________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ** * ********** णाधरा // ऽअक: 63 उदाभञ्च // निग्याभञ्चब्रह्मदेवाऽअवीवृध न् ॥अधोसुपक्कानिन्द्रामीमविषूचीनान्यस्यताम् 64 [५]क | महमुग्मिना // क्रमद्दमुनिनानाकुमुक्ख्यव्हस्तेषुवित्रता दिवस्पु / स्वर्गुत्वामिश्रादेवेभिराइम 65 प्राचीमर्नु // पृदिशुम्प्रेहिविद्या / / नग्नेरमेपुरोऽअनि वह // विश्वाआशादीद्यान विभायूर्जनौधेहि / द्विपदेचतुष्ष्पदे 66 पुथियाऽअहम् // पृथिव्याऽअहमुदन्तरिक्षमा / हमन्तरिक्षा दिवमारुहम्॥दिवोनाकस्यपुष्टात्स्वज्योतिरंगामुहम्६७ // स्वर्यन्तः॥स्य॑न्तोनापेक्षन्तुऽआद्यारोहन्तिरोदसी॥युय्येवि 115 श्वतधार सुविद्वासोवितेनिरे६८अग्नुप।अग्नेप्प्रेहिप्पथुमोदॆवयु ****ekeeeekeekakk** For Private and Personal Use Only