Book Title: Vishwashanti aur Ahimsa
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 55
________________ विश्व शान्ति और अहिंसा ७. असहिष्णुता का अनुदय साम्प्रदायिक सद्भाव का प्रशिक्षण, भिन्न विचारों को सहने का प्रशिक्षण। ८. निरपेक्ष चिन्तन का अभाव सापेक्ष चिन्तन का प्रशिक्षण। ९. निरपेक्ष व्यवहार का अभाव सापेक्ष व्यवहार का प्रशिक्षण । १०. निषेधात्मक भाव का अभाव विधायक भाव का प्रशिक्षण। अनावश्यक हिंसा का वर्जन __अहिंसा के प्रशिक्षण का एक सूत्र होगा-अनावश्यक हिंसा के वर्जन की चेतना को जगाना । पानी का अपव्यय,खनिज पदार्थों का अतिरिक्त दोहन,निरपराध प्राणियों और मनुष्यों की हत्या, अनावश्यक हिंसा-इस हिंसा ने व्यक्ति को क्रूर बनाया है। इससे प्रकृति का संतुलन बिगड़ा है। शारीरिक स्वास्थ्य और अहिंसा शारीरिक स्वास्थ्य और अहिंसा में भी आंतरिक संबंध है । शारीरिक स्वास्थ्य के अभाव में हिंसा का भाव उपजता है। आत्महत्या का एक हेतु है रक्त में शर्करा की कमी होना । यकृत् (लीवर) और तिल्ली (स्लीन) की विकृति हिंसा के भाव को जन्म देती है। हिंसा और अहिंसा से संबंध रखने वाले आहार-शास्त्र और स्वास्थ्य-शास्त्र का प्रशिक्षण अहिंसा के प्रशिक्षण का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। आर्थिक स्वास्थ्य और अहिंसा आर्थिक स्वास्थ्य के लिए इन सूत्रों का प्रशिक्षण आवश्यक है१. विसर्जन की मनोवृत्ति का प्रशिक्षण । २. असंग्रह का प्रशिक्षण। ३. विकेन्द्रित अर्थ व्यवस्था का प्रशिक्षण । ४. अर्थशास्त्र और विश्व शांति । ५. अर्थशाल और स्वस्थ समाज। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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