 वसंवस्त्रयोदशाक्षरेण।त्रयो / दशस्तोममुदजयस्तमुजेषरुद्राश्चतुर्दशाक्षरेणचतुर्दशस्तोममु दजयस्तमुजेषमादित्याः पञ्चदशाक्षरेणपञ्चदशस्त्तोममुदजयुस्त मुजेषुमदिति षोडशाक्षरेणषोडशस्तोमुमुदंजयुतमुजैषम्पुजाप | ति सुप्तदशाक्षरेणसप्तदशस्तोममुर्दजयुत्तमुजैषम् 34 [4] For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir षत। निर्कतेभागस्तज्जुषस्वस्वाहाग्निनैत्रेयोदेवेनय पुरसम्म स्वाहायुमनेत्रेश्योदेवेन्योदक्षिणास ाक्स्वाहाविश्वदेवनेत्रेन्यो देवेभय पश्चात्सास्वाहामित्रावरुणनेत्रेभयोवामुरुन्नेत्रेन्यो / वादेवेश्य उत्तरास स्वाहासोमनेत्रेभ्योदेवेश्व्य उपरिसन्योदु / वस्व स्वाहा 35 वेदेवाऽअग्निनेत्रापुर सदस्ते व्यवस्वाहाये। देवायुमनत्रादक्षिणासदस्ताव्यस्वाहायेदेवाविश्वदेवनेत्रापश्चा सदस्तेझ्युस्वाहायेदेवामित्रावरुणनेत्रावामुरुनेत्रावोत्तरासदस्ते भयुस्वाहायेदेवासोमनेत्राऽउपरिसदोदुवस्वन्तुस्तेझ्युस्वाहा / 52 36 अग्नेसहस्व / अग्नेसहस्वपृतनाऽअभिमांतीरपास्य॥ दुष्टरस्त # For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रनरांतीचौधायुज्ञवाहसि 37 देवस्यत्वा / सवितुप्पसुवेश्श्वि नोर्बाहुभ्याम्पूष्ष्णोहस्ताभ्याम् / उपाशोबीयणजुहोमिहत रक्ष स्वाहारक्षसान्त्वाबुधायावधिष्म्मुरक्षावधिष्म्मामुमसौहुत 38 [4] सुवितात्वासवानासुवतामग्निर्गुहप॑तीना सोमोबन स्पतीनाम् // बृहस्पतिर्वाचाइन्द्रोज्ज्यैष्ठ्यायसुद्वपशुभन्योंमित्र सुत्योवरुणोधर्मपतीनाम् 39 इमन्देवा / इमन्देवाऽअसपत्न सुवडम्महतेक्षुत्रायमहुतेज्ज्यैष्ठ्यायमहतेजानराज्ज्यायेन्द्रस्येन्द्रि याय // इमममुष्ष्यपुत्रममुष्ष्यपुत्रमुस्यैविश एषोमीराजासोमो स्माकम्बाहमणाना राजा 40 [2] // 8 // इतिश्रीसंहितायां, For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. नवमोऽध्यायः 9 अपोदेवाश्चतस्रःसोमस्यविषिःपंचावेष्टाःसप्तसो मस्यत्वाचतस्रइंद्रस्यवजःपंचस्योनासिचतस्रःसवित्रेकाश्विभ्यांच तस्रोष्टौचतुस्विशत् // अपोदेवा / अपोदेवामधुमतीरगृमणुनून स्वतीराजस्वश्चिताना // यानिम्मित्रावरुणावुभ्यर्षिञ्चन्यानि / रिन्द्रमनयनत्यराती 1 दृष्ष्णऽऽर्मि: / वृष्णऽम्मिरसिराष्ट्रदा / राष्ट्रम्मैदेहिस्वाहावृष्ण जुम्मिरसिराष्ट्रदाराष्ट्रममुष्म्मैदेहिवृषसेनो। सिराष्ट्रदाराष्ट्रम्मैदेहिस्वहांवृषसेनोसिराष्ट्रॅदाराष्ट्रममुष्म्मैदेात्तस्त्थ / / र अर्थतस्त्थराष्ट्रदाराष्ट्रम्मेदत्तुस्वाहात्तस्त्थराष्ट्रदाराष्ट्रममुष्म्मैद / तौजस्वतीस्त्थराष्टुंदाराष्ट्रम्मेदत्तुस्वाहौजस्वतीस्त्थष्टुंदाराष्ट्रममुष्म्मै / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 孫於特路皆聲聲說出完整容整著管著智者若若若若若若若若若若路 दत्ता परिवाहिणीस्त्थराष्ट्रदाराष्ट्रम्मैदत्तुस्वाहापं परिवाहिणींस्त्थ राष्ट्रदाराष्ट्रममुष्ष्मैदतापाम्पतिरसिराष्ट्रदाराष्ट्रम्मैदेहिस्वाहापाम्पतिर / सिराष्ट्रदाराष्ट्रममुष्म्मैदेयुपाङ्गोंसिर्राष्ट्रदाराष्ट्रम्मैदेहिस्वाहापाङ्ग / बासिराष्ट्रदाराष्ट्रममुष्म्मैदेहिसूय॑त्वचस्तस्त्थ 3 सूर्यत्वचसस्त्थ। राष्ट्रदाराष्ट्रम्मेदत्तस्वाहासूय॑त्वचसस्त्थराष्ट्रदाराष्ट्रममुष्म्मैदत्तसूर्य / वर्चसस्त्थराष्ट्रदाराष्ट्रम्मैदत्तुस्वाहासूर्ववर्चसंस्त्थराष्ट्रदाराष्ट्रममुष्म्मै | दत्तुमान्दास्त्थराष्ट्रदाराष्ट्रम्मैदत्तुस्वाहामान्दास्त्थराष्ट्रदाराष्ट्रममुष्म्मैद तबजुक्षितस्त्थरॉष्ट्रदाराष्ट्रम्मैदत्तुस्वाहाबजुक्षितस्त्थराष्ट्रदाराष्ट्रममु धम्मैदत्तवाशास्त्थराष्टुदाराष्ट्रम्मैदत्तुस्वाहाबाशास्त्थराष्ट्रदाराष्ट्रममु For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धम्मदत्तुशविष्ठास्त्थराष्ट्रदाराष्ट्रम्मैदत्तुस्वाहाशविष्ठास्त्थराष्ट्रदाराष्ट्रममु ५४म्मदत्तुशक्कुरीस्त्थराष्ट्रॅदाराष्ट्रम्मैदत्तुस्वाहाशक्करीस्त्थराष्ट्रदाराष्ट्रममु 10 सम्मैदुत्तजनभृतस्त्थराष्ट्रदाराष्ट्रम्मैदत्तुस्वाहाजनुभृतस्त्थराष्ट्रदाराष्ट्रम मुष्म्मैदत्तविश्वभृतस्त्थराष्ट्रदाराष्ट्रम्मैदत्तुस्वाहाविश्श्वभृतस्त्थराष्ट्र दाराष्ट्रममुष्म्मैदुत्तापं स्वराजेस्त्थराष्ट्रदाराष्ट्रममुष्म्मैदत्त // मधुमती / मधुमतीभिपृश्यन्ताम्महिक्षत्रङत्रियायवन्वानाऽअनाधृष्टासीद / तसुहौजसोमहिक्षत्रशत्रियायुदधती 4 [4] शतम् 400 // सो / मस्युत्विर्षिः / सोमस्यत्विपिरसितवेवमेत्विर्षियात् // अग्नये 54 स्वाहासोमायुस्वाहासवित्रेस्वाहासरस्वत्यैस्वाहापूष्ष्णेस्वाहाबृह 於恐然然然界热器是基於對於終於於公路路路路路路路 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir स्प्पतयेस्वाहेन्द्रायुस्वाहाघोषायुस्वाहाश्लोकायुस्वाहाशायु | स्वाहाभायुस्वाहायुंम्म्णेस्वाहा 5 पवित्रैस्त्थः। पवित्रैस्त्थोबै ष्ष्णन्यौसवितुर्वं ' प्रसुव ऽ उत्पुनाम्म्यछिद्रेणपुवित्रेणुसूर्यस्यर म्मिभिः // अनिभृष्टमसिवाचोबन्धुस्तपोजाः सोमस्यदात्रमसि / स्वाहाराजस्वः६ सधमादौद्युम्निनी / सुधमादौद्युमिननीरापऽए। ताऽअनाधृष्टाऽअपस्योवसांना // पस्त्यासुचक्रेवरुणसुधस्त्थम / पार्थशिशुमातृतमास्वन्तः 7 क्षुत्रस्योल्बम् / क्षुत्रस्योल्बमसिक्ष, त्रस्य॑जुरायवसिक्षुत्रस्युयोनिरसिक्षुत्रस्यनाभिरसीन्द्रस्युबार्बग्रन / मसिमित्रस्यासिवरुणस्यासित्वयायंबुत्रंबधेत् // हुवासिरुजासिक्षु 告密者彭龄;张彭彭彭彭彭彭彭彭彭步影音影带常新非對整卷出卷都整形整整卷 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मासि // पातैनुम्प्राश्चम्पातैनम्प्रत्यञ्चम्पातैनन्तुिर्यञ्चन्दिग्न्यापा त 8 आविर्मा / आविर्मा आवित्तोऽअग्निर्गुहपतिरावि ताइन्द्रोबुद्धश्वाऽआवित्तौमित्रावरुणौधुतव्रतावावित्तापूषावि / श्ववेदाऽआवित्तुद्यावापृथिवीविश्वशम्भुवावावित्तादितिरुरुश 9i[5] अवैष्टादन्दुशूको / अवैष्टादन्दशकाप्पाचीमारोह गायत्रीत्वावतुरथन्तुर सामत्रिवृत्स्तोमोबसुन्तऋतुर्ब्रह्मुद्रविणन्द क्षिणामारोह 10 दक्षिणामारोह / त्रिष्टुप्प्त्वावतुबृहत्सामपञ्चदश स्तोमोग्ग्रीष्म्मऽऋतुक्षुत्रन्द्रविणम्पुतीचीमारोह 11 प्रतीचीमारों ह। जगतीत्त्वावतुबैरूप सामसप्तदशस्तोमोवर्षा ऋतुर्विवणम् / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 若於nder都答答答答答答答答答答答答答答答答答答容器等器對於容器警器容器公容 दीचीमारोह 12 उदींचीमारोहानुष्टुप्पावतुबैराज सामैकविःशस्तो म शुरहतुश्फलुन्द्रविणम_मारोह 13 उद्दामारोह / पतिस्त्वावतु शाकवतेसामनीत्रिणवत्रयस्त्रि शौस्तोमौहेमन्तशिशिराक्तूबोंद्र विणम्प्रत्य॑स्तुन्नमुंचेदशिरः 14 सोमस्युत्विपिः। सोमस्युत्विर्षिर सितवैवमेत्विर्षियात् // मुत्यो पाढयोजोसिसहोस्यमृतमसि 15 हिर॑ण्ण्यरूपाउषसः। हिरण्यरूपाऽउपसौविरोकउभाविन्द्रा उदियम्सूर्यश्च॥ आरोहतंवरुणमित्रगर्तन्ततश्चक्षाथामदितिन्दि तिञ्चमित्रोसिवरुणोसि 16 [7] सोम॑स्यत्वाद्युम्नेनाभिषिञ्चा म्युग्ने जसासूर्यस्युबर्चसेन्द्रस्येन्द्रियेण / क्षत्राणाक्षत्रपतिरे For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyarmandir पू. व्यतिदिन्पाहि 17 इमन्दैवाः / इमन्दैवाऽअसपुत्न सुवडम्म 56 हुतेक्षुत्रार्यमहुतेज्ज्यैष्ठ्यायमहुतेजानराज्ज्यायेन्द्रस्येन्द्रियाय // इ. मममुष्प्यपुत्रममुष्ष्यैपुत्रमुस्यैविशऽएषवोमीराजासोमोस्म्मा | म्बाहमणाना राजा 18 प्रपर्वतस्य / वृषभस्यपुष्ठानावश्चरन्ति / स्वसिचाइयानाः / ताऽआववृत्रन्नधुरागुर्दक्ताऽऽअहिंम्बुभ्यमनुरीय। माणा॥विष्ष्णौविक्रमणमसिविष्ष्णोर्विक्रान्तमसुिविष्ष्णोक्रा न्तम॑सि 19 प्रजापतेन / त्वदेतान्युन्योविश्वारूपाणुिपरिताव व // यत्कामास्तेजुहुमस्तन्नोऽअस्त्वयममुष्ष्यपितासावस्यपिता / बयस्यांमुपतयोरयीणास्वाहा // रुट्टयत्तेक्विविपरन्नामुतसम्म For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandit ##杂杂杂杂杂杂杂杂杂整容整容幹幹幹幹幹幹幹幹幹路幹幹幹幹聲警察分發海葬 न्हुतमस्यमेष्टमंसिस्वाहा 20 [4] इन्द्रस्युत्वज्ञः।इन्द्रस्युवज्जो सिमित्रावरुणयोस्त्वाप्पशास्त्रोऽप्प्रशिर्षायुनजिम्म // अव्यथायैत्वा स्वधायैत्वारिष्वाऽअर्जुनोमुरुताम्प्रसुवेनजयापामुमनसासमिन्द्रिये ण 21 माते। मातऽइन्द्रतेवयन्तुरापाडयुनासोऽअब्रहमताधिदसा / / म॥ तिष्ठारथुमधियंवैज्ञहस्तारश्म्मीन्देवयमसेवण्वान 22 अ गयेंगुहप॑तये / अमर्यगुहप॑तयेस्वाहासोमायुवनस्प्पतयेस्वाहामुरु / / तामोसेस्वाहेन्द्रस्येन्द्रियायस्वाहा।पृथिविमातुमिाहिल्सीम्र्मो अहन्त्वाम् 23 हुईसाशुचिषत् / हुसाशुचिषवसुरन्तरिक्षुसद्धोता वेदिषदतिथिर्दुरोणुसत् // नुषद्बरसदृतुसव्योमुसब्ब्जागोजाऽऋतु 許茶餘容辭 杂於若若若若若若幹卷容器整幹答答答答答答答答答蒂容容容容蒂芬 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyarmandir जाऽअद्विजाऽक्रुतम्बृहत् 24 इयदसि / इय॑दस्यायुरस्यायुमयिधे 57 हियुसिव सिवच्चौमबिधेयूर्गस्यूजम्मयिधेहि // इन्द्रस्यवांबी 10 मुकतोबा अभयुपावहरामि 2515] स्यानोसि / सुषासि क्षत्रस्युयोनिरस / स्योनामासींदसुषदामासीदक्षुत्रस्युयोनिमासी alद 26 निषसाद। धुतव्रतोवरुणापुस्त्यास्वा / साम्म्राज्ज्यायसुऋ / तुः 27 अभिभूरसि / अभिभूरस्येतास्तेपञ्चदिशे॥ कल्प्पन्ता ब्रहमस्त्वम्बमासिसवितासिसत्यप्प्रसवोबरुणोसिसुत्यौजाइ | न्द्रोसिविशौजारुद्रोसिसुशेवः // बहुकार श्रेयस्करभूयस्वरेन्दस्य 57 बज्जोसितेनमेरद्ध्य 28 अग्मि। पृथु / अग्निःपृथुर्द्धर्मणस्पति 中都整整是基然帶热於禁些些些路器點點都是於禁禁禁都基督禁於熱帶数 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir र्जुषाणोऽअग्निपथुद्धम॑णुस्प्पतिराज्यस्यत्वेतुस्वाहास्वाहाक ताई सूर्यस्यरश्मिभिर्यंत सजातानाम्मद्ध्यमेष्ट्याय 29[4 सवित्राप्रसवित्रा / सरस्वत्याबाचात्वष्ट्रारुपैःपूष्ष्णापुशुभिरिन्द्रे णासम्मेबृहस्प्पतिनाब्रहमणावरुणेनौजसामिनातेजसासोमैनुराज्ञा विष्ष्णुनादशुम्म्यादेवतयाप्पसूतप्प्रसप्पामि 30 [1] अश्वि व्याम्पच्यस्व / अश्विव्योम्पच्यस्खसरस्वत्यैपच्युस्वेन्द्रीयसु वाम्म्णैपच्यस्व // वायुपूतश्पवित्रैणप्प्रत्यङ्सोमोऽअतिसुतः // इ / न्द्रस्युयुज्ज्युसखा 31 कुविदङ्ग / यर्वमन्तीयवञ्चिद्यथादान्त्यनु पूर्ववियूर्य / इहेहैषाङ्कणुहिभोजनानियेबुर्हिषोनमऽउक्तुिंग्यजन्ति। For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir संहि. उपयामगृहीतोस्युश्विान्यान्त्वासरस्वत्त्यैत्वेन्द्रीयत्वासुत्राम्म्णे| 32 युवसुरामम् / युवसुराममश्विनानमुचावासुरेसा // वि पिपानाशुभस्प्पती इन्द्रङ्कर्मस्वावतम् 33 पुत्रमिवपितरौं / पुत्र मिवपितरावृश्श्विनोभेन्द्रावथुकाध्यै सनाभिः // यत्सुरामुख्यपि बुशचीभिसरस्वतीत्त्वामघवनभिष्ष्णक् 34 [4] // 8 // इति श्रीसंहितायांदशमोऽध्यायः१० युंजानएकादशप्रतूर्त षोडशदेवस्य / त्वादशापोदेवीदशापोह्येकादशादितिष्ट्वापंचाकूर्तिमष्टादशसप्तत्र्य शीतिः॥ युञ्जानप्प्रथुमम्। युञ्जानप्पथमम्मनस्तुत्वायसविताधि यः। अग्नेोतिर्निचायपृथिव्याऽअध्याभरतपयुक्तेनुमनसा। For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व्यन्देवस्यसवितु:सुवे। स्वग्यापशक्तया 2 युक्तायसविता दे वान्त्स्वय॒तोधियादिवम् / बृहज्ज्योति करिष्ष्यतासविताप्पसु वातितान 3 युञ्जतेमनः / युञ्जतेमन उतयुअरोधियोबिप्पाविष्ण स्यबृहुतोविपश्चितः॥बिहोत्रादधेवयुनाविदेकइन्मुहीदेवस्यसवि। तुपरिष्टुतिः 4 युजेाम् / युजेवाम्बहमपूर्व्यन्नम्मोभिर्विश्लोक एतुपथ्येवसूरेश् / शुण्वन्तुविश्वेऽअमृतस्यपुत्राऽआयेधामानिदि व्यानितुस्त्थु 5 यस्यप्प्रयाणम् / यस्यप्प्याणमन्बुन्य इायुर्दे वादेवस्यमहिमानमोजसा / यपास्थिवानिविममेसऽएतशोरजा सिदेवासवितामहित्वना 6 देवसवितः / देवसवितुप्प्रसुवयुज्ञम्प्र For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुवयुज्ञप॑तिम्भाय // दिव्योगंधर्वकैतपूश्केतन पुनातुबाचस्प्प तिर्वाचन स्वदतु 7 इमन्नः। इमन्नौदेवसवितय॒ज्ञम्प्रणयदेवाच्या सखिविर्दसत्राजितन्धनजित स्वर्जितम्। ऋचास्तोमसमर्द्धय / / गायत्रेणरथन्तरम्बुहद्वायुववर्तनिस्वाहा 8 देवस्यत्त्वा / सवितुप्पं सवेश्विनौ हुभ्याम्पूष्ष्णोहस्ताभ्याम् // आददेगायत्रेणुछन्द साङ्गिरस्वत्त्पृथिव्यासुधस्थादग्निम्पुरीष्ष्यत्मङ्गिरस्वदाभरौटुंगे। नछन्दसाङ्गिरस्वत् 9 अनिरसि / नायसित्त्वाव्यमुनिशकम खनितुसुधस्त्थुआ। जागतेनछन्दसाङ्गिरस्वत् 10 हस्तऽआधा। य। सविताबि दधिमहिरण्ययींम् // अग्नेोतिर्निचाय For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir www.kobatirth.org थिध्याऽअङ्ख्याभरदानुष्टुभेनुछन्दसाङ्गिरस्वत् 14 ११]प्रतूतवा जिन् / प्रतूर्त्तवाजिन्नावरिष्ठामर्नुसंवतम्॥ दिवितेजन्मपरममन्त / रिक्षेतवनाभि-पृथिव्यामधियोनिरित् 12 युञ्जाथारासंभम् / यु आथाधुरासंभव्युवमुस्म्मिन्यामवृषएवसू // अग्निम्भरन्तमसम्म / युम् 13 योगेयोगेतवस्तरम्। योगेयोगेतुवस्तरंबाजेवाजेहवामहे / // सखायुऽइन्दमूतये 14 प्रतूईनेहि। प्रतुईनेयवामुन्नशस्तीरुद्र / / स्युगाणपत्यम्मयोभूरेहि // उबन्तरिक्षंबीहिस्वस्तिगन्यूति यानि / कुण्वन्पूष्ष्णासुयुजासह 15 पृथिव्यासुधस्त्थात् / पुथिव्यास धस्त्थादग्निम्पुरिष्ष्यमङ्गिरस्वदाभराग्निम्पुरिष्ष्यमगिरस्वदछेमो For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir प.अ. निम्पुरीष्ष्यमङ्गिरस्वरिष्ष्यामः 16 अन्बुग्निः / अन्युग्मिरुष सामग्यमख्युदन्बहानिप्प्रथमोजातवैदाङ / अनुसूर्यस्यपुरुत्रा चरम्मीननुद्यावापृथिवीऽआतिथ 17 आगत्यवाजी / आग त्याज्ज्यवान सर्वामृधोबिधूनुते // अग्निसुधस्त्थैमहतिचक्षु पानिचिकीषते 18 आक्रम्म्यवाजिन् / आक्रम्म्यवाजिन्पृथिवी ममिमिछरुचात्त्वम् // भूम्याबुत्त्वायनोब्रूहियत खनैमुतंव्यम१९ द्यौस्तै / पुष्टम्पृथिवीसुधस्त्थमात्मान्तरिक्ष समुद्रोयोनि // वि क्ख्यायुचक्षुषात्त्वमुभितिष्ठपृतन्यत:२० उत्क्राम / महतेसौभगा| यास्म्मादास्त्थानाद्रविणोदावोजिन् // यस्यामसुमतौपृथिव्या For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyarmandir | अमिनन्त उपस्त्थे अस्याङ 21 उर्दक्रमीत् / उर्दक्रमीद्रविणो दावाज्ज्याकुसुलोकसुस्तम्पृथिव्याम् // ततःखनेमसुप्पतीक मनिस्वोरुहाणाऽअधिनाकमुत्तमम् 22 आत्त्वा / जिघम्मुिमन साघुतेन प्रतिक्षियन्तम्भुव॑नानिविश्वा // पृथुन्तिरश्चाबयंसाबुहा / न्तव्यचिष्टमन्नैरअसन्तानम् 23 आविश्वतः / प्रत्त्यञ्चजिय >रक्षसामनसातज्जुपेत // मर्यश्रीस्पृहयोऽअग्निानिमा शेतन्याजर्भुराण 24 परिवाजपतिङ / परिवाजपतिकुविरग्निहीं / यान्यक्रमीत् // दधुत्नानिदाशुखे 25 परित्वा ग्नेपुरव्यविपक्ष सहस्यधीमहि ॥धुषवर्णन्दुिवेदिवहेन्तारंम्भङ्गुरावताम् 26 त्वम॑ग्ने। For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहिानिस्त्वमाशुशुक्षणुिस्त्वमु-यस्त्वमम्मनुस्प्परि // त्वंदमयस्त्वपू.अ. मोषधीयुस्त्वन्नुणानुपतेजायसेशुचिः 27 [16] देवस्यत्त्वा। सवितुप्पसवेश्विनो हुस्याम्पूष्ष्णोहस्ताभ्याम्॥पुथियास / दादग्निम्पुरीष्ष्यमङ्गिरस्वत्त्खनामि // ज्योतिष्म्मतन्त्वाग्नेसु, प्रतीकमजणभानुनादीद्यतम् // शिवम्प्रजाभ्योहिम्सन्तम्पृथि / या सुधस्त्यादग्निपरीष्ष्यमङ्गिरस्वत्त्खनाम 28 अपाम्पुष्टम्। अपाम्पृष्ठमंसियोनिग्ने समुद्रमुभितापिन्बमानम् // बर्द्धमानोमहा / // ऽआचपुष्करेदिवोमात्रयाबरिम्म्णाप्पथस्व 29 शर्मच।शम्म चुस्त्थोबर्मचुस्त्थोछिदेवहुले उभे // यचस्वतीसंबैसाथाम For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir निम्पुरीष्ष्यम् 30 संबैसाथाम् / संबसाथास्वबिदासमीची उरसात्मनो // अग्निमुन्तभरिष्ष्यन्तीज्ज्योतिष्म्मन्तुमजस / मित् 31 पुरीष्ष्यो सि। विश्वभराऽअर्थात्त्वाप्प्रथुमोनिरमन्थद ग्ने // त्वामग्दुपुष्करादद्ध्यर्थनिरमन्थत // मु विश्वस्यवाघ तः 32 तमुत्त्वा / दद्धयर्षि पुत्र ईधेऽअर्थवणाखुत्रुहर्णम्पुरन्द / रम् 33 तमुत्त्वा। पात्थ्योवृषासमीधेदस्युहन्तमम् // धुनञ्जयहर गैरणे 34 सीदहोत ।सीदहोतुस्व ऽउलोकेचिकित्वान्त्सादया। ज्ञसुकृतस्युयोनौ // देवावी वान्हुविषायजास्यग्नेबुहयजमानेब योधा 35 निहोतो। होतृषदनेविदानस्त्वेषोदीदिवाई ॥ऽअंसदत्सु For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobaith.org Acharya Sh Kailassagersun Gyarmandie दक्षः॥ अदबनतप्प्रमतुिर्वसिष्टःसहस्रम्भुरशुचिजिबोऽअग्मिा३६ ससींदस्व / ससीदस्वमुहाई // असुिशोचस्वदेवुवीतम // विधू / मम॑ग्नेऽअरुपम्मियेद्ध्यसुजप्प्रंशस्तदर्शत्तम् 37[10] अपोदेवी / अपोदेवीरुपसृजमधुमतीरयुक्ष्मायप्प्रजाव्य’ // तासांमास्त्था नादुज्जिहतामोषधयःसुपिप्पला।३८ सन्तै / वायुतिरिश्वा) दधातूत्तानायाहृदयुंयविकस्तम् // योदेवानाञ्चरसिप्पाणथैनका स्म्मैदेववर्षडस्तुतुझ्य॑म् 39 सुजातोज्ज्योतिषा। सुहशर्मवरूथ // 62 मासदत्त्स्वः // वासोऽअग्ग्रेविश्वरूप:संध्ययस्वविभावसो 40 उ दुतिष्ठ / स्वड्डरावानोदेव्याधिया // दृशेचासाबृहतासुशुकनिराग्ने For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir याहिसुशुस्तिभिः४१ उद्देऽऊषुणः। ऊई ऊषुणेऽकुतयेतिष्ठादेवो नसविता // कुर्केवाजस्यसनितावदञ्जिभिघि िबिवामहे 42 सजातः / सजातोगबोअसिरोदस्योरग्नेचावि तऽऊषधीषु // चित्र शिशु परितमास्युक्लून्समातृस्योऽअधिकनिऋदद्दाः४३|| स्त्थिरोभव। बीडङ्गऽआशुभवद्याज्यवन्॥ पुथुर्ववसुषदस्त्वमुग्ने पुरीषुवाहणड 44 शिवोभव। प्मजाव्योमानुषीब्युस्त्वमङ्गिर माद्यावापृथिवी अभिशोचीमान्तरिक्षम्मावनस्प्पतीन् 45 प्रैतु। बाजीकनिऋन्नानदुवासभुत्पत्वा // भरनुग्रिम्पुरीष्ष्यम्मापाद्या युषडपुरा // वृषाग्निम्वृषणम्भरनुपाङ्ग समुद्रियम् // अमृऽआ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir याहिबीतये 46 ऋत सुत्त्यमुतसुत्यमग्निम्पुरीष्ष्यमङ्गिरस्वरा म // उषधयुप्रतिमोदडमुनिमेतशिवमायन्तमन्यत्रयुष्ष्मा यस्यन्विश्वाऽअनिराऽअमीवानिषीदन्नोऽअर्पदुर्मतिअहि४७ उषधयुदप्रति / उषधयुप्प्रतिगृष्णीतुपुष्ष्यवती सुपिप्पला॥ अयंबोगर्भऋत्त्वियःप्प्रन सुधस्त्थुमासदत् 48 विपासा / पृथुनाशोशुचानोबाधस्वद्विषोरक्षसोऽअमींवा // सुशर्मणोबृहुता। शम्मणिस्यामुग्नेरह सुहवस्युप्पणीतौ 49 [12] आपोहि / ठा। मयोभुवस्तानऽअर्जेदधातन // मुहेरणायुचक्षसे 50 योवः // शि६३ वर्तमोरसुस्तस्यभाजयतेहन // उशुतीरिवमातरः 51 तम्माऽअ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रम् / तस्म्माऽअरङ्गमामवीयस्युक्षयायुजिन्वय / आपोजनयथा चन 52 मित्र सुम्सृज्ज्य // पृथिवीम्भूमिञ्चुज्ज्योतिषासह // सु।। जातजातवेदसमयुक्ष्मायत्त्वास सृजामिप्प्रजामयः 53 रुद्रासु सृज्य। पृथिवीम्बुहज्ज्योति समीधिरे // तेषानुरजस्राइछ / कोदेवेपुरोचते 54 ससृष्टांवसुभिः॥ससृष्टांबसुभीरुद्रीकर्म पण्याम्मृदम् // हस्ताझ्याम्मुवीकृत्त्वासिनीवालीकणोतुताम् 55 / सिनीवालीसुकपर्दा // सुकुरीरास्वौपुशा ॥सातुभ्यमदितेमयोखा न्दधातुहस्तयोड 56 उषाङ्कणोतु / शक्तयाबाहुभ्यामदितिर्द्धिया॥ मातापुत्रंथ्यथोपस्त्थेसाग्निम्बिभर्तुग ऽआ।मुखस्यशिरोंसि 57 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyarmandir बसवस्त्वा ॥कृण्ण्वन्तुगायुत्रेणुछन्दसाङ्गिरस्वद्धवासिंपथित्यसिधा प. अ. रयामयिप्पुजारायस्प्पोषङ्गौपत्त्यः सुवीर्यसजातान्यजमाना ||11 यरुद्रास्त्वाकण्वन्तुत्रैष्टुंभेनुछन्दसाङ्गिरस्वद्धवास्युन्तरिक्षमसिधार / यामयिप्प्रजारायस्प्पोषङ्गीपत्त्यासुवीर्य सजातान्यजमाना यादित्त्यास्त्वाकृण्ण्वन्तुजागतेनुछन्दसाङ्गिरस्वद्भुवासियौरसिधार || यामयिप्प्रजाशयस्प्पोषङ्गीपत्त्य सुवीर्य सजातान्यजमाना यविश्वत्त्वादेवावैश्वानराकण्ण्वन्त्वानुष्टुभेनुछन्दसाङ्गिरस्वछ / वासिदिशोसिधारयामयिप्पुजारायस्प्पोषगौपुत्यसुवीर्यस जातान्यजमानाय 58 अदित्त्यैराना। अदित्त्यैरारम्नास्यदितिष्ठे For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बिलङ्गणातु // कुत्त्वायसामुहीमुखाम्मुन्न्मयींग्योनिमुग्नये // पुत्र | न्युप्पायछददिति श्रुपयानिति 59 वसंवस्त्वा // धूपयन्तुगायु। त्रेणुछन्दसाङ्गिरस्वहुद्दास्त्वोधूपयन्तुष्टुंअनुछन्दसाङ्गिरस्वदादित्या। स्त्वांधूपयन्तुजागतेनछन्दसाङ्गिरस्वविश्वत्त्वादेवावैश्वानुराधूप यन्त्वानुष्टुभेनछन्दसागिरस्वदिन्द्रस्त्वाधूपयतुबरुणस्त्वाधूपयतुधि / ष्णुस्त्वाधूपयतु 60 [11] अदितिष्ट्वा // देवीविश्वदैव्यावती | पृथिव्यासुधस्त्यै अङ्गिरस्वत्खनत्त्ववटदेवान्विापत्नीईवीईि श्वदेव्यावतीऽपृथिव्यासुधस्त्थे अङ्गिरस्वधतखेधिषणास्त्वादे वीईिश्वदैव्यावतीपृथिव्यासुधस्त्थे अङ्गिरस्वदलीन्धतामुखेब For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org रुत्रीष्ट्वादेवीईिश्वव्यावती : पृथिव्यासुधस्त्थे अगिरस्व पय न्तूखेऽग्नास्वादेवीविश्वव्यावतीपृथिव्यासुधस्त्थे अङ्गिरस्व त्प॑चन्तूखेजनयुस्त्वाछिन्नपत्रादेवीविश्वदेव्यावती पृथिव्यासुध स्त्थे अङ्गिरस्वप्पचन्तूखे 61 मित्रस्यचर्षणीधृतः // मित्रस्य॑च पणीधृतोवौदेवस्य॑सानसि // [म्नञ्चित्रश्रवस्तमम् ६२देवस्त्व सवितौ पतुसुपाणि स्वङ्गारिश्सुवाहुरुतशक्तया॥अव्यथमानापृथि ध्यामादिशु आपूण६३ उत्थायबृहुती // अवोदुतिष्ठद्भुवात्वम् // मित्रैतान्त उखाम्परिददाम्म्यभित्त्याइएषामाभैदि 64 वसवुस्त्वा। ड्रन्दन्तुगायुत्रेणुछन्दसाङ्गिरस्वहुद्रास्त्वाड्रन्दन्तुत्रैष्टुंभेनुछन्दसाङ्गिर For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsun Gyarmandir www.kobatirth.org स्वदोदित्त्यास्त्वाळुन्दन्तुजागतेनछन्दसाङ्गिरस्वविवेत्त्वादेवाच श्वानराऽआर्छन्दन्त्वानुष्टुभेनुछन्दसाङ्गिरस्वत् 65 [५]आकूति / / मग्निम् / आकूतिमुग्मिम्प्रयुज स्वाहामनौमेधामुग्निम्प्रयुज स्वाहाचित्तविज्ञातमुग्निम्प्रयुजुस्वाहाबाचोबिधृतिमुग्निम्प्रयु | जस्वाहाप्पुजापतयेमनवेस्वाहाग्नये वैश्वानुरायस्वाहा६६ वि श्वौदेवस्य // नेतुर्मर्तीबुरीतसुक्ख्यम् // विश्वोरायऽईषुद्ध्यति द्युम्नंवृणीतपुष्ष्पसेस्वाहाँ 67 मासु। भित्थामासुरिषोम्बधुष्ष्णु | वीरयस्वसु // अग्निश्श्चेदरिष्ष्पथ 68 दृष्हिस्वदेवि / पृथिवि / स्वस्तयऽआसुरीमायास्वधयाकुतासि // जुट्टन्देवेन्यऽइदमस्तुह / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पू.अ. संहिव्यमरिष्ठात्वमुदिहियुज्ञेऽअस्मिन् 69 नसुर्पिरांसुतिरुप्मुक्कोहो 66 तावरेण्यः // सहसस्प्पुत्रोऽअद्भुत 70 शतम् 500 // परस्याऽअ धि // सुंबतोवरा // ऽअक्यातर ॥यत्राहमस्म्मुिताई // अव 71 परमस्या परावतः // पुरमस्याम्परावतोरोहिदश्व इहागहि॥ रीष्ष्य पुरुप्प्रियोग्नुत्वन्तरामृधः 72 यद॑ग्ने। यद॑ग्नेकानिकानि / / चिदातेदारूणिध्ध्मसि // सर्वन्तदंस्तुतेधुतन्तर्जुषस्वयबिट्य 73 यदत्ति // यदत्त्युपजिविकायगुम्म्रोऽअतिसप्प॑ति // सर्वन्तर्दस्तुतेषु / तन्तजुषस्वयविष्ठ्य 74 अहरहरप्प्रयावम् // अहरहरप्पंयाम्भ रन्तोश्वायेवुतिष्ठतेपासमरम्मै // रायम्प्पोषेणुसमिषामदन्तोग्ने For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मातेप्प्रतिवेशारिषाम 75 नाापृथिव्याः // समिधानेऽअग्नौराया। स्पोर्षायबृहुतेहवामहे // इरम्मदम्बुहदुवथंग्यजत्रुओतारमुग्निम्पृत / / नासुसामुहिम् 76 याश्सेना // याश्सेनाऽअभीत्वरीराव्याधिनीरु | गणाऽउत्त // येस्तुनायेचतस्करास्ताँस्तेऽअग्नेपिदधाम्यास्ये 77 दछष्ट्राभ्याम्मुलिम्म्लून् // द ट्राभ्याम्मलिम्म्लूजन्यस्तस्करी / १।उत // हनुयास्तुना गवस्तास्त्ववादसुखादितान् 78 येजनेषु / मुलिम्म्लवस्तुनासुस्तस्करावने // कष्ष्वायवुस्ता। स्तैदधामिजम्भयोड 79 योऽअम्मन्यम् / योअम्मन्यमराती / याद्यश्चनोवेर्षतेजन’ // निन्दाद्योऽअस्म्मान्धिप्प्साचुसङ्घन्तम For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. मसाकुरु 80 सर्शितम्मे॥ सर्शितम्मेब्रह्मसमर्शितंबीयंम्बलापू.अ. मसर्शितावञ्जिष्ष्णुवस्याहमस्म्मिपुरोहित 81 उदेषाम् // उ देषाम्बाहॲतिरमुट्ठोऽअविलम् // क्षिणोमिब्रह्मणामित्रानुन्ने यामिस्वा३ ।ऽअहम् 82 अनपतेनस्यानोदेवयनमीवस्यशुष्म्मि णः // प्रप्प्रदातारन्तारिषऽऊर्जनोधेहिद्द्विपदेचतुष्ष्पदे 83 // 18 // इतिसंहितायांएकादशोऽध्यायः 11 दृशानःसप्तदशदिवस्परिद्वादश समिधाग्निपंचदशापेतसप्तदशासुन्वंतंत्रयोदशयाओषधीःसप्तविश तिर्मामाषोडशसप्तसप्तदशशतं // दृशानोरुक्मः / दृशानोसुकमऽउ ायद्यौदुर्मर्षमायु-श्रियेरुचानः // अग्निरमृतोऽअभवद्वयोनि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir खंदैनन्द्यौरजनयत्त्सुरेताड १नक्लोषासासमनसा // विरूपेधापये तृशिशुमेक समीची॥द्यावाक्षामारुक्मोऽअन्तर्विभातिदेवाऽअग्नि / न्धारयन्द्रविणोदा 2 विश्वारूपाणि // विश्वारूपाणिप्प्रतिमुश्च / तकविश्प्पासावीठ्ठद्वंद्विपदेचतुष्ष्पदे // बिनाकमक्ख्यत्सविताबरे / ण्यो प्रयाणमुखसोविराजति 3 सुपर्णोसि // गुरुत्माँखिवृत्तेशि / रोगायत्रश्चक्षुबृहद्रथन्तुरेपक्षौ // स्तोमऽआत्माछन्दात्यङ्गानि / / यषिनाम // सामतेतुनूमिदेव्ययज्ञायुज्ञियुम्पुछन्धिष्ष्ण्या || शुफा // सुपर्णोसिगुरुत्त्मान्दिवङ्गछस्वापत 4 विष्ष्णोडक्रम // विष्ष्णोक्रमौसिसपत्नमुहागायत्रञ्छन्दऽआरोहपृथिवीमनुवि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyarmandir 40 मस्वविष्ष्णोडक्रास्यभिमातिहान्त्रैष्टुंभुञ्छन्दु आरोहान्तरिक्षम नुविक्रमस्व॒विष्ष्णोक्रोस्यरातीयुतोहुन्ताजागंतुञ्छन्दःआरोह दिवमनुविक्रमस्वविष्ष्णोक्रमौसिशत्रूयतोहन्तार्नुष्टुभुञ्छन्द आ रोहदिशोनुविक्रमस्व 5 अन्ददग्निः // अन्ददग्निस्तुनर्यनिव द्यौरक्षामारेरिहहीरुध-समुअन् ॥सुद्योजज्ञानोबिहीमिद्धोऽअक्ख्य दारोदसीभानुनाभात्युतः 6 अग्नेभ्यावर्तिन ॥अग्नैश्यावर्ति नभिमानिवर्तुस्वायुषावर्चसाप्पुजयाधनेन // सुन्न्यामेधारख्या पोषेण 7 अग्ने अङ्गिरः // शुतन्तसन्त्वावृतःसुहस्रन्तऽउपावृतःe अधापोर्खस्युपोषेणुपुननानुष्टमारुधिपुर्न!रयिमारधि पुनरू For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kababirth.org Acharya Shui Kailassagarsuneyarmandir र्जा // निवर्तस्वपुर्नरग्नाडुषायुषा // पुनर्न पाह्य हसः॥ ९॥स हरय्या // निवर्तुस्वाग्नेपिन्वस्वधारया // विश्वप्प्स्न्याविश्वत स्प्परि 10 आत्त्वा // हार्षमुन्तरमूर्द्धवस्तुिष्ठाविचाचलि // विश स्त्वास.वाञ्छन्तुमात्वबाष्ट्रमधिनशत् 11 उदुत्तमम् // उर्दूत्तम छ / रुणुपाशमुस्म्मदाधुमंबिमध्युमश्रथाय // अथावुयमादित्यवते / तवानागसोऽअदितयेस्याम 12 अग्नेबुहन् // अग्ग्रेब्रुहन्नुषसामूहों अस्त्थानि गुन्वान्तमसोज्ज्योतिषागात् // अग्निभानुनारुश तास्वङ्ग आजातोविश्वासान्यप्पा 13 हसशुचिषत् // हा स शुचिषट्वसुरन्तरिक्षुसद्धोतांवेदिषदतिथि१रोणुसत्॥नुषद्बरसत 每於華容容容容容容容容容容容容容部落容等等容辭答晉靜靜靜都金裕容舒聯 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ****** *** **** ****** सहव्योमुसब्जागोजाऽऋतुजाऽअविजाऽऋतंबुहत्१४सीदत्वम्।सी दत्त्वम्मातुरस्याऽउपस्त्थेविश्वान्यग्नेबुयुनानिविद्वान् / मैनान्तप सामार्चिषाभिशौचीरन्तरस्याशुक्रज्ज्योतिर्विशाहि 15 अन्तर ग्ने // रुचात्त्वमुखायासदनुस्वे // तस्यास्त्वहरसातपातवेदशि | वोभव 16 शिवोत्त्वा // मयमग्नेऽअौसीदशिवस्त्वम् // शि वाइकुत्त्वादिशुसास्वंयोनिमिहासंद६ 17417 दिवस्प्परि। प्प्रथमञ्जज्ञेऽअमिरम्महितीयुम्परिजातवेदा // तृतीयमुप्प्सुनुम णाऽअजस्रमिन्धान एनअरतेस्वाधी 18 विद्माते // अग्नेबेधात्र याणिविद्मातेधामुविर्भूतापुरुत्रा // विनानामपरमगुहायट्ठिनातम् / ****************** For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Shei Kailassagarsur Gyanmandir त्संख्यतऽआजुगन्ध 19 समुद्रेत्त्वा // नमोऽअप्प्स्वन्तर्नुचक्षा | ईधेदिवोऽअग्नऊर्धन् // तृतीयत्त्वार सितस्त्थुिवासमुपामुपस्त्थे / महिषाऽअवर्द्धन 20 अन्ददग्निः॥अन्दग्निस्तुनयन्निवद्यौ क्षामारेरिहड्डीरुध समुजन् // सुयोजज्ञानोबिहीमुिद्धोऽअक्ख्यदारो | देसीभानुनाभात्युन्तः 21 श्रीणामुदार // श्रीणामुंदारोधुरुणौरयो / मणामनीषाणाम्पार्पणसोमंगोपा॥ वसुःसूनुसहसोऽअप्प्सुरा जाविआत्त्यग्य उषामिधाना 22 विश्वस्यकेतुः // विश्वस्य | केतुर्भुवनस्युग ऽआरोदसीऽअपृणाजायमान / बीडुञ्चिदमि / / भिनत्त्परायअनायग्निमयजन्तुपञ्च 23 उशिवपावुक // उशि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वुको अतिसुमेधामतेष्वग्निरमृतोनिर्धायि // इयंतिधूमम रुषम्भरिचदुच्छुक्रेणशोचिषाद्यामिनक्षन् 24 रुशानोरक्कम // || 12 शुनोरुक्मऽउायद्यौदुर्मषमायुःश्रियेरुचानः ॥अग्निरमृतोऽ भवद्वयोभिर्यदेनुन्यौरजनयत्सुरेता 25 यस्तै // अद्यकुणवद्र शोचेपूपन्दैवघुतवन्तमग्ने // प्रतन्नयप्प्रतुरंवस्योऽअच्छाभिसुम्न / न्देवभक्तंग्यविष्ठ 26 आतम् // आतम्भजसौश्श्रवसेष्ष्वग्मऽउक्था / उक्थु आर्भजशुस्यमाने॥प्पियासूर्येप्पियोऽअग्नाभात्त्युज्जा तेनभिनदद्जनित्त्वै २७त्त्वामंग्मे॥त्त्वामंग्ग्नेयजमानाऽअनुयान्वि श्वावसुंदधिरेवााणि // त्वया॑सुहबविणमिच्छमानाब्रजङ्गोमन्त For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobabirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir मुशिजोबिवबु 28 अस्ताव्युग्निः / अस्ताव्युग्मिनुरासुशेवावे श्वान्नरऽऋषिभिंसोमगोपाः // अद्वेषेद्यावापृथिवीढुवेमदेवांधुत्त | रयिमुस्म्मेसुवीरम् 29 [12] सुमिधाग्निम् // सुमिधाग्निन्दुवा / स्यततर्बोधयुतातिथिम् // आस्मिन्हव्या होतन 30 उदत्त्वा॥ उदैत्त्वाविश्वेदेवाऽअग्नेभरन्तुचितिभिः // सनौभवशिवस्त्वम्सु प्रतीकोविभावसुः३१ प्रेत् // प्रेद॑ग्नेज्ज्योतिष्म्मान्याहिशिवेभिर चिंभिष्टुम् // बुहद्भिनुिभिआसुन्माहिल्सीस्तुन्वाप्प्रजा 32 अ ऋन्ददग्निः // अन्ददग्निस्तुनयनिवुद्यौरक्षामारेरहवीरुधःसम अन् // सुद्योजज्ञासोबिहीमिद्धोऽअक्ख्यदारोदसीभानुनाभात्त्य 杉杉控杂杂杂杂杂杂杂杂杂杂卷答答答答答答染作都警控控控控控控 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सहि न्तः 33 प्रप्प्रायम् // प्रप्यायमुग्मिभरतस्यशृण्वेवियत्सूर्योनरो चंतेबुहा॥ अभियापूरुम्पृतनासुतुस्त्थौदीदायुदैव्योऽअतिथिाशि / वोन-३४ आदिवी ॥आपोदेवी प्रतिगृसीतुमरम्मतत्स्योनेक णुद्धसुरभाऽउलोके // तस्म्मैनमन्ताजनयऽसुपत्नीर्मातेवपुत्रबि / / भृताप्प्स्वेनत्३५ अप्प्स्वेग्ने / अप्प्स्वग्नेसधिष्टवसौषधीरनुरुध्य / स।ग सायसेपुन ३६गोंडअसि॥ गौअस्योषधीनाङ्गओ बनस्पतीनाम् ॥ग विश्वस्यभूतस्याग्नेगाऽअपामसि३७ प्रसाभस्म्मना // प्रसाभस्म्मनायोनिमुपश्चपृथिवीमग्ने // सुः 71 सृज्यमातृशिष्टज्योतिष्म्मान्पुनुरासंद६ 38 पुनरासछ। पुनरास For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 聯繫幣****於幹幹幹幹柴张朵朵的举非举***幹幹幹幹幹幹 सदनमुपश्चपृथिवीमग्ने // शेषेमातुर्योपस्त्थेन्तरस्याशिव तम 39 पुनरूंर्जा // निवर्त्तवपुनरग्नाइपायुषा // पुनर्नव्पाढय / व्हसा४०सुहरख्या॥निवर्तुस्वाग्नेपिन्वस्वधारया॥विश्वप्प्स्न्या विश्वतस्प्परि 41 बोधामे // अस्यत्वचसोयविष्ठमाहिष्ठस्युप्प तस्यस्वधावः ॥पीयतित्त्वोऽअनुत्त्वोगृणातिबन्दारहेतुन्वंवन्देऽ ने 42 सबोधि // सूरिमघवावसुपतुबसुदावनायुयोद्धयस्म्मद्वे| पासिविश्वकर्मणेस्वाहाँ 43 पुर्नस्त्वा // दित्त्यारुद्रावसंवत्स। मिन्धताम्पुनर्ब्रहमाणौवसुनीथयुः // घुतेनुन्त्वन्तुन्वबर्द्धयस्वस। त्यासन्तुयजमानस्यकामा 44 [15] अपेत // अपेतबीतुधि / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पू.अ. चसप्तातोयेथुस्त्थपुराणायेचनूतनाः // अाद्यमोवसानम्पृथि 72 व्याऽअऋन्निमम्पितरौलोकमरम्मै 45 सँज्ञानमसि // कामुधरण 12 म्मर्यितेकामधरणम्भूयात् // अग्ने स्म्मास्युग्ने पुरीषमासुचित स्त्थपरिचित ऊ चितम्यहम् 46 अयस॥ अयसोऽअग्नि यस्म्मिन्त्सोमुमिन्द्रःसुतन्दुधेजुठरेवावशानः // सहुत्रियुम्बाजुम त्यन्नसण्ति ससुवान्त्सन्स्तूयसेजातवेदः 47 अग्नेयत् // अग्ने यत्तेदिविवर्च-पृथिव्यांव्यदोषधीष्ष्वप्प्स्वायजत्र // येनान्तरिक्षमु तितन्यत्त्वेषसानुरर्णवोनुचक्षा 48 अग्नेदिवः // अग्नदिवो अर्णमछजिगास्यछांदेवा // उचिषेधिष्ष्ण्याये॥यारौचनेप / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रस्तात्सूर्यस्युवाचावस्तादुपुतिष्ठन्तुऽआप४९ पुरीष्ष्यासोऽ ग्नयः // प्रावणोभिःसुजोषसः // जुषन्ताव्यज्ञमुट्ठहोनीवाऽइषो / मही 50 इडोमग्ने // पुरुदस सुनिगोशिश्वत्तुमध्हवमानायसा ध // स्यान्न सूनुस्तनयोविजावाग्नेसातेसुमुतिर्भूत्त्वस्म्मे 51 अ। यन्ते // अयन्तुयोनिऊत्त्वियोयतौयातोऽअरोचथाः // तञ्जानन ग्न आरोहाथानोबर्द्धयारयिम् // 52 // चिदसि // चिदसितादे। वतयाङ्गिरस्वबुवासीदपरिचिदसितयादेवतयाङ्गिरस्वद्भुवासीद५३ लोकम्र्पण // छिद्रम्पुणाथोसीदछ्वात्त्वम् // इन्द्राग्नित्त्वाबृहस्प्प। तिरस्म्मिन्योनावसीषदन् 54 ताऽअस्यु // सूददोहसुसोमश्री For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir णन्तिपृश्नयः // जन्मन्देवानांविशस्विष्ष्वारौचनेदिवः 55 इन्द्र विश्वाः // इन्द्रंविश्वाऽअवीवृधन्त्समुद्रव्यचसुङ्गिरः // रथीतम रथीनांबाजोनासत्पतिम्पतिम् 56 समितम् // समितुसङ्कल्प्पे थासम्प्रियौरोचिष्ष्णुसुमनुस्यमानौ // इषमूर्जमुभिसंबसनिौ५७ संबोम्॥संवाम्मासिसंग्रतासमुचित्तान्यार्करम् ॥अग्नैपुरीष्ष्या धिपाभवृत्त्वन्नु इषमूर्जयजमानायधेहि 58 अग्नेत्त्वम् // अग्ने / त्वम्पुरीष्ष्योरयिमान्पुष्टिमा॥ऽअसि॥शिवाकृत्त्वादिशुसालि स्वंयोनिमिहासद 59 भवतन्नः // अवतन्नुसमनसौसचेतसाव / रेपसौ // मायुज्ञहिसिष्टुम्मायुज्ञप॑तिजातवेदसौशिवीभवतमुद्य For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir न 60 मातेवपुत्रम् // मातेवपुत्रम्पृथिवीपुरीष्ष्यमग्निस्वेयोना। वारुषा // तांविश्वैर्देवैर्ऋतुभिःसंविदान प्रजापतिव॒िश्वक विमुञ्चतु 61 [7] असुन्वन्तुमयजमानम् // असुन्वन्तुम यजमानमिछस्तेनस्येत्यामन्विहितस्करस्य ॥अन्न्यमुस्म्मर्दिछसा तऽइत्त्यानदिविनितेतुभयमस्तु 62 नमुसुतैनिक्रतेतिग्मतेजो। यस्म्मयंविच्ताबन्धमेतम् // युमेनुत्त्वंय्युम्म्यासंविदानोत्तुमेनाके अधिरोहयैनम् 63 यस्यास्ते॥ घोरऽआस होम्म्येषाम्बन्धानां मवसर्जनाय // यान्त्वजनोभूमिरितप्पुमदन्तेनिऋतिन्त्वाहम्परि / वेदविश्वतः ६४यन्तैदेवीनितिराबुबन्धुपाशेढीवास्वविचुत्त्यम For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir www.kobatirth.org संहि, तन्तेविष्ष्याम्म्यायुषोनमद्ध्यादथैतम्पितुद्धिप्प्रसूतः // नमो पू.अ. त्ययेदञ्चकार 65 निवेशनासुगमन // निवेशन सुगमनोवसूनां विश्वारूपाभिचष्टेशचीभिः // देवाईवसवितासुत्त्यधर्मेन्द्रोनत स्त्थौसमुरेपथीनाम 66 सीरायुञ्जन्ति // कुवयौयुगावितन्वतेपृथ क् // धीरदिवेघुसुम्नुया 67 युनक्तुसीरा // युनक्तसीरावियुगात नुकतेयोनौवपतेहबीजम् // गिराचश्श्रुष्ट्रिसभराऽअसनानेदीयु इत्सुण्य पक्वमेयात्६८शुनसु॥ फालाविषन्तुभूमिःशुनडीना शाऽअभियन्तुबाहै // शुनासीराहविषातोशमानासुपिप्पुलाऽओष 74 धीकर्तनाम्मे 69 घुतेनुसीता // घुतेनुसीतामधुनासम॑ज्ज्यतांवि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्वै वैरनुमतामुरुद्भिः // ऊर्जस्वतीपय॑सापिन्व॑मानास्म्मान्त्सीते / पय॑साझ्याववृत्स्व 70 लाङ्लुम्पवीरवत् // लालम्पवीवत्सु शेवसोमुपित्संरु // तदुईपतिगामविम्प्रफुय॑ञ्चपीवरीम्प्रस्त्थावद्र्थ वाहणम् 71 कामकामदुघे // धुक्ष्व मित्रायुवरुणायच // इन्द्राया / शिश्वस्याम्पूष्ष्णेप्प्रजात्यु ओषधीय 72 विमुच्यहम्॥ वि। मुंच्यड्डमग्न्यादेवयानाऽअर्गन्मतम॑सस्प्पारमस्य / ज्योतिरापाम 73 सजूरन्द। सुजूरदोऽअर्यवोभिसजूरुषाऽअरुणीशि // स जोषसावुश्श्विनादसोभिन्सुजूसूर एतशेनसुर्वैश्वानुरऽइडया घुतेनुस्वाहाँ 74 [13] याऽऔषधी // याऽऔषधीपूर्वाजाता For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir देवेभ्यस्त्रियुगम्पुरा॥मनैनुबुझ्नूणांमुह शुतन्धामानिसुप्तच // 75 / / शुतंबः॥शुतंबोऽअम्बधामानिसुहस्रमुतवोरुहः // अर्धाशतऋत्त्वो / यूयमिमम्मै अगुदद्देत 76 ओषधीटप्प्रति // मोदडम्पुष्ष्पवती प्रसूर्वरी // अश्वाऽइवसुजित्वरीज़रुध पारयिष्ष्ण्वः 77 ओ पंधीरिति // मातरस्तौदेवीरुपबुवे // सुनेयुमण्श्वगावासऽआत्म्मा || नन्तवपूरुष 78 अश्वत्थेवः // अश्वत्थेवोनिषदनम्पुर्णवोवसु तिष्कुता // गोमाज इकिलासथ्यत्सुनवथपूरुषम् 79 यत्रौषधी // सुमग्ग्मतुराजानसमिताविव // विष्प्रत्सऽउच्यतेषिक्षोहामी विचातन 80 अश्वावतीसौमावतीम् // अश्वावतीसौमा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir वतीमर्जयन्तीमूदोजसम् // आवित्सुिसर्वाऽओषधीरस्म्माऽअरिष्ट / तातये 81 उच्छुष्म्माः // उच्छुष्म्माऽओषधीनाङ्गावोगोष्ठादिवे रते // धन सनिष्ष्यन्तीनामात्मानन्तवपूरुष 82 इष्कृतिन्नाम।। वोमाताथौययस्त्थुनिष्कृती // सीराश्पतत्रिणीस्त्थनुयदामयति / निष्कथ 83 अतिविश्वा परिष्ठास्तेनऽईवजमक्रम // ओष धीप्पाचुच्यवुर्यत्किञ्चतुन्वोरपः 84 यदिमा // यदिमाबाजय / / नहमोषधीहस्तऽआदधे // आत्क्मायक्ष्मस्यनश्यतिपुराजीवगृभो / यथा 85 यस्यौषधी॥ प्प्रसप्प॒थाङ्गमङ्गम्परुष्ष्परुः // ततोयक्ष्मं / / विधिद्दउग्योमध्यमशीरिव 86 साकम्यक्ष्म // साकंम्यक्ष्मप्रपा / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तुचाणकिकिदीविना // साकंचातस्यद्राज्यासाकनश्यनिहाक। 76 या 87 अन्न्यावः // अन्यावा अन्यामवत्वन्न्यान्यस्याऽउपाव | 12 त // तासाः संविदानाऽइदम्मेप्प्रावतावचः 88 याफुलीनी // याःफुलिनीय अफुलाऽअपुष्ष्पायाश्चपुष्ष्पिणी // बृहस्प्पति / प्रसूतास्तानौमुञ्चन्त्वहसः 89 मुश्चन्तुमा॥शपुत्थ्यादीवरुण्या। दुत॥ अथौयुमस्युपड़ीशात्सर्वसम्मादेवकिल्बिषात् 90 अवपतन्ती / / वदन ॥अवपतन्तीरवदन्दिवाओषधयुस्प्परि॥ यंजीवमुश्नाम हैनसरिष्ष्पातिपूरुष 91 याऽओषधी // याऽओषधीसोमराज्ञी 76 बुद्वीश्शुतविचक्षणा // तासामसुित्त्वमुत्तुमारङ्कामायुशन्हुदे 92 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ******* * *** * ********** याऽओषधी॥ याऽओषधीक्सोमराज्ञीविष्टितापृथिवीमर्नु // बृह स्प्पतिप्प्रसूताऽअस्यैसन्दत्तवीर्यम् 93 याच // याश्चेदमुपशुण्वा / न्तियाश्चंदूरम्परागता // सर्वां सङ्गत्यवीरुधोस्यैसन्दत्तबीय॑म् 94 मावः // मावौरिषत्त्खनितायस्म्मैचाहनामिव // डिपाचर्तु प्ष्पादस्म्माकुसवमस्त्वनातुरम् 95 ओषधयुसम् // ओषधयु समंवदन्तुसोमैनसुहराज्ञा // यस्म्मैकुणोतिब्राहमुणस्तराजन्पार यामसि 96 नायित्रीबलासुस्पार्शसऽउपुचितामसि // अर्थाश तस्युयक्ष्माणाम्पाकारोरसुिनाशनी 97 त्वाङ्गधुर्वा // त्वाङ्गधर्वा खनुंस्त्वामिन्द्रस्त्वाम्बृहस्प्पतिः // त्वामौषधेसोमाराजाविता Petiteketree For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org न्यक्ष्मादमुच्यत 98 सहस्त्रमे // सहस्वमेऽअरांतीसहस्वपृतनाय त: // सहस्वसर्वपाप्मानुसहमानास्योषधे९९ दीर्घायुस्ते॥दीर्घा युस्तऽओषधेखनितायस्म्मैचत्त्वाखनाम्यहम् ॥अत्त्वन्दीर्घा यु त्त्वाशुतवल्शाविरोहतात् 100 त्वमुत्तमा॥स्योषधेतर्ववृक्षा उपस्तयः॥ उपस्तिरस्तुसोसम्माकुंग्योऽअम्माँ२॥ अभिदासति / 101 [ 27 ] मामांहि सीजनितायापृथिव्यायोवादिवसत्यध मध्यानट् // यश्चापश्चन्द्राप्रथमोजुजानकस्म्मैदेवायहविर्षावि म 102 अन्यावर्तस्व // पृथिवियुज्ञेनुपय॑सासह // बुपान्तेऽअ ग्निरिषितोऽअरोहत् // 103 // अग्नेयत् // अग्नेयत्तेशुक्रंथ्यचन्द / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir * * * ** ******* व्यत्पूतंय्यच्चयुज्ञियम् // तदे॒वेभ्योभरामसि 104 इषमूर्जम् // इषु / मूर्जमहमितऽआदमुतस्युयोनिम्महिषस्यधारांम् // आमागोधूविश त्त्वातुनूषुजामिसेदिमनिराममीवाम् 105 अग्नेत // अग्नेत श्रवोवयोमहिलाजन्तेऽअर्चयोविभावसो // बृहद्रानोशवसावा जमुक्थयन्दधासिदाशुषेकवे 106 पावकवर्चाशुक्रवाः // पाव / कवर्चाशुऋवर्चा अनूनव उदियर्षिभानुना // पुत्रोमातरोविच रन्नुपावसिपुणक्षिरोदसीऽउभे 107 ऊर्जीनपात् // उनिपाजात विद सुशस्तिभिमन्दस्वधीतिभिर्हितः // त्वेऽइषुसन्दधु रिवर्प सश्चित्रोतयोबामाताई 108 इरज्यन्नंग्ने // प्रथयस्वजन्तुभि 22220 2 *2222 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir रस्म्मेरायोऽअमर्त्य // सदर्शतस्युक्त्वपुषोविराजसिपुणक्षिसानुसिङ्ग तुम् 109 इष्क्कुत्तरिमडुरस्य / इष्कुरिमड्डुरस्युप्पचैतसङ्कयन्तु / राधसोमुहः // रातिबामस्य॑सुभगाम्मुहीमिषन्दधासिसानुसि यि / म् 110 क्रुतावानम्महिषं // विश्वदर्शतमुग्निसुम्नायंदधिरेपुरो जना // श्रुत्कर्णसुप्पथस्तमन्त्वागुिरादेव्यम्मानुषायुगा॥१११॥ आप्प्यायस्व // समेतुतेविश्श्वत सोमवृष्ष्ण्यम् // भवाबाजस्य सङ्गथे 112 सन्ते // सन्तुपयासिसमुयन्तुबाजाइसंवृष्ष्ण्यान्य भिमातिषाहः॥ आप्प्यायमानोऽअमृतायसोमदिविश्वास्यु त्तुमानिधिष्ष्व 113 आप्प्यायस्व // मदिन्तमुसोमुविश्वेभिरः For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir शुभिः॥ भवानसुप्पथस्तमुसखांबुधे 114 आते॥ वत्सोमनों / यमत्परमाच्चित्सुधस्थात् // अग्ने॒त्त्वाकामयागिरा 115 तुझ्य न्ताः // तुझ्यन्ताऽअङ्गिरस्तमविश्वा-सुक्षितय पृर्थक् // अग्ने / कामाययेमिरे 116 अग्निप्पियेषु // अग्निप्रियेषुधाम॑सुका / मोभूतस्युभयस्य // सम्माडेकोविराजति 117 [16] इतिसंहि। तापाठेद्वादशोऽध्यायः 12 मयिगृह्णामिपंचदशध्रुवासिमधुव्वाताए कादशकौसम्यक्स्रवंतिनवेमंमाषडपांत्वैकाऽयंपुरःपंचसप्ताष्टापंचा शत् // मयिगृह्णामि॥मयिंगृह्णाम्म्यग्ने अग्नि रायस्प्पोषायसुप्पा जास्त्वायसुवीर्याय // मामुदेवासचन्ताम् 1 अपाम्पुष्ठम् // अ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पाम्पृष्ठमंसियोनिग्नेश्समुद्रमभितुपिन्व॑मानम् ॥बर्द्धमानोमुहापू.अ. आचपुष्करेदिवोमात्रयाबरिम्म्णाप्पथस्व 2 ब्रह्मयज्ञानम् // ब 13 हमयज्ञानम्थुमम्पुरस्ताद्विसीमतःसुरुचोवेनऽआव // सबुध्ध्या उपमाऽअस्यविष्ठाश्सुतश्चयोनिमसतश्चविवः 3 हिरण्यगर्भ समवर्तताग्दै तस्य॑जात पतिरेक आसीत् // साधारपृथिवीन्द्या / मुतेमाङ्करम्मैदेवायहविषाविधेम 4 दृप्प्सच्चस्क्वन्दापृथिवीमनुद्या मिमञ्चयोनिमनुयश्चपूर्वः // समानंयोनिम सञ्चरन्तन्द्रप्टसञ्जा होम्म्य सुप्तहोत्रा 5 नमौस्तु // सुप्र्पक्यायेकेचपृथिवीमर्नु येऽअन्तरिक्षेयेदिवितेश्य सुन्योनमः // 6 // याऽइषवः ॥या। For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir इषवोयातुधानानाम्यवादनुस्प्पती // येवावुटेषुशेरतेतेश्यः / सप्पैक्यानमः 7 येव / मीरौचनेदिवोयेवासूर्यस्यरश्म्मिषु // थे। मुप्प्सुसदस्कृतन्तेयःसुप्पंयोनमः 8 कृणुष्ष्वपार्ज // णुष्वपाजुप्पसितिन्नपुथ्वींच्याहिराजेवामवाय // इनतुष्ष्वी मनुपसितिन्द्रूणानोस्तासिबिद्ध्यरक्षसस्तपिष्टेः // 9 // तन्नुमा / सः॥ तवचमासंऽआशुयाप॑तुन्त्यनुस्पृशधूषताशोशुचान // तपू Cष्यग्नेजुबापतुङ्गानसन्दितोविसृजुविष्ष्वगुल्क्का 10 प्रतिस्प्प शः॥ प्रतिस्प्पशोबिसृजतूर्णितमोभापायुविशोऽअस्याऽअदध्वः योनौदूरेऽअपसोयोऽअन्त्यग्नेमाकिष्टेयथिरादधीत्११उदग्ने॥ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir तिष्टुप्प्रत्यातनुष्ष्व॒न्युमित्रा // ऽओषतातिग्ग्महेने // योनोऽअरा तिसमिधानचक्रेनीचातन्धक्ष्क्ष्यतसन्नशुष्कम् 12 अझैभव // उद्योभवप्पतिविद्ध्याध्यस्म्मदाविष्णुष्ष्वदैव्यान्यग्ने // अव स्थुिरातनुहियातुजूनाआमिमामिम्प्रमृणीहिशत्रून् // अग्नेष्वा / तेजसासादयामि 13 अग्निर्मूर्द्धा // दिवश्ककुत्त्पति पृथिव्याअॅ यम् // अपारेतार्थसिजिन्वति ॥इन्द्रस्युत्त्वौजसासादयामि१४ भुवायुज्ञस्य॑ // भुवायुज्ञस्युरज॑सश्चनेतायोनियुविसर्चशेशिवा भिः॥दिविमूर्धानन्दधिषेस्वर्षाजिबामग्नेचरुषेहयुवाहम्१५/१५८० ध्रुवासि // धुरुणास्तृताविश्वकर्मणा // मात्त्वासमुद्राउधीन्मा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुपर्णोव्यथमानापृथिवीन्व्ह 16 प्रजापतिष्ट्वा // सायत्त्वपाम्पुष्टे / / समुद्रस्येमन् // व्यचस्वतीम्प्रथस्वतीम्प्रथस्वपृथिव्यसि 17 भूरे सि // भूरसिमिरस्यदितिरसिविश्वायाविश्वस्यभुवनस्यधु // पृथिवींव्यछपृथिवीन्हपृथिवीम्माहिसी १८विश्वस्म्मै / प्राणाय // विश्वस्म्मैप्प्राणायोपानायच्यानाौदानायप्प्रतिष्ठाय / चरित्राय // अमिष्ट्र। शिपातुमुह्यास्वस्त्याछर्दिषाशन्तमेनुतादेव / तयाङ्गिरस्वद्धवासीद 19 काण्डात्काण्डात्मरोहन्ती॥ परुषापरुष स्प्परि // एवानोर्बुप्प्रतंनुसुहौणशतेनच 20 याशुतेन // प्प्रतुनो / प्रिंसुहस्रेणविरोर्हसि // तस्यास्तदेवीष्टकेविधेमहुवि|व्यम् 21 या For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्तै // ऽअग्नेसूर्येरुचोदिवमातुन्वन्तिरश्मिभिः // ताभिन्नोऽ सर्वांभीरुचेजनायनस्कृधि 22 याव’ // यादेिवाइसूर्येरुचो / गोष्ष्वश्वेषुयारुचः॥ इन्द्राग्नीताभिसर्वाभीरुचन्नोधत्तबृहस्प्प ते 23 बिराड्योतिः // विराड्डयोतिरधारयत्स्वराज्योतिरधारय त् // प्रजापतिष्ट्वासादयतुपुष्टेपृथिव्याज्योतिष्म्मतीम॥ विश्वस्म्मै प्प्राणायापानायव्यानायुविश्वज्योतिर्थछ ॥अग्मिष्टेधिपतिस्त / यदेिवतयाङ्गिरस्वठ्ठवासीद 24 मधुश्च // मधुश्चमाधवश्वास न्तिकावुतूऽअग्नेरन्तश्लेषोसिकल्प्पैतान्यावापृथिवीकल्प्पन्ता मापुऽओषधयुद्धकल्प्प॑न्तामुग्मयु पृथममुज्यैष्ठ्यायुसव्रता // ये For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अग्नयुसमनसोन्तुराद्यावा॑पृथिवीऽइमे // वासन्तिकावृतूऽअधि कल्प्पमानाऽइन्द्रमिवदेवाऽअभिसंबिशन्तुतयाँदेवतयाङ्गिरस्वद्धवे | सीदतम् 25 अोढासि॥ अोढासुिसहमानासहस्वारातीसहस्व पृतनायुतः // सुहस्रबीासिसामाजिन्व 26 [11] मधुबात मधुबातोऽऋतायतेमधुक्षरन्तिसिन्धवामाद्दीन सन्त्वोषधी 27 मधुनक्तम् // मधुनक्तमुतोषसोमधुमुत्पार्थिवरजः // मधुधौरस्तु नपिता 28 मधुमान्न // मधुमान्नोवनस्प्पतिमधुमाई // अस्तु सूयः॥ माड्डीर्गावोभवन्तुन 29 अपाङ्गम्भन्॥ अपाङ्गम्भन्त्सी दुमात्त्वासूोभिताप्प्सीन्माग्निवैश्वानरः // अच्छिन्नपत्राउप्प For Private and Personal Use Only
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________________ San Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobaith.org Acharya Si Kailassarsul Gyarmandie जाऽअनुवीक्षस्वानुत्त्वादिव्यावृष्टिसचताम् 30 त्रीन्समुद्रान् ॥त्री पू.अ. न्त्संमुद्दान्त्समैसुपत्स्वग्र्गानुपाम्पतिवृषभऽइष्टकानाम् // पुरीपंवा नासुकृतस्यलोकेतगच्छुयन्त्रपूर्वेपरैता 31 मुहीयौ पृथिवीचन / इमय्यज्ञम्मिमिक्षताम्॥पिपुतानोभरीमभिः॥३२ विष्ष्णोडकर्मा / णि॥पश्यतुयतौबृतानिपस्पशे।इन्द्रस्ययुज्युसखा 33 ध्रुवासि // धरुणेतोजज्ञेप्रथुममेक्योयोनिमयोऽअधिजातवेदाः॥ सायुज्या / त्रिष्टुभानुष्टुभाचदेवेश्यौहव्यंबहतुप्प्रजानन् 34 हुषेराये // रम। स्वसहसेद्युम्न कुर्जेऽअपत्त्याय ॥सुम्म्राईसिस्वराडसिसारस्वतौत्वो / सौप्पावताम् 35 अग्नेयुक्ष्व // अग्नेयुक्ष्वाहियेतवाश्वासोदेवसा / 非禁答答答答答幹幹幹幹带带带等等容容容容容容容容容容容容容容容容容容容容容容 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 步步步步步步步错步法步步学类并举步学学卷步进产学长学法学学步半步步步件告警 धर्वः // अरंवहन्तिमुन्य 36 यक्ष्वाहि // देवहूतमाः // अश्वा ॥ऽअग्नेस्थीरिव // निहोतापूर्यसंद६३७ [11] सुम्म्यक्त वन्ति // सुरितोनधेनाऽअन्तर्खदामनसापूयमाना // घुतस्यधारा अभिचाकशीमिहिरण्ययोबेतुसोमयेऽअग्ने // 38 चेत्त्वा / रुचेत्त्वाभासेवाज्ज्योतिषेत्वा // अभूदिदंविश्वस्युभुवनस्यवाजि नमुग्नेर्वैश्वानरस्य॑च 39 अग्मिज्योतिषा // अग्मिज्योतिषा ज्योतिष्म्मात्रुवमोवसावर्चस्वान् // सुहस्रदाऽअसिसुहस्रायत्त्वा 40 आदित्यङ्गर्भम् // आदित्यङ्ग म्पयंसासमविसहस्रस्यप्पति मांविश्वरूपम् // परिवृविहरसामाभिमस्त्था शुतायुषऋणुहि 許許許許許許許許許許許許器等等等等若若若若若若若若若神带 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चीयमानः 41 वातस्यजूति // वरुणस्युनाशिमवज्ञान सरि रस्यमध्ये // शिशुन्नुदीना हरिमविबुध्नमग्नेमाहि सीपरमेव्यो / मन् 42 अनुमिन्दुम् // अजस्रमिन्दुमरुषम्भुरण्युमुग्निमीडेपूर्व चित्तिन्नमोभिः // सपर्वभिर्ऋतुशकल्प्पमानोगाम्माहिसीरदिति / विराजम् 43 बरुबीन्त्वष्टुं // वरूत्रीन्त्वष्टुवरुणस्युनाभिमविक्ष ज्ञानाजसुपरस्म्मात् // मुहीसाहस्रीमसुरस्यमायामग्नेमाहि सीडपरमेयोमन्४४ योऽअग्निः // योऽअग्निग्मेरद्धयजायतशो कात्पृथिव्याऽउतादिवस्प्परि॥ येनप्प्रजाविश्वकर्माजुजानत ||83 मग्नेहेडुङपरितेवृणक्तु 45 चित्रन्देवानाम् // चित्रन्देवानामुदंगाद For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir *** * ********* नीकुश्चक्षुम्मुित्रस्युवरुणस्याग्ने? // आप्पाद्यावापृथिवीऽअन्तरि सूर्यआत्म्माजर्गतस्तस्त्थुषश्च 46[9] इमम्मा // हिल्सी / ढिपादम्पशुसंहस्राक्षोमेधायचीयमानः // मयुम्पशुम्मेधमग्नेजुष स्वतेनचिन्वानस्तुन्बोनिषीद // मुयुन्तेशुगूछतुवन्द्विष्ष्मस्तन्तेशु गूछतु 47 इमम्मा // हिंसीरेकशफम्पशुङ्कनिऋदवाजिनुवाजिने षु // गौरमारण्यम तेदिशामिते चिन्वानस्तन्बोनिषींद // गौरन्ते / शुगछतुयन्दुिष्ष्मस्तन्तेशुगूछतु 48 इमसाहस्रम् // इमसाहस्र / शतधारमुत्त्संयुच्यमानसरिरस्युमध्ये // घुतन्दुहानामदितिअना। याग्नेमाहिल्सीपरमेव्योमन् // गुवयमारण्यम तेदिशामितेनचि ************* ******* For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वानस्तुन्वोनिषींद // गुवयन्तेशुगूछतुयद्विष्म्मस्तन्तेशुगृछतु 49 84 | इममूंर्णायुं // वरुणस्युनाभिन्त्वचम्पशूनान्विपदाश्चतुष्ष्पदाम् ||13 मत्त्वष्टुप्प्रजानाम्प्रथमञ्जनित्रमग्नुमाहिल्सीपरमेव्योमन् // उष्ट्रमा|| रण्यम तेदिशामितेनचिन्वानस्तुन्बोनिषीद // उष्ट्रन्तेशुगूछतुष न्दुिष्म्मस्तन्तेशुगृछतु 50 अजोहि // अजोयुग्नेरजनिष्टुशोका सोऽअपश्यजनितारमग्ने // तेनदेवादेवतामग्रमायुस्तेनुरोहमाय नुपमेद्ध्यासः // शुभारण्यम तेदिशामितेनचिन्वानस्तुन्वोनि षौद // शुरुभन्तेशुगूछतुयन्दुिष्म्मस्तन्तेशुगूछतु 51 त्वंयविष्ठ / दाशुषो पाहिशृणुधीगिरः // रक्षातोकमुतत्क्मना 52 [6] | 举非举柴柴毕华幹幹幹幹举非举术学举举非举举举炸朵朵外华##华华华华华 84 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पान्त्वा // अपान्त्वेमन्त्सादयाम्म्यपान्वोद्मन्त्सादयामम्युपान्त्वा भस्म॑न्त्सादयाम्युपान्त्वज्योतिषिसादयाम्युपान्त्वायनेसादया। म्यर्णवेत्त्वासदनेसादयामिसमुद्देत्त्वासदेनेसादयामिसरिरेत्त्वासद नेसादयाम्म्यपान्त्वाक्षय॑सादयाम्म्युपान्त्वासधिषिसादयाम्म्युपा न्वासदनेसादयाम्म्यपान्त्वासुधस्त्थसादयाम्म्युपान्त्वायोनौसाद / याम्म्युपान्त्वापुरीषेसादयाम्म्युपान्त्वापार्थसिसादयामिगायुत्रेण | त्वाछन्दसासादयामित्रैष्टुं नत्त्वाछन्दसासादयामिजागतेनत्त्वाछ न्दसासादयाम्म्यानुष्टुभेनत्त्वाछन्दसासादयामिपाडैनत्त्वाछन्दसा सादयामि 53 [1] अयम्पुरः // अयम्पुरो वस्तस्यप्ाणोभौ / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वायनोवसुन्तप्पाणायुनोगायत्रीवासुन्तीगायुयैगोयुवायुवाद पू.अ. 85 पा७शुरुपाखुशोस्त्रिवृत्रिवृतौरथन्तरंबसिष्टुऽऋषि के प्रजापतिगृहीत 13 यात्त्वाप्पाणहामिप्पजायः 54 अयन्दक्षिणा // विश्वक तिस्युमनौवैश्वकर्मणीष्म्मोमानसस्त्रिष्टुव्यैष्म्मीत्रिष्टुः / स्वारस्वाराद॑न्तामोन्तमात्त्यञ्चदशःपञ्चदशागृहट्टरद्दोजुऋ / पिप्प॒जाप॑तिगृहीतयात्त्वयामनौगृह्णामिप्प्रजाक्य 55 अयम्प / / श्चात्॥ अयम्पश्चाविश्वव्यचास्तस्युचक्षुर्वैश्वव्यचुसंवर्षाचा क्षुष्प्योजगतीवार्षीजगत्त्याऽऋक्सममृक्ख्समाछुऋशुक्रास प्तदशसप्तदशार्द्वरूपज्जुमदग्नुिर्कषि प्रजापतिगृहीतयात्त्वयाच For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir क्षुर्गृह्णामिप्प्रजाक्यः 56 इदमुत्तुरात // इदमुनुरात्त्स्वस्तस्युश्श्रो 6 सौव शुरछौड्यनुष्टुप्शारानुष्टुभऽऐडमैडान्मन्थीमुन्थिने एक विशऽएकविशाराजविश्वामित्र ऋषिःप्रजापतिगृहीतयात्त्व / या श्रोत्रंङ्गलामिप्प्रजाय: 57 इयमुपरिमुतिस्तस्यैवाङ्मात्त्याहे / मन्तोबाच्यपतिमन्तीपुङ्यैनिधनवन्निधनवतऽआग्ययुणऽआ ग्ययुणात्रिणवत्रयस्तुिशौत्रिणवत्रयविशाझ्याशाकररैवतेवि श्वकर्मऋषि प्रजापतिगृहीतयात्त्वयावाचंङ्गहामिप्प्रजागयौ लोकन्ताऽइन्दम् 58 [5] इतिश्रीवाजसनेयसंहितायांत्रयोदशो ऽध्यायः 13 ध्रुवक्षितिःषट्सक्रतुभिर्मूवियोर्द्विकाविंद्रामीआ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्र.अ. युर्मेषट्कावाशुखिवृदेकानेागोस्येकयाचतुष्कावष्टावेकविशत्। धुवक्षितिर्द्धवयोनिः॥ ध्रुवक्षितिर्द्धवयोनिर्द्धवासि वंयोनिमासी ||14 दसाधुया॥ उक्ख्य॑स्यकेतुर्ग्रथमञ्जुषाणाश्विनाडुयूंसादयतामि हत्वा 1 कुलायिनीघुतवती // कुलायिनीघुतवतीपुरन्धिस्योने सीदसर्दनेपृथिव्याः // अभिवारुद्रावसवोगृणन्त्विमाब्रह्मपीपिहि सौभगायाश्श्विनाडुय्यूसादयतामिहत्वा 2 स्वैईक्षैः // स्वैईआईक्ष यितहसींददेवानासुम्नेवृहुतेरणाय // पितेवैधिसूनवऽआसुशेवा स्वावेशातुन्वासंबिशस्वाभिश्वनायूंसादयतामिहत्वा३पुथिया पुरुषम् // पुथिया:पुरीषमुस्यप्प्सोनामुतान्त्वाविश्वेऽअभिगूण For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir न्तुदेवा // स्तोमपृष्ठाघुतवतीहीदप्मजावदस्म्मेद्रविणायजस्वा / विश्वनाहुयूंदियतामिहत्वा 4 अदित्यास्त्वा // पुष्ठेसादयाम्म्य न्तरिक्षस्यधुत्रविष्टम्भनीन्दिशामधिपत्नीम्भुवनानाम् // जुम्मिट्टी प्प्सोऽअपामंसिविश्वकर्मातऽऋषिरश्विनाढयूंसादयतामिह त्वा 5 शुक्रश्च // शुऋचुश्रुचिञ्चुग्गृष्म्मावुतूऽअग्नेरंत लषोसि कल्प्पैतान्द्यावापृथिवीकल्प्प॑न्तामापुऽओषधयुकल्प्प॑न्तामुग्न / यत्पृथुङ्ममुज्ज्यैष्ठ्यायुसव्रता // येऽअग्नयुसमनसोन्तराद्यावापृ थिवीऽहमे // ग्रैष्म्मावुतूऽअभिकल्प्पमानाऽइन्द्रमिवदेवाऽअभिस विशन्तुतदेिवतयाङ्गिरस्व वेसीदतम्॥६॥[६] सुजूर्ऋतुभिः / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir पृ.अ. सजूविधाभिः सर्दुवै सजूद्देवैर्वयोनाधैरग्नयैत्वावैश्वानुराया 7 विश्वनाहठयूंसादयतामिहत्वासजूतुभिः सजूर्बुिधाभिःसजूर्वसु भि सुजू?वैवयोनाधैर्ग्नयेत्वावैश्वानरायाश्विनाडुयूंसदिय तामिहत्वासुजूर्ऋतुभिःसुजूर्बुिधाभिःसुजूरुदै सुर्दुवैवयोनाधैर् | ग्नयैत्त्वावैश्वानुरायाभिश्वनाहुयूंसादयतामिहत्त्वासुजूर्ऋतुभिः सुजूर्बुिधाभिः सजूरादित्यैश्सुजू वैर्वयोनाधैरग्नयेत्वावैश्वानुरा | याभिश्वनादुर्वृदियतामिहत्वासुजूतुभिःसुजूर्बिधाभि सुजू विश्वैर्दुवैसुजू वैवयोनाधैर्ग्ग्नयैत्वावैश्वानरायाविनायूं | सादयतामिहत्वा 7 प्प्राणम्मै // पाह्यपानम्मैपाहिल्यानम्मैपाहिच For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir क्षुर्मऽाविभाहिश्श्रोत्रम्मेलोकय॥ अपापिन्वौषधीजिंन्त्र द्विपादवचतुष्प्पात्पाहिदिवोवृष्टिमेरेय 8 [2] मुख़्वय-प्प्प्रजाप तिश्छन्द क्षत्रंबयोमयन्दन्छन्दौविष्टम्भोधयोधिपतिश्छन्दौविश्व कविर्य परमेष्टीछन्दोबस्तोबयोंबिवलञ्छन्दोवृष्ष्णुिर्बयोविशा लञ्छन्दःपुरुषोवयंस्तन्द्रञ्छन्दोव्याग्पोबयोनाष्टुञ्छन्द सिहोच यदिश्छन्द-पष्टुवाइयोबृहुतीछन्दै उक्षावयःककुप्प्छन्दऽऋषभो / वयं सुतोबृहतीछन्दौनडान्वयः 9 अनडान्वयः // पश्छिन्दौधे योजगतीछन्दस्यवियख्रिष्टुप्प्छन्दोदित्युवाड्यौबिराङन्दुःपञ्चों विर्वयोगायत्रीछन्दैखिवुत्सोबयऽष्ष्णिक्छन्दस्तुर्युवाड्यौनुष्टु For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir संहिप्प्छन्दोलोकन्ताऽइन्द्रम् 10 [2] इन्द्राग्नीऽअध्यथमानाम् // इ चन्द्राग्नीऽअन्यथमानामिष्टकान्हतंव्युवम्॥पुष्ठेनद्यावापृथिवीऽ || |न्तरिक्षञ्चविबोधसे 11 विश्वकर्मात्वा // सादयत्त्वन्तरिक्षस्यप ठेव्यचस्वतीम्प्रथस्वतीमुन्तरिक्षयान्तरिक्षनृव्हिान्तरिक्षम्माहित सी॥ विश्वस्म्मैप्प्राणायोपानायव्यानायौदानायप्प्रतिष्ठायैचरि त्राय // वायुष्ट्वाभिपातुमह्यावस्त्याछर्दिषाशन्तमेनुतदेिवतयाङ्गि रस्वधुवासींद 12 शतम् 700 // रायसि॥राइयसिप्पाचीदिग्वि / राडसिदक्षिणादिक्ख्सुम्नार्डसिप्प्रतीचीदिक्ख्स्वराडस्युदीचीदिग || पित्त्यसिबृहुतीदिक् 13 विश्वकर्मात्वा // सादत्वन्तरिक्षस्य / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir पुष्टेज्ज्योतिष्म्मतीम्॥ विश्वस्म्मैप्प्राणार्यापानायव्यानायुविश्व ज्योतिर्यछ // वायुष्टेधिपतिस्तयदिवतयाङ्गिरस्वध्रुवासींद 14 न / च।नभुस्यश्च्चवार्षिकावुतूऽअग्नेरन्तश्लेपोसुिकलप्पैतान्द्यावा पृथिवीकल्प्पन्तामापुऽओषधयुकल्प्प॑न्तामुग्नय पृथुङममुज्यै | ठयायुसव्रता // येऽअग्नयुक्समनसोन्तुराद्यावापृथिवीऽहमे // वा र्षिकावुतूऽअश्किल्प्पमानाऽइन्द्रमिवदेवाऽअभिसंविशन्तुतयादेव तयाङ्गिरस्वध्रुवेसीदतम् 15 इषश्च // इषश्चोर्जश्चशारदावतूऽ ग्मेन्तश्लेषोसुिकल्प्पैतान्द्यावापृथिवीकल्प्पन्तामापुऽओषधयु कल्प्पन्तामुग्मयुत्पृथुममुज्यैष्ठ्यायुसव्रता // येऽअग्नयुसमन For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि.] सोन्तुराद्यावापृथिऽवीहमे // शारदावृतूऽअभिकल्प्पमानाऽइन्द्रमि वदेवाऽअभिसंविशन्तुतौदेवतयाङ्गिरस्वध्रुवेसीदतम् 16 [6] आयुम्म // पाहिप्प्राणम्मैपाह्यपानम्मैपाहिल्यानम्मैपाहिचक्षुर्मे / / पाहिश्श्रोत्रम्मेपाहिबाचम्मेपिन्बमनौमेजिन्वात्मानम्मेपाहि ज्योतिम्र्मेयछ 17 माछन्दः॥प्पमाछन्द प्रतिमाछन्दोऽअत्री / वयुश्छन्द पतिश्छन्दऽउष्ष्णिक्छन्दोबृहतीछन्दौनुष्टुप्छन्दौविरा | टन्दोगायत्रीछन्दस्विष्टुप्छन्दोजगतीछन्द-पृथिवीछन्दः 18 पुथि वीछन्दोन्तरिक्षुच्छन्दोद्यौश्छन्दइसमाश्छन्दोनक्षत्राणुिछन्दोवाक्छ न्दोमनुश्छन्द कुषिश्छन्दोहिरण्युञ्छन्दोगौश्छन्दोजाछन्दोश्व For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir छन्दः 19 अग्निवता // अग्निवतावातौदेवतासूर्योदेवताच न्द्रौदेवताबर्सवोदेवासद्वादेवादित्यादेवतामुरुतौदेवताविश्वेदे वादेवताबृहस्प्पति?वतेन्द्रौदेवतावरुणोदेवता 20 मासि // मी सिराध्रुवासिंधुरुणाधुर्यसिधरणी // आर्युपेत्त्वावर्चसेत्त्वाकृष्ध्यै / वाक्षेमायत्वा // 21 // यन्तीराट् // यन्त्रीराड्यन्ल्यसियमनीध्रुवा सिधरित्री // इपेत्त्वोर्जेत्वारग्धैत्वापोयित्वालोकन्ताऽइन्द्रम् // 22 [6] आशुस्विवृत्॥ आशुस्विवृद्धान्त पञ्चदशोयोमासप्तदशो धुरुण एकवि शप्पतूर्तिरष्टादशस्तपौनवदशोभीवर्तसविशोबी द्वाविशाम्भरणस्त्रयोविशोयोनिश्चतुर्विशोगपञ्चविश For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir संहि. ओजखिणवश्ऋतुरेकत्रि शप्प्रतिष्ठात्रयविशोब्रुध्नस्यविष्टपञ्च पू.अ. तुखिशोनाकै षट्रिशोविवाष्ठाचत्वारि शोधुर्बञ्चतुष्टोमा 23114 अग्ने गः ॥अग्नेर्भागोसिदीक्षायाऽआधिपत्त्युम्ब्रह्मस्पुतन्त्रि वृत्स्तोमुऽइन्द्रस्यभागोसिविष्ष्णोराधिपत्यत्रस्पतम्र्पञ्चदशस्तो। मौनुचक्षसाम्भागोसिधातुराधिपत्यञ्जनित्र स्पुत सप्तदशस्तोमा / मित्रस्य भागोसुिवरुणस्याधिपत्यन्दिवोबृष्टुितिस्पुतऽएकविश स्तोमोबसूनाम्भाग 24 वसूनाम्भआगोसिरुद्राणामाधिपत्यश्चतु पात्स्पुतञ्चतुविशस्तोम आदित्यानाम्भागोसिमरुतामाधिप / 90 त्युङ्गभस्पुितात्पञ्चवुि शस्तोमोदित्यै भागोसिपूष्ष्ण आधिपत्त्यु For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobarth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandit मोजस्पुतन्त्रिणुवस्तोमौदेवस्यसवितुर्भागोसिबृहस्प्पतुराधिपत्य समीचीदिशंस्पुताश्चतुष्टोमस्तोमोयानाम्आग: २५यानाम्भा। गोस्ययवानामाधिपत्यम्प्रजास्पुताश्चतुश्चत्वारि शस्तोमऽऋष णाम्भआगोसिविश्वेषान्देवानामाधिपत्यम्भूतस्पृतन्त्रयवि शि। स्तोमुसहश्च 26 सहश्च // सहस्यश्चैहैमन्तिकावुतू अमेरन्तः श्लेषोसिकल्प्पैतान्द्यावापृथिवीकल्प्प॑न्तामापु ऽओषधयुकल्प्प। न्तामुग्मयुडपृथङममुज्यैष्ठ्यायुसवताः // येऽअग्नयुद्धसमनसोन्त / राद्यावापृथिवीऽइमे // हैमन्तिकावुतूऽअभिकप्पमानाऽइन्द्रमिवदे वाऽअभिसंविशत्तुतदेिवतयाङ्गिरवद्रुवेसीदतम् 27 [4] एक 將染等等带带带將染等容器容容器等等等等等等等等等等容蒂蒂蒂蒂蒂落落落落格 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir यास्तुवत // प्मुजाऽअधीयन्तप्पुजापतुिरधिपतिरासीतिसृभिरस्तु वतुब्रासृज्यतुब्रह्मणस्प्पतुिरधिपतिरासीत्पञ्चभिरस्तुवतभूता | न्य॑सृज्यन्तभूतानाम्पतुिरधिपतिरासीत्सुप्तभिरस्तुवतसप्तऽऋष योसृज्ज्यन्तधाताधिपतिरासीन्नुवभिरस्तुवत 28 नुवभिरस्तुवत // पितरोसृज्यन्तादितुिरधिपत्न्यासीदेकादशभिरस्तुवतऽतवोस। ज्यन्तावाऽअधिपतय आसँस्त्रयोदशभिरस्तुवतुमासाऽअसृज्य। तसंवत्सरोधिपतिरासीत्पञ्चदशभिरस्तुवतक्षुत्रमंसृज्यतेन्द्रोधिप। तिरासीत्सप्तदशभिरस्तुवतग्याम्म्यां पुशवौसृज्यन्तुबृहस्पतिर धिपतिरासीनवदशभिरस्तुवत 29 नुवदशभिरस्तुवत // शूवार्यावं For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir * ** ****** ***** सृज्येतामहोरात्रेऽ अधिपत्नी आस्तामेकवि शत्यास्तुव॒तैकश || फापुशवोसृज्यन्तुबरुणोधिपतिरासीत्रयोविशत्यास्तुवतक्षुद्रा पशवौसृज्यन्तपूषाधिपतिरासीत्पञ्चविशत्त्यास्तुवतारण्या पश वौसृज्यन्तवायुरधिपतिरासीत्सुप्तवि शत्यास्तुवतुद्यावापृथिवी / यैतांबसवोरुद्राऽआदित्या अनुयायुस्त ऽएवाधिपतय आसन्न / विशत्त्यास्तुवत 30 नवविशत्यास्तुवतु // वनस्प्पतयोसृज्य / न्तुसोमोधिपतिरासीदेकत्रि 6 शतास्तुवतप्प्रजाऽअसृज्यन्तुयवा। चायवाश्चाधिपतय आसँखयस्त्रिशतास्तुवतभूतान्यशाम्म्यन्म। जापति परमेष्ट्यधिपतिरासील्लोकन्ताऽइन्द्रम् 3184] इतिसंहि। ** *%2********* For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir तायांचतुर्दशोध्याय 14 अग्नेजातानपंचरश्मिनासत्यायचतस्रो 92 | राज्यस्ययंपुरःपंचकावनिर्मूर्दुकोनत्रि शयेनऽऋषयोष्टौतपश्चनव || 15 सप्तपंचषष्टिः॥ अग्नेजातान् // अग्नेजातान्प्रणुदानसुपत्कान्म त्यजातानुदजातवेदः // अधिनोब्रूहिसुमनाऽअहेडॅस्तवस्यामुशम्म स्विरूथ उद्गौ // 1 // सहसाजातान् // सहसाजातान्अणुदानास पक्वान्प्रत्यजाताजातवेदोनुदस्व // अधिनोब्रूहिसुमनुस्यमानोछ / यस्यामप्पणुंदानसुपत्नान 2 षोडशीस्तोमे // षोडशीस्तोम / ओजोद्रविणञ्चतुश्चत्वारि शस्तोमोबोंद्रविणम् // अग्ने पुरीष 92 मुस्यप्सोनामुतान्त्वाविश्वेऽअभिगृणन्तुदेवा // स्तोमपृष्ठाघुतव For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir तीहीदप्प्रजावदस्म्मेद्रविणार्यजस्व 3 एवश्छन्दः // एवश्छन्दोब। विश्छन्द’ शुम्भुश्छन्द परिभूश्छन्द आउछन्दोमनश्छन्दोव्यच छन्दःसिन्धुश्छन्द-समुद्रश्छन्दै सरिरज्छन्द कुकुप्प्छन्दस्त्रिकुकु। प्छन्द काव्यञ्छन्दोऽअङ्कपञ्छन्दोक्षरंपङ्किछन्द पदपतिश्छन्दो विष्टारपंडिश्छन्द क्षुरोलर्जुश्छन्दऽआछछन्दै पछछन्दः 4 आ छछन्दप्पंछछन्दः॥ संख्यछन्दोबियछन्दोबुहछन्दौरथन्तुरञ्छन्दो। निकायश्छन्दोविवुधश्छन्दोगिरश्छन्दोजुश्छन्द' सुस्तुप्प्छ / न्दौनुष्टुप्छन्दाएवश्छन्दोबविश्छन्दोवयुश्छन्दोवयुस्कृछन्दोबिष्प्प छिन्दौविशालञ्छन्दश्छदिश्छन्दौदूरोहणञ्छन्दस्तुन्द्रञ्छन्दोऽअ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir *********************************************** डाकञ्छन्द’ 5 [5] रश्मिनासत्यार्य // सुत्त्यजिन्वप्नति नाधर्मणाधर्मजिन्वान्वित्यादिवादिवजिन्नसुन्धिनान्तरिक्षणा न्तरिक्षजिन्वप्पतिधिनापृथिव्यापृथिवी जिन्नविष्टम्भेनवृष्ट्यावृष्टि जिन्वप्पुवयान्हाहर्जिन्न्वानुयाराच्यारात्रीजिन्बोशिजावसुंभयो | वजिन्वप्पकतेनादित्येभ्य आदित्त्याजिन्वतन्तुनाराय: 6 त न्तुनारायस्प्पोषैणरायस्प्पोष जिन्वस 6 सुर्पणश्श्रुतायश्श्रुतजि न्वैडेनौषधीचिरोषधीर्जिन्वोत्तुमे तनूभिस्तनजिन्वबयोधसाधी तेनाधीतजिन्वाभुिजितातेजसातेजोजिन्न 7 प्रतिपदसि।प्प्रतिपदें। 93 त्वानुपर्दस्यनुपदैत्वासुम्पदसिसुम्पदैत्वातेजोसितेजसेत्वात्रिवृदसि८ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir #杂杂杂杂杂禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁 त्रिवृदसि // त्रिवृतत्वाप्पवृदंसिप्प्रवृतत्वात्विवृदसिविवृतत्वासवृदंसि | सवृतत्वाऋमोस्यामार्यत्वासमोसिसङ्कमायत्वोत्क्रमोस्युत्कुमा यत्वोत्कान्तिरस्युत्क्रन्त्यैित्वाधिपतिनो|जिन्न 9[4] राज्य सि॥ रायसिप्पाचीदिग्ग्वसंवस्तेदेवाऽअधिपतयोग्निहेंतीनाम्प्रति धु त्रिवृत्त्वास्तोम पृथिव्याश्रयुत्त्वाज्यमुक्कथमयथायैस्तन्ना तुरथन्तुर 6 सामुप्प्रतिष्ठित्त्याऽअन्तरिक्ष ऋषयस्त्वाप्पथमुजादेवे बुदिवोमात्रयाबरिम्म्णाप्प्रथन्तुविधुर्ताचायमधिपतिश्चुतेत्त्वासबै / संविदानानाकस्यपृष्ठेस्वर्गलोकेयजमानञ्चसादयन्तु 10 विराडसि। बिरासुिदक्षिणादिगुद्रास्तैदेवाऽअधिपतयु ऽइन्द्रौहेतीनाम्प्रतिधुर्ता 获非非非非非非禁地那非染非非都染染染染染染非非非非非非非非非非 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavn Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir संहि. पञ्चदशस्त्वास्तोम' पृथिव्याश्रयतुप्पऽउगमुक्तमयथायैस्तन्ना पू.अ. तुबृहत्सामुप्प्रतिष्ठित्याऽ अन्तरिक्ष ऋषयस्त्वाप्प्रथमजादेवेषूदिवो मात्रयावरिम्णाप्थन्तुविधुर्ताचायमधिपतिश्चतत्त्वाससंविदा नानाकस्यपृष्ठेस्बुर्गेलोकेयजमानञ्चसादयन्तु 11 सम्म्राउंसि।प्प तीचीदिगादित्यास्तैदेवा ऽ अधिपतयोवरुणोहेतीनाम्प्रतिधुर्तासंप्प्त दशस्तास्तोम पृथिव्याश्रयतुमरुत्त्वतीयमुक्थमध्य॑थायैस्तनातु / वैरूपसामप्प्रतिष्ठित्या ऽअन्तरिक्षऽऋषयस्त्वाप्पथमुजादेवेषूदिवो मात्रयाबरिम्णाप्पथन्तुविध चायमधिपतिश्चुतेत्वासबैसंविदाना नाकस्यपुष्टेस्वग्गेलोकेयजमानञ्चसादयन्तु 12 स्वराडसि // स्वरा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir इस्युदींचीदिङ्मुरुतस्तेदेवाऽअधिपतयुक्सोमोहेतीनाम्प्रतिधुत् कहि शस्त्वास्तोमः पृथिव्याश्रयतुनिष्क्कैवल्यमुक्मथव्यथायैस्तकमा तुबैराजा 6 सामुष्प्रतिष्ठित्याऽअन्तरिक्ष ऋषयस्त्वाप्पथमुजादेवेषु / दिवोमात्रयाबरिम्म्णाप्प्रथन्तुविधुर्ताचायमधिपतिश्चुतेत्त्वासस विदानानाकस्यपृष्ठेस्वर्गलोकेयजमानञ्चसादयन्तु 13 अधिपत्नय सि // बृहतीदिग्विश्वैतेदेवाऽअधिपतयोबृहस्प्पतिर्हतीनाम्प्रति "त्रिणवत्रयस्थि शौत्त्वास्तोमौपृथिव्याश्रयतांवैश्वदेवाग्नि मारुतेऽउक्वेऽअध्यथायैस्तनीता शाक्थररैवुतेसामनीप्प्रतिष्ठित्या अन्तरिक्षऋषयस्त्वाप्पथमुजादेवेषुदिवोमात्रयाबारम्म्णाप्रथन्तु For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir विधुतचायमधिपतिश्चुतेत्त्वास_संविदानानास्यपृष्ठेस्वर्गेलो 95 केयजमानञ्चसादयन्तु 14 [5] अयम्पुरः // अयम्पुरोहरिकेशुः 15 सूधैरश्मिस्तस्यरथगृत्सश्चरथौजाश्चसेनानीग्यामुण्ण्यौ // पुञ्जि कस्त्थुलाचऋतुस्त्थलाचाप्प्सुरसौदङवः पुशवाहेति पौरुषेयोह धप्प्रहेतिस्तेन्झ्योनमोऽअस्तुतेनौवन्तुतेनौमृडयन्तुतेयन्दुिष्म्मोय / चोद्वेष्टितमेषाञ्जम्भेदध्मः 15 अयन्दक्षिणा // विश्वकर्मात स्यरथस्खुनश्चरथेचित्रश्चसेनानीग्नामुण्ण्यो।मेनकाचसहजुन्या चाप्प्सरसौयातुधानातीरक्षार्थसिप्प्रहेतिस्तेश्योनमोऽअस्तुतेनों वन्तुतेनौमृडयन्तुतेयन्दुिष्म्मोयचनोद्वेष्टितमेषाअम्भेदध्म 16 / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अयम्पश्चात् // अयंपुश्चाविश्वयंचास्तस्यरर्थप्पोतुश्चासमर थचसेनानीग्यामुण्ण्यौ // प्रम्म्लोचन्तीचानुम्म्लोचन्तीचाप्प्सर सौम्याग्वाहेतिसुप्पप्प्रिहेतिस्तेनयोनमोऽअस्तुतेनौवन्तुतेनौमृड यन्तुतेयन्द्विष्म्मोयचनोद्वेष्ठितमेषाञ्जम्भेदध्म१७अयमुत्तरात्॥ यमुत्तरात्सुंय सुस्तस्युतायुंचारिष्टनेमिश्चसेनानीयामुण्ण्यौ // विश्वाचीचघुताचीचाप्प्सुरसावापौहेतिर्वात प्रतिस्तेन्यानो अस्तुतेनौवन्तुतेनौमृडयन्तुतेयन्द्रुिष्म्मोयचनोद्वेष्टितमेषाञ्जम्भेद | म 18 अयमुपरि // अयमुपद्युग्ग्विसुस्तस्यसेनजिच्चसुषे चसेनानीग्यामुण्ण्यौ // उर्वशींचपूर्वचित्तिश्चाप्प्सुरसाववस्फू 张光荣革彭發张於杂劳务器影影評张张都能举務必然然然然然然然然然然 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जन्हेतिविद्युत्प्रहेतिस्तेक्योनों 5 अस्तुतेनौवन्तुतेनौमृडयन्तुतेय ९६न्दुिष्म्मोयश्चनोवेष्टितमेषाञ्जम्भेदध्म 19[5] अग्नि // 15 दिवः कुकुत्पत्ति पृथियाऽअयम् // अपारेतार्थसिजिन्वति२० अयमग्निः // सहस्रिणोवाजस्यशुतिनुस्प्पतिः // मुर्दाकुवीरंयी / णाम् 21 त्वाम॑ग्ने // त्वाम॑ग्ने पुष्करादद्ध्यर्थ/निरमन्थत // म नोविश्वस्यवाघतः 22 भुवायज्ञस्य॑ // भुवोयज्ञस्युरज॑सश्चन / तायोनियुसिचसेशिवाभिः // दिविमुर्धानन्दधिषेस्वर्षाजिबा / मग्नेचरूषेहव्यवाहम् 23 अबौद्ध्यग्निः // सुमिधाजनानाम्प्रति / 96 धेनुमिवायुतीमुषासम् // युबाऽईवप्प्रवुयामुजिहानाप्प्रभानव For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सिस्रतेनाकुमच्छ 24 अवौंचामकुवये॥अौचामकुवयेमेद्ध्याय बचौबन्दारुवृषभायवृष्णे॥गविष्ठिरोनमसास्तोममुग्नौदिवीवरुक्म मुख्यञ्चमश्रेत् 25 अयमिह // प्रथमोधायिधातृभिौतायजि छोऽअडरेष्ष्वीड्य // यमनवानोभृगवोविरुरुचुईनैषुचित्रंविश्व विशेविशे 26 जनस्यगोपाः // जनस्यगोपाऽअजनिष्टजागृविर / मिसुदक्षःसुवितायुनयंसे // घुतप्र्पतीकोबृहतादिविस्पृशाामहि / भौतिभरतेन्शु चिः२७ त्वाम॑ग्ने // त्वामंग्ग्नेऽअङ्गिरसोगुहाहित / मन्त्रविन्दञ्छिश्श्रियाणंव वने ॥सजायसमुत्थ्यानुसहोमुहत्वा / माहुइसहसस्प्पुत्रमंङ्गिर 28 सखायुसम्॥ सायुसंवःसुम्म्य For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहिचमिष स्तोम॑ञ्चामये // वर्षिष्टायक्षितीनामूोंनप्प्लेसहस्वते 22 पू.अ. 97 सम्सुमित् // ससुमिघुवसेवृषनग्ने विश्वान्युर्यऽआ॥ इडस्प्पदै 15 समिद्ध्यसेसनोबसून्याभर 30 त्वाञ्चित्रश्रवस्तम॥ हवन्तविक्षु जन्तवः ॥शोचिष्क्केशम्पुरुप्पियाग्नेहव्यायुबोटवे 31 एनावः॥ए। नावोऽअमिन्नमसोजोनपातुमाहुवे // प्रियञ्चेतिष्ठमरतिवदुरबि / श्वस्यदूतममृतम् 32 विश्वस्यदूतम्॥विश्वस्यदूतममृतविश्व स्यदूतममृतम् // सोजतेऽअरुषाविश्वभौजसासढुंवत्स्वाऽहुतः 33 सद्रुवत् // सर्दुव॒त्स्वाऽहुतइसढुंद्रवत्स्वाऽहुतः // सुब्रहायज्ञ सुशमीवसूनान्देवशधोजनानाम् 34 अग्नेवाजस्य // अग्नेवा / / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir 蔡蓉蓉容容容容容容容容等也等於當容器等等禁带带带带答答答者等等答答答答答答答都禁 जस्युगोम॑तु ईशान सहसोयहो // अस्मेधैहिजातवेदोमहिश्श्रवः | 35 सऽइधानः // सऽईधानोवसुष्कविरग्निरीडेन्यौगिरा॥रेवदुस्म्म / भयम्पुर्वणीकदीदिहि 36 क्षुपोर्राजन् // क्षुपोजिन्नुतत्क्मनाग्ने वस्तौरुतोषसः॥सतिग्मजम्भरक्षौदहप्प्रति 37 अद्रोनः // दोनोऽअग्निराहुतो द्वारातिसुभग द्रोऽअहुरः // शुद्राऽउतप्पश स्तयः 38 अद्राऽउत // प्रशस्तयोअम्मन ऋणुष्वत्रतूर्ये // थे। नासुमत्सुसासहः 39 येनासुमत्सु // सासहोवस्त्थुिरातनुहिरिश ताम् // बनेमातेऽअभिष्टिभिः 40 अग्मिन्तम् // अग्निन्तम न्येयोबसुरस्तस्यंग्यन्तिधेनवः // अस्तुमर्चन्तऽआशवोस्तुन्नित्या For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पू. सोबाजिन इषस्तोतृायु आर 41 सोऽअग्नि // सोऽअ 98 ग्गियोवसुगंणेसंख्यमायन्तिधेनवः // समवन्तोरघुद्रुवुड्स सुजा 15 तास सूरय इषस्तोतृश्यऽआभर 42 उभेसुश्चन्द्र // सुप्पिषो। दर्वी श्रीणीषऽआसनि // उतोनऽउत्पुपूर्याऽउक्थेपुशवसस्प्पतुइ स्तोतृभ्युऽआर्भर 43 अग्नेतम् // अग्ने॒तमुद्यावन्नस्तोमः। ऋतुन्न हदिस्पृशम् // ऋद्ध्यामातुऽओहै: 44 अाहि // अधा। हयग्ग्नुऋतौ द्रस्त्युदक्षस्यसाधो // ीक्रुतस्य॑बृहुतोबुथ 45 एभिन्नः॥ एभिन्नॊऽअभवानोऽअर्वाङ्कस्वर्णज्योतिअिग्नेबि 98 श्वेभिसुमनाऽअनीकै 46 अग्निहोतारम् // अग्निहोतार For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir म्मन्येदास्वन्तुंबसुसूनुसहसोजातवेदसंविप्पन्नजातवेदसम्॥य कुईयोस्वड्डरोदेवोदेवाच्या॑कृपा // घुतस्यविनाष्टिमनुवष्टिशोचि पाजुह्वानस्यसुर्पिष-४७अग्ने॒त्वम्॥अग्नुत्वन्नोऽअन्तमऽउतत्राता शिवोभवावरूत्थ्यः॥ वसुरग्निर्बसुश्रवाऽअछानविद्युमत्तमय न्दा॥तन्त्वांशोचिष्ठदीदिवासुम्नायनूनमीमहेसखिभ्या४८२९ / येनऽऋषयः // येनुऋषयुस्तपसासुत्रमायुन्निन्धानाऽअग्निस्व शुभरन्तः // तस्मिन्नहनिदधेनाकैऽअग्निव्यमाहुर्मानवस्तीर्णवर्हि षम् 49 तम्पत्क्रीभिः // तम्पनीभिरनुगछेमदेवापुतिभिरु ताहिरण्यैः // नाकपृश्णानासुकृतस्यलोकेतृतीयपृष्ठेऽअधिरो For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहिचनेदिवः 50 आवाचः // आवाचोमध्यमरुहद्भुरण्युरयमग्निः पू.अ. सत्पतिश्चेकितानः // पृष्ठेपृथिव्यानिहितोदविद्युतदधस्पदङ्कणुतांब्ये पृतुन्यवः 51 अयमुग्निः // अयमुग्मिवीरतमोबयोधासहति / योद्योततामप्युछन् // विनाजमानइसरिरस्यमयऽउपुप्पयाहि / दिव्यानिधाम 52 सम्प्रच्यवहुमुप॑ ॥सुम्पयाताग्नेपथोदेवयानान्क णुवम् // पुनः कृण्ण्वानापितरायुवानान्धातासीत्वयितन्तुमेतम्| 53 उद्बुद्ध्यस्व // उद्बुद्ध्यस्वाग्नेप्पर्तिजागृहित्वमिष्टापूस सृजे / थामुयञ्च // अस्मिन्त्सुधस्त्थेऽअद्ध्युत्तरसिम्मुन्विश्वेदेवायजमा / नश्चसीदत 54 येनबर्हसि // सुहस्रंग्येनोग्नेसर्ववेदसम् // तेनुमं| For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir व्यज्ञन्नोनयस्वदे॒वेषुगन्तवे 55 अयन्ते // अयन्तेयोनिक्रुत्वियोय / तोजातोऽअरॊचथाहातानन्नग्न आरोहाथांनोबर्द्धयारयिम्॥