________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir युपोषी 49 स्वर्ण // स्वर्णधुर्मस्वाहास्वर्णाकी स्वाहास्वर्ण / शुक्र स्वाहास्वर्णज्योतिस्वाहास्वर्णसूर्यस्वाहाँ 50[13] अ. ग्निव्युनज्मि // अग्मिय्युनज्मिशवशाधुते दिव्य पुणवयसाबु हन्तम् // तेनैव्यङ्गमेमध्नस्य विष्टपु स्वोरहाणाअधिनामुत्तुम / म् 51 शतम् 1000 // इमौते॥ पक्षावुजरौपतुत्रिणीवाझ्याधर क्षास्यपहस्यग्ग्रे // तान्याम्पतेमसुकृतामुलोकंव्यत्रुऽऋपयो / जग्मुश्प्रथमजापुराणाः 52 इन्दुर्दक्षः॥ श्येन तावाहिर॑ण्ण्यप क्षशकुनोभुरण्युः // मुहान्त्सधस्थेब्रुवऽआनिषतोऽनमस्तेऽअस्तु / मामाहिःसी 53 दिवोमूर्द्धा ॥सिंपृथिव्यानाभिरूपामोषधीना || For Private and Personal Use Only