________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyarmandir तायांचतुर्दशोध्याय 14 अग्नेजातानपंचरश्मिनासत्यायचतस्रो 92 | राज्यस्ययंपुरःपंचकावनिर्मूर्दुकोनत्रि शयेनऽऋषयोष्टौतपश्चनव || 15 सप्तपंचषष्टिः॥ अग्नेजातान् // अग्नेजातान्प्रणुदानसुपत्कान्म त्यजातानुदजातवेदः // अधिनोब्रूहिसुमनाऽअहेडॅस्तवस्यामुशम्म स्विरूथ उद्गौ // 1 // सहसाजातान् // सहसाजातान्अणुदानास पक्वान्प्रत्यजाताजातवेदोनुदस्व // अधिनोब्रूहिसुमनुस्यमानोछ / यस्यामप्पणुंदानसुपत्नान 2 षोडशीस्तोमे // षोडशीस्तोम / ओजोद्रविणञ्चतुश्चत्वारि शस्तोमोबोंद्रविणम् // अग्ने पुरीष 92 मुस्यप्सोनामुतान्त्वाविश्वेऽअभिगृणन्तुदेवा // स्तोमपृष्ठाघुतव For Private and Personal Use Only