५६|| [8] तपश्च // तपश्चतपस्यश्चरौशिरावृतूऽअग्नेरन्तश्लेषोसि / कल्प्पैतान्द्यावापृथिवीकल्प्पन्तामापुऽओषधयु कल्प्पन्तामग्न यह पृथुङममुज्यैष्ठ्यायसव्रता // येऽअग्मयुसमनसोन्तुराद्यावापृ / थिवीऽहमे // शैशिरावतूऽअभिकल्प्पैमानाऽइन्द्रमिवदेवाऽअभिस विशन्तुतयाँदेवतयाङ्गिरस्वडुवेसीदतम् 57 पुरमेष्ठीत्त्वा // सादय तुदिवस्पृष्ठेज्ज्योतिष्म्मतीम् // विश्वम्मैप्प्राणायौपानायध्यानायु विश्वज्योतिर्थछ / सूर्युस्तेधिपतिस्तयदिवतयाङ्गिरस्वट्ठवासी| For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org द 58 लोकम्पृण // छिद्रंम्पुणाथौसीदढुवात्वम् // इन्द्राग्नीत्वाव हस्प्पतिरसिम्मन्योनावसीषदन् 59 ताऽअस्य // सूददोहसुसोम श्रीणन्तिपृश्नयाजन्मन्देवानांविशस्विष्ष्वारौचुनेदिवश्६०इन्द्रधि / प्रश्वामाइन्द्रविश्वाऽअवीवृधन्समुद्रव्यचसुङ्गिरसारथीमिरथीनां वाजाना सत्प॑तिम्पतिम६१पोथुदश्वःपोथदश्वोनयवसेविष्ष्य न्युदामहासुंबरणाझ्यस्थात् // आदस्युबातोऽअनुवातिशोचिर स्म्मतेबजनष्ष्णमस्ति // 62 // आयोष्टा // आयोष्ठासदनेसाद याम्म्यवतश्ायायो७समुद्रस्युहृदये // रश्मीवतीम्भास्वतीमाया द्याम्भास्यापृथिवीमोईन्तरिक्षम् 63 पुरमेष्ठीत्वा // सादयतुदिवस्पु For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir ठेव्यचस्वतीम्प्रथस्वतीन्दिवंग्यछदिवन्द्वहुदिवम्माहिल्सी // वि श्वस्म्मैप्प्राणायौपानायव्यानायौदानायप्प्रतिष्ठायचरित्राय // सू यस्त्वाभिपातुमुढयास्वस्त्यादिषाशन्तमेनुतयाँदेवतयाङ्गिरस्व। ढुवेसीदतम् 64 सुहस्रस्यप्प्रमासिसुहस्रस्य प्रतिमासिसहस्रस्यो न्मासिसाहस्रोसिसहस्रायत्त्वा 65 [9] इतिसंहितापाठेपंचदशो ध्यायः॥१५॥ नमस्तेपोडशहिरण्यवाहवऽउष्णीषिणेतक्षभ्योज्य | ठायपंचकाः त्यायचतस्रःशंभवायैकापार्यायपंचद्रापेअंधसोविक्ष शतिर्नवषट्षष्टिः॥ नमस्ते // नमस्तेरुद्रमुन्न्यवऽउतोतइषवेनमः॥ बाहुण्यांमुततेनमः 1 यात // रुद्रशुवातनूरघोरापापकाशिनी॥ त For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir यानस्तुन्वाशन्तमयागिरिशन्ताभिर्चाकशीहि 2 यामिषुम् // या मिथुङ्गिरिशन्तहस्तैविभय॑स्तवे // शिवाङ्गिरित्रुताङ्गुरुमाहिल्सीपु रुषअगत् 3 शिवेनुवर्चसा // त्त्वागिरिशाछाबदामसि॥यानुस बमिज्जगंदयुक्ष्म सुमनाऽअसत् 4 अद्ध्यवोचत् // अद्ध्यवोचदधि / वक्ताप्पथुमोदैन्यौभिषक् ॥अहीं चुसर्बाञ्जम्भयुन्त्सर्वाश्चयातुधा न्योधुराचीपरासुव 5 असौयः // असौयस्ताम्म्रोऽअरुणऽउतब सुमङ्गल’ ॥येचैनसुद्राऽअभितौदिक्षुश्रितासहस्रशोवैषा हे। डईमहे 6 असोयः // असौयोत्सप्पैतिनीलग्रीवोबिलोहित॥ उतैनकोपाऽअदृश्शून्नदृश्श्रन्नुदहार्यसदृष्टोपॅडयातिनः 7 नमो 101 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobairthorg Acharya Sher Kailassagarsun Gyanmandie स्तु // नमोस्तुनीलग्रीवायसहस्राक्षायमीटु // अथोयेऽअस्यस त्वानोहन्तेक्योकरन्नम’ 8 प्रमुञ्च // प्रमुञ्चधन्वनुस्त्वमुभयोरा। नयोाम् // याश्चतुहस्तुऽइपवुड्पराताभगवोबप 9 विज्युन्ध नुः॥ कपर्दिनोविशयोबाणवा॥ उत॥अनेशन्नस्ययाऽइपवऽआ भुरस्यनिषङ्गधिः 10 याते // हेतिम्मीढुष्टमहस्तेबवतेधनु // त यास्म्मान्विश्वतस्त्वमयुक्ष्म्मयापरिभुज 11 परिते // परितेधन्य / नोहेतिरस्म्मान्व॑णक्नुविश्वतः // अथीयऽइषुधिस्तवारेऽअस्म्मन्नि / धेहितम् 12 अवतत्यधनुः // अवतत्यधनुष्टुसहस्राक्षशतेषुधे // निशीशयानाम्मुखांशिवोन सुमनाभव 13 नमस्ते // नमस्तु / 容器警器容容容容器容器容容容容容容容容容容容容容容容器 容容容 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir | आयुधायानांततायधुष्ष्णवै // उभागांमुततेनमौवाहुभ्यान्त वधन्वने 14 मानः ॥मानौमुहान्तमुतमानोऽअद्भुकम्मानऽउक्ष तमुतमानऽउक्षितम् / मानौवधीपितरम्मोतमातरम्मानः प्रिया स्तन्योरुद्ररीरिष 15 मार्नस्तोके // तनयमानुऽआयुषिमानोगोषु मानोऽअश्वपुरीरिषः // मानौबीराजेद्रभामिनोवधीहविष्म॑न्तः सदमित्त्वाहवामहे 16 [16] शतम् 800 नमोहिरण्यवाहवे // सेनान्येदिशाञ्चुपतयेनमानमोवुक्षेभ्योहरिकेशेजयपशूनाम्पतये नमोनमः शुष्प्पि रायत्त्विषीमतेपथीनाम्पतयेनमोनमोहरिकेशा योपवीतिनैपुष्टानाम्पतयेनमोनमोबालुशाय१७नोबालुशाय॥ 102 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsun Gyarmandir www.kobatirth.org व्याधिनेन्नानाम्पतयेनमोनमोभुवस्यहेत्त्यैजर्गताम्पतयेनमोनों रुद्रायांततायिनेक्षेत्राणाम्पतयेनमोनम सूतायाहन्त्यैवनानाम्पत येनमोनमोरोहिताय // नमोरोहिताय // स्त्थुपतयेवृक्षाणाम्पतये / / नमोनमोभुवन्तयेवारिवस्कृतायौषधीनाम्पतयेनमोनमौमुन्त्रिणेवा णुिजायुकक्षाणाम्पतयेनमोनमऽउच्चै?षायाऋन्दयतेपत्तीनाम्प तयेनमोनम कन्स्नायुतया 19 नमकृत्स्नायुतया ॥धातुसत्त्व नाम्पतयेनमोनमुसहमानायनिव्याधिन आत्याधिनीनाम्पतयेन मोनमोनिषङ्गिणेककुभायस्तेनानाम्पतयेनमोनमौनिचेरवैपरिच। रायारंण्ण्यानाम्पतयनमोनमोबञ्चते 20 नमोबञ्चते // परिवञ्च / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir तस्तायूनाम्पतयेनमोनमोनिषुङ्गिण ऽइषुधिमतेतस्कराणाम्पतयेन मोनम सृकायियोजिघास-योमुष्ष्णुताम्पतयेनमोनमोसिम योनक्लञ्चर-योविकुन्तानाम्पतयेनमः 21[5] नमऽउष्ष्णीषि णे॥ गिरिचरायकुलुचानाम्पतयनमोनमऽइषुम योधन्यायिस्य / चवोनमोनम ऽआतन्वानेभय के प्रतिदान यश्चवोनमोनम / आयछु-योस्य यश्चवोनमोनमौविसुज-द्य 22 नमौबिसुज -योबिद्ध्य यश्चवोनमोनमः स्वप-योजाग्य यश्चवानमोनमश योनेल्यऽ आसीनेभ्यश्चवोनमोनमस्तिष्ट्र-योधाव-द्यश्चवोनमो / नमःसुभाभ्यः 23 नमःसुभाभ्यः॥सुभापतिभ्यश्चवोनमोन For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ****** ******** मोश्वेभयोश्वपतिक्यच्चवोनमोनम ऽ आध्याधिनीभ्योविवि यन्तीभ्यश्चवानमोनमुऽउगंणाझ्यस्तृहितीयश्चवोनमोनमा गुणेश्यः२४नमोगुणेन्यो।गुणपतिभ्यश्चबोनमोनमोबातेभ्यो / बातपतिभ्यश्चवोनमोनमोगृत्से योगृत्संपतिभ्यश्चवीनमान / मोविरूपेक्योविश्वरूपेभ्यश्चवोनमोनमुड़सेनाभ्य 25 नमः सेनास्य // सेनानियश्चवोनमोनमारथिन्योऽअरथेमन्यश्च / वोनमोनमःक्षतृभय सङ्ग्रहीतृश्यश्चवोनमोनमौमुह द्यौऽअ के भयश्चवोनमः२६ [5] नमुस्तक्षश्यः // नमस्तक्षश्योरथका / / रिजयश्चवोनमोनमुड्कुलालेभ्याकुारेजयश्चवानमोनमोनिषा * * M For Private and Personal Use Only
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________________ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandit Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org संहि. देश्य पुजिष्टेभ्यश्चवोनमोनम :श्वनिक्यौमृगयुयश्चवोन / 104 मोनमुश्वयः 27 नमुश्वभ्युश्वपतिश्यश्चवनिमोनमोक्ष वायचरुद्राय॑चनमःशुर्वायंचपशुपतयेचनमोनीलग्गीवाचशितिक ण्ठायचनम कपर्दिने 28 नमस्कपर्दिन // चुड्युप्प्तकेशायचुनमः सहस्राक्षायचशतधन्वनेचुनौगिरिशयायचशिपिविष्टायचनमो | मीढुष्टमायुचेषूमतेचुनौ-हस्वार्य 29 नमोन्हुस्वाय // चत्वामुना यचनमोबृहुतेचवर्षीयसेचनमोबुद्धायचसुवृधैचुनमोायचप्पथ मार्यचुनम आशवे 30 नमऽआशवै // चाजिरायचुनमुशीम्या 104 यचुशीयायचुनमुऽऊर्ध्यायचावस्वन्यायचुनौनादेयायचुहि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्प्यायच 31 [5] नमोज्येष्ठाय // चकनिष्ठायचनम पर्वजाय।। चापरजायचुनोमध्यमार्यचापगुल्आर्यचनमौजघन्यायचबु घ्यायचुनमुसोयाय 32 नमुसोलाय // चप्पतिसुर्याय चनमायाम्म्यायचक्षेम्म्यायचुनमुश्लोक्यायचावसान्यायचन मऽउवायचखल्यायचनमोबन्याय 33 नमोवन्याय // चक क्ष्क्ष्यायचनमः श्रुवायचप्पतिश्श्रुवायचुनमऽआशुषेणायचाशुरथा / युचनमुन्शूरायचाव दिनैचुनौबिल्म्मिने 34 नमोबिल्म्मिनैच कवचिनचनमोबुर्मिणेचवरूथिनैचुनम श्रुतायचश्श्रुतसेनाय चनमौदुन्दुभ्यायचाहनुयायचुनमाधुष्णवे 35 नमौधुष्ष्णवै // For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyarmandir चप्पमुशाय॑चुनौनिषङ्गिणेचेषुधिमतेचुनमस्तीक्ष्णेषवेचायुधिने चनमः स्वायुधायचसुधन्वनेच 36[5] नमस्रुत्याय // चुप स्थ्ायचुनमुकाट्यायचुनीप्प्यायचुनम कुयायचसरस्यायच नौनादेयायचबैशुन्तायचुनमुकूप्प्याय 37 नमुकूप्प्याय // चावघ्यायचनमोबीयायचातप्प्यायचनमोमेग्घ्यायचविद्युत्या / यचनमोबष्यायचावायचनमोबात्याय 38 नमोबात्याय // चरेष्म्म्यायचुनौवास्तघ्यायचबास्तुपायचनम सोमायचरुद्राय चनमस्ताम्म्रायंचारुणायचुनमःशुङ्गवे३९ नम शुङ्गवै // चपशुप तयेचनम ऽउग्यायचीमायचुनोग्यवधायचदूरेवधायचुनौह 101 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 於於於於禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁於北 न्त्रेहचुनीयसेचनमोबुक्षेश्योहरिकेशेजयोनमस्ताराय४० [शन म शम्भवाय // चमयो वायचुनमः शङ्करायचमयस्कुरायचुनमः। शिवायंचशिवतरायच 41[1] नमुपाख्य // चावाठायच / नम’ प्रतरणायचोत्तरंणायचुनमुस्तीत्ायचुकूयायचुनमुश। ष्ष्प्यायचफेन्यायचुनम:सिकुत्त्याय४२नमःसिकुत्याय // चप्प वायायचनम: किशलायचक्षयणायचुनम कपर्दिनेचपुलुस्त। येचुनम इरिण्यायचप्प्रपत्थ्यायचनमोबज्याय 43 नमोबज्या य॥ गोष्ट्यायचनमस्तल्प्प्यायचगेलयायचुनमौहदव्यायचनि प्प्यायचुनमुकाट्यायचगहरेष्ठायचुनमुशुष्काय 44 नमुन्शु For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir प.अ. क्याय // चरित्यायचुनम पासुघ्यायचरजुस्यायचनमोलो प्प्यायचोलुप्प्यायचुनमऽऊयायचसूर्योयचुनम पुर्णाय 45 न मम्पुर्णाय // चपर्णशुदाय॑चुनमऽउद्गुराणायचाभिग्नुतेचुनम | आखिदतेचप्पखिदतचनमऽइषुरुयोधनुष्कृयश्चवनिमोनमा वकिरिकेभ्यदिवाना हृदयेश्योनमौविचिन्वत्केब्योनमौविक्षि णत्केब्स्योनमऽआनिर्हतेभ्यः 46[5] द्रापेऽअन्धसः // द्रापे अन्धसरप्पतेदरिद्रनीललोहित // आसाम्प्रजानामेषाम्पशूनाम्मा अारोमोचनअकिञ्चनाममत् 47 इमारुद्राय // तवसैकपर्दिने 106 क्षयद्वीरायप्पभरामहेमती॥ यथाशमसद्विपदेचतुष्प्पदेविश्वम्पु For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir कामै अस्म्मिन्ननातुरम् 48 याते // रुद्रशिवातुनशशिवाविश्वा हाँभेषजी॥ शिवारुतस्य॑भेषुजीतांनोमृडजीवसे 49 परिनः॥प रिनोरुद्रस्यहेतिवृणक्नुपरित्वेषस्य॑दुर्मतिघायो // अवस्थिरामुघ वयस्तनुष्ष्मी स्तोकायुतनयायमृड 50 मीढुष्टमुशिवतम॥शि | वोन सुमनाभव // परमेवृक्ष आयुधन्निधायुकृत्तिवसानु आचर पिनाकम्बिदागहि 51 विकिरिबिलौहित // नमस्तेऽअस्तुभ गवः // यास्तैसुहस्रव्हेतयोन्यमुस्म्मन्निवपन्तुता 52 सुहस्राणि सहस्रशः // सुहस्राणिसहस्रशोबाबोस्तवहेतयः // तासामीशांनोभ गवरूपराचीनामुखाकृधि 53 असङ्ख्यातासुहस्राणि // येरुद्राऽई For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. धिम्याम् // तेषां सहस्रयोजनेवधन्लानितन्मसि 54 अस्मि पू.अ 107 महति // अस्म्मिन्महत्यर्णवेन्तरिक्ष वाऽअधि // तेषासहस्र 16 योजनेवधन्वानितन्मसि 55 नीलग्रीवाशितिकण्ठाः // नीला ग्गीवाशितिकण्ठादिवसुधाऽउपश्थिता // तेषांसहस्रयोजुनेव / / धन्वानितन्मसि 56 नीलग्रीवाशितिकण्ठा // शुर्वाऽअधक्षमा चराः // तेषां सहस्रयोजुनेवधवानितन्मसि 57 येवुक्षेषु // शु प्प्यिोंगुनीलग्नीवाधिलौहिता // तेषांसहस्रयोजनेवुधन्नानि / तन्मसि 58 येभूतानाम् // येभूतानामधिपतयोबिशिखास कप | हिनः // तेषासहस्रयोजनेवधन्वानितन्मसि 59 ये थाम् ॥ये 105 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पुथाम्पथिरक्षय ऐलबुदाऽआयुर्बुधः // तेषां सहस्रयोजनेवध न्वानितन्मसि 60 येतीनि।प्पचरन्तिसुकाहस्तानिषङ्गिणः॥ तेषांसहस्रयोजनेवधन्वानितन्मसि 61 येनेषु // विविद्धयन्ति / पात्रैषुपिबतोजनान् // तेषां सहस्रयोजनेवधन्यानितन्मसि 62 // यऽएतावन्तः // य एतावन्तश्चभूयासश्चदिशोरुद्रावितस्त्थिरे॥ तषांसहस्रयोजनेवधवानितन्मसि 63 नमोस्तु // रुद्रेश्योपेदि / वियेषांवर्षमिर्षवः // तेभ्योदशुप्पाचीईशंदक्षिणादर्शप्प्रतीचीईशी / / दीचीईशो // तेश्योनमोऽअस्तुतेनौवन्तुतेनौमृडयन्तुतेयन्द्रि। धम्मोयश्चनोद्वेष्टितमैषाअम्भेदध्म 64 नौस्तु // रुद्रेभयोयेन्त| For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir 06 北投影設款致甚熟路热热热热热热器基於珍整形於外都基於其分部於非 रिक्षुयेषांवातुऽइषवः // तेयोदशुप्पाचीईशंदक्षिणादर्शप्पतीचीई शोदींचीईशो ॥तेभ्योनमोऽअस्तुतेनौवन्तुतेनौमृडयन्तुतेयन्ति / cम्मोयश्चनोवेष्टितमेषाञ्जम्भेदध्म 65 नमोस्तु॥सुद्रेभयो पृथि / व्यांग्येषामन्नमिषवः // तेश्योदशुप्याचीईशंदक्षिणादर्शप्पतीचीई| शोदींचीईशो॥तेश्योनौऽअस्तुतेनौवन्तुतेनौमृडयन्तुतेयन्द्रि|| धम्मोयश्चनोद्वेष्टितमेषाञ्जम्भेदध्मः 66 [20] इतिवाजसनेय संहितायांदीर्घपाठेषोडशोध्याय 16 अश्मन्नूर्जंदशनमस्तेपंचाग्नि स्तिग्मेननवचक्षुषःपिताष्टावाशुःशिशानःसप्तदशोदेनंकमध्वमग्निना पंचदशकौशुक्रज्योतिःसप्तेमस्तनत्रयोदशनवैकोनशतं ॥अश्म्म 108 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir नूर्जम्॥अश्म्मन्नू म्पर्वतेशिश्श्रियाणामु ओषधीयोवनस्प्प तिब्स्योअधिसम् तम्पर्यः // तान्न इषमूर्जन्धत्तमरुतसराणा / अम्मस्तेक्षुन्मयितुऽऊयेन्दुिष्म्मस्तन्तेशुगृछत्तु१इमाम।अग्नुऽ / इष्टकाधेनवःसुन्त्वेकचुदर्शचुदर्शचशुतञ्चशतञ्चसुहस्रञ्चसुहस्रञ्चायु तञ्चायुतंञ्चनियुञ्चिनियुतश्चप्रयुतुञ्चार्बुदञ्चन्यर्बुदश्चसमुद्रश्चुमद्धय / चान्तश्चपरार्द्धश्च्चैतामै अग्नुऽइष्टकाधेनवःसन्त्वमुत्रामुष्म्मिल्लोके / / २ऋतर्वस्त्थ // ऋतावृधऽऋतुष्टास्त्थंऋतावृधः ॥धृतश्चुतौमधुश्च / तौविराजोनामकामदुघाऽअक्षीयमाणा 3 समुद्रस्य॑त्वा // समुद्र / / स्यत्वावकुयाग्नेपरिव्ययामसि।पावुकोऽअम्मभ्यशिवोभव For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पू हिमस्यत्वा // जुरायुणाग्नेपरिव्ययामासि // पावकोऽअस्म्मजय 109 शिवोभव 5 उपुज्मन् // उपुज्ज्मन्नुपवेतसेवतरनदीष्ष्वा॥अनैपि 17 तमुपामसिमण्ण् किताभिरागहिसेमन्नौयज्ञम्पावकवर्णशिवत धि 6 अपामिदम् // अपामिदन्ययन समुद्रस्यनिवेशनम्॥अन्याँ स्तेऽअस्म्मत्तपन्तुहेतयं पावकोऽअम्मयाशिवोभव 7 अग्ने पावक // रोचिषामन्द्रयोदेवजुिवया // आदेवान्वक्षियक्षिच 8 स न पावकदीदिवोमेदेवा // इहावह // उपयुज्ञहविश्चन 9 पावकयायः // पावकयायश्चितयन्त्यापाक्षामंत्रुरुच ऽउषसोन। 109 भानुना // तूर्धन्नयामुन्नेशिस्यनूरणऽआयोघुणेनततृषाणोऽअज 带带带带带带带带带带蒂蒂蒂茶茶茶茶茶卷卷卷卷绕张学类养养会类装整装装带学举举选; For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir र 10 [10] नमस्ते॥ नमस्तुहरसेशोचिषुनमस्तेऽअस्त्वचिर्षे॥ अन्याँस्तै अम्मत्तपन्तुहेतय’ पावुको ऽअम्मायशिवोभव 11 नुषदेवेट् // नुषदेवेडप्प्सुपदेवेर्हिषदेवेड्नुसदेवेट्टविदेवेट 12 येदेवाः // येदेवादेवानीव्युज्ञियायज्ञियानासंवत्सरीणमुपभाग मासते // हुतादोहविर्षायुज्ञेऽअस्म्मिन्त्स्वयम्पिबन्तुमधुनोचुतस्य 13 येदेवाः / येदेवादेवेष्ष्वधिदेवत्त्वमायुन्येब्रह्मणपुर एतारोऽअ स्य॥ येभ्योनऽक्रुतेपर्वतेधामुकिञ्चननतेदिवोनपृथिव्याऽअधिस्नु ए 14 प्राणदाअपानुदाः // प्राणदाऽअपानुदायानुदाबदावरि वोदाः // अन्न्याँस्तै अम्मत्तपन्तुहेतयं पावकोऽभुस्म्मयश For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir वोभव 15[5] अग्निस्तुिग्मेन ॥ोचिायासुद्विश्श्युन्युत्रि णम् // अग्मिन्नौबनतेरयिम् 16 याडमा // विश्वाभुवनानिजुहा / दृषिोतान्यसीदत्पितान // सऽआशिषादविणमिछानप्पथम छदवरा // आविवेश 17 किंस्वित् // किविदासीदधिष्ठान मारम्भणङ्कतुमत्स्वित्कुथासीत् // यतोभूमि नयन्विश्वकर्माधि द्यामीणोन्महिनाविश्वच॑क्षा 18 विश्वतश्चक्षुरुत // विश्व तोमुखोविश्वतोबाहुरुतविश्वतस्प्पात् // सम्बाहुल्यान्धमतिस पतवैद्यावाभूमीजुनयन्देव एकः 19 किस्वित् // किविता 110 नङ्कऽउसबुक्षऽसुयतोद्यावापृथिवीनिष्टतक्षुः // नीषिणोमनसा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पुछतेदुतावृद्ध्यतिष्ठद्भुव॑नानिधारयन् 20 यातें // यातेधामानिपर माणियानुमायामद्धयमाविश्वकर्मानुतेमा // शिक्षासखियोह विपिस्वधावःस्वयंम्बजस्वतन्वंबंधान: 21 विश्वकर्मन्हुविषा वावृधानः स्वयंम्य॑जस्वपृथिवीमुतद्याम् // मुद्यन्बुन्न्येऽअभितः सुपत्नोऽइहास्म्माकम्मघासूरिरस्तु 22 बाचस्प्पतिम्॥बाचस्प्प तिविश्वकर्माणमूतयेमनोजुवंबाजे अद्याहुवेम // सनोविश्वा निहव॑नानिजोषद्विश्वशम्भूरवसेसाधुकर्मा 23 विश्वकर्मन्ह विष // बर्द्धनेनत्रातारमिन्द्रमकणोरवद्धयम् // तस्म्मविशुद्धसमनमा / न्तपूर्वीरयमुग्नोबित्योयथासत् 24 [9] चक्षुषपिता // मनसा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobairthorg Acharya Shei Kailassagarsur Gyanmandir ****举形形参杂类然涉非整形整形等特举非常整整幣整整半步 हिधीरोघुतमैनेऽअजनुन्नम्नमाने // युदेदन्ताऽअट्टहन्तपूर्व आदि द्यावापृथिवीऽअप्प्रथेताम् 25 विश्वकर्माविमना // विश्वक विमनाऽआद्विहायाधाताविधातापरमोतसन्टक् // तेषामिष्टा / निसमिषामदन्तियत्रांसप्तऽऋषीन्पुर एकमाहुः 26 योनः // पिता जनितायोबिधाताधामानिवेदभुवनानिविश्वा // योदेवानान्नाम धाइएकऽएवत सम्प्रश्नम्भुवनायन्त्युन्या 27 तऽआयजन्तुवि णसमस्म्माऽऋषयुत्पूर्वजरितारोनभूना // असूर्तसूर्तेरसिनिष त्तेयेभतानिसमझण्ण्वनिमानि 28 पुरोदिवा // पुरऽएनापृथिव्याप / रोदेवेभिरसुर्य्यदस्ति // कस्विद्गर्भम्प्रथमन्दव आपोयत्रदेवा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir समपश्यन्तुपूर्दै 29 तमित् // तमिद्गर्भम्प्रथमन्दव आपोषत्रदेवा समगछन्तुविश्व // अजस्युनाआवद्धयेकमर्पितव्यस्म्मुिन्वि। श्वानिभुवनानितुस्त्थु 30 नतम् // नतंविदाथयाडमाजुजाना / न्ययुष्म्माकुमन्तरम्बभूव // नीहारेणप्प्रावृताजल्प्यांचासुतृपंऽउ क्थशासंभश्चरन्ति 31 विश्वकर्माहि // विश्वकर्माद्यनिष्टदे व आदिद्वन्धर्वोऽभवद्वितीयः // तुतीयःपिताजनितौषधीनाम / पाङ्ग व्यदधात्पुरुत्रा 32 [8] आशुशिशानः // आशुशिशा नोवृषभोनभीमोधनाघुनाक्षोभणश्चर्षणीनाम् // सङन्दनानिमिष / sएकवीरशुत सेनाऽअजयत्साकमिन्द्रः३३सङन्दनेनानिमिषेण॥ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जिष्ष्णुनायुत्कारेणदुश्च्यवनेनंधुष्ष्णुना // तदिन्द्रेणजयतुतत्त्संह 112 इंश्युधौनरऽइपुंहस्तेनवृष्ष्णा 34 सऽइपुंहस्तैः // सऽइपुंहस्तै सनि 17 षङ्गिभिवंशीसस्रष्टासयुध इन्द्रौगुणोन // ससुष्टुजित्सोमपाबाहु / शद्धर्युग्रधन्वाप्पतिहिताभिरस्ता 35 बृहस्प्पतेपरि // दीयारथैनर क्षोहामित्रा // अपवार्धमान // प्अअन्त्सेनाप्रमुणोयुधाज यन्नम्माकमेद्ध्यवितारानाम् 36 बलविज्ञायस्थविर // बलवि जायस्थविरप्प्रवीर सहस्वान्बाजीसहमानऽउग्य // अभिवीरो अभिसत्वासहोजाजैमिन्द्ररथमातिष्ठगोवित् 37 गोत्रभिदंगोवि / 112 दम् // गोत्रुभिदङ्गोविदंबज्नवाहुजयन्तममप्प्रमुणन्तुमोजसाँ॥ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ************ ******tskek*************** इमसंजाताऽअनुवीरयडमिन्द्रहसखायोऽअनुसरंभहम् 38 अ भिगोत्राणि // अभिगोत्राणुिसहसागाहमानोदयोबीरशतमन्न्युरि न्द // दुश्च्युवुनापृतनाषायुयोरम्माकुसेनाऽअवतुप्पयुत्सु 39 इन्द्रऽआसाम् // इन्द्र आसान्नेताबृहस्पतिदक्षिणायज्ञपुरऽएतु सोमः॥ देवसेनानामभिभअतीनाजयन्तीनाम्मुरुतोयुन्त्वयम्४० इन्द्रस्यवृष्ष्णः // इन्द्रस्यवृष्ष्णोवरुणस्युराज्ञऽआदित्यानाम्मुरुता। शऽउग्यम् // महामनसाम्भुवनन्यवानाकोषौदेवानाअयंतामुदा स्त्थात् 41 उद्धर्षय // मघवन्नायुधान्युत्सत्वनाम्मामुकानाम्मना सि॥उटुंबहन्वाजिनांबाजिनान्यद्रानाअयंतांव्यन्तुघोषा:४२ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अम्माकुमिन्द्रः // समृतेषुड्डजेष्ष्वसम्माकंजाऽइषवस्ताजयन्तु // अम्माकंबीराऽउत्तरेभवन्त्वम्माई ॥ऽउदेवाऽअवताहवैषु 43 अ मीषाञ्चित्तम् // अमीषांञ्चित्तम्प्रतिलोभयन्तीगृहाणाङ्गान्यप्वेपरे / हि // अभिप्रेहिनिहढत्सुशोकैरन्धेनामित्रास्तमसासचन्ताम४४ अवसृष्टापरी ॥पतुशरत्येब्रह्मसर्मशिते॥गछामित्रान्प्पपद्यस्वमामी पाङ्कञ्चनोछिष 45 प्रेत // प्रेताजयंतान इन्द्रौवाशर्मयछतु॥उ ग्यावःसन्तुबाहवानाधुष्प्यायथासंथ 46 असोया // सेनामरुतः परेषामुन्यतिनओसारप्पर्द्धमाना // ताङ्गहतुतमसापनतेनुयथा 11 मीऽअन्योऽअन्यन्नजानन् 47 यत्रबाणाः // सुम्पतन्तिकुमारावि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शिखाऽईव // तन्नुइन्द्रोबृहस्प्पतिरदिति शर्मयछतुविश्वाहाशम यछतु 48 मम्माणिते // मम्मा॑णितेवर्मणाछादयामिसोमस्त्वारा जामृतेना वस्ताम् // उरोबरीयोवरुणस्तेकृणोतुजयन्तुन्वानुदेवा || मदन्तु 496 17 ] उदैनम् // उदैनमुत्तुरानुयायैघृतेनाहुत // राय स्प्पोषैणुस संजप्प्रजयाचबहुइँधि 50 शतम् 900 इन्द्रेमम् // न्द्रेमपतरान्नयसजातानामसदृशी // समै वर्चसासृजदेवानाम्मा गदाऽअसत् 51 यस्य॑कुर्म // यस्य॑कुम्भॊगुहेहुविस्तमग्नेबर्द्धया त्वम् // तस्म्मैदेवाऽअधिनवनयञ्चब्रह्मणस्प्पतिः 52 उर्दुत्वा // उ दुत्वाविश्वेदेवाऽअग्नेभरन्तुचितिभिः // सौभवशिवस्त्व सुप्प For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि तीकोविभावसुदु 53 पञ्चदिशः // पञ्चदिशोदैवीय॒ज्ञमवन्तुदेवीर पामंतिन्दुम॒तिम्वार्धमाना // रायस्प्पोयज्ञपतिमाभजन्तीराय स्प्पोषेऽअधियज्ञोऽअस्त्थात् 54 समिद्धे अग्नौ // समिद्धेऽअग्नाव धिमामहान उक्थपत्रु ईड्यौगृभीतशातुप्तवर्मपरिगृह्यांयजन्तो याज्ञमयजन्तदेवा: 55 देव्यायधु। जोदेवश्रीश्रीमना शुतपयाजापरिगृह्मदेवायुज्ञायन्देवादेवेन्योऽअड्डुर्यन्तोऽअस्त्थुः। ५६वीत हविशमितशमितायुजद्ध्यैतुरीयोयुज्ञोयत्रहुट्यमेति॥त तोवाकाऽआशिषौनोजुषन्ताम् 57 सूर्यरश्मिर्हरिकेशपुरस्तात्स विताज्योतिरुदयाई // अजस्रम् // तस्यपूषाप्सुवेयांतिविद्वान्त्स। For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir म्पश्यन्विश्वाभुवनानिगोपाः 58 विमान एषः // विमान एष दिवोमय आस्त आपप्पिवान्त्रोदसीऽअन्तरिक्षम् // सविश्वा चीरभिचष्टेघुताचीरन्तुरापूर्वमपरञ्चकेतुम् 59 उक्षासमुद्रः // उक्षा | समुद्रोऽअरुण सुपर्णपूर्वस्युयोनिम्पितुराविवेश // मद्ध्यैदिवोनि / हिंतु पृश्निरश्म्माविचक्रमेरजसरप्पात्यन्तौ 60 इन्,विश्वा इन्द्रंविश्वाऽअवीवृधन्त्समुद्रव्य॑चसुङ्गिरः ॥रीतमरथीनांबाजा नासत्प॑तिम्पतिम् 61 देवहूर्यज्ञः // देवहूर्वज्ञऽआर्चवक्षत्सुनहा। स्य॑ज्ञऽआबक्षत् // यक्षदग्निर्देवोदेवा // आचवक्षत् 62 वाजस्य / मा॥ प्रसुवाउँदाभेणोदंग्ग्रभीत् // अधांसुपत्नानिन्द्रोमेनियाभे / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ** * ********** णाधरा // ऽअक: 63 उदाभञ्च // निग्याभञ्चब्रह्मदेवाऽअवीवृध न् ॥अधोसुपक्कानिन्द्रामीमविषूचीनान्यस्यताम् 64 [५]क | महमुग्मिना // क्रमद्दमुनिनानाकुमुक्ख्यव्हस्तेषुवित्रता दिवस्पु / स्वर्गुत्वामिश्रादेवेभिराइम 65 प्राचीमर्नु // पृदिशुम्प्रेहिविद्या / / नग्नेरमेपुरोऽअनि वह // विश्वाआशादीद्यान विभायूर्जनौधेहि / द्विपदेचतुष्ष्पदे 66 पुथियाऽअहम् // पृथिव्याऽअहमुदन्तरिक्षमा / हमन्तरिक्षा दिवमारुहम्॥दिवोनाकस्यपुष्टात्स्वज्योतिरंगामुहम्६७ // स्वर्यन्तः॥स्य॑न्तोनापेक्षन्तुऽआद्यारोहन्तिरोदसी॥युय्येवि 115 श्वतधार सुविद्वासोवितेनिरे६८अग्नुप।अग्नेप्प्रेहिप्पथुमोदॆवयु ****ekeeeekeekakk** For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir ताञ्चक्षुर्देवानामुतमानाम् // इयक्षमाणाभृगुभिडसुजोषाःस्वयं न्तुयजमानास्वस्ति 69 नक्लोषासा // नक्तोषासासमनसाबिरू पेधापयतेशिशुमेक समीची // द्यावाक्षामांरुक्क्मोऽअन्तर्विभातिदे वाऽअग्निन्धारयन्द्रविणोदा 70 अमेसहस्राक्ष // शतमूर्द्धञ्छतन्तै प्पाणासुहस्रंड्याना॥ त्वम्साहस्रस्यराय ईशिप्तस्म्मैतेविधेमुबा जायुस्वाहाँ 71 सुपर्णोसिगुरुत्वान्पुष्टेपृथिव्यासीद॥ भासांतरि क्षमापणज्योतिषादिवमुत्तभानुतेजसादिशऽउहि 72 आजुबाना सुप्प्रतीक // पुरस्तादग्नेस्वंयोनिमासीदसाधुया // अम्मित्सुध स्थेऽअद्ध्युत्तरस्मिन्विश्वेदेवायजमानश्चसीदत ७३तासवितुः॥ 杂染整整察整容整整容整形路路路路### ###恭喜恭珍萨萨 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir तासवितुर्वरेण्यस्यचित्रामाहवणेसुमतिविश्वजन्याम् // याम 16 स्युकण्ण्वोऽअदुहृत्पपीनासहस्रधाराम्पयसामुहीङ्गाम् 74 विधे। मते // परमेजन्मनग्नविधेमुस्तौमरवरेसुधस्थे // यम्मायोनेरुदा स्थिायजेतम्प्रत्त्वेहवी७र्षिजुहुरेसमिद्धे 75 प्रेद्धोऽअग्ने // प्रेोऽ ग्नेदीदिहिपुरोनोस्रयासूायविष्ठ // त्वाशश्वन्तुऽउपयन्ति बाजा 76 अग्ने॒तम् // अग्ने॒तमुद्यावन्नस्तोमैऋतुन्नक्षुद्रह दिस्पृशम् // ऋद्ध्यामातुऽओहै 77 चित्ति होमि॥ चिति होमि मनसाघुतेनुयर्थादेवाऽइहागमन्त्रीतिहौत्राऽऋतावृधः॥पत्त्येविश्व स्यभूमनोजुहोमिविश्वकर्मणेविश्वाहादाझ्याहुवि७८सुप्तेते // 116 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir अग्नेसुमिधःसुप्तजिला // सुप्तऽऋषयसुप्तधामप्पियाणि // सुप्तहोत्रांसप्तधात्वायजन्तिसुप्तयोनीराप॒णस्वघुतेनुस्वाहाँ 79 // | 15] शुऋज्योतिश्च ॥चित्रज्योतिश्चसत्यज्योतिश्चज्योति माँश्च // शुक्रश्चऽऋतुपाश्चात्यहाइ८० ईदृङ॥ ईदृलान्या सुदृङ्गप्प्रतिसदृङ् // मितश्चसम्मितश्चुसभरा 81 ऋतश्चसुत्य चंद्रुवचधुरुणश्च // धुर्ताचविधुर्ताचविधारयदरस्तुजिचास त्यजिच्चसेनजिच्चसुषेणश्चाअन्तिमित्रश्चदुरेऽअमित्रश्चगुण:८३ ईदृक्षासऽएतादृक्षासः // ईदृक्षासऽएतादृक्षासऽऊपुर्ण सुदृक्षासुप्प तिसदृक्षासऽएतन॥ मितासंञ्चुसम्मितासोनोऽअवसभरसोमरुतो 分式等於整容容容容容容容容容容容搭帶路路路路路路路路路路路路路容容容容 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shun Kailassagarsur Gyanmandir यज्ञेऽअम्मिन् // 84 स्वतवाँश्च // प्रघासीचसान्तपुनश्चगृहमे पू.अ. 117 धीच // ऋीडीचशाकीचौज्येषी 85 इन्दुन्दैवी // इन्द्रंन्दैवीशिौ मुरुतोनुवर्मानोभन्यथेन्दुन्दैवीविंशोमरुतोनुवमनोभवन् / एवमिमयजमानुन्दैवीश्च्चुबिशौमानुषीश्चानुवत्मानोभवन्तु 86 [7] इमस्तनम् // इमस्तनमर्जस्वन्तन्धयापाम्प्रपीनमग्नेस / रिरस्युमद्ध्ये // उत्संञ्जुषस्वमधुमन्तमर्वत्समुद्रिय सदनुमाविंशस्व 87 घुतम्मिमिक्षे // घुतमस्युयोनि तेशितोऽतम्बस्यधाम // अनुष्ष्वधमावहमादयस्वस्वाहाकृतंवृषभवक्षिहव्यम् 89 समुद्रादू।। 117 म्मि // सुमुबार्मिमधुमाई // उदारदुपाशुनासममृतुत्वमनिट For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir घुतस्युनामुगुह्यंग्यदस्तिजिहादेवानामुमृतस्युनाभि + 89 बयना म // व्यन्नामप्रबेवामाधुतस्यास्म्मिन्यज्ञेधारयामानमोनिः // उ पंढमाशृणवछस्यानुञ्चतुःशृङ्गोवमीगौरऽएतत् 90 चुत्त्वारिशृङ्गा। चत्वारिशृङ्खात्रोऽअस्युपादाद्वेशीर्षेसुप्तहस्तासोऽअस्य // विधाब / दोषभोरौरवीतिमहोदेवोम // आविवेश 91 विधाहितम् // निर्धाहितम्पणिभिर्गुह्यमानङ्गविदेवासौघुतमन्वविन्दन् // इन्द्रऽएक सूर्यऽएकअजानवेनादेक स्वधानिष्ठता 92 एताऽअर्षन्ति॥ एताअर्षन्तुिहृद्यात्समुद्राछतव्रजारिपुणानावचः॥ तस्यधाराऽअ भिाकशीमिहिरण्ययोबेतुसोमय आसाम्६३सम्म्यक्स्रवन्ति। 路路券容管带着若若若若是落落落落落落帶路路路路路路發發發於带萨法洛落落 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir / सरितोनधेनोऽअन्तहुंदामनसापूयमानाङ // एतेऽअन्त्यूर्मयोधूत स्यमुगाऽईवक्षिपणोरीषमाणा 94 सिन्धोरिवप्पाड्ने // सिन्धों विप्पाहुनेशृंघुनासोवातप्पमियपतयन्तियुबा ॥घुतस्यधाराऽ रुषोनबाजीकाष्ठाभिन्दन्नूमिशिनपिन्व॑मानः 95 अभिप्रवन्त // अभिप्रवन्तुसमनेव्योषडिकल्याण्ण्यःम्मय॑मानासोऽअग्निम् // तस्यधारांसुमिधौनसन्ततार्जुषाणोहर्यतिजातवेदा 96 कुन्या ऽइवबहुतुम् // कुन्याऽइवबहतुमेतुवाऽऽऽअज्यानाऽअभिचाक शीमि // यत्रुसोम-सूयतेयत्रयुज्ञोघुतस्यधाराऽअभितत्त्पवन्ते 97 अभ्यर्षत // सुष्टुतिङ्कव्यमाजिमुम्मासुभद्रादविणानिधत्त // इमंयु 118 For Private and Personal Use Only
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________________ Acharya Shui Kailassagarsuneyarmandir ********************-*-*-*-*-*-*-*-*-*-**-*-*-*-*-*-*-*-*-%%* *** www.kobatirth.org जन्नयतदेवतानोघुतस्यधारामधुमत्पवन्ते 98 धाम॑न्ते ॥धामन्ते विश्वम्भुवनुमधिश्श्रुितमुन्तसमुद्देदृयन्तरायुषि // अपामनीके। समिथेय आतुस्तमश्याममधुमन्तन्तऽर्मिम् 99 [13] इतिसं हितायांदीर्घपाठेसप्तदशोध्यायः 17 वाजःसत्यमूळचतुष्काअश्मा ग्निस्त्रिकाव शुःपंचैकाचतस्रोवाजायदेवाजस्यन्वष्टावृतापाट्त्रयो दशामिंयुनज्मीसप्तयदाकूताद्वात्रहत्यायदशकौत्रयोदशसप्तसप्ततिः॥ बाजच॥ मेप्रसुवश्चमेप्रयतिश्चमेप्रसितिश्चमेधीतिश्चमेऋतुश्च| मेस्वरश्चमेश्लोकश्चमेश्श्रुवश्चमेश्श्रुतिश्चमेज्ज्योतिश्चमेस्व चमेयुज्ञेनकल्प्पन्ताम् 1 प्राणश्च // मेपानश्चमेव्यानश्चमेसुंश्च For Private and Personal Use Only Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kabalirth.org Acharya Shri Kailassagersuri Gyarmandir ३.अ. 18 मेचित्तञ्चमुऽआधीतश्चमेवाक्कमेमनश्चमेचक्षुश्चमेश्श्रोत्रञ्चमेदक्ष चमेबलंञ्चमेयुज्ञेनंकल्प्पन्ताम् 2 ओजच्चामेसहश्चमऽआत्मा चमेतनूश्चमेशर्मचमेवम॑चुमेङ्गानिचुमेस्थीनिचमेपषिचमे | शरीराणिचमुऽआयुश्चमेजुराचमेयुज्ञेनंकल्प्पन्ताम् ३ज्यैष्ठ्यञ्च॥ मऽआधिपत्त्यञ्चमेमन्युश्चमेभामश्चमम॑श्चमेम्भश्चमेजेमार्चमे | महिमामेवरिमार्चमेप्रथिमार्चमेवर्षिमार्चमेद्वाघुिमाचमेबुद्धचमे / / वृद्धिश्चमेयुज्ञेनंकल्प्पन्ताम 4 सुत्त्यञ्च // मेश्रुद्धाचमेजर्गच्चमेधन चमेविश्वञ्चमेमहेश्चमेऋीडाचमेमोर्दश्चमेजातश्चमेजनिष्यमा |119 णञ्चमेसूकञ्चमेसूकुतञ्चमेयुज्ञेनैकल्प्पन्ताम् ५क्रुतञ्च // मृतश्चमे For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir युक्ष्मञ्चमेनामयच्चमेजीवातुश्चमेदीर्घायुत्वञ्चमेनमित्रञ्चमेभयञ्च मिसुखञ्चमेशय॑नश्चमेसूखाश्चमेसुदिनञ्चमेयुज्ञेनकल्प्पन्ताम् 6 न्ताच // मेधुर्ताचमेक्षेमश्चमेधृतिश्चमेविश्वञ्चमेमहेश्चमेसंविच्च / मेज्ञात्रञ्चमेसूश्चमेप्रसूश्चमेसीरञ्चमेलयश्चमेयुज्ञेनकल्प्पन्ताम् 7 शंचमेमयंञ्चमेप्पियञ्चमेनुकामञ्चमेकाम॑श्चमेसौमनसचमुभग / / चमेदविणञ्चमेशुश्चमेश्रेयश्चमेवीयश्चमेयरीश्चमेयुज्ञेनक ल्प्पन्ताम् 8[7] ऊ // मेसूनाचमेपर्यश्चमेरसश्चमेघुतञ्चमे / मधुचमेसम्धिश्चमेसपीतिश्चमेकृषिश्चमेदृष्टिश्चमेजैत्रञ्चमऽऔ। द्भिद्यञ्चमेयुज्ञेन॑कल्प्पन्ताम् 9 रयिश्च // मेरायश्चमेपुष्टश्चमेपुष्टि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पू.अ. चमेवि चमेप्रभुचमेपूर्णञ्चमेपूर्णतरञ्चमेकुर्यवञ्चमेक्षितञ्चमेनञ्च मेक्षुच्चमेयुज्ञे कल्प्पन्ताम् 10 बित्तञ्च // मेवेद्यञ्चमेभूतञ्चमेसवि ष्ष्यच्चमेसुगञ्चमेसुपुत्थ्यञ्चमऽऋद्धञ्चमुऽऋद्धिश्चमेक्प्प्तश्चमेक्प्ति चमेमुतिश्चमेसुमतिश्चमेयुज्ञेनकल्प्पन्ताम् 11 बीयश्च ॥मेय वाश्चमेमाषांश्चमेतिलाश्चमेमुगाश्चमेखल्वाश्चमेप्रियङ्गवश्चमे | वश्चमेश्यामाकोश्चमेनीवारांश्चमेगोधूमाश्चमेमसूरीश्चमेयुज्ञे। नेकल्प्पन्ताम् 12[4] अम्माच॥ मेमृत्तिकाचमेगिरयश्चमेप ताश्चमेसिकताश्चमेबनस्प्पतयश्चमेहिर॑ण्ण्यञ्चमेयश्चमेश्याम चमेलोहञ्चमेसीसंञ्चमुत्रपुंचमेयुज्ञेनकल्प्पन्ताम् 13 अग्निश्च // For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagersun Gyarmandir मऽआप॑श्चमेवीरुधश्चम ओषधयश्चमेकृष्टपुच्याश्चमेकृष्टपुच्च्या चमेग्याम्म्याचमेपशव ऽआरण्याचमेवितञ्चमेवित्तिश्चमेभूत / चमेतिश्चमेयुज्ञेनकल्प्पन्ताम् 14 वसुंच // मेवसुतिश्चमेकर्म चमेशक्तिश्चमथश्चमएमश्चम ऽइत्याचमेगतिश्चमेयुज्ञेनंकल्प्प न्ताम् 15[3] अग्निश्च // मुऽइन्द्रेश्चमेसोम॑श्चमऽइन्द्रश्चमेस। विताचमऽइन्द्रश्चमेसरस्वतीचमुऽइन्द्रश्चमेपूषाचमुऽइन्द्रश्चमेबृह स्प्पर्तिश्चम इन्द्रश्चमेयुज्ञेनकल्प्पन्ताम् 16 मित्रच // मुऽइन्द्र चमेवरुणश्चमुऽइन्द्रश्चमेधाताचमु ऽइन्द्रश्चमेत्त्वष्टाचमुइन्द्रश्च मेमुरुतश्चम ऽइन्द्रच्चमेधिश्वेचमेदेवाऽइन्द्रेश्चमेयुजेनकल्प्पन्ता For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 然紫影器然然然然然然然然然然然然然然然點點點點點點思黎點點點點點此 म् 17 पुथिवीच॥मुऽइन्द्रेश्चमेन्तरिक्षञ्चमुऽइन्द्रश्चमेद्योश्चमुइन्द्र चमेसमाश्चमऽइन्द्रश्चमेनक्षत्राणिचमु ऽइन्द्रश्चमेदिशश्चम इन्द्र चमेयुज्ञेनकल्प्पन्ताम् 18[3] अशुञ्च // मेरश्म्मिश्चमेदा जयश्चुमेधिपतिश्चम उपाशुश्चमेन्तर्खामश्चम ऽऐन्दवायुव / चमेमैत्रावरुणश्चम आश्विनश्चमेप्प्रतिप्प्रस्थानश्चमेशुऋश्च / मेमन्थीचमेयुज्ञेनंकल्प्पन्ताम् 19 आमयुणश्च // मेवैश्श्वदेवश्च / मेद्भुवश्चमेवैश्वानुरश्चम ऐन्द्राग्नश्चमेमहावैश्वदेवश्चमेमरुत्व तीयांश्चमेनिष्क्कैवयश्चमे सावित्रच्चमेसारस्वतश्चमेपात्नीवुत ||121 चमेहारियोजुनश्चमेयुज्ञेनैकल्प्पन्ताम् 20 सुचश्च // मेचमुसा / / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चमेवायच्यानिचमेदोणकलशश्चमेग्यार्वाणश्चमेधिषवणेचमेपू तुअच्चमऽआधवनीयश्चमेवेदिश्चमेबर्हिश्चमेऽवअथश्चमेस्वगाका रञ्चमेयुज्ञेनकल्प्पन्ताम२१ अग्निश्च॥ मेघुमश्चमेक़श्चमेसूर्य चमेप्माणश्चमेश्श्वमेधश्चमे पृथिवीचमे दितिश्चमेदितिश्चमेद्यो / चमेङ्गलयुशकरयोदिशश्चमेयुज्ञेनकल्प्पन्ताम् 22 ब्रतञ्च // म sऋतर्वश्चमेतपंश्चमेसंवत्सुरश्चमेहोरात्रे ऽऊर्बष्ठीवेबृहद्रथन्तुरेचमे यज्ञेनकल्प्पन्ताम् 23 [5] एकाच // मेतिसचमेतिसश्चमेपञ्च / चमेपञ्चमेसुप्तचमेसुप्तचमेनवैचमेनवचम् ऽएकादशचमऽएको / दशचमेत्रयोदशचमेत्रयोदशचमे पञ्चदशचमेपञ्चदशचमेसुप्तदेशच For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मेसुप्तदशचमेनवदशचमेनवदशचम एकविशतिश्चमऽएकविश तिश्चमेत्रयोविशतिश्चमेत्रयोवि शितिश्चमेपञ्चविशतिश्चमेप |ञ्चविशतिश्चमेसुप्तविशतिश्चमेसप्तविंशतिश्चमेनवविशति चमेनवविशतिश्चमुऽएकत्रिशच्चमऽएकत्रिशच्चमेत्रयस्त्रिशच मेयुज्ञेनकल्प्पन्ताम् 24 चतस्रश्च // मेष्टौचमेष्टीचमेद्वादशचमेद्वा देशचमेपोडशचमेषोडशचमेविशुतिश्चमेविशतिश्चमेचतुर्वि श| तिश्चमेचतुर्विशतिश्चमेष्टाविंशतिश्चमेष्टाविंशतिश्चमेद्वात्रि शच्चमेद्वात्रिशञ्चमेषट्टिशच्चमेषट्टिशिचमेचत्वारिशचमेचत्वारि शचमेचतुश्चत्वारि शञ्चमेचतुश्चत्वारि शञ्चमेष्वाचत्वारिशच 122 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 整容整容整容整卷管器等聲聲聲聲聲帶勞特容器容等警察警察警察答答答答答答於此 मेयुज्ञेनकल्प्पन्ताम् 25 त्र्यविश्च // मेव्युवीचमेदित्युवामेदित्यौ हिचीपञ्चाविश्चमेपञ्चावीचमे विवृत्त्सच्चमे त्रिवत्साचतुर्युवा मतुल्यौहार्चमेयुज्ञेन॑कल्प्पन्ताम् 26 पृष्ठवाट्॥ मेपष्टीहीचमऽउ क्षाचमेवशाचम ऽऽऋषभश्चमेवेहच्चमेनडाँचमेधेनुश्चमेयुज्ञेनक ल्प्पन्ताम् 27 [4] बाायुस्वाहा // प्रसुवायुस्वाहापिजाय। स्वाहाऋतवेस्वाहावसंवेस्वाहाहर्पतयेस्वाहान्हैग्मुग्धायुस्वाहामु ग्धार्यवैनःशुनायस्वाहाबिन शिन आन्त्यायुनायुस्वाहान्याय, भौवनायुस्वाहाभुवनस्युपतयेस्वाहाधिपतयेस्वाहाप्पुजापतयेस्वा हा॥ इयन्तेराम्मित्राययुन्तासियमनऽजुर्जेत्वावृष्ट्यैत्वाप्मजाना For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir त्वाधिपत्याय 28 आयुर्युज्ञे कल्प्पताम्प्राणोयुज्ञेन॑कल्प्पताञ्च क्षुय॒ज्ञे कल्प्पता श्रोत्रयुज्ञेनकल्प्पतांबाग्ग्यज्ञे कल्प्पताम्म नौयुज्ञेनंकल्प्पतामात्मायुज्ञेनकल्प्पताम्बुहमायुज्ञेनकल्प्पताज्यो तिय॒ज्ञे कल्प्पता स्वय॑ज्ञेनंकल्प्पताम्पृष्ठंठयुज्ञेनकल्प्पतांबुज्ञो यज्ञेनकल्प्पताम् // स्तोमञ्चयर्जुश्चुऋक्सामंचबुहचरथन्तुरञ्च // स्वर्देवाऽअगन्मामृताऽअभूमप्प्रजापतेप्प्रजाऽअमूमबेट्वाहा // 29/ 2] बाजेस्यनु // प्रसुवेमातरम्मुहीमदितिन्नामवचसाकरामहे॥ यस्यामिदंविश्वम्भुवनमाविवेशतस्यान्नोदेवसविताधर्मसाविषत् / 123 30 विश्वेअद्य // मुरुतोविश्वकृतीविश्वेभवन्त्व॒ग्नयुक्समि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir द्धा // विश्वनोदेवाऽअवसागमन्तुविश्वमस्तुद्रविणंबाजोऽ अ स्म्मे 31 बाजोन // सुप्तप्पदिशश्चतस्रोवापरावत’॥ बाजौनो विश्व वैर्द्धनसाताविहावतु 32 बोजोन // बाजोनोऽअयप्प्रसु वातिदानबाजोदेवा ॥ऽऋतुर्भिकल्प्पयाति // बाजोहिमासर्ववी रज्जुजानुविश्वाऽआशावाजयतिञ्जयेयम् 33 वाजे पुरस्तात्॥वा जम्पुरस्तादुतमयतोनोबाजौदेवान्हविषाबर्द्धयाति // बाजोहिमा सर्ववीरञ्चकारसर्वाऽआशावाजपतिर्भवेयम् 34 सम्मा // सृजा मिपयसापृथिव्या सम्मासृजाम्म्युद्भिरोषधीभिः // सोहंचार्जस नेयमग्ने 35 पर्य’ पृथिव्याम् // पर्य' पृथिव्याम्पयुऽओषधीषु 落於带落落落落落落落落落落落落治冷落落落落落落落落落落 For Private and Personal Use Only
