________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir F6M अग्निर्मू / दिव कुकुत्पति पृथिव्या अयम् // अपारेतासि 11 जिन्वति 12 उआवाम् / आवामिन्द्रामीऽआहुवद्धयाऽउभाराध सत्सुहमादयद्धयै // उदातारांविषारयीणामुभावाजस्यसातये हुवेवाम् 13 अयन्ते / अयन्तुयोनिस्वियोयतोजातोऽअरोच था॥ तआनन्नाऽआरोहाथांनोबर्द्धयारयिम् 14 अयमिह / प्य थमोधायिधातृशिहोतायजिष्ठोऽअटुरेष्ष्वीड्डयः // यमनवानोगं वोबिरुरुचुवनेषुचित्रंविश्वविशेविशे 15 अस्यप्युत्नाम् // अस्य प्रत्नामनुद्युत शुऋन्दुदुन्हे अन्हयः // पय-सहस्रसामृषिम् // तन 11 पाऽअंमे। सितुन्वम्मपात्यायुर्दाऽअग्नेस्यायुम्मैदेहिबच्चादाऽअग्ने For Private and Personal Use Only