________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पुछतेदुतावृद्ध्यतिष्ठद्भुव॑नानिधारयन् 20 यातें // यातेधामानिपर माणियानुमायामद्धयमाविश्वकर्मानुतेमा // शिक्षासखियोह विपिस्वधावःस्वयंम्बजस्वतन्वंबंधान: 21 विश्वकर्मन्हुविषा वावृधानः स्वयंम्य॑जस्वपृथिवीमुतद्याम् // मुद्यन्बुन्न्येऽअभितः सुपत्नोऽइहास्म्माकम्मघासूरिरस्तु 22 बाचस्प्पतिम्॥बाचस्प्प तिविश्वकर्माणमूतयेमनोजुवंबाजे अद्याहुवेम // सनोविश्वा निहव॑नानिजोषद्विश्वशम्भूरवसेसाधुकर्मा 23 विश्वकर्मन्ह विष // बर्द्धनेनत्रातारमिन्द्रमकणोरवद्धयम् // तस्म्मविशुद्धसमनमा / न्तपूर्वीरयमुग्नोबित्योयथासत् 24 [9] चक्षुषपिता // मनसा For Private and Personal Use Only