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________________ Snri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyarmandir *** *********************** पोदिव्यन्तरिक्षेपयोधाबा पर्यस्वतीप्प्रदिर्श सन्तुमयम् 36 देव स्यत्वा // सवितुप्प्रेसवेश्विनौ हुन्ाम्पूष्ष्णोहस्ताभ्याम् // सरस्वत्यैवाचोयन्तुयंत्रणाग्नेश्साम्म्राज्येनाभिषिञ्चामि 378] ऋतापातामा ॥क्रुतापातामाग्मिग्गन्धर्वस्तस्यौषधयोप्प्सुर सोमुदोनॉम॥ सनऽइदम्ब्रहमात्रम्पातुतस्म्मस्वाहाहाहालय इस्वा हाँ 38 सुहितोविश्वसामा // सूर्योगन्धर्वस्तस्युमरीचयोप्प्स रसं आयुवोनाम // सनऽइदम्बमक्षत्रम्पातुतस्म्मस्वाहाबाट्टाभ्यु स्वाहा 39 सुषुम्म्णसूर्य्यरश्म्मि // सुषुम्म्ण सूर्यराभिमश्चन्द्र 124 मांगन्धर्वस्तस्युनक्षेत्राण्यप्प्सुरसा कुरैयोनाम // सनऽइदम्बम | For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagersun Gyanmandir क्षुत्रम्पातुतस्म्मस्वाहाबाद्वाझ्यस्वाहा 40 इषिरोविश्वव्यंचा॥ इषिरोविश्वयंचावातोगन्धर्वस्तस्यापोऽअप्प्सरसऽऊजोनाम // सन इदम्बमात्रम्पातुतस्म्मस्वाहावादास्यास्वाहा 41 अज्युः सुपुर्ण // भुज्युः सुपुर्णोयुज्ञोगन्धुर्वस्तस्युदक्षिणाऽअप्प्सुरसंस्ता वानाम // सनऽइदम्ब्रहमात्रम्पातुतस्म्मस्वाहाबाट्टाक्य स्वाहा 42 प्रजापतिविश्वकर्मा॥ मनौगन्धर्वस्तस्य॑ऽऋक्वसामान्यप्प्स रसुऽएष्टयोनाम // सनऽइदम्ब्रहमात्रम्पातुतस्म्मैस्वाहाबाट्टाक्य स्वाहा 43 सनः॥ सनोभुवनस्यपतेप्प्रजापतेयस्यंतऽऊपरिंगुहा यस्यवेह // अस्म्मैब्रह्मणेरम्मैक्षुत्रायुमहिशम्मैयछुस्वाहाँ 44 स। For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsur Gyarmandir www.kobatirth.org पू. संहि. मुद्रोसि // समुद्रोसिन स्वानादानुशुम्भूम्मयोभरभिभाबाहिस्वा / 125 हामारुतोसिमरुताङ्गणः / शुम्भूर्मयोभरभिमाबाहिस्वाहावस्यूर 10 सिदुवस्वाञ्छम्भूर्मयोभूरभिमाबाहिस्वाहा 45 यास्तै // ऽअग्ने / सूर्येरुचोदिवमातन्वन्तिरश्मिभिः // ताभिन्नोऽअद्यसर्वाभिरुचे जनायनस्कृधि 46 यावः // यावौदेवाङसूर्येरुचोगोष्ष्वश्वैषु / यारुचः॥ इन्द्राग्नीतानि सर्वाभीरुचन्नोधत्तवृहस्प्पते 47 रुच न // रुचन्नोधेहिबाहमुणेषुरुचुरासुनस्कृधि // रुचविश्येषुशु द्वेषुमयिधेहिरुचारुचम् 48 तत्वा॥यामिब्रहमणाबन्दमानुस्तदाशा 125 स्तुयजमानोहविभिः॥ अहैडमानोबरुणेहबोध्युरुशम्सुमान आ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir युपोषी 49 स्वर्ण // स्वर्णधुर्मस्वाहास्वर्णाकी स्वाहास्वर्ण / शुक्र स्वाहास्वर्णज्योतिस्वाहास्वर्णसूर्यस्वाहाँ 50[13] अ. ग्निव्युनज्मि // अग्मिय्युनज्मिशवशाधुते दिव्य पुणवयसाबु हन्तम् // तेनैव्यङ्गमेमध्नस्य विष्टपु स्वोरहाणाअधिनामुत्तुम / म् 51 शतम् 1000 // इमौते॥ पक्षावुजरौपतुत्रिणीवाझ्याधर क्षास्यपहस्यग्ग्रे // तान्याम्पतेमसुकृतामुलोकंव्यत्रुऽऋपयो / जग्मुश्प्रथमजापुराणाः 52 इन्दुर्दक्षः॥ श्येन तावाहिर॑ण्ण्यप क्षशकुनोभुरण्युः // मुहान्त्सधस्थेब्रुवऽआनिषतोऽनमस्तेऽअस्तु / मामाहिःसी 53 दिवोमूर्द्धा ॥सिंपृथिव्यानाभिरूपामोषधीना || For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir 126 म् // विश्वायुशर्मसुप्पथानमस्प्पथे 54 विश्वस्यमूर्द्धन् // विश्वस्यमूर्द्धन्नधितिष्ठसिश्श्रुितः समुद्रेतेहृदयमुप्प्स्वायुरुपादत्तोद धिम्भिन्त // विस्पर्जन्यादन्तरिक्षात्पृथिव्यास्ततौनोवृष्ट्याव५५] इष्टोयज्ञः // इष्टोयज्ञो गुराशीवसुभि // तस्यन इष्टस्यप्प्रीत स्यद्रविणुहागमे 56 इष्टोऽअग्निः // इष्टोऽअग्निराहुत पिपर्तुन / इष्टव्हविः // स्वगेदन्देवेश्योनमः 57[7] यदाकूतात् // यदा कूतात्सुमसुनो दोवामनसोवासम्भृतुञ्चक्षुषोवा॥ तदनुप्प्रेतसुक / तामुलोकंयत्रु ऋषयोजुग्ग्मुप्पथमुजाः पुराणाः 58 एतसिंधस्थ 126 परितेददामियमावहांछेवुधिआतवेदाअन्वागुन्तायुज्ञपतिवाऽअ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तसम्म॑जानीतपरमेव्योमन् 59 एतानाथ // परमेयोमुन्देवाः / / सधस्त्थाविदरूपमस्य // यदागछात्पथिभिर्देवयानैरिष्टापूर्तेकणवा / थाविरसम्मै 60 उद्बुद्ध्यस्व ॥उद्बुद्ध्यस्वाग्नेप्रतिजागृहित्वमिष्टापू तसम्सृजेथामुयञ्च // अस्म्मिन्सुधस्थेऽअद्ध्युत्तरसिम्मन्विश्वेद वायजमानश्चसीदत 61 येनुवर्हसि // सुहस्रयेनग्नेिसर्ववेदसम् // तेनुमंख्युज्ञन्नौनयस्वदे॒वेषुगन्तवे 62 प्रस्तुरेणपरिधिना // सुचावे द्याचबुर्हिषां // क्रुचेमंयज्ञन्नौनयुस्वदे॒वेषुगन्तवे 63 यहुत्तम् // य / / इत्तंय्यत्परादानुख्यत्पूर्तव्याश्श्चदक्षिणाः // तदग्निवश्वकर्मण स्व१वेधुनोदधत् 64 यत्रुधारा // यत्रुधाराऽअनपेतामधोग्र्युतस्य / / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चयाः ॥तदग्निर्वैश्वकर्मणवढेवेषुनोदधत् 65 अमिरस्म्मि // अग्निरस्म्मिजन्म॑नाजातवैदाघुतम्मेचक्षुरमृतंम्मऽआसन् // अर्क विधातूरजसोविमानोजस्रोधुर्मोहविरस्म्मिनाम 66 ऋचोनाम / ऋचोनामास्म्मिय पिनामास्म्मुिसामानिनामांम्मि॥येऽअग्न यापाञ्चजन्याऽअस्याम्पृथिव्यामधि // तेषामसित्वमुत्तम प्प्रनों जीवातवेसुव 67 / 10] वाहत्यायुशवसेपृतनाषाह्यायच // इ।। न्द्रत्वावर्तयामसि 68 सुहदानुम्पुरुहूत॥ क्षियन्तमहस्तमिन्द्रसम्पि णकुणारुम् // अभिवुत्रंबर्द्धमानम्पिारुमपादमिन्द्रतवसोजघन्थ ६९विनः॥विन इन्द्रमृधौजहिनीचायछपृतन्युतायोऽअम्मा॥ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ****************** sअभिदासत्यधरङ्गमयातमः 70 मुगोन // भीमकुचुरोगिरिष्ठा परावतऽआजगन्यापरस्याङ // सुकसुशायपविमिन्द्रतिगमंदि। शत्रून्ताडिबिमृधौनुदस्व 71 वैश्वानरोनः // वैश्वानरोनेऽऊतय आप्पयौतुपरावत’ // अमिर्ने सुष्टुतीरूपं७२ पृष्ठोदिवि // पृष्ठो अग्निपृथिव्यांपुष्टोविश्वाऽओषधीरॉविवेश॥वैश्वानरसहसा / पृष्टोऽअग्निश्सनोदिवासरिषस्प्पांतुनक्तम् 73 अश्यामतम् ॥अश्या / मतङ्काममग्नुतवीतीऽअश्यामरयिरयिवःसुवीरम् // अश्यामबाज मुभिवाजयन्तोश्यामद्युम्नमंजराजरंन्ते 74 व्यन्तै // ऽअद्यररि माहिकाममुत्तानहस्तानमसोपुसद्य // यजिष्टेनमनसावक्षिदेवान ************** * For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobabirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir संहितामन्मनाविप्पोऽअग्ने 75 धामछग्निः॥ धामछमिरिन्द्रोत्र पू.अ. 128 हमादेवोबृहस्प्पतिः // सचेतसोविश्वदेवायज्ञम्प्रावन्तुनःशुभे७६||१९ त्वंय्यविष्ठ // दाशुषोनृपाहिशृणुधीगिरं // रक्षातोकमुतत्क्मना / 77 [10] इतिसंहितापाठेअष्टादशोऽध्यायः 18 स्वाद्वीत्वैकाद शदेवायज्ञविशतिःसुरावंत सप्तदशोदीरतांत्रयोदशाच्याजानुर्दश | सोमोराजाष्टौसीसेनतंत्रषोडशसप्तपंचनवतिः // हरिदओंम्॥स्वा द्वीत्वा // स्वादुनातीबान्तीव्रणामृतामुमृतेन // मधुमतीम्मधुमतासु जामिसम्सोमैन॥ सोमौस्युरिश्वस्याम्पच्यस्वसरस्वत्यैपच्यस्वे न्दायसुत्राम्णेपच्यस्व 1 परीतः॥परीतोषिञ्चतासुतसोमोयऽउ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तुमहविः // दधन्वायोनोऽअप्प्सुन्तरासुषात्सोममदिशि 2 बायोपूतः॥ पुवित्रणप्प्रत्यङ्कसोमोऽअतिद्रुतः॥ इन्द्रस्युयुज्यास खा // बायोपूत पवित्रेणुप्पासोमोऽअतिद्वतः // इन्द्रस्ययुज्य सखा 3 पुनातिते // परिस्रुतसोमसूर्यस्यदुहिता॥बारेणुशश्व तातना 4 ब्रह्मक्षुत्रम् // ब्रह्मात्रम्पवेत्तेज इन्द्रिय सुरयासोमः सुत आसुतोमदाय // शुक्रेणदेवदेवतापिपृग्धिरसेनान्नय्यजमा नायधेहि 5 कुविदछ / यर्वमन्तोयवञ्चिद्यथान्दान्त्यनुपूर्ववियूय।। इहेहैषाणुहिशोजनानियेहिषोनमऽउक्लिंय्यजन्ति // उपयोमग हीतोस्युश्श्विभ्यान्त्वासरस्वत्यैन्त्वेन्द्रीयत्वा // सुत्राम्म्णेऽएषतेयो / 些影片出影影影影影影带整张群老然然然张若若若常步步步扩张然紫示若幹卷 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir संहि. निस्तेजसेत्वाबीयित्वाबोयत्वा 6 नानाहि // वान्देवहितुस / पू.अ. दस्कृतम्मास सृक्षाथाम्परमेयोमन् // सुरात्वमसिशुष्म्मिणीसोम। एषमामाहिसी स्वांयोनिमाविशन्ती 7 उपयामगृहीतोसि // उ पयामगृहीतोस्याश्विनन्तेज सारस्वतंबीर्यमेन्द्रम्बलम् // एषते / / योनिर्मोदायत्त्वानन्दायत्त्वामहंसेत्त्वा 8 तेजोसि // तेजोसितेजो मयिधेहिवीर्यमसिबीर्थम्मयिधेहिबलमसिबलुम्मयि योजो। स्योजोमयिधेहिमुन्न्युरसिमुन्युम्मयिधेहिसहोसुिसहोमयिधेहि 9/ यात्याग्यम् // याव्याग्धंविषूचिको भौवृकञ्चुरक्षति // श्येनम्पतत्रि / सिव्ह सेम्पात्वहसः 10 यदापिपेर्ष // मातरम्पुत्रप्पमुंदितो / 於崇於整容整容整容際然然然然然然然然然然然然然然然然然然然於 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir धयन् // एतत्तद॑ग्नेऽअनुणाभवाम्म्यहतौपितरौमया // सुम्पृचस्त्थ सम्माभुद्रेणपृङविपृचस्त्थुविमापाप्मनापृ१११११देवायज्ञम्॥ देवायज्ञमतन्वतोपुजमिषजाश्विनावाचासरस्वती िषगिन्द्रा येन्द्रियाणुिदधत 12 दीक्षायैरूपम् ॥दीक्षायैरुपशष्ष्पाणिप्पा यणीयस्यतोक्मानि // यस्यरुप सोम॑स्यलाजाश्सोमा शवोम / धु 13 आतित्थ्यरूपम्मासरम् // आतित्थ्यरूपम्मासरम्महावीर स्यनग्नहुः // रूपमुपुसदामेतत्तुिस्रोरात्रीसुरासुता 14 सोमस्यरूप म // सोमस्यरूपङ्गीतस्यपरिसुत्त्परिषिच्यते॥अश्विान्दुग्ध | म्भेषुजमिन्द्रायैन्द्रसरस्वत्या 15 आसन्दीरूपम् // आसुन्दीरूप 部落等等等等容器容等等等等落落落落等容器等落落落落落落落落落落落落落落 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir राजासुन्द्यैवेद्यैकुम्भीसुराधानी // अन्तरऽउत्तवेद्यारुपकारोतरो 130 षिक् 16 वेद्यावेदि॥ वेद्यावेदिइसमाप्प्यतेबर्हिषांबहिरिन्द्रिय म् // यूपैनुयूपंऽआप्प्यतेप्प्रणीतोऽअग्निरग्निना 17 हुविर्द्धान्थ्य त्॥ हवि नव्यदश्विनानीटुंग्यत्सरस्वती // इन्द्रायैन्द्र सदस्छ तम्पनीशालङ्गार्हपत्य 18 प्रैषेभिप्रैषान् ॥प्रेषेभिःप्प्रेषानांनो, त्याप्तीभिराप्तीर्घज्ञस्य॑ // प्रयाजेभिरनुयाजान्वषट्रारेभिराहुती 19 पशुभिः पशून // पशुभिःपशूनाप्नोतिपुरोडाशैर्हवीच्या // छन्दोभि सामिधेनीर्खाज्याभिषट्रारान् 20 धानाकरम्भस 130 तवडपरीवाप:पयोदधि // सोमस्यरुपहविर्षऽआमिक्षाबाजिनम्म #杂杂杂杂杂詳染降落若若若若若若若若詩詩答答答答答答答辯游游游 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir धु२१धानानापम्॥धानानपिङ्कवलम्परीवापस्यगोधूमा। सक्छूना 7 रुपम्बदरमुपुवाकांकरम्भस्य 22 पर्यसोरूपम् ॥पर्य सोरुपंख्यद्यवादनोरूपड्कन्धूनि // सोमस्यरूपंचार्जिन सौम्म्य स्यरूपमामिक्षा 23 आश्श्रावय // आश्श्रावयेतिस्तोत्रिया-प्प त्याश्श्रावोऽअनुरूप // यजेतिधाच्यारूपम्प्रंगाथायजामुहाइ२४ अर्द्ध ऋचैरुक्थानाम् // अर्द्ध ऋचैरुक्थानपिम्पुदैराप्नोतिनि / विदः॥प्पृणुवै॥शुस्वाणरूपम्पय॑सासोमऽआप्प्यते२५अभिश्व श्याम्प्रातसवनम् // अश्विक्याम्प्रातसवुनमिन्द्रेणैद्रम्माक्ष्य न्दिनम् // वैश्वदेव सरस्वत्यातुतीयमाप्त:सर्वनम् 26 बायुयै For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. युध्यानि॥वायव्यैर्वायुयान्याप्नोतिसतैनद्रोणकलशम् ॥कुम्भी पू.अ. यमिम्भुणौसुतेस्थालीभिस्थालीराप्नोति२७यजुभिराप्यन्ते॥ यजुभिराप्यन्तुग्ग्रहाग्ग्रहस्तोमाञ्चविष्टुती // छन्दौभिरुक्छाशुखा / णिसाम्नाव थऽआप्प्यते२८ इडाभि क्षान् // इडाभि क्षाना मोतिसूक्तवाकेनाशिषः॥ शंयुनापत्नीसंय्याजान्त्समिष्ट्रयजुषास स्थाम२९वतेनेदीक्षाम् // तेनैदीक्षामाप्नोतिदीक्षाप्नोतिदक्षि णाम् // दक्षिणा श्रुद्धामाप्नोतिश्श्रद्धासुत्त्यमांप्प्यते 30 एताव दूपम् // एतावद्रूपंथ्यज्ञस्युयदुवैब्रह्मणाकृतम् // तदेतत्सर्वमाप्नोति युज्ञेसौत्रामुणीसुते 31 [20] सुरावन्तम्बर्हिषदम् // सुविन्तम्ब For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हिषर्द सुवीरय्युज्ञहिन्वन्तिमहिषानमोभिः // दानासोमन्दिवि / देवासुमदेमन्द्रंग्यज॑मानास्व॒क्का 32 यस्तै // यस्तेरसुइसम्भृत ओषधीषुसोमस्यशुष्ष्मासुरैयासुतस्य // तेनजिन्वयजमानुम्म / दैनसरस्वतीमुश्श्विनाविन्द्रमग्निम्३३ यमुश्विन // नमुचेरासुरा / दधिसरस्वत्यसुनोदिन्द्रियार्य // इमन्त शुक्रम्मधुमन्तुमिन्दु सोम / राजानमिहाक्षयामि 34 यदत्रं // यदरिप्तसिन सुतस्ययदि / न्द्रोऽअपिबछचीभिः // अहन्तर्दस्युमनसाशिवेनसोमराजानमि हक्षयामि 35 पितृश्य स्वधायिय // स्वधानम:पितामहे / यःस्वधायियःस्वधानमुप्प्रपितामहेनन्यस्वधायिभ्यःस्व / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धानमः॥ अक्षनिपतरोमीमदन्तपितरोतीतृपन्तपितरपितरःशुन्ध इम 36 पुनन्तुमापितरः सोम्म्यासं पुनन्तुमापितामहापुनन्तुप्प। पितामहाः // पुवित्रैणशुतायुषा // पुनन्तुमापितामहा पुनन्तु | प्रपितामहाः // पवित्रैणशुतायुषाविश्वमायुयश्नवै 37 अग्न | आयूपि // पवसुऽआसुवोर्जुमिषश्चन // आरेबाधस्वदुछुना / म 38 पुनन्तुमा // देवजुनाश्पुनन्तुमनसाधियः // पुनन्तुविश्वा भूतानिजातवेदडपुनीहिमा 39 पवित्रेणपुनीहि // माशुऋणदेवुदी / सीत् // अग्नेऋत्वाऋतू?ऽरनु 40 यत्तेपुवित्रमुर्चिष्ष्यग्नेविर्ततम 13: अन्तरा // बहमुते पुनातुमा 41 पर्वमानसः // पर्वमानसोऽअद्य For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir न पवित्रेणुविचर्षणिः // यापोतासपुनातुमा 42 उभागान्देव॥ सवितऽपवित्रेणसुवेनच // माम्पुनीहिविश्वतः 43 वैश्श्वदेवी नती // देव्यागुयस्यामिमाबन्धस्तुन्वोचीतपृष्ठाः // तयामर्दन्तास / धुमादेषुव्यस्यांमुपतयोरयीणाम् 44 येसमानासमैनसपितरौ / यमराज्ज्ये॥ तेषाल्लोकः स्वधानमायुज्ञोदेवेषुकल्प्पताम् 45 येस माना // येसमानासमनसोजीवाजीवेणुमामुका: // तेषाश्री मयिकल्प्पतामुरिम्मल्लोकेशुत समा 46 देसुती ॥ऽअशृणव म्पितॄणामहन्देवानामुतम-नाम् // ताभ्यामिदंविश्वमजुत्स मैतिवदन्तरापितरम्मातरञ्च 47 इद हविः // इदविप्रजननम्मे For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. अस्तुदर्शवीर सर्वगणस्वस्तये // आत्मसनिप्प्रजासनिपशुस / पू.अ. निलोकसन्यायुसनि // अग्निप्प्रजाम्बहुलाम्मैकरोत्वन्नम्पयोरे तोऽअम्मासुंधत्त 48[17] उदीरताम् // उदीरतामवरऽउत्परांसुऽउ न्मक्ष्यमापितर सोम्म्यासः // असुंध्यऽईयुरबुकाऽऋतुज्ञास्तेनों वन्तुपितरोहवैषु 49 अङ्गिरसोन // पितरोनर्वग्वाऽअर्थर्वाणो / गवसोम्म्यासः। तेषांव्यसंमतौयुज्ञियानामपि सौंमनेसस्यामा 50 येनः॥ येनुपूर्वपितर सोम्म्यासोनहिरेसोमपीथंबसिष्ठाः // ते भिर्युमसरगुणोहवीप्प्युशनुशद्भिःप्रतिकाममंत्तु 51 त्वम्सौ / 133 म // त्वम्सौमुप्पचिकितोमनीषात्वर्जिष्ठमनुनेषिपन्थाम् // तव For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir 告密的监皆需警警署警署警對警警是警警营影影器类非法经整整静坐修划 प्रणीतीपितरोन इन्दोदेवेपुरत्नमभजन्तुधीरोड 52 त्वयाहि // त्व याहिनः पितरःसोमपूर्वेकम्माणिचक्रुपवमानुधीर // बन्नन्नवा || तपरिधीऽरपोर्गुबारेभिरश्वैर्मघाभवान 53 त्व सौम॥पि तृभिःसंविदानोनुद्यावापृथिवीऽआतंतन्थ // तस्म्मैतऽइन्दोहुविर्घा विधेमवयस्यामपत योरयीणाम् 54 बर्हिपदापितरः॥ बहिषदः / पितरऽजुत्युर्वागिमावोहृयाचरुमाजुषहम् // तऽआगुतावसाशन्त मेनाथानःशंथ्योररपोदधात 55 आहम् // आहम्पितन्त्सुविदाई in ऽअवित्सुिनपातञ्चविक्रमणञ्चविष्ष्णौ 56 बर्हिषदोयेस्वधया सुतस्युभजन्तपित्वस्त इहागमिष्ठा / / उपहूतापितरः // सोम्म्या For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir सोवर्हिष्ष्येषुनिधिषुप्रियेषु // तऽआर्गमन्तुतऽहQवन्त्वधिब्रुव न्तुतेवन्त्वम्मान ५७आर्यन्तु // नापितर सोम्म्यासौमिष्ष्वात्ता। पथिभिवयानैः // अस्म्मिन्युज्ञेस्वधयामदन्तोधिब्रुवन्तुवन्त्व स्म्मान् 58 अग्निष्ष्वात्तापितरः // अग्निष्ष्वात्तापितर एहगंछ / तसद सदसदतसुप्पणीतय // अत्ताहवी७षिप्पयतानिबुर्हिष्ष्य / थारयिल्सवीरन्दधातन५९ येऽअग्निष्प्वात्ताः // येअग्निष्ष्वात्ता येऽअनग्निष्ष्वात्तामद्ध्येदिवास्वधामादयन्ते ॥तेभ्यःस्वराडसु नीतिमेतांय्यथावशन्तुन्वङ्कल्प्पयाति 60 अग्निष्ष्वात्तानृतुमतः॥ 134 अग्निष्ष्वात्तानृतुमतोहवामहेनाराशुसेसोमपीथंध्यऽआशुः // तेनो For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विप्पांसासुहाभवन्तुव्यमुपतयोरयीणाम् 61 [13] आ च्याजानु // दक्षिणुतोनिषद्येमध्यज्ञमभिगृणीतुविश्वे ॥माहिसि / पितरकेनचिनोयगुऽआर्ग:पुरुषताकरांम 62 आसीनासोऽअ| रुणीनाम॥ आसीनासोऽअरुणीनामुपस्थैरयिन्त्तदाशुषेमल्य॥ पुत्रेभ्यः पितरस्तस्युवस्तुप्पयछततऽइहोर्जेन्दधात 63 यमने || कव्यवाहनुत्वंचिन्मन्यसेरयिम् // तन्नौगीमि श्रुवाय॑न्देवत्राप / नयायुजम 64 योऽअग्निः॥ कन्यवाहन पितृन्यक्षतावृधः // दुहव्यानिबोचतिदेवेभ्यश्चपितृभ्य आ 65 त्वम॑ग्ने // त्वम॑ग्म| sईडितश्कव्यवाहनावाडव्यानिसुरभीणिकुत्वी // प्रादडिपितृभयः For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्र.अ. संहि. स्वधयातेऽअक्षन्नुद्धित्वन्देवप्प्रयताहुवीर्ष 66 येच॥ येचेहपि 135 तरोयेचनेहयाँच्चविद्मया // ऽउंचनप्पवूिन // त्ववेत्थुयतितेजा। तवेदस्वधाभिर्यज्ञ सुकृतञ्जुषस्व 67 इदम्पितृभ्योनमोऽअस्त्व। द्ययेपूर्वासीयऽउपरासऽईयुः // पार्थिवेरजस्यानिषत्तायेवानून सुजनांसुविक्षु 68 अधायथा // नपितररुपरांसप्प्रत्नार्मोऽअ. मतमांशुषाणा // शुचीदयन्दीधितिमुक्क्थशासुक्षामाभिन्दन्तो। अरुणीरपबन 69 उशन्तस्त्वा // उशन्तस्त्वानिधीमयुशन्तास / मिधीमहि // उश शतऽआवहपितृन्हविषेऽअतवे 70 अपांफेनें / 135 न // अपाम्फे नुनर्मुचे शिरऽइन्द्रोदैवर्तयः // विश्वाषदर्जयस्प्पृ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धः 71 [10] सोमोराजा // सोमोराजामृत सुतऽऋजीषणोज हान्मुत्युम् // ऋते सुत्त्यमिन्द्रियम्बिपान शुक्रमन्धसऽइन्द्रस्येन्द्रि यमिदम्पयोमृतम्मधु 72 अ-यक्षीरमाअ-यक्षीरस्यपिबुत्कुडा गिरसोधिया॥ तेनसुत्यमिन्द्रियं विपान शुक्रमन्धसुऽइन्द्रस्येन्द्रि यमिदम्पयोमृतुम्मधु 73 सोमम द्यः ॥सोमम-योध्यपिबत्छन्दसा साशुचिषत् // तेनसुत्यमिन्द्रियंबिपान शुक्रमन्धसुइन्द्रस्ये न्द्रियमिदम्पयोमृतुम्मधु 74 1100 कण्डि // // अनोत्परि सुतः॥ अन्नात्परिस्रुतोरसुम्बह्मणाव्यपिबत्क्षुत्रम्पयुः सोमप्पुजा पतिः // तेनसुत्यमिन्द्रियंछिपान शुक्रमन्धसुऽइन्द्रस्येन्द्रियमि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. दम्पोमृतुम्मधु 75 रेतोमूत्रम् // रेतोमूव॒विर्जहातियोनिम्प्रविश पू.अ. 136 / दिन्द्रियम् // गोंजुरायुणावृतुऽउल्वअहातिजन्मना // ऋतेनस 19 त्यमिन्द्रियंबिपान 6 शुक्रमन्धसुऽइन्द्रस्येन्द्रियमिदम्पयोमृतम्मधु 76 दृष्ट्वारूपे // व्याकरोत्सत्यानुतेप्प्रजापतिः // अश्रद्धामनुतेद धान्छ्रद्धासुत्येप्रजापति // तेनसत्यमिन्द्रियंधिपान शुक्रमन्ध सऽइन्द्रस्येन्द्रियमिदम्पयामृतुम्मधु 77 वेदैनरूपे ॥व्यपिवत्सुता सुतौप्रजापति // ऋतेनसुत्यमिन्द्रियं विपान शुऋमन्धसुऽइन्द्रस्ये / / न्द्रियमिदम्पयोमृतम्मधु 78 दृष्ट्वापरिस्रुतं // दृष्ट्वापरिस्रुतोरस शु ऋणशुक्रव्यपिबुत्पयुक्सोम॑म्प्रजापति // क्रुते सत्यमिन्द्रियं छिपा 136 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shn Kailassagarsun Gyarmandir नशुक्रमन्धसुऽइदस्यन्द्रियमिदम्पयोमृतुम्मधु 79 [8] सीसैन तन्त्रम्॥सीसैनतन्त्रुम्मनेसामनीषिणऽऊपासूत्रेणकुवयौवयन्ति॥ अश्श्विनायज्ञसवितासरस्वतीन्द्रस्यरूपंवरुणोभिषज्यन् 80 त दस्य // रूपमुमृतु शचीभिस्तुिस्रोदधुढेवाडसराणाः // लोमा निशष्ष्पैर्बहुधानतोक्मभिस्त्वर्गस्यमा समभन्नलाजा 81 तद विश्वना // विषारुद्रवर्तनीसरस्वतीवयतिपेशोऽअन्तरम् // आ स्त्थिमुजानुम्मासरैडकारोतरेणदधतोगान्युचि 82 सरस्वतीमन / सा // पेशुलंबसुनासत्यान्यांबयतिदर्शतंवपुः // रसम्परिस्रुतानरो / हितन्ननहु रस्तसरंन्नवेमं 83 पय॑साशुक्रम् // पय॑साशुक्रममृतंज For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नि सुरयामूत्राज्जनयन्तुरेतः // अपामतिन्दुम॒तिम्बाधमानाऽऊ 137 बद्धयंबात सव्वन्तदारात् 84 इन्द्र सुत्रामाहृदयेनसत्यम्पुरोडाशेन 19 सविताजान॥ यकृत्लोमानबरुणोभिषज्यनमस्नेिवायुयुनमि नातिपितम् 85 आन्त्राणिस्त्थाली // आन्त्राणिस्त्थालीमधुपि वमानागुदापात्राणिसुदुघानधनुः // श्येनस्युपत्रुन्नप्लीहाशचीभि रासन्दीनाभिरुदरन्नमाता 86 कुम्भोवनिष्ठुः // कुम्भोईनिष्ठजनि ताशचीभिर्यस्म्मुिन्नग्ग्रेयोन्याङ्गओंऽअन्त // प्लाशिय॑क्तःशुत, धारऽउत्सौदुहेनकुम्भीस्वधाम्पितयः 87 मुखुल्सत् // मुखईस दस्युशिर इत्सतेनजिह्वापवित्रमुश्श्विनासन्त्सरस्वती // चप्पन्नपा / 体非常非常举卷管器带带带带带带带整卷卷差差差差差差差差差差差差举非举 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir युझिपर्गस्युवालोबुस्तिनशेपोहरसातरस्वी 88 अश्विभ्याञ्च / क्षु॥ अश्विझ्याञ्चक्षुरमृतङहान्याञ्छागैनुतेजोहविषाशुतेन / // पक्ष्माणिगोधूमैकुलैरुतानिपेशोनशुक्रमसितंबसाते 89 , |विन // मेषोनुसिबीर्य्यायप्प्राणस्युपन्थोऽअमृतोग्यहाभ्याम् ॥स रस्वत्युपुवाकैयानन्नस्यानिवृहिलदरैर्जनान 90 इन्द्रस्यरूपम् // न्द्रस्यरूपम॒षुभोबलायुकर्णानन्याश्रोत्रमुमृतान्याम् // या नबुर्हि विकेसराणिकुक्कन्धूयजेमधुसारघम्मुखोत् 91 आत्क्मन्नु पस्त्थे // आत्क्मन्नुपस्थेनकस्युलोमुमुखेम्मश्रूणिनयोग्यलो म // केशनशीपन्न्य सेभिश्रुयैशिखासिहस्युलोमुत्विपिरिन्द्रिया For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir णि 92 अङ्गान्यात्क्मन्॥ अङ्गान्यात्क्मक्षुिषजातश्श्विनात्क्मा नमङ्गै समंधात्सरस्वती // इन्द्रस्यरूपशुतानुमायुश्चन्द्रेणुज्यो तिरमृतुन्दाना 93 सरस्वतीयोन्याम् // सरस्वतीयोन्याङ्गर्भम न्तरश्विक्याम्पत्नीसुकतम्बिभर्ति // अपारसैनबरुणोनसाम्ने न्द्रश्रियैजनयन्नप्प्सुराजा 94 तेज पशूनाम् // तेज पशूना हविरिन्द्रियावत्परिस्रुतापयंसासारघम्मधु // अश्विक्यान्दुग्ग्ध |म्भुिषजासरस्वत्यासुतासुताश्यांमुमृतःसोमुऽइन्दुः ९५[१६]इ तिश्रीसंहितापाठेएकोनविंशतितमोऽध्यायः १९क्षत्रस्ययोनिस्त्रयो दशयद्देवादशाश्यादधाम्यष्टौयोभूतानांचतस्रःसमिद्धइंद्रएकादशाया। 138 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir त्वष्टौसमिद्धोअग्निदिशाविनाहविस्त्रयोदशाश्विनातेजसैकादशन वनवतिः॥क्षुत्रस्युयोनिः // क्षुत्रस्युयोनिरसिक्षुत्रस्युनाभिरसि / मात्वाहिसीन्मामाहिसी 1 निषस्वाद // धुतन्वतोवरुणपस्त्या / स्वा॥ साम्म्राज्यायसुऋतुः।मुत्यो पाहिविद्योत्पाहिरदेवस्यत्वाnal सवितुप्पसवेश्श्विनौर्बाहुन्याम्पुष्ष्णोहस्ताभ्याम् // अश्विनो षज्येनुतेजसेब्रहमवर्चसायाभिषिञ्चामिसरस्वत्यैषज्येनवी / यायान्नाद्यायाभिषिञ्चामीन्द्रस्येन्द्रियेणुबलायश्श्रुियैयर्शसेभिषि चामि 3 कौसि // कतुमोसिकस्म्मैत्वाकार्यत्वा // सुश्लोकुसुमङ्ग लुसत्यराजन् 4 शिरोमे // शिरोमेश्रीर्यशोमुखुन्विषिकेशाच For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पू. संहिम्मश्रूणि॥राजामेप्माणोऽअमृत सुम्म्राट् विराटश्रोत्रम् एजिबा 139 मे // भुवाङ्महोमोमुन्यु:स्वराडामः॥ मोदप्रिमोदाऽअङ्गलीर नानिमित्रम्मेसहः 6 वाहूमे // बाहूमेवलमिन्द्रियहस्तौमेकर्मी उर्यम् // आत्क्माक्षुत्रमुरोमम 7 पुष्टीम्मै // राष्ट्रमदरसोंग्ग्रीवाश्च / / श्रोणी॥ कुरूऽअरनीजानीविशोमेङ्गानिसबत 8 नाभिर्मे / / चित्तविज्ञानम्पायुम्र्मेपचिति सत् // आनन्दनन्दावाण्डोमेगु सौभाग्युम्पसः // जवान्याम्प-द्यान्धम्मास्मिविशिराजाप्रति / ठितः ९प्प्रतिक्षुः ॥प्प्रतितिष्ठामिराष्ट्रेप्प्रत्याश्वेषुप्पतितिष्ठामिगो / धु // प्रत्यङ्गैषुप्प्रतितिष्ठाम्म्यात्क्मन्प्रतिप्प्राणेषुप्प्रतितिष्ठामिपुष्टेप्प 卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तिद्यावापृथिव्योप्प्रतितिष्ठामियज्ञे१०च्यादेवाच्यादेवाऽएकादश / त्रयविशाश्सुराधसबाबृहस्प्पतिपुरोहितादेवस्यसवितु सुवे। देवादे / वैरवन्तुमा१प्रथमाद्वितीयैाप्रथमाहितीद्धितीयास्तुतीयैस्तुतीयाः सत्येनसत्यंग्यज्ञेन यज्ञोयजुअिर्यजूषिसामभिसामान्युग्मि चःपुरोनुवाक्याभिपुरोनुवाक्यायाज्याभिर्खाज्यावषट्रारैष / द्वाराऽआहुतिभिराहुतयोमेकामान्समर्द्धयन्तुभूस्वाहाँ 12 लो मानिप्पयतिः // लोमानिप्पयतिर्ममत्वङ्मऽआनंतिरागतिः॥मा / सम्मऽउपनतिर्वस्वस्थिमज्जामुऽआनंति १३[१३यदेवा ॥य देवादेवुहेर्डनन्देवासश्चमात्यम्॥अग्निम्तस्म्मादेनसोविश्वा / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir the 聯繫然都非公路长卷然然然然然****省**然 न्मुञ्चत्वहसः 14 यदिदिवा // यदिदिवायदिनक्तुमेनासिचा पू.अ. मावयम् // बायुम्मतिम्मादेनसोविश्वन्मुिंचत्वहस 15 यदि जाग्यत् // यदिजाग्ग्रादिस्वप्मएनासिकमाव्यम् // सूर्यो / मातस्म्मादेनसोविश्वान्मुञ्चत्वहस 16 यद्वा // यद्नामेयदर / पण्येय त्सुआयांव्यदिन्द्रिये // यछु यदयेयदेनश्चकुमाव्यंग्यदेक स्याधिधर्मणितस्यांवयनमसि 17 यदापः // यदापोऽअग्न्या। इतिवरुणेतिशामहेततोवरुणनोमुञ्च ॥अवभृथनिचुम्पुणनिचेरु रसिनिचुम्पुणः ॥अर्वदेवैवस्तुमेनोयुक्ष्यवमत्य॒मय॑रुतम्पुरुरा व्णोदेवरिषस्प्पाहि 18 सुमुद्रेते / समुद्रेतेहृदयमुप्पस्खुन्त सन्त्वा 140 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बिशुन्त्वोषधीरुताप // सुमित्रियानुऽआपऽओषधयःसन्तुम्मि त्रियास्तरम्मैसन्तुयोरम्मान्द्वेष्टियञ्चव्यन्दुिष्म्म 19 द्रुपदादिवमु मुचानास्विन्नास्नातोमलांदिव॥पूतम्पवित्रणेवाज्यमापःशुन्धन्तु मैनस 20 उवयम् // उद्यन्तमसुस्प्परिस्व:पश्यन्तऽउत्तरम् // वन्देवुत्रासूर्युमगन्मज्योतिरुत्तमम् 21 अपोऽअद्य // अपोऽ द्यान्वचारिपुरसैनसमंसूक्ष्महि // पय॑स्वानग्नऽआर्गमुन्तम्मासमा संजवर्चसाप्मजांचधनैनच२२एधौसि // एधौस्येधिषीमहिंसुमि दसितेजोसितेजोमयि धेहि // सुमाववर्तिपृथिवीसमुषासमुसूर्यः // समुविश्वमिदञ्जगत् // वैश्वानुरज्योतिर्भूयासंबिनकामा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir . 路路些些些必然點就點點點點點點點點點數些路段路路路路路 व्यत्पन्नवैस्वाहा 23 [10] अन्यादधामि // सुमिधुमग्नेछ तयत्वयि // वृतञ्चश्श्रद्धाञ्चोपैमीन्धेवादीक्षुितोऽअहम् 24 यत्र ब्रह्म // चक्षुत्रञ्चसुम्म्यञ्चौचरतासह // तंल्लोकम्पुण्ण्यम्प्रज्ञेषुख्य देवासुहाग्निना 25 यत्रैन्द्रः॥ ययेन्द्रश्चवायुश्चसम्म्यञ्चीचर तसुह // तल्लोकम्पुण्ण्यम्प्रज्ञेषुय्यर्वसेदिनविद्यते 26 अशुनाते॥ Esअशुच्यताम्परुपापरुः॥गन्धस्तेसोममवतुमदायरसोऽअच्यु। त 27 सिञ्चन्तिपरि // पिञ्चत्युत्सिंञ्चन्तिपुनन्तिच // सुरायैब गमदेकिन्त्वोवदतिकिन्वः 28 धानावन्तङ्कम्भिणम् // धाना वन्तङ्कम्भिणमपूपर्वन्तमुक्थिनम् // इन्द्रप्पातर्जुषस्वन 29 बु 141 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हदिन्द्राय // गायतुमरुतोवृत्रुहन्तमम् // येनुज्ज्योतिरजनयन्नृताव / धौदेवन्देवायुजागृवि 30 अर्योऽअदिभिः // सुतसोमम्पति आनय // पुनाहीन्द्रायुपातवे 31 [8] योभूतानाम् // योभूता नामधिपतिव्यरिम्मल्लोकाऽअधिश्श्रुिताः // य ईशेमहुतोमुहाँस्तन गृह्णामित्वामुहम्मयिगृह्णामित्वामुहम् 32 उपयामगृहीतोस्युरिश्व स्यान्त्वासरस्वत्यैत्वेन्द्रीयत्वासुत्राम्म्णेऽएषतेयोनिश्श्विस्या | त्वासरस्वत्यैत्वेंद्रीयत्वासुत्राम्म्णे 33 प्राणुपाम // ऽअपानुपाश्च क्षुष्प्पाश्रौत्र पाश्चमे // बाचोमविश्वभषजोमनसोसिबिलाय क 34 अश्विनरुतस्यते // अश्विनरूतस्यतेसरस्वतिरुतस्ये 茶茶带带带带瓷器带带带带带带着举步都带整卷答卷并经张张张签定等法带张继然: For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir भ. . न्द्रेणसुत्राम्म्णांकृतस्य // उपहूतुऽउपहूतस्यभक्षयामि 35[4] समिद्धऽइन्द्रः॥समिद्धऽइन्द्रउपसामनीकेपुरोरुचापूर्वझवावृधानः // विभिवैविध्शताबबाहुजघानबुत्रंबिदुरॊववार ३६नराशा प्प्रति // नराशसुद्धप्रतिशूरोमिनिस्तनूनपात्प्रतियज्ञस्युधामागो / भिर्छपावान्मधुनासमञ्जन्हिरण्यैश्चन्द्रीयंजतिप्पचैता६३७ ईडि तोवै // ईडितोदेवैर्हरिवाऽअभुिष्टिराजुबानोहविषाशमानः // पुरन्दरोगोत्रभिड्वजवाहुरायांतुयज्ञमुपनोजुषाण. 38 जुषाणो / हि // जुषाणोबुर्हिर्हरिवान्न इन्द-प्पाचीन सीदत्मदिशापृथिव्या 142 // कुरुप्पथाप्पथमानस्योनमादित्यैरवसुभिसुजोषा 6 39 For Private and Personal Use Only
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________________ Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir www.kobatirth.org Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra इन्द्वन्दुरः॥ कुवष्ष्योधाव॑मानावृषाणंव्यन्तुजनय सुपत्नी // द्वा रोदेवीरभितोविश्रयन्ता सुवीरोवीरम्प्रथमानामहाभि 40 उषा सानका // बृहुतीबुहन्तुम्पयस्वतीसुदुघेशूरमिन्द्रम् // तन्तुन्तुतम्पे शंसासंबयन्तीदेवानान्देवंय॑जत सुरुक्मे 41 दैव्यामिर्माना // म नुषापुरुत्राहोताराविन्दम्प्रथमासुवाचा // मूर्द्धन्यज्ञस्यमधुनादा नाप्पाचीनज्योतिर्हविष|बृधात 42 तिस्रोदेवी // तिस्रोदवीर्हवि पाबर्द्धमानाऽइन्दञ्जुषाणाजनयोनपत्नी // अछिन्नन्तन्तुंपय॑सा सरस्वतीडादेवीभारतीविश्वतूर्ति 43 त्वष्टादधत् // त्वष्टादधुछ। मुमिन्द्रायवृष्ष्णेपाकोचिंटुयेशसैपुरूणि // वृषायजुन्वृषणम्भू For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyarmandir 26 रिरेतामूर्द्धन्युज्ञस्युसमनक्तुदेवान् 44 वनस्पतिरवसृष्टः // बन 143 स्प्पतिरवसृष्टोनपाशस्त्मन्यासमुनञ्छमितानदेवा // इन्दस्यत्यै 20 जठरम्पृणानःस्वातियुज्ञम्मधुनाघुतेन 45 स्तोकानामिन्दुम् // स्तोकानामिन्दुम्प्रतिशूर इन्द्रोवृषायाणोवृषास्तुशुषाट् // घुत / प्पुषामनसामोदमानास्वाहादेवाऽअमृामादयन्ताम् 46 [11] आयोतु // आयात्विन्दोवसुऽउपनऽहस्तुतःसंधुमादस्तुर ॥वा वृधानस्तविषीर्यस्येपूर्वीयौनक्षत्रमुभिभूतिपुष्ष्यात् 47 आना आनुऽइन्द्रोदूरादान आसार्दशिष्टिकदवसेवासदुग्यः // ओजिष्टेभि 143 tपतिर्बज़बाहुब्सङ्गेसमत्सुतुर्वणि पृतन्पून 48 आनः // आनु 部落營路是是是带路路路路些球路特點※带。。路路路路路华兴路路路路路路路路基路路 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir * ***** ** ** * * इन्द्रोहरिभित्विछौर्वाचीनोवसेराधसेच // तिष्ठातिवज्जीमुषा विरप्शीमय्यज्ञमनोवाजसातौ 49 वातारमिन्द्रम् // त्रातार मिन्द्रमवितारमिन्द्रहवेहवेसुहशूरमिन्दम् // ह्वयामिशुम्पुर हूतमिन्द्रस्वस्तिनोमुघवाधाविन्द्रः 50 इन्द्रःसुत्रामा // इन्द्रः / सुत्रामास्ववाँशा अवौभिसुमृडीको वतुविश्ववेदाः ॥बाधतान्दे / पोऽयङ्कणोतुसुवीर्यस्युपतयःस्याम 51 तस्यव्यम् // तस्य / बय 6 सुमतौयुज्ञियस्यापि ड्रेसौमनसेस्यामाससुत्रामास्ववा॥ Eइन्द्रोऽअस्म्मेऽआराच्चिद्वेषःसनुऽतर्युयोतु 52 आमुन्दैः // आमा दैरिन्द्रहरिभिहिमयूररोमभिः // मात्वाकेचिनियमुन्निना ***** * 6 2 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyarmandir 热热热热热於燃把那网易热热热热整熟路恐影特效些整形 शिनोतिधन्वेवुताँ२॥ इहि५३एवेत् // एवेदिन्द्रवर्षणंबज्नवाहुंबसि ठासोऽअभयर्चन्त्युः // सनस्तुतोवीरवद्धातुगोमयूयम्पतिस्त्र || स्तिभिंसान 54 [8] समिद्धोऽअग्निः // समिद्धोऽअग्निर / विश्वनातुप्प्तोघुम्मोंबिराट्त: // दुहेधेनु सरस्वतीसोम शुऋमिहे| न्द्रियम् 55 तुनूपाभिषजी // सतश्विनोभासरस्वती // महार जासीन्द्रियमिन्दायपथिभिर्बहान 56 इन्द्रायेन्द्रुम् // इन्द्रायेन्द्र सरस्वतीनराशसैननुग्नहुम् // अधातामुश्श्विनामधुशेषजमिन पासुते 57 आजुबानासरस्वती // न्द्रोयेंन्द्रियाणिवीर्यम् // इडाभिरश्श्विनाविषसमू सयिन्दधुः५८अश्विनानमुंचे। For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir www.kobatirth.org सुतसोम शुक्रम्परिस्रुता // सरस्वतीतमाभरद्दर्हिषेन्द्रायुपातवे५९ कवष्प्योन // व्यचस्वतीरविक्यान्नदुरोदिशै // इन्द्रोनरोदेसी / उभेदुहेकामान्त्सरस्वती 60 उषासानक्तम् // उपासानक्तमभिश्व / नादिवेन्द्रसायमिन्द्रियैः // सुनानानेसुपेशंसासमातेसरस्वत्या, 61 पातन // पातन्नोऽअश्विनादिापाहिन सरस्वती // दै यांहोताराभिषजापातमिन्द्रःसासुते 62 तिस्रवेधा // सरस्व त्यविश्वनाभारतीडा // तीब्रम्परिनुतासोमुनिन्द्रायसुषवुर्मदम६३ . अश्श्विनाभेषजम् // अश्विनभेिषजम्मधुशेषजन्नसरस्वती // इन्द्रेत्वष्टायशुश्रियस्परूपमधुसुते 64 ऋतुथेन्द्रः // ऋतुथेन्द्रो 本摔学渗涂涂涂涂涂涂涂乐涂杀杀杀杀杀杀杀华举举參举染染染染弊毕华华* For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir M 148 **-4220***********2-2************* वनस्पति शशमानश्परिघुता // कीलालमुनिश्वक्याम्मधुदुहेधे नुसरस्वती 65 गोभिन्न // सोममश्विनामासरेणपरिस्रुतो // स मधातु सरस्वत्यास्वाहेन्द्रसुतम्मधु ६६१२]अश्श्विनाहविः॥ शिश्वाहविरिन्द्रियन्नमुचर्द्धियासरस्वती // आशुक्रमासुरावसुमुघ मिन्द्रायजभिनरे 67 यमुश्विना // यमुश्विनासरस्वती विषेन्द्र मवर्द्धयन् // सविशेदवलम्मुघनमुचावासुरेसचर्चा 68 तमिन्द्रम् // तमिन्द्रम्पशवुड्सचाश्विनोभासरस्वती // दधानाऽअन्यनूषत हविर्षायज्ञ इन्द्रियैः 69 यऽइन्द्रे // यऽइन्द्रऽइन्द्रियन्दधुसविताब / 145 रुणोअगः // ससुत्रामाहविष्ष्पतिर्यज॑मानायसश्चत 70 सवि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir www.kobatirth.org तावरुण // सुवितावरुणोदधुद्यजमानायदाशुषे // आदत्तुनमुचे सुसुवामावलेमिन्द्रियम् 71 वरुण क्षुत्रम् // वरुणावमिन्द्रियम्भ गैनसविताश्रियम् // सुत्रामायशंसाबलुन्दधानायज्ञमाशत ७२अ विश्वनागोभिः // अश्विनागोभिरिन्द्रियमश्वेभिवीय॑म्बलम्॥ हविषेन्द्रसरस्वतीयजमानमवर्द्धयन् 73 तानासत्या // सुपेशसा / / हिर॑ण्ण्यवर्तनीनरी // सरस्वतीहविष्म्मुतीन्द्वकर्मसुनोवत 74 ता भिषा // सुकर्मणासासुदुघासरस्वती // सुत्रहाशुतऋतुरिन्द्रा यदधुरिन्द्रियम् 75 युवसुरामम् // युवसुराममश्विनानपुंचा वासुरेसा // विपिपाना सरस्वतीन्द्रङ्कम्र्मस्वावतम् 76 पुत्रमिव / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir पू. संहि. पितरौं // पुत्रमिवपितरावुश्विनोभेन्द्रावथुकाव्यैर्दसनाभि 146 यत्सुसमयपिबुडशचीभिसरस्वतीत्वामघवन्नभिष्ष्णक् 77 य 20 सिम्मन्नश्वासः॥ यस्म्मुिन्नश्वासऋषभासऽउक्षणोबुशामुषाऽ वसृष्टासुऽआहेता // कीलालपेसोमपृष्ठायवेधसैहुदामुतिजनयुचा रुमग्नये 78 अहाव्यग्ने // हविरास्यतेस्रुचीवघुतञ्चुम्बीवुसोमा बाजुसनियिमस्म्मेसुवीर॑म्प्रशस्वन्धेहि यशसम्बृहन्तम् 79[13) शतम् 1200 अश्श्विनातेसा॥ चक्षुःप्प्राणेनुसरस्वतीवीर्यम वाचेन्द्रोबलेनेंद्रीयदधुरिन्द्रियम् 80 गोमदूषणासत्या // गोमदू | 146 पुर्णासुत्याश्वविद्यातमश्विना // वृतीरंद्रानुपाय॑म् 81 नयत्॥ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalassagarsun Gyanmandir करना k नयत्परोनान्तरऽआदधर्षदृषण्वसू // दुःश सोमौरिपुः 82 ता नः॥ तान आवोढमश्विनारथिम्पिशङ्गसन्दृशम् // विष्ष्ण्याबरि वोविदम् 83 पावुकानः // पावकानसरस्वतीबाजेभिर्वाजिनीव ति // युद्वबष्टुंधियावसु 84 चोदयित्रीसूनृतानाम् // चोदयित्रीसू नृतानाञ्चेन्तिीसुमतीनाम् // यज्ञन्द सरस्वती 85 मुहोऽअणः॥ महोऽअण्णसरस्वतीप्पचैतयतिकेतुना // धियोविश्वाविराजति 86 इन्द्रायाहि // चित्रानोसुताऽइमेत्वायवः // अण्णवीं िस्तना पूतास 87 इन्द्रायाहि // धियेषितोधिप्प्रंजूतसुतावत // उपन। हमाणिवाघतः 87 इन्द्रायोहि // इन्द्रायाहितूतुजानुऽउपुब्रह्माणि / khhhhdd53536 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पू.अ. संहि. हरिव // सुतेदेधिष्ष्वनुश्चनः 89 अश्श्विनापिवताम् // विश्वनापिबताम्मधुसरस्वत्यासुजोषसा // इन्द्रःसुत्रामावृत्रुहाजु पत्तोसोम्म्यम्मधु 90 [11 ] इतिवाजसनेयसंहितापाठेवि शोऽध्याय 20 // 7 // modaaaaaaaaaaa NEE 147 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir meenाशा छीन // इतिवाजसनेयसंहितापूर्वविंशतिःसमाप्ता॥1 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir whith with this all wh o with FA SOCCO TeafHTATHLETIC PITARTATTA:11 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir उ.अ. // श्रीगणेशायनमः // हरि ॐम् // इमम्मेसमिद्धोअग्निरेकादशको वसंतेनऋतुनाषढ़ोतायक्षत्समीधानिंद्वादशाश्विनौछागस्यसप्तदेवंब / / हिश्चतुर्दशषडेकषष्टिः // इमम्मैवरुण श्रुधीहवमुद्याचमृडय // त्वा मवस्युराचके 1 तत्त्वा // यामिब्रह्मणाबन्दमानस्तदाशास्तृयजमा नोहविभिः // अहेडमानोवरुणेहबोयरुश समान आयुडप्पो षी 2 त्वन्नः // त्वन्नोऽअग्नेवरुणस्यविद्वान्देवस्युहेडोऽअयासि सीष्ठा // यजिष्ठोवन्तिमुशोशुचानोविश्वाद्वेषां सिप्पमुमुग्ध्यु / स्म्मत् 3 सत्वम् // सत्वन्नोऽअग्नेवुमोवोतीनेदिष्ठा स्याऽउषसो व्यष्टौ // अवयवश्वनावरुणरराणोबीहिमृडीकसुहवोन एघि // 4 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www kabarth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandit मुहीमूषु॥ मातरसुत्रुतानामुतस्युपत्नीमव॑सेहुवेम // तुविक्षत्राम जरन्तीमुरूचीसुशर्माणमदिति सप्पणींतिम ५सुत्रामाणम्पृथि / वीम् // सुत्राणिम्पृथिवीन्द्यामनेहससुशाणुमदितिसुप्पणी / तिम् // दैवीन्नावस्वरित्रामागसमस्रवन्तीमारहेमास्वस्तये॥६ सुनावुमारुहेयम् // सुनावुमारहेयमस्रवन्तीमागसम्॥ शुतारित्रा स्वस्तये 7 आनः // आनौमित्रावरुणाघुतैर्गयूतिमुक्षतम् // मड्डारजासिसुऋतू 8 प्रवाहवा // सिसृतजीवसैन आनोगव्यूति मुक्षततेन // आमाजनैश्श्रवयतंय्युवानाश्रुतम्मैमित्रावरुणाहवे मा 9 शैन्नः // शन्नोभवन्तुबाजिनोहवेषुदेवतांतामितद्वैवस्वको For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. जुम्भयुन्तोहिवकुरक्षासिसनम्म्युस्म्म[यवुन्नीवा 10 वा जेवाजेवत // वाजिनोनोधनेषुविधाऽअमृताऽऋतज्ञा // अस्यम इपिबतमादयद्वन्तुप्तायांतपुथिभिवयानः ११समिद्धोऽअग्निः / ॥सुमिधासुसमिद्धोवरेण्यः ॥गायत्रीच्छन्द इन्द्रियन्त्र्यविगौवयादे धु 12 तनुनपाच्छुचिव्रतः॥ तनूनपाच्छुचिव्रतस्तनूपाश्चुसरस्व ती॥ उष्ष्णिहाछन्द इन्द्रियन्दित्युवाडौर्बयोदधु०१३इडाभिरग्निता इडाभिरमिरीड्यासोमादेवोऽअमर्त्यः // अनुष्टुप्प्छन्द इन्द्रियम्प ञ्चाविग्गौर्बयोदधुः१४सबुर्हिरमि॥ पूषण्ण्वान्त्स्तीण्णबर्हिरमर्त्यः॥ बृहतीच्छन्दऽइन्द्रियन्त्रिवत्सोगौर्बौदधुः 15 दु देवी // दुरोदेवी For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyarmandir दिशोमुहीमादेवोबृहस्प्पतिः॥पतिश्छन्दइहेन्द्रियन्तुर्युवाइौर्ब यौदधु 16 उषेयुवीसुपेशंसाविश्वेदेवाऽअम॑र्त्या // त्रिष्टुप्प्छन्द |ऽइहेन्द्रियम्पष्टुवागौर्बौदधुः 17 दैव्याहोतारा // भिषजेन्द्रेणसयु। जायुजा // जगतीच्छन्दैइन्द्रियमनवान्गौईयोदधुः 18 तिस्रऽ इ / डो // तिस्राइडासरस्वतीभारतीमुरुतोविशः // विराटुन्देऽहेन्द्रि। यन्धेनुग्ौनवोदधुः १९त्वष्टातुरीपः॥ त्वष्टातुरीपोऽअद्भत इन्द्रा मीपुष्टिवर्द्धना॥ द्विपदाच्छन्दै इन्द्रियमुक्षाग्गौनवयौदधुः 20 शु मितान ॥शमितानोबनस्पतिः सविताप्सुवागम्॥कुकुप्पच्छ / न्दऽइहेन्द्रियंशावेहवयोदधुः 21 स्वाहायुज्ञावरुण सुक्षुत्रोभेषुज 特容容容容容容容容容容持著帶給幹幹幹幹幹幹塔等等等等答答答答答答答答莽染 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir रत् // अतिच्छन्दाऽइन्द्रियम्बुहषुभोगौर्बयोदधु 22 [11] / सुन्तेनऽऋतुना // देवावसंवखिवृतास्तुता ॥रथुन्तुरेणुतेजेसाहविरि / / न्ट्रेवयोदधुः 23 ग्रीष्म्मेण ऋतुना // देवारुद्रापञ्चदशेस्तुता॥ हुतायरांसावल हविरिन्द्रेश्वयौदधुः 24 वर्षाभितुनादित्यास्तोम।। सप्तदशेस्तुता // वैरुपेणविशौजसाहविरिन्द्रेवयोदधु 25 शार। दिन ऋतुना // देवाऽएकविशनुभवस्तुता // वैराजेनश्श्रियाश्श्रि यहविरिन्द्रेवयौदधुः२६हेमन्तेन ऋतुना॥देवात्रिंणवेमुरुतस्तुताशा बलैनशङ्करी सोहुविन्द्रेवुयोदधुः 27 शैशिरेण ऋतुना॥देवात्रय विशेमृतास्तुता // सुत्येनरेवतीक्षवहविरिन्द्रेश्वयोदधुः२८४६० For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir होतायक्षत् // होतायक्षत्सुमिधामिमिडस्प्पदेश्विनेन्द्रसरस्वतीम जोधूम्म्रोनगोधूमै कुवैलैोषजम्मधुशष्ष्पनतेज इन्द्रियम्पयुः सोम परिस्रुताघुतम्मधुड्यन्वाज्यस्युहोतुर्यज 29 होतायक्षुत्तनु नपात्सरस्वतीम्॥होतोयक्षुत्तनुनपात्सरस्वतीमविपोनभेषजम्प थामधुमताभरनुश्विनेन्द्रायवीय॑म्बदरैरुपवाकाभिःषुजन्तो कमभिपयुड्सोम परिस्रुताघुतम्मधुध्यन्वाज्यस्युहोतुय॑ज 30 होतावक्षन्नराशसुन्न // ननहुम्पति सुरयाभेषजम्मेषः सरस्वती सिषग्ग्रथोनचन्द्रयश्विनौईपाऽइन्द्रस्यवीर्यम्बदररुपवाकाभिमें पुजन्तोक्मभिपयुक्सोमः परिस्रुता तम्मधुध्यन्त्वाज्यस्युहोत For Private and Personal Use Only
