________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir राजासुन्द्यैवेद्यैकुम्भीसुराधानी // अन्तरऽउत्तवेद्यारुपकारोतरो 130 षिक् 16 वेद्यावेदि॥ वेद्यावेदिइसमाप्प्यतेबर्हिषांबहिरिन्द्रिय म् // यूपैनुयूपंऽआप्प्यतेप्प्रणीतोऽअग्निरग्निना 17 हुविर्द्धान्थ्य त्॥ हवि नव्यदश्विनानीटुंग्यत्सरस्वती // इन्द्रायैन्द्र सदस्छ तम्पनीशालङ्गार्हपत्य 18 प्रैषेभिप्रैषान् ॥प्रेषेभिःप्प्रेषानांनो, त्याप्तीभिराप्तीर्घज्ञस्य॑ // प्रयाजेभिरनुयाजान्वषट्रारेभिराहुती 19 पशुभिः पशून // पशुभिःपशूनाप्नोतिपुरोडाशैर्हवीच्या // छन्दोभि सामिधेनीर्खाज्याभिषट्रारान् 20 धानाकरम्भस 130 तवडपरीवाप:पयोदधि // सोमस्यरुपहविर्षऽआमिक्षाबाजिनम्म #杂杂杂杂杂詳染降落若若若若若若若若詩詩答答答答答答答辯游游游 For Private and Personal Use Only