________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Sherilassagarsur Gyanmandit संहि. पुमौद्रिदम् // इदहिर॑ण्यवर्चस्वजैत्रायाविशतादुमाम् 50 नतत् // उ.अ. 76 नतद्रक्षासिनपिशाचास्तरन्तिदेवानामोज प्रथमुजोतत्॥यो 34 विभर्तिदाक्षायण 6 हिरण्युसदेवेषुश्णुतेदीर्घमायुक्समनुष्ष्येषुक णुतेदीर्घमायुः 51 यदाबंधन // यदावनन्दाक्षायुणाहिरण्यक्ष शतानीकायसुमनुस्यमांना // तन्मऽआबध्नामिशतशारदायायु म्मा रदष्टियथासम् 52 उतन: // उतनोहिर्बुध्न्य शृणोत्वज एकपात्पृथिवीसमुद्रः // विश्वेदेवाऽतावृधोहुवानास्तुतामन्त्रा कविशुस्ताऽअवन्तु 53 इमागिरः॥ इमागिर्रऽआदित्यैन्यौघुत स्नूसनाद्वाज॑भ्योजुबाजुहोमि // शुणोतुमित्रोऽअर्युमाभगौन | 那些路基路路路路路路路路路基於祭然然然然然然然樂於禁然是怒怒怒點 For Private and Personal Use Only