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________________ San Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyarmandir संहि. टर्यज 31 होतायक्षदिडेडित // होतोयक्षदिडेडित आजुबानुसर उ.अ. स्वतीमिन्दुम्बलेनबर्द्धयन्नूषणगवैन्द्रियमुश्विनेन्द्रायशेषजव्य वैकुक्कन्धुभिर्मधुलाजैमासरम्पयुड्सोम परिस्रुतांघुतम्मधुव्य | न्वाज्यस्यहोतुर्यज 32 होतायक्षदर्हिरूपणम्दा॥ होतायक्ष द्दर्हिरूणम्प्रदाभिषनासत्याभिषजाश्विनाश्वाशिशुमतीभिष | ग्धेनुश्सरस्वतीभिषग्दुहऽइन्यभेषजम्पयासोम-परिस्रुताधुत / मधुड्यन्त्वाज्यस्युहोतुजं 33 होतावक्षुटुरोदिर्श कवष्ष्योन / व्यर्चस्वतीरश्श्विभ्यान्नदुरोदिशुऽइन्द्रोनरोदसीदुघेदुहेधेनु सरस्व 4 त्युश्विनेन्द्रायभेषज शुऋन्नज्योतिरिन्द्रियम्पयुङसोम परिस्रुता For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandit www.kabatirth.org घुतम्मधुध्यन्त्वाज्यस्युहोतुर्यज 34 होत्यक्षत्सुपेशसोपेनक्लु न्दिवाभिश्वनासमातेसरस्वत्यात्विषिमिन्द्रेनषुजश्येनोनरज साहुदाश्रियानमासंरम्पयुक्सोम परिस्रुताघुतम्मधुव्यन्त्वाज्य स्यहोर्यज 35 होतायक्षुदैव्याहोतारा // भिषजाश्विनन्दन्नजा गृविदिवानक्तुन्नभेषजैशूसरस्वतीभिषक्ख्सीसैनदुहऽइन्द्रियम्प यासोम परिस्रुता तम्मधुध्यन्वाज्यस्युहोतुर्यज 36 होत्यक्ष त्तिस्रोदेवी // होतायक्षत्तुिस्रोदेवीनभेषजन्वयविधातवीपसोरुप मिन्द्रहिरण्ण्यय॑मुश्विनेडानभारतीवाचासरस्वतीमह इन्द्रायदुह इन्द्रियम्पयुक्सोम परिस्राघुतम्मधुयन्त्वाज्यस्युहोतुर्यजं 37|| For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उ.अ. होत्यक्षत्सुरेतसमृपभम् // होतायक्षत्सुरेतसमृषभन्नापसुन्त्वष्टा रमिन्द्रमुनिश्वाशिषजुन्नसरस्वतीमोजोनजूतिरिन्द्रियंवृकोनरा | सोभिषग्ग्यशुद्धसुरयाभेषजश्रियानमासरम्पयुङसोम परिस्रुताप तम्मधुयन्त्वाज्यस्युहोतुर्यज 38 होतावक्षवनस्प्पति शमितार। म् // होतायक्षुवनस्पति शमिता शुतऋतुम्भीमन्नमुन्युशिजान / त्याग्पन्नमसाविश्वनाभामुसरस्वतीनिषगिन्दायदुहऽइन्द्रियम्प युङसोम परिस्रुताघुतम्मधुड्यन्त्वाज्यस्युहोतर्यज 39 होतायक्ष दग्निस्वाहा // होतायक्षदग्निस्वाहाज्यस्यस्तोकाना स्वाहामे देसास्पृथक्स्वाहाच्छागमुनिश्वया स्वाहामेषसरस्वत्यै स्वाह For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ऋषभमिन्द्रायसिहायुसहसऽइन्द्रियस्वाहामित्रोंषुजस्वाहा सोममिन्द्रिय स्वाहेन्दसुत्राणिसविताएंवरुणम्भुिषजाम्पति स्वाहावनस्पतिम्मियम्पाथीनभैषजस्वाहादेवाऽआज्यपार्जुषा णोऽअग्निअषुजम्पयुक्सोम परिसुता तम्मधुध्यन्वाज्यस्यहोत र्यज 40 [12] होत्यक्षदनिश्वनौच्छागस्य // पायामेदसो जुषेताहुविहातुयजाहोतायात्सरस्वतीम्मेषस्यवपाया मेदसो जुषताहविर्होतर्यज // होतोयादिन्द्रमृषभस्य॑बुपायामेदंसोजुष / ताविहातुर्यज 41 होतोयक्षदश्विनौसरस्वतीम् ॥होतायक्ष दुश्विनौसरस्वतीमिन्द्रसुत्राणिमिमेसोमासुरामाणुश्छागुनमे 张路等路器容器容器容將將將於許非常將於對於於於特路帶將於容許於整容治芬替 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir संहि पैषु सुताशष्ष्पैनतोक्मभिलुजैर्महस्वन्तोमदामासरेणुपरि कृताडशुक्राश्पर्यस्वन्तोमृताइप्पस्थितावोमधुश्चुतस्तानुश्विना सरस्वतीन्द्रःसुत्रामावृत्रुहाजुषन्तासोम्म्यम्मधुपिबन्तुमर्दन्तुय | न्तुहोतुर्यज४होतायक्षदश्विनौछागस्याहुविषुऽआत्तामुद्यमद्ध्य तोमेदऽउद्धृतम्पुरावेषोश्यापुरापौरुषेव्यागुभोघस्तानूनवासेऽअं ज्ञाणांव्यवसप्प्रथमानासुमक्षराणा शतरुद्रियाणामॅग्निष्ष्वा / त्तानाम्पीवोपवसनानाम्पावत श्रोणुितर्शितामतऽउत्सादतोङ्गा | दङ्गादवत्तानाङ्करतऽएवाश्विनाजुषेताहुवि:तुर्यजं 43 होताय 6 क्षुत्सरस्वतीम्मेषस्यहविषुऽआवयद्यमद्ध्युतोमेदऽउद्धृतम्पुरावेषों 给宝荣获若非警登登登登登者登荣誉资者带卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Sh Kailassagarsur Gyanmandir #我整张弘杂费然### यापुरापौरुषेय्यागुभोघसन्नूनवासेऽअजाणांव्यवसप्पथमाना सुमक्षराणाशतरुद्रियाणाममिष्ष्वात्तानाम्पीवोपवसनानाम्पा वंत श्रोणुितर्शितामुतऽउत्सादतोङ्गादडादवत्तानाङ्करदेव सरस्व तीजुषाविहॊतुर्यजं 44 होत्यादिन्द्रमषअस्यहुविषऽआवं यदट्यमयतोमेदऽउ तम्पुरावेषोश्यापुरापौरुषेय्यागुभोघसन्नून वासेऽअज्ञाणांव्यवसप्पथमानासुमक्षराणाशतरुद्रियाणा मनिष्ष्वात्तानाम्पीवोपवसनानाम्पावत श्रोणितर्शितामुत सादुतोङ्गादशादर्वत्तानाङ्करदेवमिन्द्रोंजुषावितुर्यज४५होता यक्षुद्वनस्पतिमुनि // हिपिष्टमयारभिष्ठयारशुनयाधितायत्राश्श्वि ##茶#*#*杂张若於费者张若染染#若於許姓 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नोश्छागस्यहविष प्पियाधामानियत्रसरस्वत्यामेषस्यहविष प्पि याधामानियवेन्द्रस्य ऋषभस्यहुविष प्पियाधामानियत्रामेश्णि 21 याधामानियत्रसोमस्यप्पियाधामानियवेन्द्रस्यसुत्राणप्पिया | धामानियत्रसवितुप्पियाधामानियत्रवरुणस्यप्पियाधामानिय बनस्प्पतैः प्रियापासियत्रदेवानामाज्यपानाम्प्रियाधामा नियत्राग्नेझैतुःप्रियाधामानितढतान्प्रस्तुत्यैवोपस्तुत्यैवोपावस्रा | द्वतीयसऽइवरुत्वीकरदेवन्देवोबनस्पतिर्जुषता वि.तुर्यन | 46 होतायक्षदग्निस्विष्टकृतम् // होतायक्षदग्निस्विष्टकृतमयोड मिश्विनोश्छागस्यहविष प्पियाधामान्ययासरस्वत्यामेषस्यह For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विष प्रियाधामान्ययाडिन्द्रस्य ऋषभस्यहविष प्रियाधामान्य योग्नेप्पियाधामान्ययालोमस्यप्पियाधामान्ययाडिन्द्रस्यसुत्रा म्णःप्पियाधामान्ययाववितुप्रियाधामान्ययारुणस्यप्पिया धामान्ययाड़नस्प्पणियापाथास्याडेवानामाज्यपानाम्मि याधामानियक्षदनेहोर्तुः प्पियाधामानियक्षुत्वम्महिमानमायज / तामेज्ज्याऽइप कृणोतुसोऽअहुराजातवेदाजुषताहविहाँतुर्यज 47 [7] देवम्बर्हिसरस्वतीसुदेवमिन्द्रेऽअश्विना // तेजोनच / क्षरक्क्ष्योर्बुर्हिषदिधुरिन्द्रियंवसुवनेवसुधेयस्यत्यन्तुबजे 48 देवी / वीरः॥ देवीझरोऽअश्श्विनाशिषजेन्द्रसरस्वती // प्राणनवीय॑न्न For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उ.अ. संहि. / सिद्वारौदधुरिन्द्रियंर्वसुवनैवसुधेयस्यत्यन्तुय 49 देवीऽउषासौं॥ दिवीऽउषावृश्श्विनासुत्रामेन्द्रसरस्वती॥ बलुन्नवाचमास्य उषा क्यान्दधुरिन्द्रियबसुबनैवसुधेयस्यव्यन्तुय 50 देवीजोष्टी // वीजोष्ट्रीसरस्वत्युश्विनेन्द्रमवर्द्धयन् // श्रोत्रन्नकर्णयोयंशेजो ट्रीक्यान्दधुरिन्द्रियंवसुवनैवसुधेयस्यत्यन्तुयज 51 देवीऽऊर्जा / / ती // देवीऽऊर्जा तीदुर्धेसुदुधेन्द्रसरस्वत्युरिश्वनाभिषजावत॥ ऋन्नज्योतिस्तनयोराहतीधत्त इन्द्रियवसुवनेवसुधेयस्यत्यन्तुय जे 52 देवादेवानाम् // देवादेवानाम्भुिषजाहोताराविन्द्रमश्विना / // वषट्रारै सरस्वतीत्विपिनहृदयेमुति होतॄनयान्दधुरिन्द्रियंबंसुव 带常常給於影影音器帶路路路路路路路然常常舉點张若其然杂# For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Sh Kailassagarsun Gyanmandir / नेवसुधेयस्यत्यन्तुयज 53 देवीस्तिस्रः // देवीस्तिस्रस्तुिस्रोदेवीर विश्वनेडासरस्वती // शूपन्नमद्ध्येनास्यामिन्द्रायदधुरिन्द्रियंवसु वनैवसुधेयस्यत्यन्तुयर्ज 54 देवऽइन्द्रः॥ देव इन्द्रोनराशसास्त्रि वस्थासरस्वत्याश्श्विस्यांमीयतुरथ // रेतोनरूपममृतञ्जनित्रुमि / न्दायत्वष्टादधदिन्द्रियाणिवसुवनैवसुधेयस्यत्यन्तुयज५५देवोदेवैः / देवोदेवैर्वनस्पतिर्हिरण्यपर्णोऽअश्विभ्यासरस्वत्यासुपिप्प। लइन्द्रायपच्यतेमधु // ओजोनजूतिषसोनभामुंबनस्पतिनों दधदिन्द्रियाणिवसुवनवसुधेयस्यत्यन्तुयजे 56 देवम्बुर्हि // देव / म्बुर्हिर्धारितीनामड्डुरस्तीर्णमुश्विक्यामूर्णम्नदाइसरस्वत्यास्यो / 將於於杂答答答答答答答答答答答答答答答答答答答答答答於容器容容容容容 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir र. संहि. नमिन्द्रतेसदः // ईशायैमुन्युराजानम्बुर्हिषादधुरिन्द्रियंवसुवनैव सुधेयस्यत्यन्तुयर्ज 57 देवोऽअग्निस्विष्टकद्देवान्यक्षद्यथायथ हो / 21 ताराविन्द्रमश्विनावाचाबाच सरस्वतीमुग्नि 6 सोमस्विष्टक स्विष्टाइन्दै सुत्रामासवितावरुणोशिषगिष्टोदेवोबनस्पतिस्विष्टादे वाऽआज्यपास्विष्टोऽअग्निमिनाहोताहोत्रविष्टकाशोनददि / न्द्रियमूर्जुमपचितिस्वधांवसुवनेवसुधेयस्यत्यन्तुयज 58 अ निमुद्यहोतारमवृणीतायंग्यजमानुपचन्पक्तीपचन्पुरोडाशान्बु धनुश्श्विभयाञ्छागु सरस्वत्यैमुषमिन्द्रायऽऋषभ 6 सुन्वन्न / विश्वभ्यासरस्वत्याऽइन्दायसुत्राम्म्णेसुरासोमान्सूपुस्त्थाऽअ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 带然然然然整整染整影界祭際然然然然然然然然然然然然非 द्य 59 सूपुस्त्थाऽअद्यदेवोबनस्पतिरभवश्विझ्याञ्छागेनुसरं स्वत्यैमेषेणेन्द्राय ऋषणार्धास्तान्मैदस्तश्प्प्रतिपचतागृभीषुतावी वृधन्तपुरोडाशैरपुरनिश्वनासरस्वतीन्द्रःसुत्रामासुरासोमांस्त्वामुद्य 60 त्वामुद्यऽऋषऽआर्षेय ऋषीणान्नपादवृणीतायंग्यजमानोबहु भ्युऽआसङ्गतेक्याएषमेदेवेषुवसुबाOयक्ष्यत इतितायादेवादेव | दानान्यदुस्तान्यस्म्माऽआचुशास्स्वाचंगुरस्वेषितश्चहोतुरसिंभद्र वाच्यायुप्प्रेषितोमानुषसूक्तवाकार्यसूक्काब्रूहि 61 इतिवाजसनेय संहितायांएकविंशोऽध्यायः 21 तेजोसिपंचाग्नयएकाहिंकारायद्वे तत्सवितुर्दशविभूमात्रकाकायद्वेआबाँस्त्रयोदशशेषादेकैकोन्नवि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ. शतिश्चतुत्रिशत् // तेजोसिशुक्रममृतमायुष्ष्पाऽआयुर्मेपाहि॥ देवस्यत्वासवितुप्पसवेऽश्विनौ हुन्याम्पूष्ष्णोहस्तान्यामा 22 दंदे 1 इमामगृणन् / इमामगृणन्त्रशुनामुतस्युपर्व आयुषिवि दथेषुकुट्या // सानोऽअस्म्मिन्त्सुतऽआबभूव ऋतस्यसामन्त्सुरमा रपन्ती 2 अभिधाऽसि // अभिधाऽअसिभुवनमसियुन्तासिंधु / // सत्वमग्निंवैश्वानरसप्प्रंथसङ्गछस्वाहाकत 3 स्वगात्वा॥ दवेयःप्प्रजापतयेब्रह्ममुन्नश्वम्अन्त्स्यामिदे॒वेभ्यःप्प्रजापतये | तिनराद्ध्यासम् // तम्बंधानदेवेश्य:प्प्रजापतयेतेनराध्भुहि 4 प्रजा पंतयेत्वा // प्र॒जाप॑तयेत्वाजुष्टुम्प्रोक्षामीन्द्रामियान्त्वाजुष्टम्प्रोक्षा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मिवायवैत्वाजुष्टम्प्रोक्षामिविश्वैश्यस्त्वादेवेश्योजुष्टम्प्रोक्षामि सर्वेक्यस्त्वादेवेश्योजुष्टम्प्रोक्षामि॥ योऽअर्धन्तुजिघासतितम नयमीतिबरुण // पुरोमत परश्वा 5[5] अग्नयेस्वाहा // अग्नयेस्वाहासोमायुस्वाहापाम्मोदायुस्वाहासवित्रेस्वाहाहायवे स्वाहाविष्णवेस्वाहेन्द्रीयस्वाहाबृहस्प्पतयेस्वाहामित्रायुस्वाहाव | रुणायुस्वाहा 6[1] हिङ्कारायुस्वाहा॥ हिडारायस्वाहाहिरता यस्वाहाऋन्दतेस्वाहविन्दायुस्वाहाप्पोथतेस्वाहाप्पप्पोथायु स्वाहांगुन्धायुस्वाहांग्घातायुस्वाहानिविष्टायस्वाहोपविष्टायुस्वाहा सन्दितायुस्वाहाबल्गतेस्वाहासीनायुस्वाहाशयांनायुस्वाहास्वर्पत For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyarmandir ॐ स्वाहाजाग्तेस्वाहाकृजंतुस्वाहाप्प्रबुद्धायुस्वाहाविनम्भमाणायु स्वाहाविवृत्तायस्वाहासम्हानायुस्वाहोप॑स्त्थितायुस्वाहायनायुस्वा हाप्मायणायुस्वाहा 7 युतेस्वाहा // युतेस्वाहाधावतेस्वाहौठ्ठावायु स्वाहोर्युतायुस्वाहाशूकारायुस्वाहाशूरतायुस्वाहानिषण्णायस्वाहो त्थितायस्वाहा॑जुवायुस्वाहाबायुस्वाहाविवर्तमानायुस्वाहाविव त्तायुस्वाहाविधूवानायुस्वाहाविधूतायुस्वाहाशुश्रूषमाणायुस्वा होशृण्वतेस्वाहेक्षमाणायस्वाहेक्षितायुस्वाहाबीक्षितायुस्वाहानिमे पायुस्वाहायदत्तितस्म्मस्वाहायत्पितितस्म्मस्वाहापनमूत्रडरोति तसम्मस्वाहाकुर्द्धतेस्वाहांकुतायुस्वाहा 8[2] तत्सवितु // तत्स For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir * 米米米米米米米米米米米米米米米米米米米米米米米米茶茶茶卷卷卷卷 वितुर्वरेण्यम्भदेिवस्य धीमहि // धियोयोन:प्रचोदयात् ९हि / पण्यपाणिमूतये // सवितारमुपवये // सचेत् देवतापदम् 10 देव स्युचेततः // देवस्युचेततोमुहीम्प्रसवितुर्हवामहे // सुमति सुत्यरा धसम् 11 सुष्टुतिसुमतीवृधः॥ सुष्टुतिसुमतीवृधौरातिसवितु, रीमहे // प्रदेवाय॑मतीविर्दै 12 राति सत्पतिम् // रातिपतिम्मुहै| सवितारमुपंहहये // आसुवन्देववीतये 13 देवस्यसवितुः॥ देवस्य सवितुर्मुतिमासुवंश्श्विदैत्यम् // धियानगम्मनामहे 14 अमि स्तोमैन / बोधयसमिधानोऽअमर्त्यम् // यादेवेषुनोदधत् 15 सहव्यवाट् // सहयुवाडमय॑ऽउशिगदूतश्चनौहित // अग्निद्धिया। ******************************************** For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir सह समृण्वति 16 अग्निन्दूतम्पुरोद॑धेहयुवाहमुप॑ब्रुवे // देवा ॥ऽआ 12/ सादयादिह 17 अजीजनोहिप॑वमानसूर्यविधारशक्मनापयः॥ गोजीरयारहमाण पुरन्ध्या 18[ ९विभूर्मात्रा // प्रभूपित्रा श्वौसिहयोस्यत्यौसिमयोस्यासिसत्पिरसिवाज्यसिवृषीसिनु | मोऽअसि // ययुर्नामासुिशिशु मास्यादित्यानाम्पत्वान्विहिंदै / वाऽआशापालाऽएतन्देवेन्योश्वम्मेधायुप्पोक्षितरिक्षतेहरन्तिरि | हर्रमतामिहधृतिरिहस्वधृतिस्वाहा१९ कायस्वाहा // कायस्वा हाकस्म्मस्वाहाकतुमसम्मस्वाहास्वाहाधिमाधीतायस्वाहामनः प्प्रजापतयेस्वाहाचित्तविज्ञातायादित्यैस्वाहादित्यैमुखैस्वाहादित्यै 省出事警省营者都举影音整容許步步形外带价督举卷發染物种类 12 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुमृडीकायैस्वाहासरस्वत्यै स्वाहासरस्वत्यैपावुकायैस्वाहासरस्व त्यैबृहत्यै स्वाहापूष्ष्णेस्वाहापूष्ष्णेप्नपुत्थ्यायुस्वाहापूष्ष्णेनुरन्धि पायुस्वाहात्वष्ट्रेस्वाहात्वष्ट्रैतुरीपायुस्वाहात्वष्ट्रेपुरुरूपायुस्वाहावि ष्णवेस्वाहाविष्णवेनिभूयुपायुस्वाहाविष्णवेशिपिविष्टायुस्वाहा 20 विश्वौदेवस्य // नेतुर्मतौबुरीतसुक्ख्यम् // विश्वोरायऽईषु यतिद्युम्नंवृणीतपुष्ष्पसुस्वाहा 21 [1] आब्रह्मन् ॥आब्रह्म / बाहमणोब्रहमवर्चसीजायतामाराष्ट्रराजुन्युशूरऽइपयोतिव्याधी महारथोजोयतान्दोग्धीधेनुवोढानडानाशुश्सप्ति पुरन्धिोषो / जिष्ष्णूरथेष्ठाइसुभेयोयुवास्ययज॑मानस्यवीरोजायतानिकामनि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सहि. 於各公路路器的容器若於此行若若若若若若若染染杂杂杂杂杂杂杂杂杂於於杂許許 कामेन पर्जन्यौवर्षतुफलेवत्योन ओषधयापच्यन्तांब्योगक्षेमो || न कल्प्पताम् 22 [१]प्राणायुस्वाहा // पानायुस्वाहाव्यानाय / स्वाहाचक्षुषेस्वाहाश्रोत्रायुस्वाहाबाचेस्वाहामनसेस्वाहा 23 [1] प्राच्यदिशे / स्वाहार्वाच्य दिशेस्वाहादक्षिणायैदिशेस्वाहाच्यदिशे स्वाहांप्प्रतीच्यैदिशेस्वाहायिदिशेस्वाहोदींच्यैदिशेस्वाहाच्य | दिशेस्वाहोयिदिशेस्वाहार्वाच्यदिशेस्वाहावांच्यैदिशेस्वाहायि / दिशेस्वाहा 24 [1] अयस्वाहाबाय स्वाहादुकायुस्वाहातिष्ठ न्तीमयुस्वाहाम्रर्वन्तीमयुस्वाहास्यन्दमानान्यस्वाहाकूप्यो न्युस्वाहासूद्याक्युवस्वाहाधा-क्युस्वाहाण्णवायुस्वाहास For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir www.kobabirth.org 莽莽莽莽莽莽莽容容容容容容容器容器等器等容器容容器容器容容容容容容容容容容 मुद्रायुस्वाहासरिरायुस्वाहा 25 [1] वायुस्वाहा॥धूमायुस्वा / हानायुस्वामिघायुस्वाहाविद्योतमानायुस्वाहास्तुनयतुस्वाहाव / स्फूर्जतेस्वाहावर्षतुस्वाहाववर्षतुस्वाहोग्यवर्षतुस्वाहाशीघंवर्षते स्वाहोद्गुह्नतेस्वाहोद्गृहीतायुस्वाहाप्पुष्ष्णुतेस्वाहाशीकायतेस्वाहा प्पुष्वाणयुस्वार्हान्हादुनीक्युस्वाहानीहारायुस्वाहा 26 [1] अग्नयेस्वाहा // अग्नयेस्वाहासोमायुस्वाहेन्द्रायस्वाहापृथिव्यै स्वा हान्तरिक्षायस्वाहादिवेस्वाहादिगम्य स्वाहाशाक्युस्वाहोत्यदिशे स्वाहार्वाच्यदिशेस्वाहाँ 27 [1] नक्षत्रेयुस्वाहा // नक्षत्रिये / / भयुक्स्वाहाहोरात्रेझ्युस्वाहार्द्धमासेझ्युस्वाहामासैन्युक्स्वाह 比比皆路落带带带路路北管當聲聲聲當普若若若容搭蒂芬詳台北台北分比於此此***杂杂萨些 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir संहि. ऋतुझ्यु ई स्वाहार्तुवेझ्यु ईस्वाहासंवत्सरायुस्वाहाद्यावापृथिवी उ.अ. याधुस्वाहाचुन्द्रायुस्वाहासूठयायुस्वाहारुम्मिन्यत्स्वाहावसु युस्वाहासुदेन्युवस्वाहादित्येभ्युद्धस्वाहामुरु स्वाहाविश्वे योदेवेश्यास्वाहामूलेमयुदस्वाहाशाखांन्यस्वाहावनस्पति भ्युदस्वाहापुष्ष्पैन्युवस्वाहाफलैब्युस्वाहौषधीयस्वाहा। 28 [1] शतम् 1300 पुथित्यै स्वाहा // पृथिव्यैस्वाहान्तरिक्षा युस्वाहादिवेस्वाहासूOयुस्वाहाचुन्द्रायस्वाहानक्षत्रेभ्यस्वाहा यस्वाहौषधीक्युस्वाहावनस्पतिय स्वाहापरिप्प्लवेक्युङ 14 स्वाहांचराचुरेक्युस्वाहासरीसुपेक्युस्वाहाँ 29 [1] असवे || For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्वाहा // असंवेस्वाहावसंवेस्वाहाविश्वेस्वाहाविवस्वतस्वाहांगण / रिश्रयेस्वाहांगुणपतयेस्वाहाभि वेस्वाहाधिपतयेस्वाहाशूषाय स्वाहासम्सुर्पायुस्वाहाचुन्द्रायुस्वाहाज्योतिषेस्वाहामलिम्म्लुचा यस्वाहादिापुतयतुस्वाहा 30 [1] मधवेस्वाहा // मधवेस्वाहा माधवायुस्वाहाशुक्रायस्वाहाशुचयेस्वाहानसेस्वाहानभुस्याय स्वाहेषायुस्वाहोर्जायुस्वाहासहसेस्वाहासहस्यायुवाहातपसुस्वा / हातपस्यायस्वाहाहसस्प्पतयुस्वाहा 31 [1] बाजायुस्वाहा प्रसुवायुस्वाहापिजायस्वाहाऋतवेस्वाहाख स्वाहांमध्यस्वाहा यश्नुविनेस्वाहान्त्यायुस्वाहान्त्यायौवनायुस्वाहाभुवनस्युपत | For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. येस्वाहाधिपतयेस्वाहाप्पजापतयेस्वाहा 32 [1] आयुयुज्ञेनं // कल्प्पतास्वाहाप्प्राणोयुज्ञेनकल्प्पतास्वाहापानोयुज्ञेनक लप्पतास्वाहाव्यानोयुशेनकल्प्पतास्वाहोदानोयुज्ञेनकल्पताछ / स्वाहासमानोयुज्ञेनकल्प्पतास्वाहाचक्षुर्घज्ञेनकल्प्पतास्वा | हाश्श्रोत्रय्यज्ञेनकल्प्पता,स्वाहाबाग्यज्ञेनकल्पतास्वाहामनों यज्ञेनकल्प्पतास्वाहात्वमायुज्ञेनकल्प्पतास्वाहाब्रमायुज्ञेनक ल्प्पतास्वाहाज्ज्योर्तिय॑ज्ञे कल्प्पतास्वाहास्वय॑ज्ञेनकल्प्प तास्वाहांपुष्ठठयज्ञे कल्प्पतास्वाहायुज्ञोयुज्ञेनकल्प्पतास्वा हो 33 एकरम्मस्वाहाद्वाझ्यास्वाहाशतायुस्वाहैकशतायुस्वाहा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir युष्ट्यै स्वाहास्वर्गायुस्वाहा 34 [1] इतिश्रीवाजसनेयसंहिता यांदीर्घपाठेद्वाविंशोऽध्यायः 22 // हिरण्यगर्भायःप्राणतोद्विकौथु जंत्यष्टौवायुष्ठापंचप्राणायतिउत्सक्थ्याद्वादशगायत्रीकस्त्वाष || टोकास्विदष्टौकास्विद्दशसुनःस्वयंभूस्तिस्रएकादशपंचषष्टिः॥ हिर पण्यगुर्भसम् // हिरण्यगर्भसमवर्तुताग्भूतस्य॑जातश्पतिरेक आसीत् // साधारपृथिवीन्द्यामुतेमाङ्कम्मैदेवायहविर्षाविधेम 1 उपयामगृहीतोसि ॥प्प्रजापतयेत्वाजुष्टंङ्गलाम्म्येषतेयोनिसूर्य स्तेमहिमा // यस्तेहेन्त्संबन्सुरेमहिमासम्बभूवयस्तैबायावन्तरिक्ष महिमासम्बभूवयस्तैदिविसूयमहिमासम्बभूवुतस्म्मैतमहिम्नेप्म For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir उ. जाप॑तयेस्वाहाँदेवेश्यः 2 [2] यप्राणुतो निमिषुतोमहित्वैक इद्राजाजगतोबभूव // यऽईशेऽअस्यद्विपदश्चतुष्ष्पदाकस्म्मैदेवा / यहविषाविधेम 3 उपयामगृहीतोसि // प्रजापतयेत्वाजुष्टङ्गा म्युषतेयोनिश्चन्द्रमस्तेिमहिमा / यस्तुराचौंसंवत्सुरेमहिमासम्ब भूयस्तैपृथिव्यामुग्नौमहिमासम्बभूवुयस्तुनक्षत्रेषुचन्द्रमसिमहि / मासम्बुभवतस्म्मैतमहिम्नेप्प्रजापतयेदेवेभ्यस्वाहा 4 [2] यु। अन्तिबुध्धमरुपञ्चरन्तुम्परिंतुस्त्थुपः॥ रोचन्तेरोचनादिवि 5 यु अन्त्यस्य // युजन्त्यस्युकाम्म्याहरीविपक्षसारथै // शोधुष्ष्ण नुवाहसा 6 यद्वातः // यद्वातोऽअपोऽअर्गनीगन्मियामिन्द्रस्य For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तुन्वम्॥एतस्तोतरने पुथापुनरश्वमावर्तयासिन 7 वसंवस्त्वा ॥अन्तुगायुत्रेणुच्छन्दसारुद्रास्त्वासन्तुष्टुभेनुच्छन्दसादित्यास्त्वा / अन्तुजार्गतेनुच्छन्दसा // भूर्भुवस्वाजीईञ्छाचीईन्ययुगव्य एतदन्नमत्तदेवाऽएतदन्नमद्धिप्पजापते 8 कास्वित् // कास्विदेका। / कीचरतिकऽउंस्विज्जायतेपुनः॥ किस्विद्धिमस्यभेषुजङ्किम्बा वपनम्महत् 9 सूर्य एकाकी // चरतिचुन्द्रमांजायतेपुनः॥ ग्निर्हिमस्यभेषजम्भूमिसुवर्पनम्महत् 10 कास्वित् // कास्विदासी त्पूर्वचित्तिकिविदासीद्वयः॥ कास्विदासीपिलिप्पिलाका स्विदासीत्पिशलिला 11 द्यौरासीत्॥द्यौरासीत्पूर्वचित्तुिरश्वऽआ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उ.अ सीढुहवयः॥ अविरासीपिलिप्पिलारात्रिरासीपिशुङ्गिला 128] बायुष्ट्वा // पचतैवत्वर्सितग्ग्रीवुश्श्छागैन्युग्योधश्चमसैशम्मलि वृद्धया // एषस्यरात्थ्योवृषापडिश्चतुअिरेदंग हमारष्ष्णचनो वतुनमोग्नये 13 सर्शितोरभिमना ॥रथुसर्शितोरश्मिनाहयः // सर्शितोऽअप्प्स्वप्प्सुजाब्रहमासोमपुरोगवः 14 स्वयंवाजिन। स्वयंबॉजिस्तुन्वङ्कल्प्पयस्वस्वयंग्यजस्वस्वयञ्जुषस्व // मुहिमाते न्येननसुन्नशै 15 नवै ॥नवाऽऽएतम्रियसेनरिष्ष्यसिदेवा // इदेषिपथिमि सुगेमिं // यत्रासतेसुक्रतोयत्रतेययुस्तत्रत्वादेवस वितादधातु 16 अमिपुशुः // अग्निश्पशुरासीत्तेनायजन्तुसऽएतं 17 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir लोकमजयुद्यस्मिन्नग्निसतैलोकोविष्ष्यतितोष्ष्यसिपिबैता अपः // वायुपशुरासीत्तेनायजन्तुसऽएतल्लोकमजयुद्यस्मिन्त्रा युसतैलोकोभविष्ष्यतितजेष्ष्यसिपिवैताऽअपः // सूर्य पुरी सीत्तेनायजन्तुसऽएतल्लोकमजयुद्यस्म्मिन्त्सूर्यसतैलोकोवि / प्प्यतितोष्ष्यसिपिवैताऽअपः 17 प्राणायुस्वाहा // पानायुस्खा हाव्यानायुस्वाहा // अम्बेऽअम्बिकेम्बालिकेनमानयतिकञ्चन // ससस्त्यश्वकःसुद्रिकाङ्काम्पीलवासिनीम् 18 गुणानान्त्वा // गणपतिम्हवामहेप्पियाणान्त्वाप्रियपतिव्हवामहेनिधीनन्त्वानि धिपति हवामहेवसोमम // आह+जानिग धमात्वम॑जासिगर्भ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धम् 19 ताऽउौचतुर पुदश्सुम्प्रसारयावस्वर्गलोकेप्प्रोणुवाथां वृषांबाजीरेतीधारतोदधातु 20 [3] उसक्थ्याऽअवगुदन्धैहिस 23 मजिञ्चारयावृषन् / यस्त्रीणाजीवभोजन 21 युकासुकौ // शंकु न्तुिकाहलुगितिवञ्चति आर्हन्तिगुमेपसोनिगल्गलीतिधारका 22 यकोसुकौ // शकुन्तुक आहलुगितिवञ्चति // विवक्षतऽइवतेमुख मोमानुस्त्वमुभिभाषथाई 23 माताचातेपिताचतेग्यबुक्षस्य रोहतः // प्रतलामीतितेपितागु मुष्टिमतसयत 24 मातार्च // ते पिताचतेग्नेबुक्षस्य क्रीडत // विवक्षताइवतेमुखुम्बहमुन्मात्वंबदो / बहु 25 उद्दामनाम् // उमिनामुछ्रापयगिरीभारव्हरन्निव // 染聲帶路路路路路路路路路路容器容容容容器容等請帶著容器警察警察答答答答 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir थास्यमद्ध्यमेधताशीतेवातेपुनिव 26 जुईमैनम् // छुईमैनमु / यताविरोभारव्हरन्निव // अथास्युमयमेजतुशीतेवातैपुन्नान्निव 27 यदस्याः // यदस्याऽअहुभेद्याधुस्थूलमुपातसत् // मुक्का विदस्याऽएजतोगोशुफेशकुलाविव 28 बहेवासः॥ यदेवासौलला मगुम्प्रविष्टीमिनमाविपुः // सुक्न्थादेदिश्यतेनारीसुत्यस्याक्षिभुवौं / यथा 29 यद्धरिणः // यद्धरिणोयवुमत्तुिनपुष्टम्पशुमन्यते // शूद्रा यदर्यजारानपोषायधनायति 30 यद्धरिणीयमत्तुिनपुष्टम्बुहुम न्यते // शूबोयदायैजारोनपोषम मन्यते 31 दधिक्राव्णोऽअ कारिपञ्जिष्ष्णोऽरवस्यवाजिनः // सुरुभिनोमुखांकरत्प्रणुऽआ | For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. उ. यूषितारिषत् 32 [12] गायत्रीविष्टुप् // गायत्रीविष्टुब्जगत्य नुष्टुप्पङ्यासह // बुहत्युष्ष्णिाकुकुप्प्सूचीभिशम्यन्तुत्वा 33 द्विपदायाः // द्विपदायाँश्चतुष्ष्पदाविपदायाश्चुषट्दा // बिर्छन्दा याचसच्छन्दासूचीभिःशम्म्यन्तुत्वा३४महानाम्भ्योरेवत्यम हानाम्न्योरेवत्यो विश्वाऽआशाप्प्रभूवरी // मैषीविद्युतोबाचः।। सूचीभिःशम्म्यन्तुत्वा 35 नार्यस्तुपत्नयोलोमुविचिन्वन्तुमनी पर्या // देवानाम्पत्त्योदिशासूचीभिःशम्म्यन्तुत्वा 36 रजताहर णी // सीसायुजोयुज्यन्तुकम्मभिः // अश्वस्यवाजिनस्त्वचि। सिमांशम्म्यन्तुशम्म्य॑न्ती 37 कुविदङ्ग // यवमन्तोयवञ्चिद्यथा este 整容整容整形落於落於於染整容於整容容整整形装 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दान्त्यनूपूर्ववियूय // हेहैंषाणुहिओजनानियेबर्हिषोनमऽउक्तिव्य जन्ति 38[8] कस्त्वा कस्त्वाछयतिकस्त्वाविशास्तिकस्ते / गात्राणिशम्म्यति // कउतेशमिताकुवि 39 ऋतर्वस्ते // क्रुतवस्त / ऋतुथापर्वशमितारोविशांसतु॥ संवत्सरस्युतेजसाशुमीभिःशम्म्य न्तुत्वा ४०अर्द्धमासापरूषितेमासाऽआछयन्तुशम्म्यन्त॥ होरात्राणिमुरुतोविलिष्टसूदयन्तुते 41 दैव्योऽअडुर्यवः // स्त्वा / छचन्तुबिर्चशासतु // गात्राणिपर्वशस्तुसिमाकृण्ण्वन्तुशम्म्यन्ती ४२द्यौस्तापृथित्यन्तरिक्षवायुश्छिद्घृणातुते // सूर्यस्तुनक्षत्रै सुह लोकङ्कणोतुसाधुया४३ शन्तै // शन्तेपरयोगात्रभ्युशमुस्त्ववरे / Abats36REARRIकाका For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उ.अ भय॥शमुस्त्थक्योमुजफ्युशवस्तुतन्वैतव४४६]कास्वित्॥ कस्विदेकाकीचरतिकऽउस्विज्जायतेपुनः ॥कि स्विद्धिमस्यशेष |23 जट्रिम्म्बावपनम्महत् 45 सूर्य एकाकी॥चरतिचन्द्रमांजायतेपु नः॥ अग्निर्हिमस्यभेषजम्भूमिरावपनम्महत् 46 किस्वित् // किस्वित्सूर्यसमुजोतिकिछसमुद्रसमुसरः॥ किस्वित्पृथि यैवर्षीयाकस्युमात्रानविद्यते 47 ब्रह्मसूर्यसमम् // ब्रहमसूर्य समुजोतुिद्यौसमुद्रसमुसरं // इन्द्रःपृथिव्यैवर्षीयान्गोस्तुमात्राना। विद्यते 48 पुच्छामित्वा // चितयेदेवसखुवदित्वमत्रमनसाजग 20 न्थं // येषुविष्णुस्विषुपदेप्प्वेष्टस्तेषुविश्वम्भुवनुमाविवेशा३ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अपुितेषु // त्रिषुपदेष्वस्म्मुियेषुविश्वम्भूवनमाविवेश // सुद्याप टामिपृथिवीमुतद्यामेकेनाङ्गैनदिवोऽअस्यपृष्ठम् 50 केष्ष्वन्तः // पुरुषऽआविवेशुकान्यन्त पुरुपे अपितानि // एतमन्नुपवल्हा मसित्वाकिस्विन्नप्पतिवोचास्यत्र 51 पञ्चस्वन्तः // पुरुष आ विवेशतान्युन्त पुरुषेऽअप्पितानि // एतत्वावप्रतिमन्यानोऽ सिम्मनमायया भवस्युत्तरीमत् 52 [8] कास्वित् // कारिखदासी त्पूर्वचित्तिकिस्विदासीहदयं // कास्विदासीपिलिप्पिलाका / स्विदासीत्पिशङ्गिला 53 द्यौरासीत्॥द्यौरासीत्पूर्वचित्तिरवडआ सीहद्वयः // अविरासीपिलिप्पिलारात्रिरासीत्पिशङ्गिला ५४का / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalassagarsun Gyanmandir ईम् // काऽईमरेपिशङ्गिलाकाऽईङ्करुपिशङ्गिला // काईमास्कन्दम पतिक इम्पन्यांविसर्पति 55 अजारे // पिशङ्गिलाश्वावित्कुरु / / पिशङ्गिला // शुशऽआस्कन्दमर्पत्यहिडपन्यांविसम्पति 56 कत्य स्य // विष्ठाश्कत्यक्षराणिकतिहोमांसडकतिधासमिद्धनायज्ञस्य॑त्वा विदापृच्छमन्त्रुकतिहोतारऽऋतुशोर्यजन्ति 57 षर्डस्य // विष्ठाशु / तमुक्षण्ण्यिशीति)माङसुमिधीहतिस्रः // यज्ञस्य॑तविदथाप्रब्रवी मिसप्प्तहोतार ऋतुशोर्यजन्ति 58 कोऽअस्य // वैदभुवनस्युना शिङ्कोद्यावापृथिवीऽअन्तरिक्षम् // कासूर्यस्यवेदबृहुतोजुनित्रुको 21 वैदचन्द्रमसंख्यतोजा 59 वेदाहम् // वेदाहमुस्यभुवनस्युनाधेि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दयावापृथिवीऽअन्तरिक्षम् // वेदसूर्यस्यबृहुतोजुनिचमोबेदच न्द्रमसंय्यतोजा 60 पुच्छामित्वा // पुच्छामित्वापरमन्तम्पृथि घ्या पुछामियत्रभुवनस्युनाभि // पुछामित्वावृष्ष्णोऽअश्वस्य रित पुच्छामिवाचापरमंयोम 61 इयवेदिः / इयंवैदिपरोऽअ न्त पृथिव्याऽअयंग्यज्ञोभुवनस्युनाभिः ॥अयसोमोवृष्ष्णोऽअ श्वस्युरेतोब्रहमायंबाचा परमव्योम 62 [10] सुभूस्वयम्भू प्रथमोन्तमहत्यण्णुवे ॥दधेहुगर्भमुत्वियंव्यतौजातप्प्रजापति 63 होत्यक्षत् // होतोयक्षप्रजापति सोमस्यमहिम्नः // जुषता म्पिबतुसोमु होतयंज 64 प्रजापतेन // त्वदेतान्युन्न्योविश्वा / 終於等於宗將於等於警器警警带徐若於浴精於常善於等於容器容若於容器 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyarmandir संहि- रूपाणिपरिताबभूव // यत्कामास्तेजुहुमस्तन्नोऽअस्तुव्यस्याम 22 पतयोरयीणाम् 65 [3] इतिश्रीवाजसनेयीसंहितायांदीर्घपाठे त्रयोविंशोऽध्यायः 23 अश्वस्तूपरोधूम्रान्वसंतायसमुद्रायशिशुमा रान्मयुःप्राजापत्योदशकाश्चत्वारश्चत्वारिंशत् // अश्वस्तपरः // अण्वस्तूपुरोगामुगस्तेप्प्राजापत्याष्ष्णिग्नींव आग्नेयोराटे पुरस्तात्सारस्वतीमेष्ष्यधस्ताद्धन्बौराश्श्विनावधोरांमौबाबो सौ मापौष्ष्णश्यामोनाझ्या सौर्ययामौश्वेतश्चकुष्ष्णचंपा वयोस्त्वाष्ट्रौलौमुशसंक्थौसक्थ्योायव्य ' श्वेतपुच्छऽइन्द्राय स्वपस्यायवेहवैष्णुवोबामुन 1 रोहितोधूम्म्ररोहित // कुर्कन्धु For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रोहितस्तेसौम्म्याबररुणच शुकबन्नुस्तेबारुणाशितिरन्धो न्यत शितिरन्ध्रसमुन्तशितिरन्ध्रुस्तेसावित्रा शितिबाहुरून्यतः शितिबाहुसमुन्तर्शितिबाहुस्तेबर्हिस्प्पत्या पृषतीक्षुद्रपृषतीस्त्थूल पृषतीतामैत्रावरुण्ण्यः२ शुद्धालासुबशुद्धवालोमणिवालुस्तऽआ विश्वनाश्येतःश्येताक्षोरुणस्तेरुद्रायपशुपतयेकुण्र्णायामाऽव लिप्तारौद्रानोरूपाउपार्जुन्या : 3 पृश्निस्तिरचीनपृश्निः // निस्तिरचीनपृश्निरूईपृश्निस्तेमारुता / फुल्ग्गूल्लाहितीणीपलक्षी। ताश्सारस्वत्यःप्प्लीहाकणःशुण्ण्ठाकण्णोद्धयालोहकण्णुस्तेत्वाष्ट्राः | कुष्ष्णग्ग्रीवशितिकक्षौजिसुक्थस्त ऐन्द्रग्नाश्कुष्ष्णाजिरल्प्पा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उ. जिमहाञ्जिस्तऽउपस्या 4 शिल्प्पावैश्वदेव्यः॥शिल्प्पावैश्श्व 23 देव्योरोहिण्यस्यवयोवाचेविज्ञाताऽअदित्यैसरूंपाधात्रेवत्सतर्यो 24 दिवानाम्पत्नीय 5 कुष्ष्णग्गीवाआग्नेया॥ शितिनोबसू नारोहितारुद्राणावताऽअवरोकिर्ण आदित्यानानभौरूपा पार्जुन्या३६ उन्नतऽऋषभ // उन्नतऽऋषुओबामुनस्तऽऐन्द्रावै / ष्णुवाऽउन्नतशितिवाहुशितिपृष्ठस्त ऐन्द्राबार्हस्प्पत्याशुकरूपा वाजिनाकुल्म्माषोऽआग्निमारुताश्यामापौष्ष्णा 7 एताऽऐ। न्द्राग्ना // एताडऐन्द्राग्नाद्विरुपाऽअग्नीषोमीयांबामनाऽअनुट्टाह | आग्नावैष्ष्णुवाबुशामैत्रावरुण्योन्यतऽएन्योमैन्यः८ कृष्ष्णग्री For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir वाऽआन्ग्नेयाः // कुष्ष्णग्रीवाऽआग्नेयाबुनवःसौम्म्याश्वेता वायुयाऽअविज्ञाताऽअदित्यैसरूपाधात्रेवत्सतादेवानाम्पत्नी | जय 9 कुष्ष्णाभीमा: / / कृष्ष्णाभीमाधूम्म्राआन्तरिक्षाबुहन्तो दिव्याश्शुबलविद्युतासिध्धमास्तारका 10 [10] धूम्म्रान्स न्ताय // धूम्म्रान्वसुन्तायालभतश्वेतान्ग्रीष्ष्मायकृष्ष्णान्वुर्षा | योरुणाञ्छरदेपृषतोहेमुन्तायपिशङ्गाञ्छिशिराय 11 व्यवयोगा युज्यै॥ पञ्चावयस्विष्टादित्यवाहोजगत्यैत्रिवुत्साऽअनुष्टुभैतुर्भुवा / हऽजुष्प्णिहे १२पृष्ठवाहोंबिराजे॥पष्टुवाहाविराजेऽउक्षाणौबहुत्याऽ| पुना कुकुनडाह पङयै नवोतिच्छन्दसे 13 कुष्ष्णग्नीवाऽआ For Private and Personal Use Only
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________________ San Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir उ.अ. ग्नेया: // कुष्ष्णीवाऽआग्नेयाबुनर्वःसौम्म्याऽउपदुस्तासा वित्रावत्सतुर्युःसारस्वत्यःश्यामापौष्ष्णाश्पृश्नयोमारुताबहुरूपा वैश्वदेवावशायावापृथिवीयाः 14 उक्काइसञ्चराः॥ उक्ताःसञ्च। राऽएताऽऐन्द्राग्नाकुष्ष्णावारुणाश्पृश्नयोमारुता कायास्तूपुरा | 15 अग्नयेनीकवते // प्रथमजानालभतेमुरु द्यःसान्तपनन्यः सवात्यान्मुरु द्यौगृहमेधिक्योवष्क्विहान्मुरु द्यःऋीडियःस सुष्टान्मुरु-स्वतवाद्यानुसृष्टान् 16 उक्तासंञ्चराः // उक्तास चराऽएताऽऐन्द्राग्नाप्पांशुङ्गामाहेन्दाबहुरूपावैश्श्वकर्मणा 17 24 धूम्माबुञ्जनीकाशा॥पितुणासोमवताम्बुनवौधुम्मनीकाशा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir पितृणांबर्हिषदोङ्कष्ष्णाबअनुनीकाशा पितुणामग्निष्ष्वातानाङ्क ष्ष्णापूषन्तखैयम्बकाः 18 उक्तासश्चराः ॥उक्ताश्सञ्चराऽएता शुनासीरीया श्वेताबायव्याःश्वेताश्सौा 19 वसुन्तायकपिञ्ज लान॥ वसन्तायकुपिजलानालभतेग्ग्रीष्म्मायकलुविंकावर्षापय स्तुितिरीञ्छरदेवर्तिकाहेमन्तायुककराञ्छिसिरायविककरान् 20 [10] समुद्रायशिशुमारान् // समुद्रायशिशुमारानालभतेपर्जन्या / यमुण्ण्डूकान योमत्स्यांन्मित्रायकुलीपयावरुणायनाकान् 21 सोमायह सान् // सोमायह सानालभतेबायबुलाकोऽइन्द्राग्नि स्याङ्कञ्चन्मिन्त्रायमद्न्वरुणायचऋवाकान्२२अग्नयेकुटरून्। For Private and Personal Use Only
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________________ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org अग्नयैकुटरुनालभतेवनुस्प्पतियुऽउलूकानुग्नीषोमाझ्याश्चा पानुश्विाम्मयूरोन्मुित्रावरुणाश्याङ्कपोतान् 23 सोमायल वान् // सोमायलुबीनालभतेत्वष्ट्रैकौलीकॉन्गौषादीवानाम्पत्नी भ्याकुलीकादेवजामिनयोग्नयेगुहपतयेपारुष्ष्णान 24 अन्है| पारावतान् // अन्हैपारावतानालभतेराव्यैसीचापूरहोरात्रौ सु न्धिस्यौजुतूसिक्योदात्यौहान्त्संवत्सुरायमहतासुपर्णान् 25 भूयोऽआखून // अम्म्योऽआखूनालभतेन्तरिक्षायपाडान्दिवेक शान्दिग्गयोनकुलाब कानवान्तरदिशाक्यः२६ वसुन्युऽ श्यान्॥वसुझ्युऽऋश्यानालभतेरुद्रेश्योरुरूनादित्येन्योन्यतन्त्रि For Private and Personal Use Only *-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-**-***************-*-*-*-*-*-*-*--* -* Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra संहि.
