________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वुको अतिसुमेधामतेष्वग्निरमृतोनिर्धायि // इयंतिधूमम रुषम्भरिचदुच्छुक्रेणशोचिषाद्यामिनक्षन् 24 रुशानोरक्कम // || 12 शुनोरुक्मऽउायद्यौदुर्मषमायुःश्रियेरुचानः ॥अग्निरमृतोऽ भवद्वयोभिर्यदेनुन्यौरजनयत्सुरेता 25 यस्तै // अद्यकुणवद्र शोचेपूपन्दैवघुतवन्तमग्ने // प्रतन्नयप्प्रतुरंवस्योऽअच्छाभिसुम्न / न्देवभक्तंग्यविष्ठ 26 आतम् // आतम्भजसौश्श्रवसेष्ष्वग्मऽउक्था / उक्थु आर्भजशुस्यमाने॥प्पियासूर्येप्पियोऽअग्नाभात्त्युज्जा तेनभिनदद्जनित्त्वै २७त्त्वामंग्मे॥त्त्वामंग्ग्नेयजमानाऽअनुयान्वि श्वावसुंदधिरेवााणि // त्वया॑सुहबविणमिच्छमानाब्रजङ्गोमन्त For Private and Personal Use Only