________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. सप्तास्स्यासन् // सुप्तास्स्यासन्परिधयुखि सुप्तसुमिर्ध कुता // देवायाज्ञन्तन्वानाऽअर्बभुन्पुरुषम्पशुम् 15 युज्ञेनयुज्ञम् // यज्ञेना 31 यज्ञमयजन्तदेवास्तानिधर्माणिप्प्रथमान्यांसन् // तेहुनाकम्महि / मान सचन्तयत्रपूर्वसाध्याश्सन्तिदेवाः 16 [16] अयसम्म त॥ पृथिव्यैरसांचविश्वकर्मणुङसमवर्तुताग् // तस्स्यत्वष्टावि दधद्रूपमैतितन्मयस्स्यदेवत्वमाजानमग्नै 17 वेदाहम् // वेदाहमे / तम्पुरुषम्महान्तमादित्यवर्णन्तमसरूपुरस्तात् // तमेवविदित्वाति मृत्युमतिनान्यपन्था विद्युतेयनाय 18 प्रजापतिश्चरति // पूजा 59 पतिश्चरतिगोअन्तरजायमानोबहुधाबिजायते // तस्युयोनिम्प For Private and Personal Use Only