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्वेश्योदेवेश्य:पृषतान्त्साद्धयेक्य कुलुङ्गान् 27 ईशानायुपर स्वतः // ईशानायुपरस्वतुऽआलअमित्रार्यगौरावरुणायमहिषा न्बृहस्प्पतयेगवुयाँस्त्वष्ट्रऽउष्ट्रान 28 प्रजापतयेपुरुषान् // प्रजाप |तयेपुरुषान्हुस्तिनु आलेअतेवाचेप्प्लुपीच्चक्षुषेमुशकाञ्छ्रोत्रायु ङ्गा 29 शतम् 1400 प्रजापतयेच // वायवैचगोमुगोबरुणा यारण्ण्योमेषोयुमायुकृष्णौमनुष्प्यराजायमर्कटे-शार्दूलायरोहिट्ट | षभायंगवुयीक्षिप्पश्येनायुवर्तिकानीलङ्गोऋिमिःसमुद्रायशिशुमा / रोहिमवतेहस्ती 30 [10] मुयुप्पाजापत्यः // मयुश्प्राजाप / त्यऽउलोहलिक्ष्ण्णौवृषःशस्तेधात्रेदिशाङ्कङ्कोधुलाग्नेयीकलुविकों For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उ.अ. लोहिताहि पुष्ष्करसादस्तेत्वाष्ट्रावाचेञ्चः 31 सोमायकुलुङ्ग॥ / सोमायकुलुङ्गऽआरण्ण्योजोनकुल शकतेपोष्ष्णाश्ीष्टामायोरि 24 न्द्रस्यगौरमुगापिट्ठोन्य कक्कटस्तेनुमत्यैप्प्रतिश्श्रुत्कायैचऋवा का 32 सौरीबलाको शार्ग:संजयशयाण्ण्डकस्तेमैत्रासरस्व / त्यैशारि पुरुषवाक्-श्वाविद्रौमीशालोवृक:पदाकुस्तेमुन्न्यवेसर स्वतेशुक पुरुषवाक् 33 सुपर्णपार्जुन्यः // सुपुर्णपार्जुन्य आतिर्वाहसोदर्विदातेवायवेबृहस्प्पतयेवाचस्प्पतयेपैङ्गराजोलज आन्तरिक्षप्नुवोमर्मत्स्युस्ते दीपुतयेद्यावपृथिवीय कूर्म , ३४पुरुषमुगश्चन्द्रमसँ // पुरुषमुगश्चन्द्रमसोगोधाकालकादा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir घाटस्तेवनस्पतींनाङ्ककवाकु’ सावित्रीहसोबातस्यनाक्रोमक रत्कुलीपयुस्तेकूपारस्यन्हियैशल्यक 35 एण्ण्यन्न्ह // एण्ण्य / न्हामुण्ण्डूकोमूर्षिकातित्तिरिस्तेसुप्पाणांल्लोपाशऽआश्विन रु | ष्ष्णोराच्याऽऋोजतासुपिलीकात ईतरजनानाजहकावैष्ष्णुवी 36 अन्युवापोर्द्धमासानाम् // अन्यवापोर्द्धमासानामुश्योमयूरः सुपर्णस्तेगन्धर्वाणामुपामुद्रोमासाङ्कश्यपौरोहित्कुंण्डणाचीगोल | तिकातेप्प्सुरसाम्मुत्यवेसितः 37 वर्षाऋतूनाम्॥ वर्षाहूर्ऋतूना माखुश्कशोमान्थालस्तेपितुणाम्बलायाजगुरौबसुनाङ्कपि लइकु पोतऽउलूकाशशस्तनित्यैवरुणायारण्योमेषः 38 श्वित्रऽआदि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उ. संहि. त्यानाम् // श्वित्रऽआदित्यानामुष्ट्रोघृणीवान्वा(नुसस्तेमुत्याऽअ रण्यायसृमरोरुरुरौद्र क्वयि : कुटरुत्यौहस्तेबाजिनाङ्कामायपि का 39 खगोवैश्वदेवः // श्वाकृष्ष्णकुोग अस्तुरक्षुस्तरक्ष सामिन्द्रायसूकरसिहोमारुतश्रकलासापिप्पकाशकुनिस्तेशर व्यायैविश्वेषान्देवानाम्पृषतः४०[४]इतिश्रीवाजसनेयसंहितायां / दीर्घपाठेचतुर्विशोऽध्यायः२४शादंदद्भिर्नवैकैकाहिरण्यगर्भश्चतस्र आनोदशमानोमित्रोयदश्वस्याष्टकौयत्तेपडिमानुकंदेपंचदशसप्तच त्वारिशत् // ॐम् // शार्दन्दद्भिः // शार्दन्दद्भिवकान्दन्तमूलैम्मद 27 सम्बस्वैस्तुगान्दवाझ्याउंसरस्वत्या अग्नजिवजिह्वायाऽउत्साद / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir मवऋन्देनुतालुवाजुहर्नुभयामुपऽआस्येऽनुवृषणमाण्ण्डाझ्यामा | दित्याँम्मश्रुभिपन्थानम्वुझ्यान्द्यावापृथिवीवर्तीयांविद्युतङ्क / नीनकामयाशुक्लायुस्वाहाकृष्ष्णायुस्वाहापा-णिपक्ष्माएय वायऽइक्षवौद्यार्थ्याणिपक्षम्माणिपार्योऽइक्षवःशशवातम्प्राणेन वार्तम्प्राणेनापानेनुनासिके उपयाममधरणौष्ठेनुसंदुत्तरेणप्प्रकाशे नान्तरमनूकाशेनुबाह्यनिवेष्प्पम्मू स्तनयित्नुन्निधेिनाशनि / मस्तिष्क्कैणविद्युतङ्कनीनकाश्याङ्कर्णालयाश्रोत्रुश्रोत्रजिया बीतेदनीमधरकण्ण्ठेनापाशुष्ककण्ठेनचित्तम्मन्याभिरदितिशी प्ानिक्रतिन्निर्जर्जयेनशीष्र्णासोशैप्पाणान्लेष्म्माण स्तुपे For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नशामुशकान्केशै॥मशकान्केशैरिन्दुस्वपसाबहेनबृहस्प्पति शकुनिसादेनकाञ्छफैराक्रमणत्थूराभ्यामक्षलाभिकपि |25 जलाञ्जवअवाश्यामद्दनिम्बाहुभ्याञ्जाम्बीलेनारण्यमग्निमतिरु | ग्भ्याम्पूषणन्दोामुश्विनाव 6 सान्यासुद्र 6 रोराजयाम अनैश्पक्षुतिः ॥अग्नेश्पक्षुतिर्वायोनिपक्षतिरिन्द्रस्यतृतीयासो मस्यचतुर्थ्यदित्यैपञ्चमीन्द्राण्यैषष्टीमुरुतासप्तमीबृहस्पतेरष्टु | म्य[म्म्णोनवमीधातुर्दशमीन्द्रस्यैकादशीवरुणस्यवादशीयुमस्य / त्रयोदशी 4[1] इन्द्रागन्यो पक्षुतिसरस्वत्यैनिपक्षतिम्मुित्रस्यतु / तीयापाञ्चतुर्थीनित्यैपञ्चम्म्युनीषोमयोषष्ठीसुर्पाणांसप्तमी For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsur Gyarmandir www.kobatirth.org विष्ष्णोरष्टमीपूष्ष्णोनवुमीत्वष्टमीन्द्रस्यैकादशीवरुणस्यद्वादशी यम्म्यैत्रयोदशीद्यावापृथियोदक्षिणम्पाविश्वेषान्देवानामुत्त रम्परामरुतास्कुन्धारामुरुतास्कुन्धाविश्वेषान्देवानाम्प्रथ माकीकसारुद्राणान्वितीयादित्यानान्तुतीयाबायो पुच्छमग्नीषोम / योसिंदौऋञ्चौश्श्रोणियामिन्द्राबृहस्प्पती कुरुक्याम्मित्राव रुणावुल्गाश्यांमाक्रमण स्त्थूराभ्याम्बलुङ्गुष्ठाभ्याम् [1] षणबनिष्टुनान्धाहीन्स्थूलगुदांसुर्पान्गुदाभिर्विहुतऽआन्त्रैरपोब स्तिनावृषणमाण्डाल्यांबार्जिनशेपेनप्प्रजारेतसाचाषान्पुित्ते | नप्पदरान्पायुनाकुम्माञ्छकपिण्डै 7[1] इन्द्रस्यऋोड॥इन्द्रस्य 語部分路器等等答答答答答答答的宗旨容容容容容容容器帶給答答答答答答答 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उ. ऋोडोदित्यैपाजस्यन्दिशा नवोदित्यै सज्जीमूतान्हदयौपुरोनान्त रिक्षम्पुरीततानऽउदयेणचऋवाकौमतस्ना यान्दिवंबुक्काया शिरीन्प्लाशिशिरुपलान्प्लीन्हाबुल्म्मीकान्लोमभिग्लौंभिर्गुल्म्मा | हिराभिसवन्तीर्हदान्कुक्षियांसं मुद्रमुदरेणवैश्वानरम्भसम्म / ना 8[1] विधृतिन्नाझ्या घुतरसैनापोयुष्ष्णामरीचीर्बिप्पुति नींहारमूष्म्मणाशीनंबर्सयाप्पुष्ष्वाऽअश्श्रुभिह दुनीर्दूषीकाभिर | स्नारक्षा सिचित्राण्यङ्गैनक्षत्राणिरूपेणपृथिवीन्त्वचाजुम्बुकाय स्वाहाशहिरण्यगुर्भसम्॥हिरण्यगर्भसमवर्तताग्नेभूतस्य॑जा 29 तश्पतिरेक आसीत् // साधारपृथिवीन्द्यामुतेमाङ्करम्मैदेवायहुवि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विधेम 10 यप्राणुतः // य प्णुतोनिमिषुतोमहित्वैकुइदा जाजर्गतोबभूव // यऽईशेऽअस्यविपदश्चतुष्प्प कसम्मैदेवायह। विविधेम 11 यस्येमे // हिमवन्तोमहित्वायस्य॑समुसयास हाहुः // यस्येमाप्पदिशीयस्य॑बाहूकस्म्मैदेवायहुविषाविधेम 12 यऽआत्मदा // यऽआत्मदाबलुदायस्यविश्वउपासतेप्पशिष व्यस्य॑देवा // यस्यायामृतुंग्यस्यमुत्यु कस्म्मैदेवायहविवि धेम१]आनः॥आनो द्राश्ऋतबोयन्तुविश्वतोदब्धासोऽअप रीतासऽउद्भिदः॥देवानोयथासमिदुधेऽअसुन्नप्पायुवोरक्षितारोदि / वेदिवे 14 देवानाम् द्रा॥सुमुतियुतान्देवाना 7 रातिभिनो For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobairthorg Acharya Shei Kailassagarsur Gyanmandir निवर्तताम् // देवानांसुक्ख्यमुपसेदिमा यन्देवानुऽआयुप्प्रतिर |न्तुजीवसे 15 तान्पूर्वयानिविदाहूमहेव्यम्भगम्मित्रमदितिन्दक्षम / निर्धम् // अर्घमणुबरुण सोममुनिश्वनासरस्वतीनसुभगामय / स्क्वरत् 16 तन्नः // तन्नोबातोमयोभुवातुभेषजन्तन्मातापृथिवीत पिताद्यौः // तवाणिसोमसुतौमयोभुवस्तदंगिश्वनाशृणुतन्धि cण्यायुवम् 17 तमीशानम् // तमीशानञ्जगतस्तस्त्थुषरप्पर्तिन्धि यञ्जिन्वमवसेहूमहेयम् // पूषानीयथावेदसामसदृधेरैक्षितापायुर दद्धास्वस्तये१८ स्वस्तिनः // स्वस्तिनऽऽइन्द्रोवृद्धश्रवास्वस्ति 30 न पूषाविश्ववेदाः // स्वस्तिनुस्तायो अरिष्टनेमिःस्वस्तिनोवृह / / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyarmandir प्पतिर्दधातु 19 पृषदश्वामुरुतः॥ पृषदश्वामुरुतु पृश्निमात शुभंय्यावानोविदथेषुजर्मय // अग्निजिबामनवासूरचक्षसो विश्वनोदेवाऽअवसागमनिह 20 अङ्कणेभिःशृणुयामदेवाशुद्र म्पश्येमाक्षभिर्यजत्रा // स्त्थिरैरङ्गैस्तुष्टुवा संस्तुभिर्व्यशेमहिदे / वहितंय्यदायुः 21 शुतमित् // शुतमिन्नुशरदोऽअन्तिदेवायत्रान। चुकाजुरसन्तुनूनाम् // पुत्रासोपत्रपितरोभवन्तुिमानौमृद्ध्यारी रिषतायुर्गन्तौ 22 अदितिौरदितिरन्तरिक्षमर्दितिर्मातासपि। तासपुत्र विश्वेदेवाऽअदितिपञ्चजनाऽअदिति तमदितिर्जनि त्वम् २०१०मान॥मानौमित्रोवरुणोऽअर्युमायुरिन्द्रऽऋभुक्षाम For Private and Personal Use Only
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________________ San Mahav Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyarmandir स्तपरिक्ख्यन॥ यहाजिनौदेवजातस्युसप्तेप्प्रवक्ष्यामौविदथैवी / यणि 24 यन्निर्णिजा // यनिर्णिजारेक्र्णसाप्पावृतस्यरातिङ्ग / भीताम्मुखतोनयन्ति॥सुपाङ्जोमयहिश्श्वरूपाइन्द्रापूष्ष्णो प्रियमप्प्यतिपार्थः 25 एषछागपुरोऽअश्वनवाजिनांपूष्ष्णो भागोनीयतेविश्वदेव्यः // अभिप्पियंग्यत्पुरोडाशुमतात्वष्टदैन सौश्रवसायजिन्वति 26 यद्धविष्ष्यम् // यद्धविष्ष्यमृतुशोदेव यानुन्त्रिानुषात्पर्यश्वनयन्ति // अापूष्ष्णप्पथुमोभाग sएतियुज्ञन्देवेन्यःप्प्रतिवेदयन्नुज 27 होताड्डठ्यु // होताड्ड / [रावयाऽअग्निमिन्धोग्यावग्याभऽउतशस्तासुविप्प // तेन॑य / / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir ज्ञेनुस्वरकृतेनुस्विष्टेनबक्षणाऽआघृणम्२८ यूपत्रुस्काऽउत // ये! पवाहाचुषालँय्येऽअश्श्वयूपायुतक्षति // येचावतेपचन सुम्भर न्त्युतोतेषामुभिर्तिन इन्वतु 29 उपप्प // उपप्पागात्सुमन्मधा यिमन्मदेवानामाशाऽउपवीतपृष्ठः // अन्वे बिप्पाऽऋषयोमदन्ति देवानाम्पुष्टेचकमासुबन्धुम् 30 यवाजिनः // यहाजिनोदामस न्दानुमतीयाशीर्षण्यारशुनारज्जुरस्य // यद्वांपास्युप्प्रभृतमास्येत / ण सर्वातातेऽअपिदेवेष्ष्वस्तु३१८] यदश्वस्यऋविषोमाक्षिका शयवास्वरोवर्धितौरिप्प्तमस्ति // यद्धस्तयोऽशमितुर्यन्नखेषुसी तातेऽअर्पिदेवेष्ष्वस्तु 32 यदूर्वद्ध्यम् // यदृवद्ध्यमुदरस्यापुवातिय For Private and Personal Use Only
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________________ San Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir Isआमस्यऋवि|गुन्धोऽअस्ति // सुकृतातछमितार ऋण्ण्वन्तूतमे धशतुपाकम्पचन्तु 33 यत्ते // यन्तगात्रादमिनापुच्यमानाभि / शलुनिहतस्यावुधावति // मातम्म्यामाश्रिषन्मातृणेषुदेवेन्य स्तदुशोरातमस्तु३४येबाजिनम् // येवाजिनम्परिपश्यन्तिपुक्कं / / व्यऽईमाई सुरुभिर्निर्हरेति // येचावतोमासभिक्षामुपासतऽउतो। तेषामभिगूर्तिन इन्वतु 35 वनीक्षणम् // वनीक्षणम्माँस्प्पच न्याऽउखायायापात्राणियूष्ष्ण आसेचनानि // उष्म्मुण्यापिधा नाचरूणामुङ्का-सूनापरिभूषन्त्यश्वम् 36 मात्वा // मात्वाग्निई। नयीद्धमर्गन्धुिर्मोखानान्त्युभिविकुजग् i // इष्टुंबीतमुभि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir गुंतवर्षीतन्तन्देवासुप्पतिगृणुन्त्यश्वम् 37 निक्रमणन्निषदे नम् // निक्रमणन्निषदनंबिवर्तनयच्चपडीशुमत // यच्चपुपौया / पासि घासुसर्वाततेऽअर्पिदेवेष्वस्तु 38 यशवाय // यदश्वा / युवासऽउपस्तुणन्त्यंधीवासंय्याहिरण्यान्यस्म्मै // सुन्दानुमन्तु / म्पडीशम्पियादेवेष्ष्वामियन्ति३रासायत्ते॥सादेमहेसाशूरतस्य / पाष्ष्ावाकर्शयावातुतोद // सुचेवताहुविषोऽअडरेषुसर्वातातुन हमणासूदयामि 40 चतुखिशहाजिनः॥चतुखिशवाजिनौदेव / बन्धोर्वीरश्श्वस्युस्वधिति समेति // अच्छिट्ठागाबियुनाकृणो तपरुष्प्परुरनुघुष्ष्याविशस्त 41 एकुस्त्वष्ट // एकुस्त्वष्टुरश्श्व For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उ.अ. स्याविशुस्तावायुन्ताराभवतुस्त ऋतु // यातगात्राणामृतुथाक 33 णोमितातापिण्डानाम्प्रजुहोम्म्युग्नौ 42 मात्वातयत्मिय आत्मा 25 पियन्तम्मास्वधितिस्तुन्वऽआतिष्ठिपत्ते॥ मातेगुध्धुरविशुस्तातिहा / यछिद्रागात्राण्युसिनामिथूका 43 नवै // नवाऽऽएतन्नियसेनरि / प्प्यसिदेवा // इदेषिपुथिभिःसुगेभिः॥ हरीतेयुञापतीऽअभूता। मुपास्त्थाबाजीधुरिरासंभस्य 44 सुगन्यन्नः // सुगध्यन्नोबाजीस्व व्यम्पुसपुत्रा // उतविश्वापुषरयिम् // अनागास्त्वनोऽ दितिकृणोतुक्षत्रन्नोऽअश्श्वौबनताहविष्म्मान ४५६]इमानु॥क || म्भुव॑नासीषधामेन्द्रश्चविश्वचदेवा // आदित्यैरिन्द्रःसगणोमुरु 幹幹幹长张然然然然然然於勞然然静静於举静举******於非染外染 3 3 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ** *Mahendra द्भिरस्म्मयम्भेषजाकरत्॥युज्ञञ्चनस्तुन्वञ्चप्पुजादित्यैरिन्द्र सुहसींषधाति 46 अग्ने॒त्वन्नोऽअन्त // मजुतत्राताशिवोभवावरू थ्यः॥बसुरुग्निर्वसुभश्रवाऽअच्छानक्षिद्युमत्तमयिन्दा ॥तन्त्वा शोचिष्टदीदिवासुम्नायनूनमीमहेसखिभ्या४७२इतिसंहितायां / पंचविंशोऽध्यायः 25 [15] अग्निश्चपंचदशोचातएकादशद्वौषडि शतिः॥ अग्निश्च // पृथिवीचसन्नतेतेमेसनमतामुदोबायुश्चान्त रिक्षञ्चसन्नततेमेसनमतामदऽआदित्यच्चुद्यौश्चसन्नततेमेसन्नमता मुद आपश्चवरुणश्च्चस तेतेमेसन्नमतामदशासप्तसुसदोऽअष्टमी भूतसाधनी ॥सकामा॥ऽअईनस्कुरुसुनमस्तुमेमुना 1 यथेमाम्॥ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir संहि. यथेमांवाचल्याणीमावानिजनेभ्यः // ब्रह्मराजुन्याझ्या उ.अ. 34 शूद्रायुचाऱ्यांयचुस्वायुचारणायच // प्प्रियोदेवानान्दक्षिणायैदा तुरिह यासमयम्मेकामुत्समृद्ध्यतामुपमादोनमतु 2 बृहस्प्पतेऽ ति // बृहस्प्पतेऽअतियोऽअािमहिभातिऋतुमज्जनेषु // य हीदयछवसऽऋतप्प्रजाततदस्म्मासुद्रविणन्धेहिचित्रम् // उपयाम / गृहीतोसिबृहस्पतयेत्वैषतेयोनिवृहस्प्पतयेत्वा 3 इन्द्रगोर्मन् // इ न्द्रिगोमनिहायाहिपिवासोमशतऋतो। विद्यद्भिावभिन्सुतम् // / उपयामगृहीतोसीन्द्रीयत्वागोमतऽएषतेयोनिरिन्द्रीयत्त्वागोमते 4634 न्द्रायाहि // इन्द्रायांहिवृत्रहुम्पिबासोमशतऋतो // गोम॑द्भिाव For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भिसुतम् // उपयामगृहीतोसीन्यत्वागोमतऽएषतेयोनिरिन्द्राय त्वागोमते 5 तावनिवैश्वानुरम् // क्रुतावानवैश्वानुरमुतस्या ज्योतिषुस्प्पतिम्॥अज॑स्रकममीमहे // उपयामगृहीतोसिवैःश्वा नरायंत्वेषयोनिश्श्वानुरॉयत्वा 6 वैश्वानरस्य॑सुमुतौ // स्या / / | मराजाहिकम्भुवनानामभिश्री / इतोजातोविश्वमिदंविचष्टेवे श्वानरोयततेसूर्येण // उपयामगृहीतोसिक्वैश्वानरायवैषतेयो / निर्वैश्वानरायत्वा 7 वैश्वानरोनः // वैश्वानरोनऽऊतयऽआ प्रयातुपरावतः // अग्निरुक्थेन वाहसा॥उपयामगृहीतोसिवैश्श्वा / नराय॑त्वषतुयोनिर्वैश्वानुराय॑त्वा 8 अग्निक्रषिः॥ अग्निक्रषि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir पर्वमानुपाञ्चजन्य पुरोहित // तमीमहेमहागुयम् // उपयाम 35 हीतोस्यग्नयेत्वावर्चसएषतयोनिरग्नयेत्वावर्चसे 9 महा // 26 न्द्रः॥ महाँ२॥ऽइन्द्रोवज्रहस्तषोडशीरामयच्छतु॥हन्तुपाप्पमा नथ्योस्म्मान्द्वेष्टि // उपयामगहीतोसिमहेन्द्रायवैषतेयोनिमहेन्द्रा यत्वा 10 तंबः // तंबौदरम्ममृतीषहवसौमदानमन्धसः // अभि वत्सन्नस्वसंरेषुधेनव इन्द्रङ्गीभिर्नवामहे 11 यद्वाहिष्ठम् // यद्वा / हिष्ठन्तदुग्नयेवुहदर्चबिभावसो॥ महिषीवुत्ववयिस्त्वद्वाजाऽउदीरते 12 एहि // एयुषुनवाणितेग्नऽइत्थेतरागिरः // एभिसऽइन् / भि 13 ऋतवस्ते // ऋतवस्तेयुज्ञवितन्वन्तुमासारक्षन्तुतेहविः॥ 35 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir सवत्सरस्तैयज्ञन्दधातुन प्प्रजाञ्चपरिपातुन 14 उपुवरेगिरीणा म् // उपुल्वरेगिरीणासङ्गमेचनुदीनाम्॥ धियाविप्पोऽऽअजायत / 15 [15 ] उच्चाते // उच्चातेजातमन्धसोदिविसम्म्याईदे॥ उ ग्यशर्ममहिश्श्रवः 16 सनः // सनऽइन्द्रायुयज्यवेवरुणायम रु यः // वरिवोवित्परिस्रव 17 एनाविश्वानि // एनाविश्वा / न्युर्यऽआद्युम्नानिमानुषाणाम् // सिषासन्तोबनामहे 18 अनु वीरैः // अनुवीरैरनुपुष्ष्यासम्मुगोभिरवश्वेरनुसबैणपुष्टै // अ नुद्द्विपदानुचतुष्प्पदाव्यन्देवानौयुज्ञप॑तुथा यन्तु 19 अग्नुपत्नी | अग्नेपत्कीरिहावहदेवानामुशतीरुप // त्वष्टार सोमपीतये 20 好容容容普洛塔塔蒂蒂格等等举帶帶幹幹幹幹幹禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁非染非 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अभियुज्ञम् // अभियुज्ञङ्गणीहिनोग्नावोनेष्टुपिबंऽऋतुना // त्व उ.अ. 36 हिरेनुन्धाऽअसि 21 द्रविणोदापिपीपति / जुहोतुप्पचतिष्ठताने 26 वाहतुभिरिष्ष्यत 22 तवायम् // तवाय सोमुस्त्वमेयुर्बाश्वत्त मसुमना अस्यपाहि // अस्म्मिन्न्युज्ञेवर्हिष्ष्यानिषादधिष्ष्वेम अरठरऽइन्दुमिन्द्र 23 अमेवनः // अमेवनसुहवाऽआहिगन्तन निबुर्हिषिसदतनारणिष्ठन // अर्थामन्दस्वजुजुषाणोऽअन्धसुस्त्वष्ट वेभिर्जनिभिसुमढूण 24 स्वादिष्ठयामर्दिष्ठया // स्वादिष्ठयाम दिष्ठयापर्वस्वसोमुधारया // इन्द्रायुपातवेसुतः 25 रक्षोहाविश्व |36 चर्षणिभियोनिमयौहते // द्रोणसुधस्थुमासदत् २६६११॥२॥इति For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहितायांषड्रिंशतिमोऽध्यायः२६ समास्त्वादशोअिस्यपीवोअ नाद्वादशकावभित्वैकादशचत्वारःपंचचत्वारिशत् // समास्त्वा // समास्त्वाग्मऽऋतवोबईयन्तुसंवत्सराऽऋषयोवानिसुत्या // सन्दि व्येनंदीदिहिरोचनेनविश्वाऽआहिप्प्रदिशुश्चतस्रः 1 सञ्चद्ध्य स्वग्नेिप्प्रचबोधयैनमुच्चतिष्ठमहतेसौगाय // माचरिषदुपसत्ताते |ऽअग्नेब्रहमाणस्तेयशसःसन्तुमान्ये 2 त्वामंग्ने // त्वामग्नेबृणते / ब्राहमणाऽइमेशिवोऽअग्नेसुंबरणेभवान // सुपत्नहानोऽअभिमा तिजिच्चस्स्वेगयेजागृयप्प्रंयुच्छन् 3 इहैव // इहैवानेऽअधिधार यारयिम्मात्वानिन्पूर्वचितौनिकारिणः ॥क्षुवम॑ग्नेसुयममस्तुतु For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 27 भयमुपसुत्ताबईतान्तेऽअनिष्ट्रत 4 क्षुत्रेामे // क्षत्रेग्नेस्वायु सशस्वमित्रग्निमित्रुधेययतस्व // सुजातानाम्मद्ध्यमस्त्थाएं| धिराज्ञामग्नेबित्योदीदिहीह 5 अतिनिहः // अतुिनिहोऽअति / निधोत्यचित्तुिमत्यरातिमग्ने // विश्वाह्यमेदुरितासहस्वाथासम्म यसुहवीरायिन्दा 6 अनाधृष्प्योजातवेदाः // अनाधु प्ष्योजातवैदाऽअनिष्ट्रतोविराडमेक्षत्रीदिहीह॥ विश्वाऽआशा प्रमुञ्चन्मानुषीअियाशिवेभिरद्यपरिपाहिनोबुधे 7 बृहस्प्पतेस वित // बृहस्प्पतेसवितर्वाधयन सर्शितञ्चित्सन्तुरासशिंशा 37 धि // द्धयैनम्महुतेसौभंगायुविश्वाएनमनुमदन्तुदेवाः 8 अमु / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भूयादध // अमुभूयादधुवामस्यबृहस्प्पतेऽअभिशस्तरमुञ्च०॥ प्रत्यौहतामुश्श्वि मृत्युमरम्माद्देवानमिनेभिषजाशचीभिः 9 उह यम् // उद्द्यन्तम॑सुस्प्परिस्व:पश्यन्तु उत्तरम् // देवन्दैवत्रासूर्यम | गन्मुज्ज्योतिरुत्तमम् 10 [10] ऊ ऽअस्यसुमिधोभवन्त्यूा शुक्राशोचीप्युग्ने // धुमत्तमासुप्प्रतीकस्यसूनो 11 तनूनपाद / सूरः // तनूनपादसृरोविश्ववेदादेवोदेवेषुदेवः // पृथोऽअनक्तुमा / घुतेनं 12 महायज्ञम्॥ महायज्ञन्नक्षसेप्पीणानोनराश सोऽअमे॥ सुकद्देवः सविताविश्ववारः 13 अच्छायम् // अच्छायमेति / श वसाघुतेनेडानोबन्हिनमसा // अमिचौऽअडरेषुष्प्रयत्सु 14 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir ************************* संहि. सर्वक्षत् // सर्यक्षदस्यमहिमानमुग्रेसऽईम्मन्द्रासुप्प्रयसः // वसु उ.अ चेतिष्ठोवसुधातमश्च 15 द्वारौदेवी // द्वारोदेवीरन्वस्यविश्वेव ताददन्तेऽअमे // उरुव्यचसोधाम्नापत्यमानाः 16 तेऽअस्य // तेऽअस्युयोषणेदिव्येनयोनाऽउषासानको // इमंठयज्ञमवतामधुर नः 17 दैत्याहोतारा // ऽईमहरन्नोग्नेजिवामुभिगृणीतम् // / णुतनुस्विष्टिम् 18 तिस्रोदेवी // तिस्रोदेवी हिरेदसदन्त्विास रस्वतीभारती // मुहीमृणाना 19 तन्नः // तन्नस्तुरीपमहैतम्पुरुक्षु त्वष्टासुवीर्यम् // रायस्प्प्योपुंविष्ष्यतुनाभिमुस्म्मे 20 वनस्प्प / तेवसृजाररांणुस्त्मनादेवेषु // अग्निहृयशमितासूदयाति 21 ********************* For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir नेस्वाहा // कृणुहिजातवेदऽइन्द्रायहव्यम् // विश्वेदेवाहविरिद जुषन्ताम् 22 [12] पीवोऽअन्नारयिवृधः // सुमेधाश्वत सिषक्तिनियुतामश्रिी // तेवायवेसमनसोवितस्त्थुर्विश्वेन्नरः स्वपुत्यानिचुक्रु: 23 गयेनु // यज्ञतूरोदसीमेरायेदेवीधिषणांधा तिदेवम् // अर्धवायुनियुत-सश्चतस्वाऽउतश्वेतंबसुधितिनिरेके 24 आपोह॥आपोहबहुतीविश्वमायुन्ना दानाजुनयन्तीर निम्॥ततोदेवानासमंवतार्त्तसुरेकुकरम्मैदेवायहुविषाविधेम२५/ यश्चित् // यश्चिदापोमहिनापुर्यपंश्युद्दान्धधानाजुनयंतीय॒ज्ञ म् // योदेवेष्ष्वधिदेवऽएकऽआसीत्करम्मैदेवायहुवि|विधेम 26 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org संहि. प्रयाभिः // प्रयाभिासिदाश्वासमच्छानियुद्भिवायविष्टया उ.अ. 39 रोणे ॥निनौरयि सुभोजसंव्युवस्तुनिवीरङ्गव्युमभव्यञ्चराध:२७ 27 आनः // आनौनियुद्भिःशुतिनीभिरहर संहस्रिणीभिरुपयाहियज्ञा म॥वायोऽअस्म्मिन्त्सर्वनेमादयस्वयूयम्पतिस्वस्ति िसदानः२८ नियुत्वान्वायो॥ नियुत्वान्वायुवागढ्युयशुकोऽअयामिते ॥ग न्तासिसुन्वतोगुहम् 29 वाौशुक्र // बायोशुक्रोऽअयामितेम / / होऽअग्यन्दिविष्टिषु ॥आर्याहिसोमपीतयेस्प्पा.देवनियुत्वता३० वायुरंग्ग्रेगाशावायुरंग्ग्रेगायजुप्पी साकङ्गन्मनसायज्ञम् // शिवो 39 नियुद्भिःशिवाभिः 31 बायोये॥ तैसहुँस्रिणोरासुस्तेभुिरागुहि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नियुत्वान्त्सोमपीतये 32 एकयाच // दशभिश्चस्वभूतेवामयामि यविशतीच // तिसृभिश्चुबहसखिशाचनियुद्रिायविहता विमुञ्च 33 तवायो॥ तवायवृतस्प्पmत्वष्टुं मातरद्भुत // अ वास्यावृणीमहे 34 [12] अभित्वा // शूरनोनुमोदुग्धाइव धेनवः // ईशानमुस्यजगतस्वदृशमीशानमिन्द्रतुस्त्थुषः 35 न त्वावान् // नत्वावाँ२ // ऽअन्न्योदियोनपास्थिवानजातोन नि प्ष्यते // अश्वायन्तोमघवन्निद्रवाजिनौगुत्यन्तस्त्वाहवामहे३६ त्वामित् // त्वामिद्धिहवामहेसातौवाजस्यकारवः॥त्वांबुत्रेष्ष्विन्द / सत्प॑तिन्नरस्त्वाकाष्ठास्वर्वत 37 सत्वम् // सत्वनश्चित्रबज्ञहस्त For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उ.अ. धृष्ष्णुयामुहस्तवानोऽअद्विव // गामश्वत्थ्यमिन्द्रसङ्किरसुत्रा 40 वाजुन्नजिग्यु 38 कर्यान // कयौनश्चुित्रऽआ वदूतीसुदा 27 धुसखा // कयाशचिष्ठयाबुता 39 कस्त्वा // सुत्योमदानाम्महि होमत्सुदन्धसः // दृढाचिदारुजुबसु 40 अभीषुणः // अभीषुणुः सखीनामविताजरितॄणाम् // शुतम्भवास्यूतये 41 यज्ञाय॑ज्ञाव // यज्ञायज्ञावोऽअग्नयेगिरागिराचुदक्षसे॥प्रप्रवयममृतातवेदसम्मि यम्मित्रन्ननिसिपम् 42 पाहिन // पाहिनोऽअनुऽएकयापायु तहितीयया॥पाहिगीभिस्तिसृभिरुर्जाम्पतेपाहिचतसृभिर्वसो४३ कुर्बानपातम् // कुर्बानपातु सहिनायमम्मयुरोमहव्यदातये // For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भुवुवा ष्ष्वविताभुवद्दुध उतत्रातातुनूनाम् 44 संवत्सरोसि ॥प रिवत्सरोसीदावत्सरोसीद्वत्सरोसि // उपसस्तकल्प्पन्तामहोरात्रा स्तैकल्प्पन्तामर्द्धमासास्तैकल्प्पन्ताम्मासस्तिकल्प्पतामुतवस्तेक ल्प्पन्तासंवत्सुरस्तैकल्प्पताम् ॥प्रेत्याऽएत्यैसञ्चाचुप्पचंसारया सुपर्णचिदसितयादेवतयाङ्गिरस्वद्भुवसीद 45[11] इतिसंहिता यांसप्तविशोऽध्यायः 27 होतायक्षदेकादशदेवंबर्हिद्वादशपुनरप्येव / चत्वारःषट्चत्वारिंशत् // होतोयक्षत् // होतायक्षत्सुमिधेन्द्रमिड स्पदेनाभापृथिव्याऽअधि॥दिवोबर्मुन्समिध्ध्यतुऽओजिष्ठश्चर्ष णीसहांवेत्वाज्यस्युहोतुयज 1 होतायक्षुत्तनूनपतिमूतिभिः॥ हो / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उ.अ. तायक्षत्तनुनपातमूतिभिर्जेतारमपराजितम् ॥इन्द्रन्देवस्वर्विदम्प थिभिमधुमत्तमैनराश सेनुतेजसावेत्वाज्यस्युहोतुर्य 2 होता। यक्षुदिडोभिरिन्द्रम् / / होत्यादिडाभिरिन्द्रमीडितमाजुर्वानुममर्त्य / म् // देवोदेवैश्सवीर्योबज्रहस्त पुरन्दरोवेवाज्यस्यहोतर्यज 3/ होत्यक्षदर्हिषीन्द्रम्॥होतायक्षदर्हिषीन्द्रनिषद्हरंवृषभन्नपिसम्॥ वसुभीरुद्वैरादित्यै सुयुनिभर्हिरासंदवेत्वाज्यस्यहोतुर्यज 4 हो / तायादोजोनवीय सहोद्वार इन्द्रमवर्द्धयन्॥ सुप्पायुणाऽअस्म्मि / न्युज्ञेविश्रयन्तामृतावृधोद्वार इन्द्रायमीढुषेव्यत्वाज्यस्युहोर्य | 41 ज 5 होतायक्षदुषेऽइन्द्रस्य // धेनूसुदुघुमातरांमुही // सुवातरौनते For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जसावत्समिन्द्रमवद्धतांबीतामाज्य॑स्यहोतुर्यजद होतायक्षुदैव्या होतारा // शिषजासखायाहुविषेन्द्रम्भिषज्यतः // कुवीदेवोपचे। तसाविन्द्रायधन्त इन्द्रियंबीतामाज्यस्यहोतीज 7 होत्यक्ष त्तिस्रोदेवी // होतायक्षत्तिस्रोदेवीनभेषुजन्त्रयविधातवोपसुऽइडा सरस्वतीभारतीमही // इन्द्रपत्नीहविष्म्मतीय॑न्वाज्यस्यहोत यज 8 होतायक्षत्वष्टारमिन्द्रम् // होतायक्षुत्वष्टारमिन्द्रन्देवम्भि पजसुयजङ्क्तश्रियम् // पुरुरूप सुरेतसम्मघोनुमिन्दायत्वष्टाद / धदिन्द्रियाणिवेत्वाज्यस्युहोतुर्यज होत्यक्षुद्वनस्प्पर्तिशमिता रम् // होतायक्षुद्दनुस्प्पर्तिशमिताशुतऋतुन्धियोजोष्टारमिन्द्रि 学并选举产养类举卷花光泽学淮卷卷卷卷并荣登杂杂杂杂杂杂杂杂形势於老茶楼茶 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उ. यम्॥ महासमुञ्जन्पुथिभिः सुगे िस्वातियज्ञम्मधुनाघुतेनवेत्वा / ज्यस्युहोतुय॑ज 10 होतायक्षुदिन्दुस्वाहा // होतायक्षुदिन्द्र स्वाहाज्यस्युस्वाहामेदंसुःस्वाहास्तोकानास्वाहास्वाहाकृतीना स्वाहाहृदयसूक्तीनाम् // स्वादेिवाऽआज्यपार्जुषाणाऽइन्द्र आ ज्यस्युध्यन्तुहौतर्यज 11 [11] देवम्बहिरिन्द्रसुदेवन्देवैवीर। वस्तीणंवेद्यामवर्द्धयत् // बस्तोर्बुतम्प्राक्तोद्भुतरायाबुर्हिष्म्मतो। त्यगावसुवनैवसुधेयस्यत्वेतुय्यज 12 देवीद्वरि // देवीर इन्द्रस नातेबीडीमिन्नवर्द्धयन् // आवृत्सेनतरुणेनकुमारेणंचमीवुतापा 42 णि रेणुककाटन्नुदन्तांवसुवनेवसुधेयस्यव्यन्तुयज 13 देवीऽऽ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पासानक्तां // देवीऽउपासानक्तेन्द्रंट्युज्ञेप्प्रयुत्यत्वेताम् // दैवीविशुद्ध प्प्रायासिष्टासुप्पीतेसुधितेवसुवनेवसुधेयस्यबीतांय्यज 14 दे। वीजोष्टी // देवीजोष्ट्रीवसुधितीदेवमिन्द्रमवर्द्धताम् // अयुिन्न्या घाद्वेषास्यान्याबक्षवसुबार्याणियज॑मानायशिक्षुितेवसुवनेवसु धेयस्यबीतांय्यज 15 देवीऽऊर्जाहुती // देवीऽजुर्जाहूतीदुघेसुधे / पयुसेन्द्रमवर्द्धताम् // इषमूर्जमुन्न्यावक्षुत्सग्धुिसपीतिमुन्न्यानवे नपूर्वन्दयमानेपुराणेनुनवमातामूर्जमूर्जाहुती उर्जयमानेवसुबा / -णियजमानायशिक्षितेवसुवनैवसुधेयस्यबीतांय्यज 16 देवा दिव्यां // देवदिव्याहोतारादेवमिन्द्रमवर्द्धताम् // हुताघशम्सावाभा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir www.kobatirth.org हविसुबासँणुियजमानायशिक्षुितौवसुवनैवसुधेयस्यबीतांग्यज॥ 43 17 देवीस्तिसः / देवीस्तिस्त्रस्तिस्रोदेवी पतिमिन्द्रमवर्द्धयन् // 28 स्पृक्षारतीदिवसुट्टैर्युत सरस्वतीडावसुमतीगृहान्वसुवनेवसुधे | यस्यत्यन्तुयज 18 देव इन्द्रः // देव इन्द्रोनराशसंस्विरूथतिव न्धुरोदेवमिन्द्रमवर्द्धयत् // शुते शितिपुष्ठानामाहितसहस्रेणुप्तवं / ततेमित्रावरुणेर्दश्यहोत्रमर्हतोबृहस्पतिस्तोत्रमुश्विना र्यवंबसु वनैवसुधेयस्यवेतुयज 19 देवोदेवैः // देवोदेवैर्खनुस्प्पतिर्हिरण्यप / मधुशाखसुपिप्पुलोदेवमिन्द्रमवर्द्धयत् // दिवमग्णास्पृक्षुदा न्तरिक्षम्पृथिवीमव्हीवसुवनैवसुधेयस्यत्वेतुयज 20 देवम्बुर्हिः // For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Mas.M. J देवम्बुर्हिरितीनान्देवमिन्द्रमवर्द्धयत् // स्वासुस्त्थमिन्द्रेणासन्नम / न्याबहीप्युझ्यभूद्वसुवनैवसुधेयस्यत्वेनुयर्ज 21 देवोऽअग्निः // देवोऽअग्निविष्टकदेवमिन्द्रमवर्द्धयत् // स्विष्टङ्कन्सिष्टकात्स्विष्ट / मुद्यकरोतुनोवसुवनवसुधेयस्ववेतुयज 22 अँग्निमुद्यहोतारमवृ णीतायंग्यजमानुपचुन्पक्लीपर्चन्पुरोडाशंम्बुध्नन्निन्द्रायुच्छागम् // सूपुस्त्थाऽअद्यदेवोवनस्पतिरभवदिन्द्रायुच्छागैन // अघुतम्मैद स्तप्प्रतिपचुताग्यमीदवीवृधत्पुरोडाशैनात्वामुद्द्यऋषेश१२हो तायक्षत्॥ होतोयक्षत्समिधानम्महद्यशङसुसमिद्धंवरेण्यममिमिन्द्र वयोधसम् // गायत्रीञ्छन्दै इन्द्रियन्त्र्यविङ्गांवयोदधद्वेत्वाज्यस्य / / 於警察警察營發起聲說於此宗之港幣蒂能容都是常常带着希杂张控整容許作热 ata-Mere-keMEMEMBER For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir . होतुर्यजं 24 होतायक्षुत्तनूनपातमुद्भिर्दम्॥होतायक्षुत्तनूनपातमु द्भिदंय्यङ्गय्मदितिर्दधेशुचिमिन्द्रवयोधसम् // उष्ष्णिहुञ्छन्दाइ न्द्रियन्दित्युवाहगांवयोदधुद्वेत्वाज्यस्यहोतुर्यज 25 होतायक्षदी डेन्यमीडितम् // होतायक्षदीडेन्यमीडितंवृत्रहन्तमुमिडाभिरीङ्युठ सहसोममिन्द्रंबयोधसम् ॥अनुष्टान्छन्देऽइन्द्रियम्पञ्चाविङ्गाबयो / दधद्वेत्वाज्यस्यहोतुर्यज 26 होतायक्षत्सुबर्हिषम्पूषण्वन्तम्॥हो / तायक्षत्सुबुर्हिषम्पूषण्वन्तुममर्त्य सीदन्तम्बुर्हिषिप्रियेमृतेन्द्रव योधसम् // बुहतीञ्छन्दऽइन्द्रियत्रिवत्सङ्गाबयोदधुद्वेत्वाज्यस्युहो / तुर्यज 27 होतायाव्य॑चस्वती सुप्पायुणाः // होतायाव्य 44 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चस्वती सुप्पायुणाऽऋतावृधोद्वारोंदेवीहिरण्ययीहमाणुमिन्दंव योधसम्॥पङ्किञ्छन्दऽइहेन्द्रियन्तुर्युवाहङ्गाबयोदधुद्ध्यन्त्वाज्य स्यहोतुर्यजं 28 होतायक्षत्सुपेशंसासुशिल्प्पे // व्हुतीऽउनको / पासानदेर्शतेविश्वमिन्द्रंबयोधसम् // विष्टभुञ्छन्देऽइहेन्द्रियम्पष्ट वाहङ्गाबयोदधद्वीतामाज्यस्यहोर्यज 29 होतायक्षुत्मचेतसादे वानांमुत्तमंग्यशोहोतासुदैव्याकुवीसुयुजेन्द्रंबयोधसम् // जगती / ञ्छन्द इन्द्रियमनाहगांवयोदधबीतामाज्यस्यहोतुर्यज 30 हो तायक्षुत्पेशंस्वतीस्तिस्रः // होतायक्षुत्पेशस्वतीस्तुिस्रोदेवीहिरण्य यीऔरतीबूंहुतीर्मुहीपतिमिन्द्रंबयोधसम् // विराजुच्छन्दऽइहे For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir न्द्रियन्धेनुङ्गानवोदधन्यन्त्वाज्यस्युहोतुर्यज 31 होतायक्षत्सु उ.अ. रितसुन्त्वष्टारम् // होत्यक्षत्सुरेतसुन्त्वष्टारम्पुष्टिवर्द्धन पाणिबि 28 तुम्पृथक्पुष्टिमिन्द्रंवोधसम् // द्विपदञ्छन्द इन्द्रियमुक्षाणङ्गा नवयोदधवेत्वाज्यस्यहोतुर्यज 32 होतायावनस्पति शमिता रम् // होतायक्षद्वनस्पति शमिता शुतऋतु हिरण्यपर्णमुक्थिन / दरशनाम्बिनतंबुशिम्भगुमिन्द्रंवोधसम् // कुकुअञ्छन्दऽइहेंद्री यंवशांबेहतुङ्गांवयोदधद्वेत्वाज्यस्यहोतुर्य 33 होतोयक्षुत्स्वा / होकृतीरग्निम् // होतायक्षुत्स्वाहाकृतीमिङ्गहप॑तिम्पृथग्वरुणम् / षजङ्कविक्त्रमिन्द्रवयोधसम् // अतिच्छन्दसुञ्छन्द इन्द्रियम्बुहट्ट / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अङ्गांबयोदधुयन्त्वाज्यस्युहोतुर्यज ३४६११देवम्बर्हिः // देवम्बहिवयोधसन्देवमिन्द्रमवर्द्धयत् // गायत्र्याच्छन्दसेन्द्रियञ्च क्षुरिन्द्रेवयोदधद्वसुवनैवसुधेयस्यबेतुयज 35 देवीरिः // देवीद्वा रोबयोधसुशुचिमिन्द्रमवर्द्धयन् // उष्ष्णिहाच्छन्दसेन्द्रियम्प्राण मिन्दे॒वयोदधद्वसुवनैवसुधेयस्यत्यन्तुयज 36 देवीऽउषासानतin देवमिन्द्रंवोधसन्देवीदेवमवद्धताम् // अनुष्टुआच्छन्दसेन्द्रियम्ब लमिन्द्रेवयोदधद्वसुवनैवसुधेयस्यबीतांच्यजे 37 देवीजोष्ट / दे वीजोष्ट्रीवसुधितीदेवमिन्द्रवयोधसन्देवीदेवमवद्धताम् // बुहत्या। च्छन्दसेन्द्रियश्रोत्रुमिन्द्रेवयोदधदसुवनैवसुधेयस्यबीतांग्य। For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavn Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir संहि. ************** 38 देवी ऊर्जा ती // देवीऽहुँतीदुघेसुदुघुपयुसेन्द्रवयधिस 46 न्देवीदेवमवर्द्धताम् // पङ्याच्छन्दसेन्द्रिय शुऋमिन्द्रेवयोदधद्वसु 28 वनैवसुधेयस्यबीतांव्यज 39 देवादैव्या // देवदिव्याहोतारादेवमि दैवयोधसन्देवौदेवमवर्द्धताम् // विष्टुभाछन्दसेन्द्रियविषिमिन्द्रेव योदधद्वसुवनैवसुधेयस्यबीतांय्यज 40 देवीस्तुित्रः // देवीस्तिस्र / स्तिस्रोदेवीर्वयोधसम्पतिमिन्द्रमवर्द्धयन् // जगत्याच्छन्दसेन्द्रिय शूषमिन्द्रेवयोदधद्वसुवनेवसुधेयस्यत्यन्तुयज 41 देवोनराश स’ // देवोनराशसौदेवमिन्द्रबोधसन्देवोदेवर्मवर्द्धयत् // विरा जाच्छन्दसेन्द्रिय सुपमिन्द्रेवयोदधद्वसुवनेवसुधेयस्यवेतुयज 42 ******************** *** For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir देवोदनुस्प्पति’ // देवोधनुस्प्पतिवमिन्द्रवयोधर्सन्देवोदेवमवर्द्ध यत् // द्विपदाच्छन्दसेन्द्रियम्भगुमिन्द्रेवयोदधद्वसुवनेवसुधेयस्यवे , तुय 43 देवम्बुर्हि // देवम्बर्हिचारितीनान्देवमिन्द्रवयोधसन्देव / न्देिवमवर्द्धयत् // कुकुआच्छन्दसेन्द्रियंग्यशुऽइन्द्रेवयोदधद्वसुवनेछ / सुधेयस्यवेतुय 44 देवोऽअमिः // स्विष्टकडेवमिन्द्रंवयोधसन्दे / वोदेवम॑वर्द्धयत् // अतिच्छन्दसाच्छन्दसेन्द्रियतवमिन्द्रेवयोदध सुवनेवसुधेयस्यवेतुय 45 अग्निमुद्यहोतारमवणीतायंग्यजमा, नपचन्पनीऽपचन्पुरोडाशम्बध्नन्निन्र्द्रायवयोधसेच्छागम् // सू पस्त्थाऽअद्यदेवोवनस्पतिरभवदिन्द्रायवयोधसेच्छागेन // अघुत। For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir म्मैदस्तप्प्रतिपचुताग्यजीदवीवृधत्पुरोडाशैन // त्वामुद्यऽषे 46 MERI4 इतिसंहितायांऽअष्टाविशोऽध्यायः२८समिद्धोअंजनेकाद शयदकंदखयोदशसमिद्धोअधद्वादशकेतुंकण्वंश्चतुर्विशतिश्चत्वारःष ष्टिः॥ समिद्धोऽअञ्जन् // समिद्धोऽभुञ्जन्कदरम्मतीनाङ्घतम॑ग्नेमधु मत्पिन्चमान // बाजीबहाजिनातवेदोदेवानांवक्षिप्पियमा / सधस्थम् 1 घुतेनाञ्जन्॥