Book Title: Vishwashanti aur Ahimsa
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 67
________________ विश्व शान्ति और अहिंसा (११) सकारात्मक संकल्प करने की कला बच्चों और युवा छात्र-छात्राओं को सिखाना। (१२) शिक्षक प्रशिक्षणार्थियों और युवा-छात्र-वर्ग के पाठ्यक्रमों में शान्ति ___की शिक्षा को उचित स्थान देना। (१३) प्रत्येक सक्रिय प्रौढ़ शान्ति कार्यकर्ता के मानस में बसे प्रत्येक बच्चे से मिलना,उसको सम्मान देना और शिक्षित करना । (१४) शान्ति और अहिंसा पर ज्ञानवर्धक साहित्य उपलब्ध कराना। (१५) अहिंसा की संकल्पना के ढांचे के अन्दर-अन्दर इतिहास के अध्यापन की उचित व्यवस्था। (१६) धार्मिक तनावों और युद्धों को टालने तथा शान्ति और सुख उपलब्ध कराने की दिशा में विभिन्न धर्मों के तुलनात्मक अध्ययन को प्रोत्साहन देना। (१७) वर्तमान व्यवस्थाओं में व्याप्त धार्मिक पूर्वाग्रहों को दूर करना। (१८) सार्वभौम शिक्षा पाठ्यक्रमों में शान्ति-शिक्षा को सम्मिलित करना। (१९) पाठ्यक्रमों की ऐसी नई पद्धतियों की खोज करना, जिनसे वर्तमान में प्रचलित हिंसात्मक प्रशिक्षण पद्धतियों को प्रतिसन्तुलित किया जा सके। (२०) इस प्रकार की सार्वभौम शान्ति-शिक्षा के स्वप्न को साकार करने हेतु अन्तर्सम्प्रदाय विद्यालय एवं महाविद्यालयों की स्थापना करना। ३. विश्वव्यापी उपक्रम अन्तर्राष्ट्रीय स्तर एवं उससे भी परे निम्नांकित उपक्रम किये जाएं (१) अन्तर्राष्ट्रीय स्तर एवं उससे भी परे विश्व शान्ति प्रतिज्ञा अभियान का प्रारम्भ। (२) शान्ति और अहिंसा की सत्ता प्रतिष्ठित करने हेतु गैर-सरकारी लोक-संगठनों,जैसे-एकीकृत लोक संगठन आदि की स्थापना। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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