________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मासि // पातैनुम्प्राश्चम्पातैनम्प्रत्यञ्चम्पातैनन्तुिर्यञ्चन्दिग्न्यापा त 8 आविर्मा / आविर्मा आवित्तोऽअग्निर्गुहपतिरावि ताइन्द्रोबुद्धश्वाऽआवित्तौमित्रावरुणौधुतव्रतावावित्तापूषावि / श्ववेदाऽआवित्तुद्यावापृथिवीविश्वशम्भुवावावित्तादितिरुरुश 9i[5] अवैष्टादन्दुशूको / अवैष्टादन्दशकाप्पाचीमारोह गायत्रीत्वावतुरथन्तुर सामत्रिवृत्स्तोमोबसुन्तऋतुर्ब्रह्मुद्रविणन्द क्षिणामारोह 10 दक्षिणामारोह / त्रिष्टुप्प्त्वावतुबृहत्सामपञ्चदश स्तोमोग्ग्रीष्म्मऽऋतुक्षुत्रन्द्रविणम्पुतीचीमारोह 11 प्रतीचीमारों ह। जगतीत्त्वावतुबैरूप सामसप्तदशस्तोमोवर्षा ऋतुर्विवणम् / For Private and Personal Use Only