Book Title: Vishwashanti aur Ahimsa
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 16
________________ आध्यात्मिक-वैज्ञानिक व्यक्तित्व का निर्माण हमारी शिक्षा में बौद्धिक व्यक्तित्व के साथ-साथ भावनात्मक व्यक्तित्व के विकास की बात नहीं जुड़ेगी, अहिंसा की बात व्यर्थ हो जायेगी। आध्यात्मिक-वैज्ञानिक व्यक्तित्व के निर्माण के लिये कुछ बातों पर ध्यान केन्द्रित होना जरूरी है : • प्रवृत्ति और निवृत्ति में संतुलन, • अनुकंपी परानुकंपी नाड़ी तन्त्र में संतुलन, • मस्तिष्क के दाएं और बाएं पटल का संतुलन । प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में प्रदत्त विशेष वक्तव्य । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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