घुतेनाअन्त्सम्पथोवुयानान्मजानन्त्रा ज्यप्प्यतुदेवान् // अनुत्वासप्प्लेप्पदिश सचन्तास्वधामस्म्मैय जमानायधेहि 2 ईड्यश्च // ईड्युश्चासिवन्द्यश्चवाजिन्नाशुश्चासि 17 मेळ्यश्चसप्ते॥ अमिष्ट्रदेिवैर्वसुभिइसुजोषांढप्पीतंबन्हिबहतुजात / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वैदा 3 स्तीम्बर्हि : सुष्टरीमाजुषाणोरुपृथुप्पथमानम्पृथिव्या म् // देवेभिर्युक्तमदितिसुजोषाहस्स्योनण्वानासुवितैदधातु 4 एताऽउँवः // सुभगांविश्वरूपाविपक्षोभिः श्रयमाणाऽउदातें ष्ष्वाश्सुतीकुवषुशुम्भमानाद्वारोदेवीसुप्पायुणाभवंतु 5 अन्त रामित्रावरुणा॥ अन्तुरामित्रावरुणाचरन्तीमुर्खय्यज्ञानामभिसंधि दाने // उषाविासुहिरण्येसुशिल्प्पेऽऋतस्युयोनाविहादया मि 6 प्रथमावाम् // प्रथमावासरथिनासुवर्णादेवीपश्यन्तीभुवना निविश्वा // अपिंप्रयुञ्चोदनावाम्मिमानाहोताराज्योति दि शादिशम्ता 7 आदित्यैनः॥ आदित्यैनों भारतीबष्टुयज्ञसरस्वती For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir सहरुदैन्न आवीत् // इडोपंहूतावसुभिसुजोयज्ञन्नौदेवीरमृतेषुध त्त ८त्वष्टावीरम्॥ त्वष्टावीरन्देवकांमजतानुत्वष्टुरवाजायत आशु रव // त्वष्टेदंविश्वम्भुवनअजानबहो कुरिमिहयक्षिहोत६९ // अश्वौघुतेनुत्मन्न्यासमक्ऽउपदेवाः ॥ऽऋतुशपार्थ एतु॥वनस्प्प / तिर्देवलोकम्प्रजानन्नुमिनाहयास्वदितानिवक्षत् 10 प्रजापतुस्त / पसा॥ वावृधानसुद्योजातोदधिषेयज्ञमग्ने // स्वाहाकतेनहविषा / पुरोगायाहिंसाद्ध्याहविरदन्तुदेवा 11 [11] यदन्दः // प्रथ मजायमानऽउयन्समुद्रादुतवापुरीषात् // श्येनस्यपक्षाहरिणस्यबा | 48 हूऽउपस्तुत्यम्महिंजातन्तेऽअर्वन् 12 युमे दत्तम् // युमे दत्तन्त्रित For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir एनमायुनगिन्द्रऽएणम्प्रथमोऽअद्ध्यतिष्ठत् // गुन्धर्वोऽअस्यरश नामंगृष्णात्सूरादश्ववसवोनिरंतष्ट 13 असियुमः // असियुमो अयादित्योऽअर्धनसिवितोगुयेन तेनं // असिसोमेनसमयादि / त आहुस्तुत्रीणिदिविबन्धनानि 14 त्रीणिते // त्रीणितऽआहु। दिविबन्धनानित्रीण्यप्रसुत्रीण्यंतासमुद्दे // उतेवमेवरुणश्छन्त्स्या न्यत्रांतऽआहुपरम नित्रम् 15 इमातेवाजिन्नवमार्जनानीमाश फानासनितुर्निधाना // अत्रांते द्वारशुनाऽअपश्यमुतस्ययाऽ भिरक्षन्तिगोपा 16 आत्मानन्ते // आत्मानन्तेमनसारादजानाम वोदिवापुतयन्तम्पतुङ्गम् // शिरोऽअपश्यथिभिः सुगेभिररेणुभिजे / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir हमानम्पतुत्रि 17 अत्रांते॥रूपमुत्तुमर्मपश्युजिगीषमाणमिषऽआ पदेगो॥ युदातेमौऽअनुभोगमानुडादिवसिष्ठ ओषधीरजीगढ़ 18 अनुत्वा॥ अनुत्वारोऽअनुमोऽअर्बुन्ननुगावोनुभगःकुनीनाम् // अनुवातासुस्तवसुक्ख्यमयुर देवाममिरेवीय॑न्ते 19 हिर॑ण्ण्य शुगोयः॥ हिरण्यशुङ्गोयोऽअस्युपादामनौजवाऽअवर इन्द्रआसी त् // देवाऽइदस्यहविरद्यमायुन्योऽअवन्तम्प्रथमोऽअद्धयतिष्ठत् 20 इन्तिासुसिलिकमद्ध्यमासः // ईन्तिासुसिलिकमद्धयमा सासम्शूरणासोदिव्यासोऽअत्या’॥ हसाऽईवश्श्रेणिशोयतन्तेय दाक्षिषुर्दुिव्यमज्म्ममण्ण्वाः२१तवशरीरम् // तवशरीरम्पतयुिष्ष्ण्व / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobairthorg Acharya Shri Kailassagarsun Gyarmandie 外地地势影聲光影。 数熱熱熱熱熱熱恐形容院学琴路整點整 वन्तवचित्तंबातऽइवुद्रीमान् // तशृङ्गाणिविष्टितापुरुषारण्येषु जर्भुराणाचरन्ति 22 उपप्प॥ उपप्पागाच्छसनंबाज्यदेिवगी। चामनसादीद्ध्यान // अजपुरोनीयतेनाभिरस्यानुपश्चात्कुवयों। यन्तिरेभा 23 उपप्प॥ उपप्पागात्परमव्यत्सुधस्त्थमर्वा ॥ऽअ च्छापितरम्मातरञ्च // अद्यादेवाअष्टतमोहिगुम्म्याऽअथाशस्तेिदा शुषेवायणि 24 [13] समिद्रोऽअद्य // मनुषोदुरोणेदेवोदेवा / न्यजसिजातवेदः // आचुबहमित्रमहश्चिकुित्वान्त्वन्दूत कुविर / प्रचेता 25 तनूनपात्पथः // तनपात्पुथऽऋतस्युयानान्महास / मुअन्त्स्वदयासुजित // मन्मानिधीभिरुतयुज्ञमुन्धदेवुत्राचकृणुय For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. ************************************************** हरन्ने 26 नराशसस्यमहिमानम् // नराशसंस्थमहिमानमेषा मुपस्तोषामयजुतस्य॑युऔ॥ येसुऋतवुशुचयोधियुन्धास्वदन्ति / देवाऽभयांनिहत्या 27 आजुबान ईड्यः॥ आजुबान ईड्यो / न्युश्चार्यायग्नेवसुभिडसुजोषाः // त्वन्देवानामसियत्वहोतासऽएता न्यक्षीषितोयजीयान२८प्राचीनम्बुर्हि प्रदिशापृथिव्यावस्तौरस्या ज्यतेऽअग्ग्रेऽअन्हांम् ॥युप्पथतेवितुरंधरीयोदेवेन्योऽअदितये स्योनम 29 व्यर्चस्वतीसर्विया // विश्रयन्ताम्पतियोनजनयु शुम्भमाना // देवींद्वारोबृहतीविश्वमिन्वादेवेभ्योभवतसुप्पायु णा:३० आसुष्ष्वयन्ती // यजुतेऽउपाकेउषासानक्तांसदतान्नि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir योनौं।दिव्येयोषणेबृहतीसुरुक्मेऽअधुिश्श्रिर्य शुऋपिशुन्दाने दैत्याहोतारा // प्प्रथमासुवाचामिमानायज्ञम्मनुषोयज॑द्धयै॥ प्रचो / दयन्ताविदथेषुकारूप्प्राचीनोतिःप्पदिशादिशन्ता 32 आनः॥ आनोयज्ञम्आरतीतूयमेत्विामनुष्ष्वदिहचेतयन्ती // तिस्रोदेवीई हिरेदस्योन सरस्वतीस्वपंससदन्तु 33 याडमे // द्यावापृथिवी / जनित्रीरुपैरपिशुद्भवनानिविश्वा // तमुद्यौतरिषितोयजीया || देवन्त्वष्टारमिहयक्षिविद्वान्३४ उपाव॑सृजुत्मन्न्या॥ समुञ्जन्देवाना। म्पार्थऋतुथाहुवीजर्षि // वनस्पति शमितादेवोऽअमिश्स्वदन्तुह / यम्मधुनाघुतेनं 35 सद्योजातः // सुयोजातोयमिमीतयुज्ञमुमि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir ************** हुँवानामभवत्पुरोगाः // अस्यहोर्तुःप्पदिश्यतस्य॑वाचिस्वाहाकत उ.अ 50 हविरदन्तुदेवाः ३६[१२केतुङ्कण्वन्॥केतुङ्कण्वन्नंकेतवेपेशीमा 29 Sअपेशसै // समुषद्भिरजायथा 37 जीमूतस्येवभवति // जीमूत स्येवभवतिप्प्रतीकुंठयगुम्मीयातिसमदामुपस्त्थे // अनाविद्धयात बाजयुत्व सत्वावम॑णोमहिमापिपर्तु 38 धन्वनागा // धन्त्र नागाधन्वनाजिजयेमुधन्वनातीवाश्सुमदोजयेम // धनुशत्रौरप कामणोतिधन्वनासर्वाप्पदिशौजयेम 39 वक्ष्यन्तीवेत् ॥वक्ष्य / / न्तीवेदागनीगन्तिकणम्प्रिय 6 सखायम्परिषस्वजाना // योव शिक्षेवितुताधिधन्यज्याऽइयसमैनेपारय॑न्ती 40 ते आचरन्ती॥ e *AAREEkt For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir तेऽआचरन्तीसमवयोषीमातेवपुत्रम्बिभृतामुपस्त्थे // अपुशव विद्ध्यतासंविदाने आत्नीऽहमविष्प्पुरन्तोऽअमित्रान् 41 ब। बीनाम्पिता॥ बहुरस्यपुत्रश्चिश्च्चारणोतिसमैनावगत्यंइषुधि सङ्घा पृतनाचुसा पुष्टेनिनोजयतिप्प्रसूत 42 रथेतिष्ठन् ॥र थेतिष्ठन्नयतिवाजिनःपुरोययत्रकामयतेसुषारथिः // अभीडूंना महिमानम्पनायतुमन:पुश्चाद यच्छन्तिरश्म्मय:४३ तीब्रान्यो / पान् // तीवान्योपान्ण्ण्व तेवृषपाणुयोश्वारभिः सहबाजय न्त // अवाम॑न्तुप्प्रपंदैरमित्रानिक्षुणन्तुिश→१॥रनपव्ययन्तः 4 रथुवाहणाहविः // रथुवाहणाहुविरस्युनामुयत्रायुधुनिहितम || For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. स्युवम॑ // तवारथमुप॑शुग्म संदेमविश्वाहाव्य सुमनुस्यमानाउ.अ 5245 स्वादुषसद पितरः // स्वादुषसद पितरौबयोधाकछेभित्र 29 तःशक्तीवन्तोगभीरा॥ चित्रसेनाऽइघुबलाऽअम॒द्रासुतोवीराऽउर वौबातसाहा : 46 ब्राहमणासुपितरः // बाहमणासुपितर सो म्यासाशिवेनोद्यावापृथिवीऽअनेहसा // पूषान पातुरिताहता। धोरक्षामाकिनॊऽअघसिऽईशत 47 सुपर्णवस्ते // मुगोऽअस्या दन्तोगोभिसन्नद्धापततिप्प्रसूता॥ यत्रानर सञ्चविचंद्रवन्तितत्रा स्म्मम्युमिषवुशर्मयम्सन 48 ऋजीतेपरि // वृजिनोमाभव तुनस्तनू // सोमोऽअधिववीतुनोदिति शर्मयच्छतु ४९आजङ्घ ********************* * * ** ***** *** For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir न्ति // आजवन्तुिसान्वैषा घनाई ॥ऽउपजिग्नते // अवाज निप्पचैतुसोश्वान्त्सुमत्सुचोदय 50 अहिरिवोगैश्पर्धेतिबाहु ज्यााहेतिम्परिवाधमानः // हुस्तुग्नोविश्वाड्युनानिविद्वान्पुमा पुमासुम्परिपातुविश्वतः५१वनस्प्पतेबोङ्गः // वनस्प्पतेबीड़। लोहियाऽअस्म्मत्संखाप्पतरणसुवीरः // गोभिसन्नद्धोऽआसि| बीडयस्वास्थातातेजयतुजेत्वानि 52 दिवापृथिव्याः // दिवा थिव्या पर्योजऽउद्भूतंबनस्प्पर्तिमन्यांपर्याभूत सहः॥ अपामो जम्मानुम्परिगोभिरावतुमिन्द्रस्युबब्रम्हविषारथंग्यज 53 इन्द्र। स्युवज्जः // इन्द्रस्युवज्जोमुरुतामनीकंमित्रस्युगओवरुणस्युना। For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir // सेमान्नौहव्यदातिञ्जुषाणोदेवरथुप्रतिघ्याभाय 54 उप श्वासय // पृथिवीमुतद्याम्पुरुत्रातैमनुतांधिष्ठितुञ्जगत् // सदुन्दुभे सजूरिन्द्रेणदेवै राहवीयोऽअपसेधुशत्रून् 55 आन्दय // आनं न्दयुबलुमोजोन आधानिष्ट्रनिहिदुरिताबाधमान // अपप्पोथट्ठ न्दुदुच्छनाऽइतऽइन्द्रस्यमुष्टिरसिबीडयंस्त्र 56 आमू // आमूर। जप्प्रत्यावर्तयेमाकेतुमद्दुन्दुभिर्वावदीति // समश्श्वपर्णाश्चरन्ति / नोनरोस्म्माकमिन्द्रथिनौजयन्तु 57 आग्नेयाष्ष्णग्रीवः॥सा रस्वतीमेषिअनुसौम्म्यापौष्ष्णश्यामर्शितिपुष्टोबर्हिस्प्पत्यः // 53 शिल्प्पोवैश्वदेवऽऐन्द्रोरुणोमारुतकुल्म्माषऽऐन्द्रामसहितोधो / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalassagarsuri Gyanmandir रामसावित्रीबारुण कृष्ष्ण एकशितिपात्पेत्व 58 अग्नयेनीकव / / ते // अमयेनीकवतेरोहिताजिरनुदानधोरांमौसावित्रीपोष्ष्णौरजु | तनाभीवैश्वदेवौपिशङ्गौतूपुरौमारुत : कुल्म्माषऽआग्नेय कुष्ष्णो जासारस्वतीमेषीबारुणपत्व' 59 अग्नयैगायुवाय // विवतेराथ / न्तरायाष्टाकपालु ऽ इन्द्रायत्रैष्टुंभायपञ्चदशायुवाहतायैकादशकपा लोविश्वेभ्योदेवेश्योजागतेश्य सप्तदशेन्यौवरूपेभ्योहाद शकपालोमित्रावरुणाझ्यामानुष्टुभानयामेकविशाक्यांवराजा क्याम्पयुस्याबृहस्प्पतयेपाडायत्रिणुवायशाक्करायचुरु : संवित्र | औष्णिहायत्रयस्विशायरैवतायवादशकपालॅप्पाजापुत्यश्चुरु For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir www.kobatirth.org उ.अ. रदित्यैविष्ष्णुपत्नत्यैचुरुरग्नयैवैश्वानरायुद्वादशकपालोनुमत्याऽ टाकपाल७६०२४॥४॥ इतिसंहितापाठेएकोनविंशोऽध्यायः 29 / देवसवितःषट्तपसेकौलाल षोडशद्वौद्वाविशतिः // देवसविता देवसवितुप्प्रसुवयुज्ञम्प्रसुवयुज्ञपतिम्भगाय // दिव्योगन्धर्वकैत / पूरकेतन पुनातुबाचस्प्पतिर्वाचनःस्वदतु 1 तत्सवितुः // तत्स वितुर्वरेण्यम्भग्गादेवस्य धीमहि॥धियोयोन:प्प्रचोदयातविश्वा निदेव // सवित?रितानुिपरसुव // यद्भवन्तन्नु आसुव 3 विभुक्ता रव्हिवामहे॥ विभुक्तारहिवामहेवौश्चुित्रस्युराधसः // सवितार 54 नुचक्षसम् 4 ब्रह्मणेब्राहमणम् // ब्रहमणेब्राहमणमवार्यराजुन्य For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir म्मुरुड्योवैश्यन्तप॑सेशूद्वन्तमसेतस्करन्नारकार्यवीरहणम्पाप्मनेली | वाऋयायोऽअयोगूङ्कामायपुच्चुलूमतिऋष्टायमागुधम् 5 नुत्तार्य सूतम् // नुत्तायसूतङ्गीतार्यशैलुषन्धयिसभाचुरन्नुरिष्ठयिनीमल नायरेक्षम्हसायकॉरिमानन्दायस्त्रीषुखम्प्रमर्दै कुमारीपुत्रम्मेधा यैरथकारन्धैर्यायुतक्षाणम् ६[६]तसेकौलालम् // तपसेको लालम्मायायैकाररूपायमणिकार शुभेवपशव्यायाऽइषु / कारहेत्यैधनुष्क्वारङ्कर्मणेज्याकारन्दुिष्टायरज्जुसर्ज़म्मुत्यवैमृगयु मन्तकायश्वनिनम् 7 नदीमय पौञ्जिष्ठम् // नदीजन्य पौञ्जिष्टम् क्षीकाम्योनैषादम्पुरुषव्याग्घायंदुमदगन्धर्वाप्प्सुरोन्योब्रात्य॑म्प्र For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandit उ.अ. 蔡禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁於路恐杂杂杂杂杂共 युग्णयऽउन्मत्त सर्पदेवजुनेक्योप्प्रतिपदुमयेश्य कितुवमीयं |तायाऽअकितवम्पिशाचेक्योविदलकारांच्यातुधानेजयडकण्टकी| कारीम् 8 सुन्धयैजारम् // सुन्धयेजारङ्गेहायोपपुतिमात्र्यैपरिवि त्तनित्यैपरिविविदानमराध्याऽएदिधिषुपतिनिष्कृत्यैपेशकारी संज्ञानायस्म्मरकारीम्कामोद्यायोपुसदंबर्णायानुरुधुम्बलायो पदाम् 9 उत्सादेक्य कुजम् // उत्सादेनय कुजम्प्रमुदेवा मुन न्वायंत्रामस्वायान्धर्मधर्मायबधिरम्पवित्रायशिषजम्प्रज्ञा नायनक्षत्रदर्शमाशिक्षायैप्पश्निनमुपशिक्षायोऽअभिप्पभिननम्म Uदायैप्प्रश्नविवाकम् 10 अम्मैजयोहस्तुिपम् // अम्मैश्यो For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyarmandir * *********** हस्तिपञ्जवापिम्पुष्टगोपालंबाठायाविपालन्तेजंसेजया लमिरयिकीनाशङ्कीलालायसुराकारम्भद्रायगृहप श्रेयसेवित्तव माध्यक्ष्यायानुक्षुत्तारम् 11 भायैदा_हारम् // भादाबाहारम् / भायाऽअग्न्येधम्बनस्यविष्टपायाभिषेक्तारंवर्षिष्ठायनाकायपरिखे। टारन्देवलोकार्यपेशितारम्मनुष्ष्यलोकायप्प्रकरितार 6 सबैभयो लोकेभय उपसेक्तारमवऽऋत्यैबधाोपमन्थुितारम्मेधीयवासपा ल्प्पूलीम्प्रकामायरजयित्रीम 12 क्रुतयेस्तेनहृदयम् // क्रुतयेस्तै / नहृदयंवरैहत्यायपिशुनंबिवित्यक्षुत्तारमीपंद्रष्ट्यायानुक्षुत्तारम्ब लोयानुचरम्भुम्नेपरिष्ष्कुन्दम्प्रियायप्पियवादिनुमरिष्ट्याऽअश्व ** ** ** * # # For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir सादस्वग्र्यलोकार्यभागदुघंवर्षिष्ठायनाकायपरिवेष्टारम् 13 मा न्यवैयस्तापम् // मन्यवैयस्तापोधायनिसुरंथ्योगायोक्तार शो 30 कायाभिमुर्तारतमायविमोक्तारमत्कूलनिकूलेअभ्यविष्टि-वपुषमा | नस्कृतशीलायांजनीकारीनित्यैकोशकारीप्यमायासम् 14 यु मार्ययमुसूम् // युमार्ययमसमथर्बुज्योतोकासंवत्सरायपा यिणीम्परिवत्सुरायाविजातामिदावत्सुरायातीत्वरीमिद्वत्सुरायांति कवरींवत्सुरायुविजर्जरासंवत्सुरायुपलिक्कीमुभुस्योंजिनसुन्ध साक्ष्येभ्यश्चम॒म्नम् 15 सरोक्योधैवरम् // सरोक्योधैवुरमु। 56 पुस्त्थावराभ्योदार्शवैशुन्तायोबैन्दनडलायुशौष्कम्पारायमा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ग्रमवारायकेवर्तन्तीर्थेभयऽआन्दंविषमेश्योमैनालस्वनेभ्यः पर्णकुङ्गाझ्यु किरांतु सार्नुभयोजम्भकुम्पावतेभ्यः किम्पू रुषम् 16 बीभुत्सायैपौल्कुसम्॥बीभुत्सायपोल्कुसंवणीयहि रण्यकारन्तुलायैवाणिजम्पश्चादोषायग्लाविनविश्वैश्योभूते | स्य : सिध्धमुलम्भूत्यैजागरणमभूत्यैस्वपुनमायैजनवादिनव्य घ्याऽअपगुल्असशुरायप्पछिदम् 17 अक्षराजायकितवम् // अक्षराजायकितुवकृतायांदिनवदुर्शन्तायैकल्प्पिनन्द्वापर्रायाधि कल्प्पिनमारङ्कन्दार्यसभास्त्थाणुम्मुत्यवेगोव्युच्छमन्तकायगोपा तङ्खधेयोगाविकुन्तन्तुम्भिक्षमाणऽउपुतिष्ठतिदुष्कुतायुचरकाचार्य 路路路路路路路容路行於带聲帶容營幣帶路帶路帶塔答答答答答答答答答答答答蒂蒂 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पाप्मनसैलगम् 18 प्रतिश्श्रुत्कायाऽअर्तनम् // प्रतिश्श्रुत्काउ.अ. याऽअतुनकोषायभुषमायबहुवादिनमनन्तायमूक 6 शब्दायाड 30 म्बराघातम्महसेवीणावादकोशायतूणवुध्ध्ममवरस्प्परायशष्टमंच | नायवनपमुन्यतौरण्यायदावपम् 19 नायपुंश्चलूम् // नायं पुंश्चलू 7 हसायुकारिय्यादसेशाबल्याामण्यङ्गणकमभिक्रोशक न्तान्महंसेवीणावादम्पाणिग्नन्तूंणवुध्धमन्तानुत्तायांनन्दायतलुव || म 20 अग्नयेपीवानम् // अग्नयुपीवानम्पृथिव्यैपीठसुप्पिणवाय वैचाण्डालगन्तरिक्षायबशनर्ति दिवेखलुति सूर्यायहर्वक्षन्नक्ष 57 श्याकिम्मिरञ्चन्द्रमसेकिलासुमन्हेशुक्लम्पिङ्गाक्ष 6 राज्यकृष्ष्ण || For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir म्पिङ्गाक्षम् 21 अथैतान् ॥अथैतानुष्टाविरूपानाल तेतिदीर्घश्चा तिन्हस्वञ्चातिस्त्थूलञ्चातिकशुञ्चातिशुक्लञ्चातिकृष्ष्णुञ्चातिकुल्ल ञ्चातिलोमशञ्च // अशूद्राऽअब्राहमणास्तेप्पाजापत्या: // मागुधः पुश्चलीकितुवाक्लीबोशूद्राऽअब्राहमणास्तेप्प्राजापत्या: 22 [16] इतिसंहितापाठेविंशत्तमोऽध्यायः३० सहस्रशीषोडशायःसंशतः षटूबौद्वाविशतिः॥ सहस्रशीर्षापुरुषः // सहस्राक्ष सुहस्रपात् // स भूमिसुर्वतस्प्पुत्वात्यतिष्ठद्दशाङ्गलम् 1 पुरुषऽएव // पुरुषएवेदस / यद्भूतंव्यच्चमात्यम् // उतामृतुत्वस्येशानीयदन्ननातिरोहति 2 // तावानस्य // महिमातोज्यायाचपूरुषः॥ पादौस्युविश्वा तानि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. उ.अ. *課外黑點點點點點點然然然然然然然然然然然然然然然點點點點點點 त्रिपादस्यामृतन्दिवि 3 त्रिपादुई // विपाईऽउदैत्पुरुषत्पादौस्ये हाभवत्पुनः॥ ततोविष्वङ्यकामत्साशनानशुनेऽअभि४ तौखि राट् // ततौबिराडजायतबिराजोऽअधिपूरुप // सजातोऽअत्यरि यतपुश्चाद्भमिमीपुर: 5 तस्माद्यज्ञात् // तस्माधुज्ञात्सङ्घहुतब्स म्तम्पृषदाज्यम् // पYस्ताँचकेवायुयानारण्याग्याम्म्याश्चये तस्म्मािज्ञात् // तस्माद्यज्ञात्सर्बहुतऽऋचं सामानिजज्ञिरे // छन्दा सिजज्ञिरतरम्माद्यजुस्तस्मादजायत 7 तम्मादश्वाः // त / स्म्मादश्वाऽअजायन्तयेकेचौ यादतः // गावोहजज्ञिरेतस्म्मात्त सम्माज्जाताऽअंजावयः 8 तंव्यज्ञम् // तंव्यज्ञम्बुर्हिषिप्पोक्षुन्पुरुष For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir *-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-* आतमंग्यतः॥ते देवाऽअयजन्तसाद्धयाऽऋषयश्चये९यत्पुरुषम् // यत्पुरुषव्यदधुकतिधायकल्प्पयन् // मुखुमिस्स्यासीत्किम्बाहू किमूरूपादाऽउच्यते 10 ब्राहमणोस्स्य // ब्राहमणोस्स्युमुखमासी हाहूराजन्यः कुतः // कुरुतदस्युयद्वैश्यः पुयाशूद्रोऽअजायत 11 चन्द्रमामनसः // चन्द्रमामनसोजातश्चक्षोडसूर्योऽअजायत // श्रोत्राहायुश्चप्राणश्चमुखांदग्निरजायत 12 नाभ्योऽआसीत्॥ नायोऽआसीदन्तरिक्ष शीर्णोद्यौसमवर्तत॥पुझ्याम्भूमिर्दिशः श्रोत्रात्तालोका॥ऽअंकल्प्पयन् 13 यत्पुरुषेण // हविषादेवा यज्ञमन्वित // सन्तोरस्यासीदाज्यशीष्म्मऽइमाशुरझुविः 14 -*-*-*-*-*-*-*-*-* For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. सप्तास्स्यासन् // सुप्तास्स्यासन्परिधयुखि सुप्तसुमिर्ध कुता // देवायाज्ञन्तन्वानाऽअर्बभुन्पुरुषम्पशुम् 15 युज्ञेनयुज्ञम् // यज्ञेना 31 यज्ञमयजन्तदेवास्तानिधर्माणिप्प्रथमान्यांसन् // तेहुनाकम्महि / मान सचन्तयत्रपूर्वसाध्याश्सन्तिदेवाः 16 [16] अयसम्म त॥ पृथिव्यैरसांचविश्वकर्मणुङसमवर्तुताग् // तस्स्यत्वष्टावि दधद्रूपमैतितन्मयस्स्यदेवत्वमाजानमग्नै 17 वेदाहम् // वेदाहमे / तम्पुरुषम्महान्तमादित्यवर्णन्तमसरूपुरस्तात् // तमेवविदित्वाति मृत्युमतिनान्यपन्था विद्युतेयनाय 18 प्रजापतिश्चरति // पूजा 59 पतिश्चरतिगोअन्तरजायमानोबहुधाबिजायते // तस्युयोनिम्प For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobabirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir रिपश्यन्तिधीरास्तम्मिन्हतस्त्थुर्भुवनानिविश्वा१९योदेवेन्यः in योदेवेश्यऽआतपतियोदेवानाम्पुरोहितः // पूर्वायोदेवेन्यौजा तोनौरुचायुब्राहमये 20 रुचम्बाहमम् // रुचम्बाहम नयन्तो देवाऽअग्ग्रेतदब्रुवन् // यस्त्वैवम्बाहमणोविद्यात्तस्य॑देवाऽअसुन्नरों 21 श्रीश्च // श्रीश्चंतेलक्ष्मीश्चपत्न्यावहोरात्रेपानक्षेत्राणि रूपमुश्श्विनौठ्यात्तम् ॥इष्ष्णनिषाणामुम्मऽइषाणसर्वलोकम्मऽइ पाण२२६॥२॥इतिसंहितायांएकत्रिंशोऽध्यायः३१तदेवसप्तवेनस्त / नवद्वौषोडश // तदेव // तदेवाग्निस्तदादित्यस्तद्वायुस्तदुचन्द्रमाः // तदेवशुऋन्तमुताऽआपुत्सप्पुजापति 1 सबैनिमेषाः // सबैनि For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir संहि. / मेषाजज्ञिरेविद्युत पुरुषादधि // नैनमूहन्नतिर्यञ्चन्नमद्धोपरिज / ग्यात् 2 नतस्स्यं ॥प्रतिमाऽअस्तुियस्युनाममुहद्यशः॥ हिरण्य गर्भऽइत्येषमामांहि सीदित्येपायसम्मानजातऽइत्येष: 3 एषोह। देवप्पदिशोनुस पूर्बोहंजातसऽउगो अन्तः // सऽएवजात / सर्जनिष्प्यर्माणप्प्रत्यङनास्तिष्ठतिसर्वतोमुख 4 यस्म्र्माजातम।। यस्म्माज्जातनपुराकिञ्चनैवय आवश्र्वनानिविश्वा // प्रजा पतिप्पुजयासराणस्वीणिज्योती पिसचसोडशी 5 येन / द्यौः // येनयोरुग्यापृथिवीचढायेनुस्वस्तभितंय्येनुनाकः // यो अन्तरिक्षेरजसोविमानकस्म्मैदेवायहविषाविधेम 6 यङन्दसी॥ 蒂蒂落落落落落等等等等容容容器部落客帶路路路路容容辭答答答聲帶带等部海 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir बन्दसीऽअवसातस्तानेऽअन्यक्षताम्मनसारजमाने॥ यत्राधि सूरऽउदितोविभातिकसम्मैदेवायहविविधेम // आपोहबहुतीयं श्चिदापः 7 [7] वेनस्तत्॥ वनस्तत्पश्युन्निहितुङ्गहासंघवधि प्रश्वम्भवत्येकनीडम्॥तस्मिन्निदसञ्चुबिचैतिस सऽओतुप्पो तश्चविभूमजासु 8 प्रतत् // प्रतद्वौचेदमृतुन्नुविद्वान्गन्धर्वाधाम विभृतङ्गहासत् // त्रीणिपुदानिनिहितागुहारस्युयस्तानिवेदसपितुः पितासत 9 सनः // सनोबन्धुर्जनितासबिधाताधामानिवेदश्वना निविश्वा ॥यत्रदेवाऽअमृतमानशुनास्तुतीयुधामन्नुद्ध्यैरयन्त१० पुरीत्यंभूतानि // पुरीत्यलोकान्पुरीत्युसा'प्पदिशोदिशश्च // उ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir संहि. पस्त्थायप्प्रथमुजामुतस्स्यात्क्मनात्मानमुभिसंविषेश 11 परि / उ.अ. द्यावापृथिवी // सुद्याइत्वापरलोकान्परिदिशुपरिस्स्व // अत: 32 स्थतन्तुविततंबित्युतदंपश्यत्तदभवत्तदासीत् 12 सदसुस्प्पतिम्॥ सदसुस्प्पतिमद्भूतम्मियमिन्द्रस्यकाम्म्यम् // सनिम्मेधामयासिषु स्वाहा 13 याम्मेधाम् ॥याम्मेधान्दैवगुणापितरचोपासते॥ तयामामुद्यमेधयानैमेधाविनङ्कस्वाहा 14 मेधाम्मै // मेधाम्मेव रुणोददातुमेधामुग्निप्प्रजापतिः // मेधामिन्द्रश्चबायुश्चमेधान्धा ताददातुमेस्वाहा 15 इदम्मै॥इदम्मेब्रह्मचक्षुत्रञ्चो श्रियमश्नु ताम्॥मर्यिदेवादधतुश्श्रियमुत्तमांत्तस्यैतुस्स्वाहा १६९॥२॥इति For Private and Personal Use Only
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________________ Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org संहितायांद्वात्रिंशोऽध्यायः 32 अस्याजरासःसप्तदशापश्चित्द्वादश विश्वाट्चतुर्दशप्रवावृजएकादशप्रवायुप्रवीरयापंचदशकावानखयो / दशसप्तसप्तनवतिः // अस्स्याजरांस॥ अस्स्याजरांसोदमामुरि / वोऽअर्चद्धमासोऽअग्नयः पावुका // रिश्वतीचयः श्वावासोंभुर ण्यवौवनुर्षदोबायवोनसोमा 1 हरयोधूमकेतव // हरयोधूमके तोवातजूताऽउपद्यवि // यतन्तेबृथगुमर्यः 2 यजाना॥ यजानो। मित्रावरुणायजादेवाः // तम्बुहत् // अग्नेयक्षुिस्स्वन्दमम् 3 यु। युक्क्ष्वाहि // देवहूतमा॥ऽअश्वा ॥ऽअग्नेस्थीरिव // निहोतो पूर्व्य:संद६४ देविरूपे // चरतस्वत्थै अन्यान्यांबुत्समुपंधापयेते॥ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir हरिरन्यस्याम्भवतिस्वधाञ्छुित्रोऽअन्न्यस्यन्दिदृशेसुवर्ची ५श तम् 1700 अयमिह // प्रथमोधायिधातृभिहोतायजिष्ठोऽअहुरे प्ष्वीड्यः // यमर्मवानोभृर्गवोविरुरुचुर्वनैषुचित्रविअवविशेविशे 6 वीणिशुता // त्रीसहस्राण्युमिशिचदेवानवचासपर्यन् // औ क्षन्धुतैरस्त॒णन्बुहिरेस्म्मा आदिद्धोतारन्यसादयन्त 7 मु‘नन्दि / वः // मू‘नन्दिवोऽअतिम्पृथिव्यावैश्वानुरमुतऽआजातमुग्निम् / // कविसम्माजमतिथुिञ्जनानामासन्नापात्रअनयन्तदेवाः 8 अ मिव॒त्राणि // जङ्घनद्रविणस्युर्विपुन्यया // समिद्धाशुऋ आहुतः 62 9 विश्वेभिःसोम्म्यम्॥विश्वेभिसोम्म्यम्माऽइन्द्रेणवायुना | 於非於带於路路路路路基路路路路批發聲聲聲聲帶路路路路路#### For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalassagarsus Gyanmandir पिवामित्रस्युधामभिः 10 आयत् // आयदिषेनुपतिन्तेजुआन चिरतोनिर्षिक्लुन्द्यौरभीकै // अग्निशर्द्धमनवयंव्युनिस्वाक्ष्य अनयत्सूदर्यच्च 11 अग्नेश // महुतेसौभंगायतर्वद्युम्नान्युत्तुमा / निसन्तु // सस्पत्यसुयममाणुष्ष्वशत्रूयतामुभितिष्ठामहां सि 12 त्वाहि // मुन्द्रतमम+शोकैववुमहेमहिनश्रोष्यने / इन्द्रन्नत्वाशर्वसादेवताबायुम्घृणन्तुिराधसान्तमा 13 त्वेऽअंग्ने॥ स्वातप्पियास सन्तुसूर्यः // युन्तारोयेमुघवानोजनानामुर्बान्द यन्तुगोनाम् 14 श्रुधिश्श्रुत्कण // श्रुधि श्रुत्कर्णबन्हिभिवर मेसुयाभिः // आसीदन्तुबुर्हिषिमित्रोऽअर्युमाप्पातुर्वािणो For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अहुरम् 15 विश्वेषामदितिः // विश्वेषामदितिय॒ज्ञियानांधि उ.अ. 63 श्वेषामतिथिमानुषाणाम् // अग्निदेवानाम आवृणानसुमृडी 33 कोभवतुजातवैदा 16 मुहोऽअग्ने // समिधानस्युशमण्यनागा मित्रेवरुणेस्वस्तये॥श्रेष्ठस्यामसवितुश्सवीमनितद्देवानामवोऽअद्या। वृणीमहे 17 [17] आप॑श्चित् // आपश्चित्पिप्पुस्तुर्योनगावो / नक्षन्नुतरितारस्त इन्द्र // याहिबायुर्ननियुतौनोऽअच्छात्वहिधी / भियंसेविवाान 18 गावऽउप // गावऽउपौवतावृतम्महीयुज्ञ स्यरप्प्सुदा // उभाकण्णीहिरण्यया 19 यदुध // सूर उदितेनांगा। मित्रोऽअर्युमा // सुवातिसविताभगः२० आसुतेसिञ्चतुश्श्रिय For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रोदस्योरशिश्रियम् // रसादधीतवृषाम् // तम्प्रत्नथायवेन 21 आतिष्ठन्तुम्परिं // आतिष्ठन्तुम्परिविश्वेऽअभूषञ्छ्यिोवसांनश्च रतिस्वरोचिः॥ महतद्दष्ष्णोऽअसुरस्युनामाविश्वरूपोऽअमृतानि तस्थौ 22 प्रव’ प्रवोमुहेमन्दमानायान्धसोचविश्वानराय विश्वाभुवै // इन्द्रस्युयस्यसुमखुसहोमहिश्श्रवानुम्म्णञ्चरोदसी सपर्यतः 23 बुहनित् // बुहनिध्ध्मिऽएषाम्भूरिशुस्तम्पृथुस्व / // येषामिन्द्रोयुवासा 24 इन्देहि।इन्द्रेहिमत्स्यन्धसोविश्व निस्सोमपर्वभिः // मुहाई // अभिष्टिरोजसा २५इन्द्रौबुवम् // इ न्द्रोबुत्रमवृणोछर्द्धनीतिप्प्रमायिनाममिनावप्पणीति॥ अहुन्न्य For Private and Personal Use Only
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________________ San Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir सहि 3 种数些點點點點點點點點點點點點點點點點點點熱熱熱熱熱點點點點點點點點點點 समुशधुग्ग्वनेष्ष्वाविनाअकृणोद्दाम्याणाम् 26 कुतस्त्वम् // कृतस्त्वमिन्द्रुमाहिंनुसन्नेकौयासिसत्पतेकिन्तऽइत्था // सम्पछसे || समराणशूभानवोंचेस्तन्नौहरिवोयत्तेऽअस्म्मे // मुहाई ॥ऽइन्द्रोय ओजसाकुदाचुनस्तुरीरंसिकदाचनप्प्रयुछसि 27 आतत्तऽइन्द्रा यवःपनन्ताभियऽर्बङ्गोमन्तुन्तिर्तृत्सान् // सुकुत्स्वय्येपुरुपुत्राम्म हीसुहस्रधाराम्बृहतीन्दुक्षन 28 इमान्त // इमान्तुधियुम्प्रभैरे महोमहीमुस्यस्तोत्रधिषणायत्तऽआनुजे // तमुत्सुवेचप्रसुवेचसा सहिमिन्द्रन्देवासुदेशव॑सामन्ननु 29 [12] विनाङहत् // वि नाडहत्पिबतुसोम्म्यम्महायुधंद्युज्ञप॑तावविहुतम् // वातजूतो For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir www.kobatirth.org जोऽअभिरक्षतित्वमाप्मजापुपोषपुरुधाविराजति३० उदुत्यम्॥ उदुत्यातवेदसन्देवंर्वहन्तिकेतवः॥ दुशेविश्वायसूर्यम् 31 थे। नापावक // येनोपावकुचक्षसाभुरण्यन्तुञ्जना ॥अनुं // त्वंबर णपश्यसि 32 दैत्यावद्दर्य // दैव्यावद्दयुंऽआगंतुरथेनुसूय॑त्व चा॥ महायज्ञसमाथे॥ तम्प्रत्कथायवेनश्चित्रन्देवानाम् 33 आनः॥ आनाइडाभिर्बुिदर्थेसुशस्तिविश्वानरसवितादेव एंतु // अपियायुवानोमत्सथानोविश्वजगदभिपित्वेमनीषा 34 यद छ / कच्चंवृत्रहन्नुदगाऽअभिसूर्य // सर्बुन्तदिन्द्रतेबरों 35 तुरणि / विश्वदर्शतः // तुरणिविश्वदर्शतोज्योतिष्कदसिसूर्य॥ विश्व For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उ.अ. मानासिरोचनम् 36 तत्सूर्यस्य // देवत्वन्तन्महित्वम्मुद्ध्याकतों विति सभार // युदेदर्युक्तहरित सुधस्त्थादादात्रीवासंस्तनुतेसि / / मम्मै 37 तन्मुित्रस्य // तन्मित्रस्युबरुणस्याभिचक्षेसूर्योरूप हूणुतुयोरुपस्थे // अनन्तमुन्न्यद्रुशंदस्यपार्ज कुष्ष्णमुन्न्यद्धरितः || सम्भरन्ति 38 बण्णमहान् // बण्ण्मुहाई // ऽअसिसूर्युबडादित्यम हा ॥ऽसि // मुहस्तेसुतोमहिमापनस्यतुद्धादेवमुहाई ॥ऽअसि ३९वयं श्रवसामुहाई ॥ऽअसिसुत्रादेवमुहाई ॥ऽअसि // मुन्हा / देवानामसुर्यःपुरोहितोबि ज्योतिरदाभयम् 40 श्राय॑न्त इवस र्यम् // श्रायन्तऽइवुसूयविश्वेदिन्द्रस्यभक्षत // वसूनिजातेजन / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir मानुऽओजेसाप्प्रतिभागनदीधिम 41 अद्यादेवा // अद्यादेवा Misउदितासूर्यस्युनिरहसपिपुतानिवद्यात् // तनौमित्रोवरुणोमा महन्तामदिति सिन्धु पृथिवीऽउतद्यौः 42 आकृष्ष्णेन // आकु ष्ष्णेनुरजेसावर्त्तमानोनिवेशयन्नमृतम्मर्त्यञ्च॥ हिरण्ययनसविता रथेनादेवोतिभुवनानिपश्यन् 43 [14] प्रावृजे // सुप्पयाब। हिरेषामाविश्प्पतीत्वीरिंट्ऽइयाते ॥विशामुक्तोरुषसम्पूर्वहूतौवायुः / पूषास्वस्तयनियुत्वान् 44 इन्द्रवायूबृहस्प्पतिम्॥इन्द्रवायूवृहस्प्प तिम्मित्राग्निम्पूषणम्भगम् // आदित्यान्मारुतङ्गणम् 45 वरुणः प्पाविता // अवन्मित्रोविश्वाभिरूतिभिमाकरतानासुराधसः४६ 特許許幹幹幹幹幹聲聲等蒂蒂禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁染非禁地 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अधिनः // अधिनऽइन्द्रैषांविष्ष्णौसजात्यानाम् // इतामरुतोऽअ विश्वना // तम्प्र॒त्नथायवेनोयेदेवासुऽआनुऽइडाभिर्विश्वेभिसो म्यम्मद्दोमांसश्चर्षणीधृत 47 अग्नुऽइन्द्र // वरुणुमित्रुदेवाश प्प्रयन्तुमास्तोतविष्ष्णो // उभानासत्यारुद्रोऽअंधुग्मा पूषाभ गुडसरस्वतीजुषन्त 48 इन्द्राग्नीमित्रावरुणा // इन्द्राग्नीमित्रावरु / णादिति स्व:पृथिवीन्द्याम्मुरुतपर्वता // अपः // हुवेविष्ण्णुम्पू षणुम्बहमणुस्प्पतिम्भगुन्नुशर्ससवितारमूतये 49 अस्म्मेरुद्राशा अस्म्मेरुद्रामेहनापर्वतासोबृहत्येभरहूतौसुजोषाः // यशसतेस्तु / वतेधायिपुज्ज इन्द्रज्येष्ठाऽअस्म्मा // अवन्तुदे॒वाः 50 अर्वाञ्चौ 若希於於幹幹幹幹幹部於市容於於治器治密路路路路路路路路路路路幣杂## For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अद्य // अर्वाञ्चौऽअद्याभवतायजत्राऽआवोहाभिय॑मानोव्ययेय म् // वाहनोदेवानिजुरोवृकस्युत्राईकर्तादेवपदौयजत्राः 51 वि / Pilaवेऽअद्य // मुरुतोविश्वऽकृतीविश्वभवन्त्व॒ग्नयुद्धसमिद्धाावि वनोदेवाअवसागमन्तुविश्वमस्तुद्रविणंबाजोऽअस्म्मे 52 वि || श्वेदेवाः // शृणुतेमहव॑म्मेयेऽअन्तरिक्षयऽउपद्यविष्ठ॥येऽअग्नि जिबाऽउतवायजत्राऽआसद्यस्म्मिन्बुर्हिर्षिमादयहम्५३देवेन्यो हि // प्रथमंत्र्यज्ञिय॑क्योमृतत्व सुवसिआगमुत्तमम् // आदिहा मानसवितुर्व्यर्णषेनूचीनाजीवितामानुषेश्य 54 [11] प्रवा युम् // प्रवायुमछाबृहुतीमनीषाबुहयिविश्वरि थुप्पाम् // द्या For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 32 तामानियुतऽपत्य॑मानकुविकविमियक्षसिप्पयज्यो 55 इन्द्र वायूऽइमे // सुताऽउपुप्प्रोभिरागतम् // इन्दवोवामुशन्तिहि 56] मित्राहुवे // पूतदक्षंबरुणञ्चरिशादसम् // धियङ्घताची साधन्ता ५७दस्रायुवाकवासुतानासत्याबुक्तर्हिषः॥औयातरुद्रवर्तनी॥ तम्प्रत्नथायवेन:५८विदद्यदि॥ विदादीसुरमारुगणमद्रुम्महिपाथः / पूर्व्यसुध्यक्तः ॥अग्यनयत्सुपाक्षराणामारवम्प्रथमाजानुतीगा त् 59 नहिस्प्पर्शम् // नहिस्प्पशुमविदन्नन्न्यमुम्माद्वैश्वानरात्रं रएतारमने // एमैनमवृधन्नमृताऽअमत्र्यवैश्वानरलैवजित्यायदे वा 60 उग्याविधुनिना // उग्याबिघुनिनामृधइन्द्राग्नीहवामहे // For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तानौमृडातऽईट 61 उपस्म्मैि // गायतानरपव॑मानायेन्दवे // भिदेवा // ऽइयक्षते 62 येत्वा // हिहत्येमघवन्नवर्द्धन्येशाम्बरेह / / रिवोयेगविष्टौ // येत्वानूनमनुमदन्तुिधिप्प्रापिबैन्द्रसोमुसर्गणो | मरुद्भिः 63 जनिष्ठाऽउग्य // सहसेतुरायमुन्द्रऽओजिष्ठोबहुलाभि मानः // अवर्द्धन्निन्दम्मुरुतंश्चिदमातायवीरन्दधनद्धनिष्ठा 64 आतु॥ आतनंऽइन्द्रवृत्रहन्नुम्माकमुर्द्धमार्गहि // महान्महीभिरू तिभिः 65 त्वमिन्द्र // त्वमिन्द्रप्पतूर्तिष्ष्वभिविश्वाऽअसिस्प // अशस्तुिहाजनिताविश्वतूरसित्वन्तूंर्यतरुष्ष्यत 66 / नुते // अनुतेशुष्म्मन्तुरय॑न्तमीयतुक्षोणीशिशुन्नमातरी // विश्वा 常常背著於茶茶#茶就發覺非常落落落落落於治教路公於汝於容許此 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि.स्तेस्पृधश्नथयन्तमुन्यवृत्रंथ्यदिन्द्रतूसि 67 युज्ञोदेवानाम् // उ.अ. यज्ञोदेवानाम्प्रत्यतिसुम्नमादित्यासोभवतामृड्यन्तः // आवोर्वा | चीसुमतिवृत्याद होश्चिद्यावरिवोवित्तुरासत् 68 अर्दध्वेभिल्स वित ॥पायुभिष्टशिवेभिरापरिपाहिनीगर्यम् // हिरण्यजिबासु। वितायुनत्यसुरक्षामाकिनॊऽअघसऽईशत ६९[१५]प्रवीरया / // शुचयोदविरेवामदुर्युभिर्मधुमन्तब्सुतासः॥ बहबायोनियुतो यायापिवासुतस्यान्धसोमदाय 70 गावुऽउप // गावऽउपाव / तावृतम्मुहीयज्ञस्यरप्प्सुदा // उभाक)हिरण्यया 71 काययोरा 68 जानेषु // काययोराजानेषुऋत्वादक्षस्यदुरोणे॥रिशादसासुधस्त्थ / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyarmandir sआ 72 दैव्यावद्दयूं // दैव्यावद्दयूंऽआर्गरथेनुसूय॑त्वचा॥ महायज्ञ समाथे // तम्प्रत्कथायवेनः 73 तिरश्चीनोविर्ततः // तिरश्चीनोविर्ततोरश्मिमरेषामुदाविदासी 3 दुपरिस्विदासी ३त्॥ रतोधाऽआसन्महिमान आसन्त्स्वधाऽअवस्तात्पयति पुरस्तात्॥ 74 आरोद॑सी // अपृणदास्वर्मुहज्जातंय्यदैनमुपसोऽअधारयन् // सोऽअडरायपरिणीयतेकविरत्योनवाजसातयेचनौहित 75 उ प्ष्क्वेभित्रहन्तमा // उष्ष्क्वेभिवहन्तमायामन्दानाचिदागिरा // आपैरावि सतङ 76 उपना // सूनवोगिरःशुण्ण्वन्त्व॒मृतस्युये॥ सुमूडीकाभवन्तुन 77 ब्राणिमे ॥मतयुदशसुतासुद्धशुष्म्मऽइ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. यर्तिप्प तोमेऽअदि // आसितेप्पतिहव॑न्त्युष्ष्क्केमाहरीबहता उ.अ. स्तानोऽअछ 78 अनुत्तुमाते // मघवुनकिर्नुनत्वावा // ऽअस्ति |33 देवताधिदान // नजायमानोनशतेनजातोयानिकरिष्ष्यारणुहि / प्प्रवृद्ध 79 तदित् // तदिदासभुवनेषुज्ज्येष्टुंग्यतौजुज्ञऽउग्रस्त्वेषन म्ण ॥