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(१३७) ने निर्मली, श्रोता सांजलज्यो ए जली, विमल मंत्रिने रासे जाण, एटले अहम खंग वखाण ॥ ॥३॥ सर्व गाथा ॥ ११४ ॥
इति पंडित लावण्य समय गणि कृते, श्री विमल मंत्रि प्रबंधे, नव खंडे पश्चिमाधिपति पंड्यो राजा जैत्याधिकारे, युद्ध वर्णन, पाटण स्थापना, जीम जुपति प्रेषीत, बत्र चामर गज वर्णन, धर्मगुरू प्रवेश महोछवाधिकारे अष्टम खंग
संपूर्ण ॥
॥ अथ खेम नवमो॥
॥ चोपाई ॥ संघपति पदवी पामी वली, विमल मंत्री पूरी मन रूली; निसि पोढ्यो जिनवरने ध्यान,
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