________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जन्हेतिविद्युत्प्रहेतिस्तेक्योनों 5 अस्तुतेनौवन्तुतेनौमृडयन्तुतेय ९६न्दुिष्म्मोयश्चनोवेष्टितमेषाञ्जम्भेदध्म 19[5] अग्नि // 15 दिवः कुकुत्पत्ति पृथियाऽअयम् // अपारेतार्थसिजिन्वति२० अयमग्निः // सहस्रिणोवाजस्यशुतिनुस्प्पतिः // मुर्दाकुवीरंयी / णाम् 21 त्वाम॑ग्ने // त्वाम॑ग्ने पुष्करादद्ध्यर्थ/निरमन्थत // म नोविश्वस्यवाघतः 22 भुवायज्ञस्य॑ // भुवोयज्ञस्युरज॑सश्चन / तायोनियुसिचसेशिवाभिः // दिविमुर्धानन्दधिषेस्वर्षाजिबा / मग्नेचरूषेहव्यवाहम् 23 अबौद्ध्यग्निः // सुमिधाजनानाम्प्रति / 96 धेनुमिवायुतीमुषासम् // युबाऽईवप्प्रवुयामुजिहानाप्प्रभानव For Private and Personal Use Only