सुद्योज॑ज्ञानोनिरिणातिशत्रूननुयंविश्वमदन्त्यूमा 80 / / माऽउत्वा / पुरूवसोगिरौबर्द्धन्तुवामम // पावकवर्णाशुचयोति / पश्चितोभिस्तोमैरनूषत 81 यस्यायम् // यस्यायंविश्व आव्यों दास शेवधिपाऽरि // तिरश्चिदर्येरुशमेपवीरवितुझ्येत्सोऽ६९ ज्ज्यतेयिः 82 अयम्सुहस्रम् // अयम्सुहस्रमृर्षिशिसहस्कृतास For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुद्रऽईवपप्पथे // सुत्यसोऽअस्यमहिमागृणेशवायुज्ञेषुविप्प्रराज्ये 83 अदब्धेभिसवितः // पायुभिष्टशिवेभिरद्यपरिपाहिनोगय॑म् / // हिरण्यजिवासुवितायुनन्यसुरक्षामाकिनोऽअघम्स ईशत 84 15] आनः॥ आनोयुज्ञन्दिविस्पृशंबायौाहिसुमन्मभिः॥ अ न्त पवित्र उपरिश्श्रीणानीय शुनोऽअयामिते 85 इन्वायूसुस दृशा // सुहवेहवामहे // यानुस ऽइज्जनौनमीवसुङ्गमैसुमना / अर्सत् 86 ज्ञधगित्था॥समय॑ःशशुमेदेवता॑तये॥ योनूनम्मित्राव / रुणावृभिष्टय आचकेहयदातये८७ आयातम् ॥आर्यातमुपभूषत / म्मई-पिवतमश्विना॥ दुग्धम्पयोवृषणाजेन्न्पवसमानौमद्धिष्टमा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyarmandir 熟路恐點點點整整器恐然然然然然然然然然然際然然然路路路路路路路路路路基於 गतम्८८ पैतु॥ प्रैतुब्रह्मणस्पतिप्प्रदेव्येतुसूनृता॥अछाहीरनयं म्पतिरोधसन्देवायज्ञन्नयन्तुन 89 चन्द्रमाऽअप्प्सु // चन्द्रमाऽअ प्स्वन्तराखंपुर्णोधावतेदिवि // रयिम्पिशम्बहुलम्पुरुस्पृहहरिरे तिकनिऋदत् 90 देवन्दैवव // देवन्दैवंबोवसेदेवन्देवमभिष्टये॥ देव न्दैव हुवेमुवाजसातयेगुणन्तौदेव्याधिया९१ दिविपुष्टः // दिविपुष्टो |अरोचताग्निर्वैश्वानरोबृहन् ॥क्ष्मयांवृधानऽओजसाचनौहितो ज्योतिषाबाधतेतमः९२इन्दाग्नीऽअपात्॥इन्द्राग्नीऽअपादियम्पूर्वा | गोत्पवतीया हित्वीशिरौजियाबादच्चरत्रिशत्पदान्यक्रमीत 93 देवासोहिष्म्मा॥ मनवेसमन्यवोविश्वसाकसरातयः // तेनौ 7. For Private and Persons Use only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir |ऽअद्यतेऽअपुरन्तुचेतुनोभवन्तुवरिवोविदः९४अाधमत्॥अधि। मदभिशस्तीरशस्तुिहाथेन्द्रौद्युम्न्याभवत् // देवास्तऽइन्द्रसुक्ख्याय मिरेबृहद्रानोमरुद्गण 95 प्रवः॥ प्रबुऽइन्ध्यबृहुतेमरुतोब्रांच त // बुबहिनतिवृत्रुहाशुतऋतुर्वणशतपर्वणा 96 अस्येत् // अ स्येदिन्द्रौवावृधेवृष्ष्ण्यु शवोमदेसुतस्युविष्ष्णवि // अद्यातमस्य / महिमानमायवोनुष्टुवन्तिपूर्वथा // इमाऽउत्वायस्यायमय सुहस्र / मूईऽषुणः 97 [13] इतिसंहितापाठेत्रयस्त्रिंशोऽध्यायः 33 यज्जाग्रतःपंचनद्यःसोमोधेनुमाकृष्ष्णेनपूर्फतवदशकानतदष्टौषडष्टा पंचाशत् // यज्जाग्यंत ॥यजाग्रतोदूरमुदैतिदेवन्तदुसुप्तस्यतथैव / / 产养的举着步步登步带於茶养於影帝影影影影影影對外步步紧带整卷柴带带带 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ति // दूरङ्गमज्योतिषाज्योतिरेकुन्तन्मेमन शिवसङ्कल्प्पमस्तु१ये / 77 नकम्माणि // येनुकआण्ण्युपसौमनीषिणों // यज्ञकुण्वन्तिविदथे / 34 धीरा॥ यदपूर्वठ्यक्षमन्तप्प्रजानान्तन्मेमन:शिवसङ्कल्प्पमस्तु / 2 यत्प्रज्ञानम् // यत्प्रज्ञानमुतचेतोधृतिश्चयज्योतिरन्तरमृतम्मना / सु // यस्म्मान्नऽऋतेकिञ्चनकम्मक्रियतेतन्मेमन शिवसङ्कल्प्पम / स्तु 3 येनेदम् // येनेदम्भूतम्भुवनम्भविष्ष्यत्परिगृहीतममृतेनुस / म् // ये यज्ञस्तायतैसुप्तहोतातन्मेमनः शिवसङ्कल्प्पमस्तु 4 य / रिम्मुन्नृचः // यस्म्मिन्नृचसामयजूषियस्म्मिन्प्रतिष्टितारथना भाविवारा // यस्मिंश्चित सर्चमोतम्प्रजानान्तन्मेमनःशिवसङ्क For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandit ल्प्पमस्तु५सुषारथिरश्वानिव॥सुषारथिरश्वानिवुयन्मनुष्ष्या ननीयतेभीशुभिर्वाजिन इव // हुत्प्रतिष्टुन्य्यदंजिरअविष्ठन्तन्मम न:शिवसङ्कल्प्पमस्तु 6 पितुनु / स्तोषम्मुहोधुर्माणुन्तविषीम् // यस्यत्रितोयोजसाबुत्रंबिपर्वमईयत् 7 अन्धित् // अन्विदनुमते त्वम्मन्न्यासैशञ्चनस्कृधि // कत्वदायनोहिनुप्प्रणुऽआयू७षिता रिष 8 शतम् 1800 अनुन // अनुनोद्यानुमतिय॑ज्ञन्देवेषुम न्यताम् // अग्निश्चयुवाहनोभवतन्दाशुषेमय ' 9 सिनीवालि पृथुटुके // सिनीवालिपृथुष्टुकेयादेवानामसिस्वा // जुषस्वहृत्य माहृतम्प्रजान्दैविदिडिन 10[10] पञ्चनद्यः॥पञ्चनद्यःसरस्व For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir A. तीमपियन्तुिसस्रोतसः // सरस्वतीतुर्पञ्चधासोदेशेभवत्सरित् 11 // त्वमग्ने // प्रथमोऽअङ्गिराऽऋर्षिर्डवोदेवानामभवाशिव सखा // त वचतेकुवयौविद्मनापुसोजायन्तमरुतोश्नादृष्टय 12 त्वन्नः॥ त्वन्नोऽअग्रेतर्वदेवपायुभिमघोनौरक्षतुन्वृश्चवन्ध॥ त्रातातोकस्य तनयुगामुस्यनिमेषरक्षमाणुस्तववते 13 उत्तानायामवं // भरा चिकित्वान्सुयप्प्रवीतावृषणअजान // अरुषस्तूंपोरु दस्युपाज / ऽइडायास्प्पुत्रोवयुनेजनिष्ट 14 इडायास्त्वा // पुदेवयन्नामाथि / याऽआधि // जातवेदोनिधीमुत्यनेहव्यायुबोवे 15 प्रमन्महे ॥श 72 वसानायशूषाङ्गपङ्गिबणसेऽअङ्गिरस्वत् // सुवुक्तिभिस्तुवुतऽ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagersuri Gyanmandir ग्मियायार्चामाकन्नरेविश्रुताय 16 प्रवः // प्रोमुहेमहिनाभर धमाङ्गष्ष्यशिवसानायुसाम // येनानुपूर्वपितर पदज्ञाऽअर्धन्तो / अङ्गिरसोगाऽअविन्दन् 17 इछन्तित्वा // सोम्म्यासुसखायासु / न्वन्तुिसोमन्दधतिप्पयासि // तितिक्षन्तेऽअभिशस्तुिअनानामि / न्द्रत्वदाकञ्चनहिप्पंकेत: 18 नते // दूरेपरमाचिद्वजास्यातुप्प याहिहरिवोहरिभ्याम् // स्त्थुिरायवृष्ष्णेसर्वनाकुतेमायुक्ताग्यावा णसमिधानेऽअग्नौ१९अपांढंट्युत्सु॥ पृतनासुपस्विर्षामुप्प्सां जनस्यगोपाम् // भरेषुजासुक्षितिसुश्रवसुञ्जय॑न्तुन्वामनुम दमसोम 20 [10] सोमोधेनुम् // सोमोधुनुसोमोऽअन्तमा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उ.अ. शुल्सोमोबीरङ्कर्मण्यन्ददाति // सादन्यंविदत्थ्यसभेयम्पितुश्रव 73 णग्योददाशदस्म्मै 21 त्वमिमाशावमिमाऽओषधीसोमविश्वा 34 स्त्वमुपोऽअंजनयुस्त्वङ्गाः // त्वमानैतन्योईन्तरिक्षन्त्वज्योतिपाधि तमौववर्थ 22 देवेनन // देवेननोमनसादेवसोमरायोभागसंहसा / वनभियुक्ष्य // मात्वातनदीशिषेत्वीय॑स्योभयेभ्युप्पचिकित्सा / गर्विष्टौ 23 अष्टौबि॥अष्टौड्यख्यत्कुकु पृथिव्यास्त्रीधन्युयोज नासुप्प्तसिन्धून् // हिरण्याक्षसवितादेवऽआगाइधुत्नौदाशुषेवा याणि 24 हिरण्यपाणि सविता // विचर्षणिसुभेद्यावापृथिवीऽ७३ न्तरियते // अपामीवाम्बाधतेवेतिसूर्यमुभिकृष्ष्णेनुरजसाद्याम For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir ****** णोति 25 हिर॑ण्यहस्तोऽअसुरः // सुनीथासुमृडीक स्वायात्वर्वा | ङ्॥ अपसेधवक्षसोयातुधानानस्त्यावश्प्रतिदोषङ्गणानः 26 थे / ते॥ येतेपन्थाङसवितत्पूर्व्यासोरणवुद्धसुरताऽअन्तरिक्षे // तेभिन्नों |ऽअद्यपथिभिःसुगेभीरक्षाचनोऽअधिचब्रूहिदेव २७उभावितम्॥ उआपिबतमश्विनोभानुशर्मवछतम् // अविडियाभिरूतिभिः / / 28 अद्मस्वतीमश्विना // अनंस्वतीमश्विनावाचमुरम्मकृतन्नों दस्रावृषणामनीषाम् // अयत्येवंसेनि_येवांबुधेचनोभवतुंबाज॑सा तौ 29 धुभिरक्तुभिः // द्युभिरक्तुभिपरिपातमुस्म्मानरिष्टेभिर विश्वनासौगोभिः // तन्नोमित्रोवरुणोमामहन्तामदिति सिन्धुः 2*2222222220****************** *22*2* 2 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir पृथिवीऽउतद्यौः 30 [१०]आकृष्ष्णेन // रज॑सावर्तमानोनिवेश यन्नमृतुम्मर्त्यञ्च // हिरण्ययेनसवितारथेनादेवीयांतिभुवनानिपश्य न 31 आरात्रि // पार्थिवरजपितुरप्पायिधामभिः // दिवस दार्शसिंबृहतीवितिष्ट्रसुऽआन्वेषवर्ततेतमः 32 उपस्तत् // उपुस्त चित्रमाऔरास्म्मभ्यं वाजिनीवति // येनतोकञ्चतनयञ्चधामहे३३ पातरग्निम् // प्रातरग्निम्प्रातरिन्द्रव्हिवामहेप्प्रातर्मित्रावरुणाप्पातर विश्वना // प्रातर्भगम्पूषणुम्ब्रहमणस्प्पतिम्प्रातःसोममुतरुद्रहुंचे। म 34 प्रातर्जितम्भगम् // प्रातुर्जितम्भगमुग्यहुवेमव्यम्पुत्रमदि योबिधुर्ता // आद्रश्चिद्यम्मन्यमानस्तुरश्चिद्रााचियम्भग For Private and Personal Use Only
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________________ Acharya Shri Kailassagersuri Gyarmandir - www.kobabirth.org म्भुक्षीत्याह 35 भगुप्प्रणेतः // अगुप्प्रणेतुर्भगुसत्यराधोभगेमा न्धियुमुदवाददन्नः // अगुप्पनौजनयुगोझिरवे गुप्पनृभिव तःस्याम 36 उतेदानिम् // उतेदानिम्भगवन्तस्यामोतप्पपुित्व उतमद्धये अन्हाम् // उतोदितामघवन्त्सूर्यस्यव्यन्देवानासुम तौस्याम 37 अगऽएव // भगवाऽअस्तुदेवास्तेनव्यम्भगवन्तः स्याम // तन्त्वाभगुसर्वऽइज्जोहवीतुसनौभगपुरऽएताभवेह 38 स / / मंडराय // समंडरायोषसोनमन्तदधिक्रावैवशुचयेपदार्य ॥आर्वा चीनबसुविदम्भगीरथमिवावाबाजिन आवहन्तु 39 अश्वा वतीग्र्गोमती // अश्वावतीग्र्गोमतीनऽउषासौवीरवतीसदंमुछ For Private and Personal Use Only *-*-*-*-*-*-*-*-*-**-*-***-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-** *********** Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
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________________ San Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir न्तुभुद्राः॥ घुतन्दुहानाविश्वतप्पपीतायूयंपातस्तुस्ति िसदान 75 40 [10] पूषन्तव // तेव्यन्नरिष्ष्यमकदाचन // स्तोतारस्त 34 हस्म॑सि 41 पुथस्प्पथपरिपतिम् // पुथस्प्पथ परिपतवच स्याकामैनकृतोऽअन्यानडुकम् // सनौरासछुरुधश्चन्दाग्याधि यन्धिय सीषधातिप्पपूषा 42 त्रीणिपुदाविचक्रमेविष्ष्णुग्र्गोपा sअदाक्यः // अतीधर्माणिधारयन् 43 तद्विप्पास // तट्विप्रा सोविपन्यवौजागुवासुसमिन्धते // विष्ष्णोर्यत्परमम्पदम् 44 घृतवतीभुवनानाम् // घुतवती वनानामनिश्श्रियोज्पुथ्वीमधुदु 75 सुपेशंसा // द्यावापृथिवीवरुणस्युधर्मणाविष्कभितेऽअजरेपूर ###热禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁於 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir रतसा 45 येन सुपत्काऽअपुतेभवन्त्विन्द्राग्निश्यामबाधामहे तान् // वसवोरुद्राऽआदित्याऽउपरिस्पृशम्मोग्यश्चेत्तारमधिराजम ऋन् 46 आनासत्या // त्रिभिरैकादशैरिहदेवेभिर्यातम्मधुपेयम श्विना॥ प्रायुस्तारिष्टुनीरपासिमक्षतुसेधतुन्द्वेषोभवतसचा भुवा 47 एषवः॥ एषवस्तोमोमरुतांडयङ्गीम्मादाय॑स्यमान्यस्य / कारो॥ एषायासीष्टतुन्वेव्यांविद्यामपंबुजनजीरदानुम् 48 सुह स्तोमाइसहछन्दसः॥ सुहस्तौमाउसुहछन्दसऽआवृत सुहप्प्रमाऽक यसुप्तदेव्याः // पूर्वेषाम्पन्थामनुदृश्युधीराऽअन्बालेभिरेरथ्यो नरश्म्मीन् 49 आयुष्ष्यंवर्चुस्यम् // आयुष्प्यंब स्ययस्प्पो For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Sherilassagarsur Gyanmandit संहि. पुमौद्रिदम् // इदहिर॑ण्यवर्चस्वजैत्रायाविशतादुमाम् 50 नतत् // उ.अ. 76 नतद्रक्षासिनपिशाचास्तरन्तिदेवानामोज प्रथमुजोतत्॥यो 34 विभर्तिदाक्षायण 6 हिरण्युसदेवेषुश्णुतेदीर्घमायुक्समनुष्ष्येषुक णुतेदीर्घमायुः 51 यदाबंधन // यदावनन्दाक्षायुणाहिरण्यक्ष शतानीकायसुमनुस्यमांना // तन्मऽआबध्नामिशतशारदायायु म्मा रदष्टियथासम् 52 उतन: // उतनोहिर्बुध्न्य शृणोत्वज एकपात्पृथिवीसमुद्रः // विश्वेदेवाऽतावृधोहुवानास्तुतामन्त्रा कविशुस्ताऽअवन्तु 53 इमागिरः॥ इमागिर्रऽआदित्यैन्यौघुत स्नूसनाद्वाज॑भ्योजुबाजुहोमि // शुणोतुमित्रोऽअर्युमाभगौन | 那些路基路路路路路路路路路基於祭然然然然然然然樂於禁然是怒怒怒點 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir स्तुविजातीवरुणोदक्षोऽअश’ 54 सुप्तऽऋषयः // सुप्तऽऋषयः / / प्प्रतिहिता शरीरेसप्प्तरक्षन्तिसदमप्प्रमादम् // सुप्तापुःस्वप॑तोलो। कीयुस्तत्रजागृतोऽअस्वप्मजौसत्रुसदौंचदेवौ 55 उत्तिष्ठब्रह्मण स्प्पतेदेवयन्तस्त्वेमहे // उपप्पयन्तुमुरुत सुदानवुऽइन्द्रप्पाशूभवा सचा 56 प्रनूनम् // प्रनूनम्बह्मणस्प्पतिर्मन्बंबदत्त्युत्थ्यम् // य रिम्मुनिन्द्रोवरुणोमित्रोऽअर्घमादेवाऽओकासिचक्रिरे 57 ब / हमणस्प्पते // ब्रहमणस्प्पतृत्वमुस्ययुन्तासूक्तस्य॑बोधितनयञ्चजि व // विश्वन्तद्रुद्रंय्यदवन्तिदेवाबृहदेमविदथै सुवीरा // यऽइमा। विश्वाविश्वकर्मायोन:पितानपतेन्नस्यनोदेहि ५८[१८]इति For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir संहितापाठेचतुर्विंशोऽध्यायः 34 अपेतोदशापाचंद्वादशद्वौदावि 77 शतिः // अपेतः // अपेतोयन्तुषणयोसुम्नादेवपीयवः // अस्य 35 लोकासुतावतायुभिरहोभिरक्तुभिर्युक्तंव्युमोददात्वत्सानमरम्मै / 1 सविताते // सुवितातुशरीरेजयपृथिव्याल्लोकमिछतु // तस्म्मैं| युज्यन्तामुखिया 2 बायुपुनातु // सविताऍनात्वग्ने जसासू / / यस्युवर्चसा // विभुच्यन्तामुत्रिया’ 3 अश्वत्थेवः // अश्व त्थेवोनिषद॑नम्पुणेवौवसुतिष्कृता // गोभाजुइकिलासथुयत्थ्स नवथपूरुषम् 4 सवितात // शरीराणिमातुरुपस्त्थु आवपतु॥ त स्म्मैपृथिविशम्भव 5 प्रजापतौत्वा ॥देवायामुपोदकेलोकेनिदधा 77 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir म्यसौ // अपनशोशुचघम् 6 परस्मृत्यो // परस्मृत्योऽअनुपरे हिपन्थांय्यस्तै अन्य इतरोदेवयानात् // चक्षुष्म्मतेशृण्वतेतैब्रवी मिमान:प्पुजारीरिषोमोतबीरान् 7 शंबातुः // शहितेघृणुिश न्तभवन्त्विष्टका // शन्तभवन्त्वग्नयुपार्थिवासोमात्वाभिशूशुचन् / Mil8 कल्प्पन्तान्ते // दिशुस्तुयुमापःशिवतमास्तुभ्यम्भवन्तुसि न्धवः // अन्तरिक्ष शिवन्तुझ्यङ्कल्प्पन्तान्तृदिशासर्वाः 9 अ मन्त्रतीरीयतेसभडमुतिष्ठतुप्पतरतासखायः // अाजहीमो शिवायेऽअसञ्छिवान्वयमुत्तरेमाभिवाजान् 10 [10] अपा घम् // अपाघमपुकिल्बिषमपंकृत्यामपोरपः॥अपामार्गत्वमुस्म्म For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobairthorg Acharya Shei Kailassagarsur Gyanmandir उ.अ. दर्पदुष्वप्न्यसुव 11 सुमिवियानः // सुमित्रियान आपुॐ 78 षधयःसन्तुदुम्मित्रियास्तस्म्मैसन्तुयोस्म्मान्द्वेष्टियञ्चव्यन्दुिष्म्म 35 12 अनुवाहमुन्न्वारेभामहेसौरभेयस्वस्तये // सनऽइन्द्रऽइवदेवे क्योबन्हिःसन्तारणोभव 13 उड्ढयम् // उद्यन्तमंसुस्प्परिस्वः / पश्यन्तुऽउत्तरम् // देवन्दैवत्रासूर्यमगन्मज्योतिरुत्तमम् 14 इम जीवेश्यः॥ परिधिन्दधामिमैपानगादपरोऽअर्थमेतत् ॥शुतजी वन्तुशरद पुरुचीरन्तम्म॒त्युन्दधताम्पर्वतेन 15 अग्नऽआयूपि / // पवसुऽआसुवोर्जुमिर्षञ्चन // आरेबोधस्वदुछुनाम् 16 आयु प्म्मानग्मे // हविर्षावृधानोघुतप्प्रतीकोघेतयोनिरेधि॥घुतम्पीत्वा / 78 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मधुचारुगड्यंम्पितेवपुत्रमुभिरक्षतादिमान्थ्स्वाहाँ 17 परीमे॥गा मनपतपर्युमिमषत // देवेष्वक्रतुश्श्रवकऽहमाँ 2 // आदधष| ति 18 व्यादमुमिम् // यादमुग्निम्प्रहिणोमिदूरंयमुराज्यङ्ग छतुरिप्प्रवाहः // इहैवायमितरोजातवेदादेवेभ्योहव्यंबहतुप्प्रजा नन् 19 वह पाम् // बहवपातिवेदपितृश्योयनान्वेत्थुनिहि। तान्पराके // मेदसडकुल्याऽउपतान्थ्स्रवन्तुसत्याऽएषामाशिषुस / नमतास्वाहा 20 स्योनापृथिवि // नोभवानक्षुरानिवेशनी ॥य छानुशर्मसुप्पाः // अपनशोशुचयम् 21 अस्म्मात्वम् // स्म्मात्वमधिजातोसित्वदयआयताम्पुनः॥ असौस्वर्गायोकाय For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir www.kobatirth.org उ. अ. स्वाहा 22 [12] इतिसंहितापाठेपञ्चत्रिशोऽध्यायः 35 ऋचं वाषोडशद्यौःशांतिरष्टोद्वौचतुर्विशतिः 36 ऋचुंबाचम् // ऋचं वाचुम्प्रपद्येमनोयजुड़प्प्रपद्येसामप्प्राणम्प्रपद्येचक्षुःश्रोत्रुम्प्रपंधे॥वा गोज-सुहौजोमयिप्पाणापानौ 1 यन्मे // छिद्रश्चक्षुषोहदयस्युम नसोबातितृणम्बृहस्प्पतिम्मतधातु // शन्नोभवतुभुवनस्युयस्प्प / तिः 2 भूर्भुवः // भूर्भुवस्वः // तत्सवितुर्वरेण्यम्भादेवस्य धीमहि // धियोयोन प्रचोदयात् 3 कयानः ॥कानश्चित्र आ भुवदूतीसुदाधसा ॥कयाशचिंष्टयावृता 4 कस्त्वा // सुत्योम 79 दानाम्माहिष्टोमत्थ्सुदन्धसः // टुढाचिदारुजेवसु 5 अभीषणः॥ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सखीनामविता रितुणाम् // शुतम्भवास्यूतिभिः 6 कयात्वम् // कयात्वन कृत्याभिप्प्रमन्दसेवृषन् // कयोस्तोतन्य आभर 7 इ न्द्रोविश्वस्य ॥राजति // शन्नोऽअस्तुविपदेशश्चतुष्प्पदे 8 शनों मित्रशंवरुण शन्नौ भवत्वर्युमा // शन्न इन्द्रोबृहस्पतिःशनोवि ष्णुरुरुकुम 9 शन्नोबातः // पवताशनस्तपतुसूयः / शन्न कनिकददेवपुर्जन्योऽअभिवर्षतु 10 अहानिशम् // अानिशम्भ वन्तुनःशरात्रीप्प्रतिधीयताम् ॥शन इन्द्राग्नीभवतामोशिश न इन्द्रावरुणारातहव्या ॥शन इन्द्रापूषणाबाजसातौशमिन्द्रासो मासुवितायुशय्योः 11 शन्नः॥ शन्नौदेवीरभिष्ट्रय आपोभवन्तु 子节举步步非茶外形特张张都会带来张券等非常柴柴柴柴柴举非常非常柴柴 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir संहि.पीतये // शंश्योरभिस्रवन्तुन 12 स्योनापृथिवि // नोभवानृक्ष रानिवेशनी // यछानुशर्मसुप्पा१३ आपोहि॥ष्ठामयोभुवस्ता। नऽऊज्जेंदधातन // मुहेरणायुचक्षसे 14 योवशिवतमोरसस्तस्य / भाजयतेहनः॥ उशुतीरिवमातरः 15 तस्म्माऽअरम् // तस्म्मा अरङ्गमामवीयस्युक्षयायुजिन्वथा|आपोजुनयथाचन 16[16] धौशान्तिः // द्यौशान्तिरन्तरिक्ष शान्ति पृथिवीशान्तिरापाशा न्तिरोषधयुद्धशान्तिः // धनुस्प्पतयुद्धशान्तिर्विश्वेदेवा शान्तिब्रहम शान्तिःसर्वशान्तिःशान्तिरेवशान्तिसामाशान्तिरेधि१७ तेव्ह मामित्रस्य॑माचक्षुषासर्वाणिभूतानिसमीक्षन्ताम् // मित्रस्याहञ्चक्षु For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www kobarth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyarmandir ***** सर्वाणि तानिसमीक्षे // मित्रस्युचक्षुषासमीक्षामहे 18 हतुदृढ हमा॥ज्योतक्तसन्दृशिंजीव्यासुज्योतक्तेसुन्दृशिंजीच्यासम्१९ नम स्तेहरसेशोचिनमस्तेऽअस्त्वर्चि // अन्याँस्तेऽअम्मत्तपन्तुहे / तय-पावकोऽअम्ममय शिवोभव 20 नमस्ते // अस्तुविद्युतुन मस्तेस्तनयुित्नवे // नमस्तेभगवन्नस्तुयतुःस्वःसुमीहंसे 21 यतो यतसुमीहसेततोनोऽअभयङ्क // शन्न कुरुप्पुजाभ्योभयन्न पशु क्यः 22 सुमित्रियान // सुमित्रियान आपऽओषधयःसन्तु मित्रियास्तसम्मैसन्तुयोस्म्मान्द्वेष्टियञ्चव्यन्दुिष्म्मा 23 तच्चक्षुः तचक्षु?वहितम्पुरस्ताछुऋमुच्चरत् // पश्येमशुरद शुतजीवैमशरदः ********************************************* For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyarmandir m my शुत शृणुयामशरदःशुतम्प्रब्रवामशरदःशुतमदीनाऽस्यामशरदःशु। तम्भृयश्चशुरर्द शुतात् 24 [8] इतिसंहितायांदीर्घपाठेषट्रिशो / ऽध्यायः 36 देवस्यत्वादशयमायत्वैकादशद्वावेकविशतिः // देव / स्यत्वासवितुप्पसवेश्विनौर्बाहुनाम्पूष्ष्णोहस्ताक्याम्॥आ ददेनारिरसि 1 युञ्जतेमन // युञ्जतेमन उतयुञ्जतेधियोधिप्पावि प्पस्यबृहुतोविपश्चितः // बिहोत्रादधेवयुनाविदेकऽइन्मुहीदेवस्य / सवितु परिष्टुति 2 देवींद्यावापृथिवी // मुखस्य॑वामद्यशिरोराद्ध्या / सन्देवयजनेपृथिव्याः // मुखार्यत्वामुखस्यत्वाशीष्ष्णे 3 देव्योग / म्य // देख्यौवम्योभूतस्यप्रथमआमुखस्यवोधशिरोराद्धयासन्दे For Private and Personal Use Only
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________________ San Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir वयजनेपृथिव्याः॥ मुखार्यत्वामुखस्यत्वाशीष्णे ४शतम् 1900 इयत्यग् // इयुत्यग्ग्रेऽआसीन्मुखस्य॑तेद्यशिरोराद्ध्यासन्देवयजने / पृथिव्याः // मुखायत्वामुखस्यत्वाशीष्र्णे 5 इन्द्रस्यौजः // इन्द्र। स्यौजस्त्थमुखस्यवोद्यशिरोराद्ध्यासन्देवयजनेपृथिव्याः // मुखा / यत्वामुखस्यत्वाशीणे // मुखाय॑त्वामुखस्य॑त्वाशीणें // मुखा। यत्वामुखस्यत्वाशीणे 6 पैतु॥ब्रह्मणस्प्पतिप्प्रदेव्येतुसूनृता अछांबीरनर्यम्पङ्किधिसन्देवायज्ञन्नयन्तुनः // मुखायत्वामुख / स्यत्वाशीणे // मुखाय॑त्वामुखस्यत्वाशीष्णे // मुखार्यत्वामुख स्यत्वाशीणे 7 मुखस्यशिरः // मुखस्यशिरोसि // मुखार्यत्व / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उ.अ. मुखस्यत्वाशीणे // मुखस्युशिरोसि // मुखाय॑त्वामुखस्यत्वाशी Nणे।मुखस्यशिरोसि // मुखार्यत्वामुखस्यत्वाशीणे // मुखाय त्वामुखस्यत्वाशीणें // मुखार्यत्वामुखस्यत्वाशीष्णे // मुखार्य त्वामुखस्य॑त्वाशीणे 8 अश्वस्यत्वा // वृष्ष्णःशुकाधूपयामिदे वयजनेपृथिव्याः // मुखार्यत्वामुखस्यत्वाशीणें // अवस्य त्वावृष्ष्णःशक्काधूपयामिदेवयजनेपृथिव्याः // मुखायत्वामुखस्य त्वाशीष्ण||अश्वस्यत्वावृष्ण शुक्नाधूपयामिदेवयजनेपृथिव्या in मुखाय॑त्वामुखस्य॑त्वाशीण।मुखार्यत्वामुखस्यत्वाशीणे // मुखाय॑त्वामुखस्यत्वाशीष्र्णे // मुखाय॑त्वामुखस्यत्वाशीष्ष्णे #长书*********杂杂杂杂然若是杉杉杉於共#热热热 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir कुजवैत्वा॥साधवत्वासुक्षित्यैत्वा॥ मुखार्यत्वामुखस्यत्वाशीष्र्णे मखाय॑त्वामुखस्यत्वाशीणें // मुखाय॑त्वामुखस्यत्वाशीष्ष्णे 10 10 ] युमार्यत्वा // मुखायत्वासूर्यस्यत्वातपसे // देवस्त्वांसवि / तामद्धानक्नुपृथिव्यासुस्पृशंस्प्पाहि // अचिरसिशोचिरसुितपो | सि 11 अनाधृष्टापुरस्तात् // अनाधृष्टापुरस्तादग्नराधिपत्यु आ युम्मदापुत्रवतीदक्षिणतऽइन्द्रस्याधिपत्येप्प्रजाम्मैदा // सुखदा पश्चादेवस्य॑सवितुराधिपत्येचक्षुम्र्मेदाऽआश्श्रुतिरुत्तरतोधातुरा धिपत्येरायस्प्पोषम्मेदा॥विधृतिरुपरिष्ठाइहस्प्पतुराधिपत्यऽ ओ जोमेदाविश्वाश्योमानाष्ट्रालयस्प्पाहिमनोरश्वासि 12 स्वाहा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुरुट्टिः॥ परिणश्रीयस्वदिवासुस्पृशंस्पाहि // मधुमधुमधु 13 उ.अ. गौदेवानाम् // गौदेवानाम्पितामतीनाम्पतिःप्प्रजानाम् // स 37 न्देवोदेवेनसावित्रागंतुसम्सूर्येणरोचते 14 समुग्निः // समुग्निरनि / नांगतुसन्दैवेनसवित्रास सूर्येणारोचिष्ट ॥स्वाहासमुग्निस्तपसाग तसन्दैव्येनसचित्रास सूर्येणारूरुचत 15 धुर्तादिवः // धुर्तादिवो / विभातितपंसस्पृथिव्यान्धर्तादेवोदेवानाममर्त्यस्तपोजाः // वाचम सम्मेनियछदेवायुवम् 16 अपश्यङ्गोपाम् // अपश्यङ्गोपामनिपद्य मानुमाचुप चपुथिभिश्चर॑न्तम्॥ ससुद्धीची सविधूचीर्वानुऽआ वरीवर्तुिभुवनेष्ष्वन्त: 17 विश्वासाम्भुवाम् // विश्वासाम्भुवा / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir * **** ***** ***** **** म्पतेविश्वस्यमनसस्प्पतेविश्वस्यवचसस्प्पतेसर्वस्यवचसस्प्प ते // देवश्श्रुत्वन्देवधर्मदेवोदेवान्पाटयत्रुप्पावीरनुवान्देववीत ये॥ मधुमाडीझ्याम्मधुमाधूचीभ्याम् 18 हृदेवा // मनसेत्वा दिवेत्वासूझ्यत्वा // उद्योऽअंडुरन्दिविदेवेषुधेहि 19 पितानः // पितानौसिपितानोबोधिनमस्तेऽअस्तुमामाहिसीत्वष्ट्रमन्तस्त्वा / सपेमपुत्रान्पशून्मयि धेहिप्प्रजामुम्मासुधेवरिष्वाह सहपत्याभू / यासम् 20 अर्ह-केतुना // जुषतासुज्ज्योतिज्योतिषास्वाहा // रात्रि केतुनाजुषतासुज्योतिर्योतिषास्वाहा 21 [11] इति वाजसनेयसंहितायांदर्घिपाठेसप्तत्रिशोऽध्यायः 37 देवस्यत्वा / ** *** *** For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. टौयमायत्वाक्षत्रस्यत्वादशकौत्रयोष्टाविशतिः॥ देवस्य॑त्वा // देव | स्यत्वासवितुप्पसुवेश्श्विनौ हुन्याम्पूष्ष्णोहस्तान्याम् // आ देदित्यैरास्नासि 1 इदु एहि // इडएयदितऽपहिसरस्वत्येहि // सावेह्यसावेहवसावेहि 2 अदित्यैरास्नासीन्द्राण्याऽउष्ष्णीर्षः // पूषासिंघुआयदीष्ष्व 3 अश्श्विगाम्पिन्चस्वसरस्वत्यैपिन्बुस्वे / / दायपिन्वस्व // स्वाहेन्द्रवत्थस्वाहेन्दवत्थस्वाहेन्द्रवत् 4 यस्तै // स्तनःशशुयोयोमयोभूयोरत्नधासुविद्यासुदत्रः // येनविश्वा पुष्यसुिवासँणिसरस्वतितमिहधातवेकः // उर्वन्तरिक्षमन्मि 84 5 गायत्रञ्छन्दः॥ गायत्रञ्छन्दौसित्रैष्टुंझुन्छन्दोसुिद्यावापृथिवी 新評語治容師部路容許海容許容將落落落落落落落落落落落落格 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir www.kobairthorg भ्यान्त्वापरिंगृह्णाम्म्युन्तरिक्षेणोपयछामि // इन्दौश्श्विनामधुनः सारपस्यघुर्मम्पातुवसवोयर्जतुबाट् // स्वाहासूर्यस्यरश्मयेष्टि / वनये 6 समुद्रायत्वा // बातायुस्वाहासरिरायत्वाबातायुस्वाहाँ // अनाधुष्प्याय॑त्वाबातायुस्वाहाप्पतिधुष्ष्याय॑त्वाबातायस्वाहा // अवस्यवैत्वाबातायुस्वाहाशिमिदायत्वाबातायुस्वाहाण्इन्द्रायत्वा॥ वसुमतेरुद्रवतुस्वाहेन्द्रायत्वादित्यवतेस्वाहेन्द्रांयत्वाभिमातिग्नेस्वा / हा॥सुवित्रत्वंऽऋ मतेविभुमतुबाजवतुस्वाहाबृहस्प्पतयेत्वाविश्व देच्यावतेस्वाहा 8[8] यमायुत्वाङ्गिरस्वतेपितुमतुस्वाहा // स्वा हाँघुर्मायुस्वाहाघुर्मपित्रे 9 विश्वाऽआ॥ विश्वाऽआशा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 整整於染整染整整紫禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁禁 दक्षिणुसद्विश्वान्देवानांडिह // स्वाहारुतस्यघुर्मास्युमधौलपिब तमश्विना 10 दिविधालादिविधाऽइमंग्यज्ञमिमय्युज्ञन्दिविधाडा स्वाहाग्नयेयुज्ञियायशंव्यर्जुर्य 11 अश्विनाघुर्मम॥अश्वि नाघुर्मम्पातुहानमहर्दिवाभिरुतिभिः ॥तन्त्रायिणेनमोद्यावा पृथिवीजाम् 12 अातामुश्विना // घुर्ममनुद्यावापृथिवी / अमसाताम् // इहैवरातयःसन्तु 13 इषेपिन्वस्व // इषेपिन्त्र स्वोर्जेपिन्चस्वब्रह्मणेपिन्वस्वक्षत्रायपिन्वस्खुद्यावापृथिवीम्या | पिन्वस्व // धर्मासिसुधामन्युस्म्मेनुम्णानिधारयुब्रह्मधारय 85 क्षत्रन्धारयुविशन्धारय१४स्वाहापूष्ष्णे // शरसेस्वाहाग्याब्स्युः / / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्वाहाप्प्रतिवेयः // स्वाहापितृपयऽकुईवहियोंघमपाव युस्वाहाद्यावापृथिवीझ्या स्वाहाविश्वेश्योदेवेभ्य: 15 स्वाहारुद्राय॑ रुद्वहूतयेस्वाहासज्योतिषाज्योतिः॥ अह केतुनाजु / पतासुज्ज्योतियोतिषास्वाहा // रात्रि केतुनाजुषतासुज्यो / तिज्योतिषास्वाहा // मधुहुतमिन्द्रतमेऽअमावश्यामतेदेवघर्मन मस्तेऽअस्तुमामाहिसी 16 अभीमम् // अभीममहिमादिर्बुधि / प्प्रोबभूवसुप्पथाः // उतश्श्रवसापृथिवीस सौंदस्वमुहाँ२॥ सिरोर्चस्वदेववीतमः // विधूममग्नेऽअरुषम्मियेद्ध्यसुजप्प्रशस्तदा / तिम् 17 यातेधर्मदिव्याशुग्यागायच्याहविर्भान // सातऽआ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir **** ** ** प्प्यायतान्निष्टयायतान्तस्यैतुस्वाहा // यातेघान्तरिक्षेशुग्ग्या 86 त्रिष्टुझ्यामीधे ॥सातुऽआप्प्यायतान्निष्टायतान्तस्यैतस्वाहा // 38 यातेधर्मपृथिव्याशुग्याजगत्या सदस्या // सातऽआप्प्या यतान्निष्टयोयतान्तस्यैतेस्वाहाँ 18[10] क्षुत्रस्य॑त्वा॥ पुरस्पाय। ब्रह्मणस्तुन्वम्पाहि // विशस्त्वाधर्मर्णायम कामामसुविताय नव्यंसे 19 चतुःसक्लिन्नाभिः // चतुःस्रक्लिाभितस्य॑सुप्प। थाइसनोविश्वायुःसप्पथाइसनःसर्वायुःसुप्पा ॥अपवेषोऽ पतरोन्यवतस्यसश्चिम 20 धम्मैतत् // घम्मैतत्तेपुरीषन्तेनबर्द्ध८६ स्वचाचप्प्यायस्व // बुद्धिषीमहिंचव्यमाचप्प्यासिषीमहि 21|| ***** ************ ** For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir *** ************** ******************************* अचिकुदद्वषाहरिमहामित्रोनदर्शत ॥ससूर्येणदिद्युतदुदधिनि धी. 22 सुमित्रियानः ॥सुमित्रियानुऽआपुऽओषधयःसन्तुदुमि / बियास्तसम्मैसन्तुयोस्मान्द्वेष्टियञ्चव्यन्गुिष्म्मः 23 उवयम् // उड यन्तम॑सुस्प्परिस्वपश्यन्तुऽउत्तरम् ॥देवन्दैवत्रासूर्युमगन्मज्यो / तिरुत्तमम् 24 एधौसि // एधोस्यधिषीमहिसुमिदसितेजोसितेजो। मयिधेहि 25 यावतीद्यावापृथिवी // यावच्चसुप्तसिन्धवोचित / स्त्थुिरे // तावन्तमिन्द्रतेग्ग्रहमूर्जागृह्णाम्म्यक्षितम्मयिगृह्णाम्यक्षि। तम् 26 मयित्यत् // मयित्यदिन्द्रियम्बुहन्मयिदक्षामयिकतुः // घुमखिशुग्विराजतिविराजाज्योतिषासुहब्रह्मणातेजसासुह२७ For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jan Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ation c संहि. पयसोरेतः // पय॑सोरेतऽआ तन्तस्युदोहमशीमयुत्तरामुत्तरा उ.अ. समाम् // त्विषःसंवृकत्वेदक्षस्पतेसुषुम्म्णस्पतेसुषुम्म्णामिहुतः // 39 इन्द्रपीतस्यप्पुजापतिभक्षितस्यमधुमतुऽउपहूत उपहूतस्यभक्षया मि 28 [10] इतिअष्टत्रिंशोऽध्यायः 38 स्वाहाप्राणेभ्यःषडुय। श्वसप्तद्वौत्रयोदश // स्वाहाप्यायः ॥स्वाहाप्पाणेन्युड्साधि पतिकेयः ॥पुथिव्यैस्वाहाग्नयेस्वाहान्तरिक्षायुस्वाहांबायवेस्वा / हो // दिवेस्वाहासूर्यायुस्वाहा 1 दिग्यास्वाहा // चुन्द्रायुस्वाहा / नक्षत्रेग्युस्वाहा द्यास्वाहावरुणायुस्वाहा // नानयस्वाहापूताय / स्वाहाँ 2 बाचेस्वाहा॥ प्राणायुस्वाहां प्ाणायुस्वाहा // चक्षुषे / thatantletstate For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स्वाहाचक्षुषेस्वाहा श्रोत्रायुस्वाहाश्श्रोत्रीयस्वाहा // 3 // मनसुः कामम् // मनसुखकाममाकूर्तिवाचसुत्यमशीय // पशूनापम नस्यरसोयशुश्रीश्रयताम्मयिस्वाहा 4 प्रजापतित्सभित्रयमाणः सम्म्राट्रम्तोवैश्वदेवास सन्नोधुर्मप्रवकुस्तेजुउद्यत आश्वि न:पर्यस्यानीयमानेपौष्ष्णोविष्ष्यन्दमानमारुतश्कुर्थन् // मैत्रश। सिसन्ताव्यमानेवाययोन्हियर्माण आग्नेयोहूयमानोबाग्घुतः 5 सुविताप्थुमे // हन्ननिर्द्वितीयवायुस्तुतीय आदित्यश्चतुर्थचन्द / मोडपञ्चमऽऋतुषष्ठेमतरु सप्तमबृहस्पतिरष्टुमे // मित्रोन मेवर गोदशुमऽइन्द एकादशेविश्वेदेवाद्वादशे६ उग्यच // भीमश्चद्दा / For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 然然然然恐群共縣热热热热热器热然染禁禁禁禁然點點點點點點點點點點 न्तश्चधुनिश्च॥सासम्हाञ्चाभियुग्ग्वाचविक्षिपुढस्वाहाअग्नि उ.अ. दयेन // अग्निहृदयेनाशनि हृदयाग्प्रेणपशुपतिङ्कत्स्नुहृदयेनभुवं य्युक्ना // शुर्वम्मतस्नान्यामीशानम्मुन्न्युनामहादेवमन्त पशुध्ये नोग्यन्देवंवनिष्टुनावसिष्नुहनुःशिङ्गीनिकोश्याझ्यामउग्ग्रंलोहितेन / ॥मित्र सौबत्येनरुवन्दौत्यनेम्प्यकीडेनमुरुतोबलेनसाह्यान्प्प मुदा // भुवस्युकण्ठ्य रुद्रस्यान्त पाश्र्व्यम्महादेवस्युयरच्छर्वस्य / बनिष्ट पशुपतापुरीतत् 9 लोमश्युस्वाहा // लोमन्युक्स्वाहा त्वचेस्वाहांत्त्वचेस्वाहालोहितायुस्वाहालोहितायुस्वाहामेदोमन्यु स्वाहामेदोक्युस्वाहा॥ मासेल्युस्वाहामा सेक्युस्वाहास्ना 生於举春卷着卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷卷养老老老老老老老老老老养老式 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir हिरण्मयनुपात्रेण // सुत्यस्यापिहितम्मुखम्॥ोसावादित्येपुरुषुः सोसावुहम 17 ॐ३ खम्ब्रह्म 18 इतिश्रीवाजसनेयसँहितायान्दी पाठेचत्वारिंशतिमोध्यायः // 40 // // श्रीवेदपुरुषार्पणमस्तु // // ॐनमोभगवतेवासुदेवाय // ॐनमोभगवतेशंकराय // // // दशाध्यायेसमाख्यातानुवाकाः सर्वसंख्यया // शतंदशानुवाका श्चनवान्येचमनीषिभिः१ सप्तषष्ठिश्चितोज्ञेयासौत्रेद्वाविंशतिस्तथा / // अश्वएकोनपंचाशत्पंचविंशत्खिलेस्मृताः२ शुक्रियेषुतुविज्ञेया एकादशमनीषिभिः ॥एकीकृत्यसमाख्यातंत्रिशतंत्र्यधिकमतं 3 // इतिवाजसनेयसंहितायामनुवाकसमाप्तः // Mr For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रति. // श्रीगणेशायनमः // // अथप्रतिज्ञामन्त्रबाह्मणयोर्वेद नामधेयंत स्मिञ्छुक्ले याजुषाम्नाये माध्यन्दिनीयके मन्चे स्वरप्रकिया हृद्यनु दात्तो मूर्युदात्तः श्रुतिमूले स्वरितः एवंजात्यादयोभिहिता बाह्मणे तदात्तानुदात्तौ भाषिकस्वारीतानस्वराणिछन्दोवत्सूत्राणि // 1 // थान्तस्थानामाद्यस्य पदादिस्थस्यान्यहलसंयुक्तस्य संयुक्तस्यापि / रफोष्मान्त्याभ्यामृकारेण चाविशेषेणादिमध्यावसानेषूच्चारणे जा कारोच्चारणं द्विर्भावप्येवमथापरांतस्थस्यायुक्तान्यहलसंयुक्तस्यो। मऋकारैरेकारसहितोचारणमेवं तृतीयांतस्थस्य कचिहकारस्य तुसंयुक्तासंयुक्तस्याविशेषेण सर्वत्रैवमथान्त्यस्यान्तस्थानां पदा For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दिमध्यान्तस्थस्य विविधंगुरुमध्यमलघुवृत्तिभिरुच्चारणमथो / ईन्योष्मणोऽसंयुक्तस्य टुमृतेसंयुक्तस्य च खकारोच्चारणमध्ययना दिकर्मस्वर्थवेलायां प्रकृत्या // 2 // अथानुस्वारस्य इत्यादेशःशष सहरेफेषु तस्य चैविध्यमाख्यातम् // हस्वदीर्घगुरुभेदैर्धात्परो हस्वो हस्वात्परो दीर्घा गुरौ परे गुरुः परसवर्णेषत्प्रकृत्या चान्य व विसर्गेष्वीषद्विरामःपदाद्यस्य संयुक्ताकारस्येषदीर्घता चभवती / षदीर्घता च भवती॥३॥ // इति कात्यायनपरिशिष्टसूत्रं समाप्तम् // 聲聲聲都热開始雖然共染染於紫外张以落於染法染於紫 For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir * ****************************** इदं पुस्तकं भगीरथात्मज हरिप्रसादेन मोहमय्यां जगदीश्वरा ख्यमुद्रणालयेमुद्रापितम् // संवत् 1944 शकाब्दः 1809 भाद्रपदमासः पुस्तकमिलनेका ठिकाना मुंबई-रामवाडी, हरिप्रसाद भगीरथ पुस्तकालय और पंडित जेष्टाराम मुकुंदजी पुस्तकालय प्रयाग--मकरकेमेलेमे, हनुमानदास व्रजवल्लभकी दुकानपर. 张苍井松茶茶券若并带茶茶卷卷卷张锋张卷卷卷茫然张张张茶茶茶茶托举获张学举卷 **** 122**** For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ....... . ..... . . . . .N I A त्या OROPAAACHARorwar g ॥इतिशुक्लयजुर्वेदमाध्यंदिनीयसंहितास०॥ arreqt-principarineet i oorpop- - - - - - -- DONIC. COM R . MergereovavenrepSTERG For Private and Personal Use Only
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir For private and personal Use Only