Book Title: Yogshastra Author(s): Samdarshimuni, Mahasati Umrav Kunvar, Shobhachad Bharilla Publisher: Rushabhchandra Johari View full book textPage 4
________________ प्रकाशकोर, प्राचार्य हेमचन्द्र कृत योग-शास्त्र का प्रकाशन करते हुए मुझे परम प्रसन्नता का अनुभव होता है। पाठक प्रस्तुत ग्रन्थ का अनुशीलन करके अपने जीवन को योग-शास्त्र में प्रतिपादित सुन्दर सिद्धान्तों के अनुकूल बनाएँगे, तो उनके जीवन का विकास होगा और मेरा श्रम भी सफल होगा। महासती उमराव कुंवर जी महाराज ने तथा महासती उम्मेद कुंवर जी महाराज ने मुझे प्रस्तुत ग्रन्थ के प्रकाशन करने की अनूप्रेरणा देकर महान् उपकार किया। ग्रन्थ का हिन्दी अनुवाद पण्डित शोभाचन्द जी भारिल्ल ने किया है। सम्पादन मु. समदर्शी जी महाराज ने किया है। उक्त विद्वानों का सहयो नहीं मिलता तो इसका प्रकाशन होना भी कठिन था। __ यह सब कुछ होने पर भी एक बात की कमी रहती इसमें यदि प्रस्तुत ग्रन्थ पर श्रद्धेय उपाध्याय श्री अमरचन्द्र जी महाराज की भूमिका न होती। विहार में होते हुए भी और काशी जैसे दूरस्थ नगर में स्थित होकर भी कवि जी महाराज ने अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका लिखकर प्रस्तुत ग्रन्थ की शोभा श्री में अभि वृद्धि की है । इसके लिए हम महाराज श्री के कृतज्ञ रहेंगे। -रिखबचन्द जौहरी Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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