________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संहि. दम्पोमृतुम्मधु 75 रेतोमूत्रम् // रेतोमूव॒विर्जहातियोनिम्प्रविश पू.अ. 136 / दिन्द्रियम् // गोंजुरायुणावृतुऽउल्वअहातिजन्मना // ऋतेनस 19 त्यमिन्द्रियंबिपान 6 शुक्रमन्धसुऽइन्द्रस्येन्द्रियमिदम्पयोमृतम्मधु 76 दृष्ट्वारूपे // व्याकरोत्सत्यानुतेप्प्रजापतिः // अश्रद्धामनुतेद धान्छ्रद्धासुत्येप्रजापति // तेनसत्यमिन्द्रियंधिपान शुक्रमन्ध सऽइन्द्रस्येन्द्रियमिदम्पयामृतुम्मधु 77 वेदैनरूपे ॥व्यपिवत्सुता सुतौप्रजापति // ऋतेनसुत्यमिन्द्रियं विपान शुऋमन्धसुऽइन्द्रस्ये / / न्द्रियमिदम्पयोमृतम्मधु 78 दृष्ट्वापरिस्रुतं // दृष्ट्वापरिस्रुतोरस शु ऋणशुक्रव्यपिबुत्पयुक्सोम॑म्प्रजापति // क्रुते सत्यमिन्द्रियं छिपा 136 For Private and Personal Use Only