Book Title: World Jain Conference 1995 6th Conference
Author(s): Satish Jain
Publisher: Ahimsa International

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Page 227
________________ . (3) इसका नाम जैन विश्वविद्यालय संस्थान रखा गया है। देखें-तुलसीप्रज्ञा, अप्रैल-जून 92 (4) इसकी स्थापना आचार्यकल्प सन्मति सागर महाराज ने की है। 5-6 University News (A Weekly Magazine of A.I.U.) 16/8/93 (7 नवभारत टाइम्स, दिसम्बर 1992 एवं अन्य अनेक पत्रों में प्रकाशित समाचार (8) JINAMANJARI (Bramhi Society Publication) (9-11) विस्तृत विवरण के लिए देखें प्राकृत एवं जैन विद्या : शोध सन्दर्भ (द्वितीय संस्करण 1990) (12) विस्तृत विवरण के लिए देखें-'प्राकृत एवं जैन विद्या : शोध सन्दर्भ (द्वितीय संस्करण 1991 -प्राकृत एवं जैन विद्या : शोध सन्दर्भ (परिशिष्ट 1993 1991-93 में जैन विद्या शोध : एक विश्लेषण' शीर्षक मेरा लेख 'अर्हत् वचन' इन्दौर, अप्रैल 1994 -शीघ्र प्रकाश्य मेरा लेख, '1993-94 में जैनविद्या शोध : एक विश्लेषण' 13) विस्तृत विवरण के लिए देखें 1991-93 में जैनविद्या शोध हेतु पंजीकृत छात्र-शीर्षक डा० (श्रीमती) ज्योति जैन का लेख अर्हत वचन' इन्दौर जुलाई 1994 शीघ्र प्रकाश्य डॉ० (श्रीमती) ज्योति जैन का लेख (1993-94 में जैन विद्या शोध हेतु पंजीकृत छत्व) श्री कैलाश चन्द जैन स्मृति न्यास द्वारा प्रसारित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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