Book Title: World Jain Conference 1995 6th Conference
Author(s): Satish Jain
Publisher: Ahimsa International

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Page 215
________________ देश में 65 प्रतिशत लोग मांसाहारी हैं। सूर्य की प्रथम किरण धरती पर पड़ने के पहले प्रतिदिन 25 लाख मुगों, 5 लाख बकरों, 25 हजार गायों व भैसों की निर्मम हत्या कर दी जाती है। 5% लोग रोज मांस खाते हैं। 25% लोग महीने में एक बार खाते हैं। 25% सप्ताह में एक बार खाते हैं। 10% पार्टियों में खाते हैं। अर्थात् भारत में 50 करोड़ लोग मांस खा रहे हैं। हम क्या करें 1) सभी दृष्टियों से मांसाहार हानिकारक है यह समझाकर लोगों का हृदय परिवर्तन करना। 2) यांत्रिक कत्लखाने बंद करवाना। 3) मांस का निर्यात बन्द करवाना। 4) अवैधानिक कत्लखाने बन्द करवाना। 5) देवों के नाम पर दी जाने वाली बलि बंद करवाना। 6) हिंसक सौन्दर्य प्रसाधनों का प्रयोग बंद करवाना। 7) प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों का महत्व समझाना। हम कैसे करें ____ 1) जहाँ भी जायें शाकाहार-सदाचार समिति की स्थापना कर इस कार्य का शुभारम्भ करें। 2) दीवारों पर अच्छे-अच्छे वाक्य लिखवाकर अहिंसामय वातावरण बनायें। 3) शाकाहार-प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर अच्छे तैयार करें। 4) स्कूलों व कॉलेजों में भाषण कर बच्चों को शाकाहार का महत्व व मांसाहार की हानियों से अवगत करायें। 5) दैनिक समाचार-पत्रों के माध्यम से सुन्दर लेख लिखकर अहिंसा के विचार जन-जन तक पहुंचायें। 6) कत्लखाने के दृश्य वीडियो फिल्म द्वारा गांव-गांव में दिखायें। 7) राजकीय नेताओं को अहिंसा का महत्व समझायें। 8) मांसाहारियों को शाकाहारी बनाकर, हृदय परिवर्तन कर शपथ दिलायें। 9) प्राणियों के संहार को बचाने के लिए कानून की बाजू पूर्णरूप से समझें। 10) स्टेशनरी, पत्र, लिफाफे, लेटरपैड आदि पर 'मानवीय आहार शाकाहार" "उत्कृष्ट आहार शाकाहार" जैसे वाक्यों का प्रयोग करें। 11) बड़े-बड़े शहरों में अहिंसा सम्मेलनों का आयोजन करें। अहिंसा प्रचार हेतु उपयोगी साहित्य 1) कत्लखाने सौ तथ्य सचित्र--डॉ. नेमीचंद जैन, मूल्य 10 रु. (2) अण्डे सौ तथ्य-डॉ. नेमीचंद जैन, मूल्य 2 रु. (3) कत्लखाने के नरक--डॉ. नेमीचंद जैन, (4) शाकाहार मांसाहार प्रश्नोत्तर (हिन्दी, मराठी) रतनलाल सी. बाफना—मूल्य 13 रु. (5) आरोग्याची गुरुकिल्ली (मराठी) डॉ. धनजय गुंडे (6) मानवीय आहार शाकाहार (मराठी) श्री. ल.वा. मांडवगणे. जलगांव (7) Heads and Tails (अंग्रेजी) श्रीमती मेनका गांधी (8) शाकाहार या मांसाहार फैसला आप करें-श्री गोपीनाथ अग्रवाल, दिल्ली मूल्य 1 रु. (६) अहिंसा वायस-त्रैमासिक पत्रिका-सम्पादक श्री सतीश कुमार जैन नम्रनिवेदन पू. संत, महासतियांजी महाराज सा. से नम्र निवेदन है कि उपर्युक्त विषय को लेकर सारगर्भित सुन्दर लेख लिखकर निम्न पते पर भिजवाने की कृपा करें। प्रभावशाली लेखों को समाचार-पत्रों में व मासिक पत्रों में प्रकाशित किया जाएगा। लेखों में अपने मौलिक विचार अवश्य लिखें। रतनलाल सी. बाफना संस्थापक शाकाहार सदाचार परिषद् शाकाहार प्रमुख भारतीय जैन संघटना 'नयनतारा' सुभाष चौक, जलगांव ४२५००१ (महाराष्ट्र) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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